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'राज्य ने विशेषज्ञों के COVID-19 की दूसरी लहर को लेकर दी गई चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया': उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की खिंचाई की
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को COVID-19 महामारी की दूसरी लहर से निपटने के लिए की गई तैयारियों में कमी को लेकर राज्य सरकार की खिंचाई की।मुख्य न्यायाधीश राघवेन्द्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की पीठ ने कहा कि,"जनवरी 2021 में वैज्ञानिकों ने COVID-19 महामारी की दूसरी लहर को लेकर चेतावनी दिया था, फिर भी राज्य सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।"पीठ ने आगे कहा कि,"हालांकि पिछले डेढ़ साल से राज्य महामारी की चपेट में है, लेकिन राज्य में महामारी से निपटने के लिए योजना की कमी है।"पीठ ने...
बार काउंसिल ऑफ दिल्ली घरों में आइसोलेट और दिल्ली-एनसीआर में इलाज करा रहे COVID-19 से संक्रमित अपने सदस्यों और उनके परिवारों को मुफ्त ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराएगा
बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने घरों में आइसोलेट और दिल्ली-एनसीआर में इलाज करा रहे COVID-19 से संक्रमित अपने सदस्यों और उनके परिवारों को मुफ्त ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने का फैसला किया है।बार काउंसिल ने कहा है कि जो भी सदस्य बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में नामित है, उनमें से जिन्हें ऑक्सीजन की तत्काल/आपातकालीन आवश्यकता है, वे निम्नलिखित नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं:91-11-466670219999489809 9560967001 9990679070 इसके लिए सदस्यों को COVID-19 पॉजीटिव की रिपोर्ट की एक कॉपी, नामांकन संख्या की प्रति और निवास...
राज्य सरकार के ऑक्सीजन के अनुरोध पर विचार करें: केरल हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा
केरल हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन और डॉ. कौसर एदप्पगाथ की खंडपीठ ने निजी अस्पतालों द्वारा COVID-19 रोगियों से वसूले जाने वाले शुल्क पर विचार-विमर्श के लिए बुलाई गई एक विशेष बैठक के दौरान कहा कि केरल में ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की कमी होती जा रही है।ऑक्सीजनराज्य के अटॉर्नी जनरल केवी सोहन ने हाईकोर्ट से राज्य सरकार के ऑक्सीजन के लिए अनुरोध पर विचार करने के लिए केंद्र को दिशा-निर्देश दिए जाने की मांग की।राज्य के एजी ने कोर्ट को अवगत कराया कि केरल सरकार की ऑक्सीजन की आपूर्ति केंद्र सरकार के...
NUJS के पूर्व छात्र संघ ने COVID-19 राहत के लिए 50 लाख रूपये दिए
पश्चिम बंगाल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जुरिडिकल साइंसेज (WBNUJS) के पूर्व छात्रों के संगठन ने एक दान अभियान कार्यक्रम के तहत COVID-19 राहत कार्य करने वाली संस्थाओं को दान करने के लिए 50 लाख रुपये से अधिक जुटाने में कामयाब रहे।1 मई, 2021 को शुरू किए गए इस फंडराइज़र को NGO मिलाप के साथ आयोजित किया गया था और यह राशि जुटाई गई। यह COVID-19 की दूसरी लहर के रूप में राहत प्रदान करने के लिए काम करने वाले डॉक्टर्स फॉर यू और अन्य जैसे संगठनों को प्रदान की जाएगी।एलुमनी एसोसिएशन के उपाध्यक्ष शमीक रे ने कहा,"जबकि...
COVID-19: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेशों की अवधि 1 जून तक बढ़ाई
गुवाहाटी हाईकोर्ट की एक पूर्ण पीठ ने COVID-19 की दूसरी लहर के बीच न्यायालयों के प्रतिबंधित कामकाज को देखते हुए इसके और इसकी दूरस्थ पीठों और अन्य अधीनस्थ न्यायालयों और न्यायाधिकरणों द्वारा पारित अंतरिम आदेशों की अवधि को 1 जून, 2021 तक बढ़ा दिया है।कोर्ट ने आगे कहा है कि इस अवधि में अंतरिम बेल, अग्रिम जमानत की अवधि 31 मई तक बढ़ाई जाएगी।मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया, जस्टिस एन. कोटिसवर सिंह और जस्टिस मनीष रंजन पाठक की इस उद्देश्य के लिए गठित स्वतः संज्ञान खंडपीठ ने कहा,"अपने स्वयं के आदेशों...
केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की हाई पॉवर कमेटी ने लगभग 400 कैदियों की रिहाई का निर्देश दिया
केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की उच्चाधिकार समिति (हाई पॉवर कमेटी) की बैठक पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट, चंडीगढ़ के न्यायाधीश और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति जसवंत सिंह की अध्यक्षता में हुई और इसमें अरुण कुमार गुप्ता, आईएएस, प्रमुख सचिव गृह विभाग, यूटी चंडीगढ़ और ओमबीर सिंह, आईपीएस, चंडीगढ़ जेल के आईजी और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के एसएलएसए के सदस्य सचिव पुनेश जिंदिया भी शामिल थे।सुप्रीम कोर्ट ने COVID-19 के संबंध में दायर याचिका...
"हर टॉम, डिक और हैरी को इस स्थिति में नहीं लाया जाना चाहिए": उड़ीसा उच्च न्यायालय ने प्रस्ताव/आवेदन के बिना वरिष्ठ अधिवक्ता पदनाम की अनुमति देने के नियम को खत्म किया
उड़ीसा उच्च न्यायालय ने सोमवार को 'उड़ीसा उच्च न्यायालय (वरिष्ठ अधिवक्ता का पदनाम) नियम, 2019' के नियम 6 (9) को रद्द कर दिया, जो जजों की ओर से किसी भी प्रस्ताव की अनुपस्थिति में या ऐसे अधिवक्ता की ओर से आवेदनों के ना होने पर वरिष्ठ के रूप में एक अधिवक्ता को नामित करने के लिए पूर्ण न्यायालय पर शक्ति प्रदान करता है।जस्टिस सीआर डैश और जस्टिस प्रमथ पटनायक की डिवीजन बेंच ने देखा कि इंदिरा जयसिंह मामले [इंदिरा जयसिंह बनाम सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया] (2017) 9 SCC 766] में वरिष्ठ पदनाम के लिए सुप्रीम कोर्ट...
'बेहतरीन आदेश': केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के COVID-19 के इलाज के लिए निजी अस्पतालों में प्रति दिन वार्ड की कीमत 3000 रुपये के भीतर तय करने के आदेश की सराहना की
केरल हाईकोर्ट ने निजी अस्पतालों में COVID-19 उपचार की कीमत को युक्तिसंगत बनाने के उपायों पर चर्चा करने के दौरान केरल सरकार द्वारा निजी अस्पतालों में COVID-19 के उपचार के लिए कीमत तय करने के नवीनतम आदेश की सराहना की।जस्टिस देवन रामचंद्रन और जस्टिस डॉ. कौसर एडापागथ की पीठ ने कहा कि सरकार के आदेश ने इस संबंध में न्यायालय के बोझ को काफी हद तक कम कर दिया।कोर्ट को आज की सुनवाई में राज्य के अटॉर्नी जनरल ने सूचित किया कि अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं-मान्यता प्राप्त अस्पतालों (एनएबीएच...
'NCERT और CISCE को अनुमोदित पाठ्यपुस्तकों को अपनाने के लिए मजबूर किया गया': पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने CBSE संबद्ध स्कूलों की याचिका पर नोटिस जारी किया
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को उस आवेदन पर नोटिस जारी किया है, जो CBSE से संबंधित स्कूल्स एसोसिएशन द्वारा दायर किया गया था। इसमें यह शिकायत की गई थी कि उन्हें (अन्य निजी गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों के साथ) केवल NCERT और CISCE द्वारा स्वीकृत (एप्रुव्ड) पाठ्य सामग्री को लागू करने के लिए कहा जा रहा है। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उनकी मान्यता / NOC को रद्द किया जा सकता है।इस निर्णय को 'पूरी तरह से गैरकानूनी' करार देते हुए CBSE संबद्ध स्कूल्स एसोसिएशन ने तर्क दिया कि पाठ्यपुस्तकों के...
सिविल सोसाइटी ऑर्गेनाइजेशन, वकीलों और शिक्षाविदों ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को जेलों में कैदियों की भीड़ कम करने के लिए पत्र लिखा
27 सिविल सोसाइटी संगठनों, वकीलों, शिक्षाविदों और पत्रकारों के एक समूह ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर COVID-19 की दूसरी लहर के प्रकोप को देखते हुए राज्य की जेलों में कैदियों की भीड़ को तत्काल कम करने का अनुरोध किया है। पत्र पर 10 मानवाधिकार संगठन और 17 प्रतिष्ठित शिक्षाविदों, वकीलों और पत्रकारों ने हस्ताक्षर किए हैं। हस्ताक्षर करने वालों में एडवोकेट अपार गुप्ता, एडवोकेट गौतम भाटिया, एडवोकेट अरविंद नरेन, प्रो. मृणाल सतीश, प्रो. प्रीति बक्षी, प्रो. नोम चॉम्स्की और प्रो....
