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मजिस्ट्रेट/ चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के नाबालिग पीड़ित को चाइल्ड प्रोटेक्शन होम में भेजने के न्यायिक आदेश के खिलाफ हैबियस कॉर्पस की याचिका सुनवाई योग्य नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
'मजिस्ट्रेट/ चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के नाबालिग पीड़ित को चाइल्ड प्रोटेक्शन होम में भेजने के न्यायिक आदेश के खिलाफ हैबियस कॉर्पस की याचिका सुनवाई योग्य नहीं': इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने (सोमवार) कहा कि एक न्यायिक मजिस्ट्रेट या बाल कल्याण समिति के पीड़ित को महिला सुरक्षा गृहों / चाइल्ड केयर होम में भेजने वाले आदेश को चुनौती नहीं दी जा सकती है और बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कॉर्पस) की रिट पर आदेश को अलग नहीं रखा जा सकता है।खंडपीठ ने यह भी कहा कि ऐसे चाइल्ड केयर होम में पीड़ित को कस्टडी में रखना अवैध कस्टडी नहीं माना जा सकता है।न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा, न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति संजय यादव की पूर्ण पीठ एक बंदी प्रत्यक्षीकरण...

दिल्ली हाईकोर्ट ने इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी (गाइडलाइंस फॉर इंटरमीडिराइसिस एंड डिजिटल मीडिया एथिक कोड) एक्ट, 2021 को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी (गाइडलाइंस फॉर इंटरमीडिराइसिस एंड डिजिटल मीडिया एथिक कोड) एक्ट, 2021 को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने डिजिटल न्यूज़ मीडिया को विनियमित करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी) अधिनियम के तहत 25 फरवरी को केंद्र द्वारा अधिसूचित इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी (Guidelines for intermediaries and Digital Media Ethics Code) नियम, 2021 को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ 'फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिस्ट' द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। 'फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिस्ट' एक ट्रस्ट है, जिसे 'द वायर'...

गुजरात हाईकोर्ट ने धार्मिक और शै‌क्षणिक संस्‍थानों समेत सभी निजी और सार्वजनिक स्थानों पर मासिक धर्म के आधार पर महिलाओं के सामाजिक बहिष्कार पर रोक लगाने का प्रस्ताव दिया
गुजरात हाईकोर्ट ने धार्मिक और शै‌क्षणिक संस्‍थानों समेत सभी निजी और सार्वजनिक स्थानों पर मासिक धर्म के आधार पर महिलाओं के सामाजिक बहिष्कार पर रोक लगाने का प्रस्ताव दिया

गुजरात उच्च न्यायालय ने सभी स्थानों पर, चाहे वह निजी हो या सार्वजनिक, धार्मिक हों या शैक्षिक, मासिक धर्म की स्थिति के आधार पर महिलाओं के सामाजिक बहिष्कार पर रोक लगाने का प्रस्ताव दिया है।यह रेखांकित करते हुए कि सभी धर्म (सिख धर्म को छोड़कर) मासिक धर्म की अवधि में महिला को " धार्मिक रूप से अशुद्ध" बताते हैं, गुजरात उच्च न्यायालय ने हाल ही में कई दिशानिर्देश प्रस्तावित किए, जिसे राज्य सरकार को मासिक धर्म निषेध को समाप्त करने के लिए पालन करना चाहिए।ज‌स्ट‌िस जेबी पारदीवाला और ज‌स्ट‌िस इलेश जे वोरा...

