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ईद खुशियों का त्यौहार: दिल्ली कोर्ट ने दंगा मामले में आरोपी को परिवार के साथ ईद मनाने के लिए 15 दिन की अंतरिम जमानत दी
"ईद खुशियों का त्यौहार": दिल्ली कोर्ट ने दंगा मामले में आरोपी को परिवार के साथ ईद मनाने के लिए 15 दिन की अंतरिम जमानत दी

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी गुलफाम को अपनी बीवी और बच्चों के साथ ईद का त्योहार मनाने के लिए 15 दिनों की अंतरिम जमानत दे दी।अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने अंतरिम जमानत देते हुए कहा:"यहां यह ध्यान देना अधिक महत्वपूर्ण है कि ईद का मतलब पूरे मुस्लिम समुदाय के लिए खुशी और दुआओं का समय है। ईद का त्योहार इस्लाम में बहुत महत्वपूर्ण समय है और परिवार, प्रियजनों और समुदायों को एक साथ आने और जश्न मनाने / हर रोज़ का आनंद लेने की अनुमति देता है। तदनुसार, आवेदक गुलफाम...

चिकित्सा सहायता में देरी संविधान के अनुच्छेद 21, 19(1)(d) का उल्लंघन है: तेलंगाना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के अंतर-राज्यीय परिवहन पर प्रतिबंध लगाने वाले दिशानिर्देश पर रोक लगाई
'चिकित्सा सहायता में देरी संविधान के अनुच्छेद 21, 19(1)(d) का उल्लंघन है': तेलंगाना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के अंतर-राज्यीय परिवहन पर प्रतिबंध लगाने वाले दिशानिर्देश पर रोक लगाई

तेलंगाना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि राज्य की ऐसी किसी भी कार्रवाई को मान्य नहीं किया जा सकता है जिसके परिणामस्वरूप उपचार की सख्त जरूरत वाले रोगियों के लिए चिकित्सा सहायता पहुंचने में देरी होती हो। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा जारी उस दिशानिर्देशों पर रोक लगा दी, जिसमें एम्बुलेंस और रोगियों की अंतर-राज्यीय परिवहन पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया था।राज्य सरकार द्वारा जारी दिनांक 11 मई 2021 के दिशा-निर्देशों में निर्देश दिया गया कि अन्य राज्यों से संबंधित रोगियों को सरकार द्वारा...

पैदल मार्ग या सार्वजनिक सड़कों पर अवैध पार्किंग अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के बराबर : कर्नाटक उच्च न्यायालय
पैदल मार्ग या सार्वजनिक सड़कों पर अवैध पार्किंग अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के बराबर : कर्नाटक उच्च न्यायालय

कर्नाटक हाईकोर्ट ने माना है कि यह सुनिश्चित करना अधिकारियों का कर्तव्य है कि पैदल मार्ग और सार्वजनिक सड़कों को अवैध पार्किंग सहित अन्य रुकावटों से मुक्त रखा जाए। यह सुनिश्चित करना भी उनकी जिम्मेदारी है कि कानून के इन प्रावधानों के उल्लंघन को लापरवाही से ना लिया जाए और आपराधिक कानून के तहत तुरंत कार्रवाई हो।चीफ जस्टिस अभय ओका और जस्टिस सूरज गोविंदराज की खंडपीठ ने WPNo.42927/2015 में 31 जुलाई 2019 को अदालत द्वारा पारित आदेश पर भरोसा करते हुए कहा, "इस न्यायालय ने माना है कि एक अच्छे और उचित...