'मोटरसाइकिल टैक्सी सेवाओं की परमिट के लिए किए गए आवेदन पर दो महीने के भीतर विचार करें': कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को राज्य में मोटरसाइकिल टैक्सी सेवाओं की परमिट के लिए किए गए आवेदन पर दो महीने के भीतर विचार करने और निर्णय लेने का निर्देश दिया है।न्यायमूर्ति बी वी नागरत्न और न्यायमूर्ति जे एच काजी की खंडपीठ ने एएनआई टेक्नॉलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर अपील का निपटारा करते हुए यह निर्देश दिया।याचिकाकर्ताओं ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 2 (7) अनुबंध गाड़ी को परिभाषित करती है जो एक समावेशी परिभाषा है और इसमें परिवहन वाहनों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र और...
कर्नाटक राज्य बार काउंसिल ने COVID-19 पॉजीटिव आने वाले वकीलों की आर्थिक मदद करने का फैसला लिया
कर्नाटक स्टेट बार काउंसिल ने COVID-19 पॉजीटिव पाए जाने वाले और अपने घरों में आइसोलेट वकीलों के लिए रु. 10,000 और उन वकीलों के लिए COVID-19 पॉजीटिव पाए गए हैं और अस्पतालों में भर्ती हैं, उनकी 25,000 रुपये की राशि से मदद करने का फैसला किया है।बार काउंसिल द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार,"संक्रमित वकीलों की पीड़ा को कम करने के लिए बार काउंसिल ने 7 मई, 2021 को आयोजित अपनी बैठक में सर्वसम्मति से इस मामले पर फैसला लिया है।"इसके अलावा यह कहा गया है कि कर्नाटक स्टेट बार काउंसिल ने कर्नाटक के...
COVID-19 के कारण मरने वाले न्यायिक अधिकारियों और कोर्ट स्टाफ के परिजनों के लिए अनुग्रह राशि की मांग, दिल्ली उच्च न्यायालय ने याचिका पर जारी किया नोटिस
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को एक याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें COVID-19 के कारण मौत का शिकार हुए न्यायिक अधिकारियों और कोर्ट स्टाफ के परिजनों को एक करोड़ और 50 लाख रुपए अनुग्रह राशि प्रदान करने की मांग की गई है। याचिका में हाल ही में COVID-19 के कारण मरने वाले न्यायिक अधिकारियों कोवई वेणुगोपाल और कामरान खान को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करने की मांग की गई है।चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस जसमीत सिंह की खंडपीठ ने रजिस्ट्रार जीएनसीटीडी, वित्त विभाग, जीएनसीटीडी, गृह मंत्रालय, दिल्ली सचिवालय,...
'अस्पताल के निदेशक और विभाग के प्रमुख को रोगी के बीमारी की प्रकृति और उपचार के बारे में जानकारी होनी चाहिए': दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में चिकित्सा संस्थान के निदेशक और विभाग के प्रमुख को रोगी के कल्याण को ध्यान में रखते हुए रोगी के बीमारी की प्रकृति और इलाज के बारे में जानकारी होनी चाहिए।मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ ने यह अवलोकन उस मामले में किया, जिसमें बेंच मेहराज बानो द्वारा दायर एक पत्र अपील पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में कहा गया कि चिकित्सा उपचार और उसके नाबालिग बेटे के बीमार होने के संबंध में कुछ निजता की जानकारी आईएचबीएएस में उपचार करने वाले...
COVID- "अस्पताल ज्यादा चार्ज वसूल कर महामारी का लाभ उठा रहे हैं": मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार से जवाब मांगा
मद्रास हाईकोर्ट (मदुरै खंडपीठ) ने गुरुवार (6 मई) को निजी अस्पतालों के लिए COVID-19 रोगियों के लिए कुल बेड की संख्या का न्यूनतम 50% आवंटित करने का सरकारी आदेश को सख्ती से लागू करने की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र और राज्य से जवाब मांगा है।न्यायमूर्ति एम. एस. रमेश और न्यायमूर्ति बी. पुगलेंधी की एक खंडपीठ ने कहा,"इस कठिन समय के दौरान भी कुछ अस्पतालों द्वारा अत्यधिक बिल वसूल किया जा रहा है, जिसे अनुमति नहीं दी जा सकती। अस्पताल COVID-19 महामारी की स्थिति का लाभ उठा रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि...