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने पासपोर्ट जारी करने के लिए महबूबा मुफ्ती द्वारा दायर याचिका पर विदेश मंत्रालय और सरकार से 2 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने पासपोर्ट जारी करने के लिए महबूबा मुफ्ती द्वारा दायर याचिका पर विदेश मंत्रालय और सरकार से 2 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा

जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट ने सोमवार (08 मार्च) को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती द्वारा पासपोर्ट जारी करने में पुलिस सत्यापन के लिए कथित तौर पर देरी को लेकर दायर याचिका पर विदेश मंत्रालय और सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा। वरिष्ठ वकील जहांगीर इकबाल गनाई (मुफ्ती के लिए पेश वकील) ने न्यायमूर्ति अली मोहम्मद माग्रे की खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि मुफ्ती ने नए पासपोर्ट के लिए दिसंबर 2020 में आवेदन किया था, क्योंकि उनका पुराना...

पुलिस थानों में महिलाओं के लिए शौचालयः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के गृह सचिव को हलफनामा दायर करने या व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने के लिए कहा
पुलिस थानों में महिलाओं के लिए शौचालयः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के गृह सचिव को हलफनामा दायर करने या व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने के लिए कहा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार के गृह सचिव से कहा है कि राज्य के प्रत्येक पुलिस स्टेशन में महिलाओं के लिए शौचालय का निर्माण करने के लिए उठाए गए कदमों के संबंध में एक हलफनामा दायर करें। न्यायमूर्ति संजय यादव और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने राज्य के वकील से कहा है कि यदि हलफनामा दायर नहीं किया जाता है, तो सचिव को व्यक्तिगत रूप से सुनवाई की अगली तारीख पर न्यायालय के समक्ष उपस्थित होना होगा। कुछ दिन पहले कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की थी कि विभिन्न थानों में...

न्यायिक व्यवस्था पर से समाज का विश्वास नहीं उठना चाहिए; बॉम्बे हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के आरोपी मजिस्ट्रेट को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया
'न्यायिक व्यवस्था पर से समाज का विश्वास नहीं उठना चाहिए'; बॉम्बे हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के आरोपी मजिस्ट्रेट को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के मावल कोर्ट के न्यायिक मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास (जेएमएफसी) को अग्रिम जमानत (Anticipatory bail) देने से इनकार कर दिया, जिसमें भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत अभियुक्त द्वारा रिश्वत की मांग करने और पक्ष के फेवर में आदेश पारित करने के लिए सहयोगी के माध्यम से रिश्वत लेने का आरोप लगा था।न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल ने कहा कि जेएमएफसी अर्चना जाटकर बहुत ही "जिम्मेदारी भरे पद" पर काबिज थीं और उनके खिलाफ लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए सटीक जांच की आवश्यकता है।बेंच ने कहा...

बॉम्बे हाईकोर्ट के जज, स्टाफ और वकीलों को कोरोना वैक्सीन दिए जाने को लेकर बीबीए ने एजी से हस्तेक्षप करने की मांग की
बॉम्बे हाईकोर्ट के जज, स्टाफ और वकीलों को कोरोना वैक्सीन दिए जाने को लेकर बीबीए ने एजी से हस्तेक्षप करने की मांग की

बॉम्बे हाईकोर्ट की कानूनी बिरादरी को फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में मानते हुए उनको प्राथमिकता के आधार पर कोरोना वैक्सीन दिए जाने को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने महाराष्ट्र राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोनी से हस्तक्षेप करने की मांग की है। बॉम्बे बार एसोसिएशन देश के सबसे पुराने बार एसोसिएशनों में से एक है।बीबीए के अध्यक्ष सीनियर एडवोकेट नितिन ठक्कर ने दिल्ली हाईकोर्ट का उदाहरण दिया, जिसने 3 मार्च को सभी जजों, कोर्ट के स्टाफ और वकीलों को कोरोना वैक्सीन दिए जाने को लेकर उनकी उम्र...