COVID-19 महामारी की स्थिति को देखते हुए दिल्ली जिला न्यायालयों ने निर्धारित समय से पहले गर्मी की छुट्टियां 17 मई से 30 जून तक घोषित की
COVID-19 महामारी की स्थिति को देखते हुए दिल्ली जिला न्यायालयों ने निर्धारित समय से पहले गर्मी की छुट्टियां 17 मई से 30 जून तक घोषित की

राष्ट्रीय राजधानी में COVID-19 के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिल्ली जिला अदालतों के लिए गर्मियों की छुट्टियां समय से पूर्व 17 मई, 2021 से 30 जून, 2021 तक के लिए घोषित कर दी गई है।दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय द्वारा प्रकाशित आदेश में कहा गया,"माननीय न्यायालय ने वर्ष 2021 के लिए दिल्ली में जिला न्यायालयों के लिए गर्मियों की छुट्टियां समय से पूर्व घोषित कर दी है। आदेश दिया है कि दिल्ली में जिला न्यायालय (मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के न्यायालयों को छोड़कर) सोमवार से गर्मियों की...

सिस्टम न तो घड़ी को पीछे कर सकता है और न ही अपराध को शून्य कर सकता है: दिल्ली हाईकोर्ट ने नाबालिग यौन उत्पीड़न के शिकार को 6 लाख रूपये का अंतरिम मुआवजा दिया
'सिस्टम न तो घड़ी को पीछे कर सकता है और न ही अपराध को शून्य कर सकता है': दिल्ली हाईकोर्ट ने नाबालिग यौन उत्पीड़न के शिकार को 6 लाख रूपये का अंतरिम मुआवजा दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार (13 मई) को एक महत्वपूर्ण अवलोकन में नाबालिग यौन उत्पीड़न के शिकार को 6 लाख रूपये का अंतरिम मुआवजा देते हुए कहा कि,"चूंकि सिस्टम न तो घड़ी को पीछे कर सकता है और न ही अपराध को शून्य कर सकता है, इसलिए अदालत अपराधी पर मुकदमा चलाने के अलावा और कुछ नहीं कर सकती है। इसके साथ ही पीठ पीड़ित को मनोवैज्ञानिक सुरक्षा और सशक्तिकरण की भावना प्रदान कर सकती है और मुआवजे का निर्देश दे सकती है।"न्यायमूर्ति अनूप जे. भंभानी की खंडपीठ ने मुआवजे के रूप में 50,000 रूपये देने के निजली अदालत...

COVID19- वकीलों के लिए वित्तीय सहायता, चिकित्सा और बीमा की मांग करने वाली याचिका पर जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा
COVID19- वकीलों के लिए वित्तीय सहायता, चिकित्सा और बीमा की मांग करने वाली याचिका पर जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते COVID-19 महामारी के कारण लॉकडाउन के कारण गंभीर वित्तीय कठिनाई का सामना कर रहे वकीलों के लिए वित्तीय सहायता, चिकित्सा और जीवन बीमा की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से जवाब मांगा।न्यायमूर्ति धीरज सिंह ठाकुर की खंडपीठ ने एम. अबूबकर पंडित द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही है। अपनी याचिका में उन्होंने प्रार्थना की थी कि जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के भीतर हाईकोर्ट और जिला न्यायालय में...

COVID-19 संक्रमित शवों का कुप्रबंधनः NHRC ने केंद्र और राज्यों से कहा, मृत शरीर के अधिकारों का संरक्षण सरकारों का कर्तव्य
COVID-19 संक्रमित शवों का कुप्रबंधनः NHRC ने केंद्र और राज्यों से कहा, "मृत शरीर के अधिकारों का संरक्षण सरकारों का कर्तव्य"

COVID-19 संक्रमित शवों के कुप्रबंधन संबंधी मीडिया रिपोर्टों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने केंद्र और राज्य सरकारों को मृतकों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए शुक्रवार को एक एडवाइजरी जारी किया।आयोग ने केंद्र, बिहार और उत्तर प्रदेश सरकारों को गुरुवार को गंगा नदी में तैरते शवों के मामले पर गुरुवार को एक नोटिस जारी किया था। मौजूदा एडवाइजरी को उक्त नोटिस के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।आयोग ने कहा है, "यह बखूबी स्वीकृत कानूनी स्थिति है कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत...