सीनियर एडवोकेट आर. षणमुगसुंदरम को तमिलनाडु के लिए अगले महाधिवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया
तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने वरिष्ठ वकील आर. षणमुगसुंदरम को तमिलनाडु राज्य का नया महाधिवक्ता नियुक्त किया है। यह फैसला एम. के. स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) पार्टी द्वारा हाल ही में संपन्न तमिलनाडु राज्य विधानसभा चुनावों में नई सरकार के गठन के कुछ दिनों बाद आया है।1 मई को तमिलनाडु के तत्कालीन एडवोकेट जनरल विजय नारायण ने तत्कालीन मुख्यमंत्री एडप्पादी के. पलानीस्वामी (जिन्होंने राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को अपना इस्तीफा सौंप दिया) को अपना इस्तीफा भेज दिया...
'भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश, एक धार्मिक समूह अन्य समुदायों के धार्मिक जुलूसों, समारोहों को आयोजित करने के मौलिक अधिकार का विरोध नहीं कर सकता': मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि, "अगर धार्मिक असहिष्णुता की अनुमति दी जा रही है तो यह एक धर्मनिरपेक्ष देश के लिए अच्छा नहीं है। किसी भी धार्मिक समूह पर किसी भी रूप में असहिष्णुता फैलाने पर रोक लगाई जानी चाहिए।"न्यायमूर्ति एन. किरुबाकरण और न्यायमूर्ति पी. वेलुमुरुगन की खंडपीठ कुछ हिंदू त्यौहारों / धार्मिक जुलूसों के आयोजन पर हिंदू और मुस्लिम (गांव में) के बीच एक लंबे समय से चल रहे विवाद पर सनुवाई कर रही थी।कोर्ट ने कहा कि,"भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और केवल इसलिए कि एक धार्मिक समूह एक विशेष...
राम जन्मभूमि मामले में फैसला देने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति धर्म वीर शर्मा का निधन
इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति धर्म वीर शर्मा का लंबी बीमारी के बाद कल निधन हो गया। वह 73 वर्ष के थे। वर्ष 2010 में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद वह परिवार के साथ लखनऊ में रह रहे थे।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ट्वीट में परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।न्यायमूर्ति धर्म वीर शर्मा उन तीन न्यायाधीशों में से एक थे, जिन्होंने 2010 में अयोध्या विवाद में अपना फैसला दिया था।न्यायमूर्ति धर्म वीर शर्मा (विघटनकर्ता) ने मुस्लिम मामले को भी खारिज कर दिया था। हालांकि, तीनों...
कोर्ट हियरिंग की रिपोर्ट करने की स्वतंत्रताः सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का हवाला देते हुए गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मीडिया के लिए ई-एक्सेस की मांग
सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्णय के मद्देनजर (भारत का चुनाव आयोग बनाम एमआर विजया भास्कर एलएल 2021 एससी 244),जिसमें अदालती कार्यवाही के दौरान न्यायाधीशों और वकीलों द्वारा की गई मौखिक टिप्पणियों और चर्चाओं की रिपोर्ट करने के लिए मीडिया की स्वतंत्रता को बरकरार रखा है, गुजरात हाईकोर्ट में एक आवेदन दायर कर मीडिया के लिए ई-एक्सेस की मांग की गई है।गुजरात राज्य में कोरोना महामारी के प्रबंधन से संबंधित हाईकोर्ट के समक्ष चल रहे एक मामले में [Suo Motu Writ Petition (PIL) No. 53 of 2021] यह आवेदन...
'POCSO एक्ट की धारा 35 का अनुपालन नहीं करने से आरोपी को जमानत पर रिहा करने का अधिकार नहीं देता' : कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धारा 35 का अनुपालन नहीं करने से आरोपी को डिफ़ॉल्ट जमानत पर रिहा करने का अधिकार नहीं देता है।POCSO एक्ट की धारा 35 में यह प्रावधान है कि विशेष न्यायालय द्वारा अपराध के संज्ञान लेने के तीस दिनों की अवधि के भीतर बच्चे के साक्ष्य को दर्ज किए जाएगा और यदि इसमें किसी तरह की देरी होती है तो देरी के कारणों को विशेष न्यायालय द्वारा दर्ज किया जाएगा। अधिनियम की धारा 35 इसके अलावा यह भी कहती है कि विशेष अदालत अपराध का...




