जबलपुर में ऑल इंडिया स्टेट ज्यूडिशियल एकेडेमीज़ डायरेक्टर्स रिट्रीट का आयोजन
जबलपुर में ऑल इंडिया स्टेट ज्यूडिशियल एकेडेमीज़ डायरेक्टर्स रिट्रीट का आयोजन

मध्य प्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी, जबलपुर ने एक अद्वितीय कार्यक्रम 'ऑल इंडिया स्टेट ज्यूडिशियल एकेडेमीज़ डायरेक्टर्स रिट्रीट' का आयोजन किया है। यह रिट्रीट इस देश में आयोजित अपनी तरह का पहला कार्यक्रम था। दो दिनों के इस आयोजन में देश भर के 24 राज्यों के न्यायिक अकादमियों के सभी अध्यक्ष/प्रभारी न्यायाधीश और डायरेक्टर्स ने भाग लिया। कार्यक्रम दिनांक 6 और 7 मार्च, 2021 को जबलपुर में आयोजित हुआ।कार्यक्रम का उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के करकमलों से एवं उनके मुख्य आतिथ्य में हुआ। उद्घाटन...

जाति व्यवस्था निषिद्ध है, लेकिन प्रत्येक व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार जातिसूचक डिस्प्ले बोर्ड लगाने के लिए स्वतंत्र हैं: मद्रास हाईकोर्ट
जाति व्यवस्था निषिद्ध है, लेकिन प्रत्येक व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार जातिसूचक डिस्प्ले बोर्ड लगाने के लिए स्वतंत्र हैं: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति (निजी) अपनी इच्छा के अनुसार डिस्प्ले बोर्ड या अन्य सामग्री को (भले ही उसमें जाति का उल्लेख हो) स्वतंत्र रूप से लगा सकते हैं, जब तक कि वे अश्लील या अपमानजनक नहीं हैं।मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति आर. हेमलता की खंडपीठ अमुथन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने प्रतिनिधित्व के आधार पर तमिलनाडु के शैक्षणिक संस्थानों और दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों के सामने इस्तेमाल होने वाले जातिसूचक नामों को हटाने के लिए प्रतिवादी को निर्देश देने की...

सूरत की अदालत ने सिमी के सदस्य होने के आरोप में यूएपीए के तहत गिरफ्तार 122 लोगों को बरी किया
सूरत की अदालत ने सिमी के सदस्य होने के आरोप में यूएपीए के तहत गिरफ्तार 122 लोगों को बरी किया

सूरत की एक अदालत ने दिसंबर 2001 में प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के सदस्यों के रूप में यहां आयोजित एक बैठक में भाग लेने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किए गए 122 लोगों को शनिवार को बरी कर दिया।मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ए एन दवे की अदालत ने 122 लोगों को प्रतिबंधित संगठन सिमी के सदस्य होने के आरोप से संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। मुकदमे के लंबित रहने के दौरान पांच अन्य आरोपियों की मौत हो गई थी।अपने आदेश में अदालत ने कहा...

यह सबसे हैरानी की बात है कि देश में आज भी बच्चों को शारीरिक दंड दिया जाता है, जो अमानवीय है: मद्रास हाईकोर्ट
'यह सबसे हैरानी की बात है कि देश में आज भी बच्चों को शारीरिक दंड दिया जाता है, जो अमानवीय है': मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट (गुरुवार) ने कहा कि शारीरिक दंड (Corporal Punishment) को खत्म करने के लिए विधायी ढांचे के बावजूद भी देश भर के स्कूलों और संस्थानों में बच्चों को शारीरिक दंड दिया रहा है।कोर्ट ने एक स्कूली बच्चे की मौत के मामले में अवलोकन किया, जिसमें एक बच्चे को स्कूल में देरी से आने पर शारीरिक दंड दिया गया था, जबकि मेडिकल रिपोर्ट में पाया गया कि मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है।न्यायमूर्ति एन. आनंद वेंकटेश ने कहा कि किसी बच्चे को शारीरिक दंड देना, दु:खद और अमानवीय प्रकृति है।शुरुआत में न्यायाधीश...

