[कोरोना की दूसरी लहर] मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की सभी बेंच 24 अप्रैल तक मामलों की वर्चुअल मोड में सुनवाई करेंगी
LiveLaw News Network
8 April 2021 11:00 AM IST
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रधान सीट जबलपुर और इंदौर और ग्वालियर की बेंच द्वारा 8 से 24 अप्रैल तक सूचीबद्ध सभी मामलों को सुनवाई वर्चुअल मोड में करने का निर्णय लिया है।
यह निर्देश बुधवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, जबलपुर, हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन, जबलपुर, स्टेट बार काउंसिल ऑफ एमपी, सीनियर एडवोकेट्स काउंसिल और हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर की ओर से किए गए आवेदन पर दिया गया है।
यह निर्देश इस संबंध में 11 फरवरी 2021 और 3 अप्रैल 2021 को जारी पूर्व एसओपी और अतिरिक्त एसओपी को संशोधित करता है।
राज्य में COVID 19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर इंदौर और ग्वालियर के साथ प्रधान सीट जबलपुर और अन्य जिला न्यायालयों में कामकाज के लिए एक अतिरिक्त एसओपी जारी किया गया था। इस एसओपी के अनुसार यह निर्णय लिया गया कि संबंधित मामलों में सुनवाई के लिए वर्चुअल मोड मोड की इच्छा रखने वाले अधिवक्ताओं या वादियों की उम्र की परवाह किए बिना प्रोत्साहित किया जाएगा।
नए निर्देशों के अनुसार यह निर्णय लिया गया कि न्यायालय की तीनों बेंच मामलों की सुनवाई पूरी तरह से वर्चुअल मोड में करेंगी और शारीरिक रूप में (फिजिकल मोड) सुनवाई पर रोक होगी।
इसके अलावा यह भी निर्देशित किया गया है कि तीनों बेंच के केंद्रों में काउंटर दाखिल करने के लिए किसी भी मामले की फाइलों को फिजिकल रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
एसओपी कहता है कि,
"यह देखा गया है कि मेमो वास्तविक तात्कालिकता के लिए कोई विशिष्ट कारण बताए बिना मामलों की तत्काल लिस्टिंग के लिए दायर किया जा रहा है। इसलिए अधिवक्ताओं / वादियों से अनुरोध है कि केवल विशेष, सही और विस्तृत विवरण निर्दिष्ट करके ही मेमो दर्ज करें, सिर्फ उन मामलों में जिनमें अत्यधिक और वास्तविक तात्कालिकता शामिल है।"
इसके अलावा निर्देश में कहा गया है कि 8 अप्रैल (गुरुवार) से मेमो को फिजिकल रूप से ड्रॉप बॉक्स में डाला जा सकता है जो केवल अगले दिन सुबह 10:30 बजे से 11:00 बजे के बीच प्राप्त किया जाएगा।
हालांकि यह निर्देशित किया गया है कि जिट्सी वीडियो कॉन्फ्रेंस प्लेटफार्म के माध्यम से ई-मेंशन की सुविधा उक्त समय के बीच उपलब्ध होगी।