बिना सोचे-समझे इरादे से धार्मिक भावना आहत करने के लिए लापरवाही से किया गया धर्म का अपमान, धारा 295 ए के तहत अपराध नहींः त्रिपुरा हाईकोर्ट
बिना सोचे-समझे इरादे से धार्मिक भावना आहत करने के लिए लापरवाही से किया गया धर्म का अपमान, धारा 295 ए के तहत अपराध नहींः त्रिपुरा हाईकोर्ट

त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने माना है कि धर्म का बिना इरादे के किया गया अपमान या बिना जाने-बूझे और दुर्भावनापूर्ण इरादे से किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना, आईपीसी की धारा 295 ए के तहत अपराध नहीं है।चीफ ज‌स्ट‌िस अकील कुरैशी की सिंगल बेंच ने कहा, "धारा 295 ए धर्म और धार्मिक विश्वासों के अपमान या अपमान की कोशिश के किसी और प्रत्येक कृत्य को दंडित नहीं करता है, यह केवल अपमान या अपमान की कोशिश के के उन कृत्यों को दंडित करता है, जिन्हें विशेष वर्ग की धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने के लिए...

दिल्ली हाईकोर्ट ने 3499 अंडर ट्रायल कैदियों को अंतरिम ज़मानत अवधि समाप्त होने से पहले जेल में आत्मसमर्पण करने के निर्देश दिए
दिल्ली हाईकोर्ट ने 3499 अंडर ट्रायल कैदियों को अंतरिम ज़मानत अवधि समाप्त होने से पहले जेल में आत्मसमर्पण करने के निर्देश दिए

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को COVID-19 के मद्देनजर अंतरिम जमानत पर छूटे सभी 3499 अंडरट्रायल कैदियों को जमानत अवधि समाप्त होने से पहले आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। इन कैदियों को कोरोना माहमारी के दौरान उच्चाधिकार समिति की सिफारिशों पर अंतरिम जमानत दी गई थी।अब इन्हें अंतरिम जमानत अवधि समाप्त होने से पहले या 7 मार्च से पहले जेल अधीक्षकों के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया है।न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की खंडपीठ ने जेल के महानिदेशक को यह सुनिश्चित करने का भी...

मीडिया के हाथ लगने से लीक करने के आरोप खुद ही स्थापित हो जाते हैंः दिल्ली हाईकोर्ट ने आसिफ इकबाल तन्हा की याचिका पर दिल्ली पुलिस से कहा
मीडिया के हाथ लगने से लीक करने के आरोप खुद ही स्थापित हो जाते हैंः दिल्ली हाईकोर्ट ने आसिफ इकबाल तन्हा की याचिका पर दिल्ली पुलिस से कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार आसिफ इकबाल तन्हा द्वारा मीडिया को उनके कथित इकबालिया बयान के लीक होने के संबंध में की गई शिकायत के जवाब में दिल्ली पुलिस के अड़ियल रुख से कड़ी नाराजगी जताई।दिल्ली पुलिस के लिए सरकारी वकील अमित महाजन ने इस दावे का खंडन किया कि सबूत पुलिस द्वारा लीक किए गए थे।उन्होंने कहा कि उन पर आरोपों की जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती।अदालत ने इस पर कहा कि मामला पहले से ही आरोपों साबित होने से परे है, क्योंकि पुलिस की रिपोर्ट पहले ही लीक...

हमे आधुनिक होना चाहिए: कर्नाटक हाईकोर्ट ने फास्टैग लागू करने पर रोक लगाने से इनकार किया
'हमे आधुनिक होना चाहिए': कर्नाटक हाईकोर्ट ने फास्टैग लागू करने पर रोक लगाने से इनकार किया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन करने के लिए जारी की गई अधिसूचना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके द्वारा सभी वाहनों के लिए फास्टैग का इस्तेमाल करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए एक नया थर्ड पार्टी बीमा प्राप्त करते समय एक वैधानिक फास्टैग अनिवार्य है। मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और न्यायमूर्ति एस विश्वजीत शेट्टी की खंडपीठ ने कहा कि हमें आधुनिक होना चाहिए।वर्तमान COVID-19 स्थिति का उल्लेख करते हुए खंडपीठ ने कहा,"वर्तमान परिस्थितियों में इसका स्वागत नहीं किया...

दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रेस काउंसिल के हिंदुस्तान टाइम्स न्यूज पेपर में विज्ञापन पर रोक के आदेश पर स्टे लगाया
दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रेस काउंसिल के हिंदुस्तान टाइम्स न्यूज पेपर में विज्ञापन पर रोक के आदेश पर स्टे लगाया

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार (02 मार्च) को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) द्वारा सरकारी विभागों को दिए गए संचार पर रोक लगाई, जिसमें सभी सरकारी एजेंसियों को हिंदुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड के स्वामित्व वाले समाचार पत्रों में विज्ञापन देने से रोका गया था।न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की खंडपीठ पीसीआई के आदेश को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता (हिंदुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड) की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें याचिकाकर्ता को "सेंसर" किया गया।यह आदेश कथित रूप से इसलिए जारी किया गया क्योंकि ...

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तीन हाईकोर्ट में पांच अधिवक्ताओं की जज के रूप में नियुक्ति की सिफारिश की
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तीन हाईकोर्ट में पांच अधिवक्ताओं की जज के रूप में नियुक्ति की सिफारिश की

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा और जम्मू और कश्मीर के उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के रूप में पांच अधिवक्ताओं की नियुक्ति की सिफारिश की है। कॉलेजियम ने इन नामों का प्रस्ताव दिया हैडॉ. विवेक शरण, निधि पाटनकर और प्रणय वर्मा को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश।अधिवक्ता विकास बहल को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश। अधिवक्ता राहुल भारती को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त करने की...

पत्नी की चुप्पी को यह नहीं माना जा सकता कि उसने हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम की धारा 7 के तहत गोद लेने को सहमति दे दी है: इलाहाबाद उच्च न्यायालय
पत्नी की चुप्पी को यह नहीं माना जा सकता कि उसने हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम की धारा 7 के तहत गोद लेने को सहमति दे दी है: इलाहाबाद उच्च न्यायालय

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने माना है कि पति द्वारा गोद लेने के समय पत्नी की चुप्पी या विरोध का अभाव, हिंदू दत्तक एवं भरण-पोषण अधिनियम, 1956 की धारा 7 के तहत इस तरह के गोद लेने पर सहमति नहीं मानी जा सकती है।जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की खंडपीठ ने फैसला में कहा, "अदालत पत्नी की सहमति सिर्फ इसलिए नहीं मान सकती क्योंकि वह गोद लेने के समय मौजूद थी।"यह माना गया कि अधिनियम की धारा 7 के प्रावधान को संतुष्ट करने के लिए, एक हिंदू पुरुष, जिसकी जीवित पत्नी है, द्वारा गोद का प्रस्ताव देने...

जेल में 20 साल बिताने के बाद बलात्कार के केस में बरी होने का मामलाः एनएचआरसी ने यूपी सरकार से आरोपी के पुनर्वास व दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर रिपोर्ट मांगी
जेल में 20 साल बिताने के बाद बलात्कार के केस में बरी होने का मामलाः एनएचआरसी ने यूपी सरकार से आरोपी के पुनर्वास व दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर रिपोर्ट मांगी

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बीस साल जेल में बिताने के बाद बलात्कार के केस में एक व्यक्ति को बरी किए जाने के मामले पर स्वत संज्ञान लिया है। एनएचआरसी ने पाया कि यह सीआरपीसी की धारा 433 के गैर-अनुप्रयोग का मामला है। गौरतलब है कि यह मामला एक 23 वर्षीय व्यक्ति (अब 43) का है, जिसे बलात्कार के एक मामले में ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और जिसे अब बीस साल बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्दोष घोषित किया है। महत्वपूर्ण है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट जनवरी 2021 में उस व्यक्ति के बचाव...