COVID-19 से प्रभावित अधिवक्ताओं की सहायता के लिए क्या कदम उठाए गए? राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य बार काउंसिल से पूछा
COVID-19 से प्रभावित अधिवक्ताओं की सहायता के लिए क्या कदम उठाए गए? राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य बार काउंसिल से पूछा

राजस्थान हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ राजस्थान से COVID-19 से प्रभावित अधिवक्ताओं की सहायता के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में पूछा है।न्यायमूर्ति अशोक कुमार गौर की एकल पीठ ने महामारी से प्रभावित अधिवक्ताओं की राहत के लिए अधिवक्ता कल्याण कोष के उपयोग की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी करते हुए यह सवाल किया।कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ राजस्थान, राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, द बार एसोसिएशन जयपुर, राज्य स्वास्थ्य विभाग को 20 मई तक नोटिस पर जवाब देने के लिए कहा है।अधिवक्ता जगमीत सिंह और अधिवक्ता...

सरकारी और निजी अस्पतालों में COVID रोगियों के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का इस्‍तेमाल करेंः गुजरात हाईकोर्ट के स्वतः संज्ञान मामले में हस्तक्षेप आवेदन दायर
सरकारी और निजी अस्पतालों में COVID रोगियों के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का इस्‍तेमाल करेंः गुजरात हाईकोर्ट के स्वतः संज्ञान मामले में हस्तक्षेप आवेदन दायर

गुजरात में COVID-19 के हालात का जायजा लेने के लिए गुजरात हाईकोर्ट की ओर से शुरू की गई स्वत: संज्ञान कार्यवाही में एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया गया है।याचिकाकर्ता अधिवक्ता निमिश महेंद्र कपाड़िया ने ने हस्तक्षेप आवेदन व्यक्तिगत रूप से पेश किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि आयुर्वेदिक दवाएं संक्रमण को रोकने और रोगियों को COVID-19 संक्रमण से ठीक करने में भी सहायक हैं।साथ ही, इस बात पर जोर दिया गया है कि ऐसी दवाएं राज्य के अधिकारियों के साथ-साथ नागरिकों के वित्तीय बोझ को भी कम करती हैं।आवेदन में कहा...

किसी को भी ऐप का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा, उपयोगकर्ता छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं; आरोग्य सेतु, आईआरसीटीसी के पास समान प्राइवेसी पॉलिसी है: व्हाट्सएप ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा
'किसी को भी ऐप का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा, उपयोगकर्ता छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं; आरोग्य सेतु, आईआरसीटीसी के पास समान प्राइवेसी पॉलिसी है': व्हाट्सएप ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा

दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष दायर हलफनामे में व्हाट्सएप ने प्रस्तुत किया कि नई अपडेटेड प्राइवेसी पॉलिसी (वर्ष 2021 की) किसी भी तरह से मित्रों और परिवार के बीच किए गए व्यक्तिगत मैसेज (अपने उपयोगकर्ताओं के) की निजता को प्रभावित नहीं करती है।फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी ने हलफनामे में कहा कि अपडेट अनिवार्य नहीं है और व्हाट्सएप किसी को भी अपडेट को स्वीकार करने के लिए मजबूर नहीं कर रहा है।नई व्हाट्सएप नीति के मुताबिक उपयोगकर्ता को 2021 अपडेट को स्वीकार करने की स्वतंत्रता देता है या वे ऐसा नहीं करने का...

अल्कोहल टेस्टिंग पूरी तरह से समाप्त नहीं की जा सकती: दिल्ली हाईकोर्ट ने एयरपोर्ट पर ब्रीथ-एनालाइजर टेस्ट के लिए निर्देश जारी किए
'अल्कोहल टेस्टिंग पूरी तरह से समाप्त नहीं की जा सकती': दिल्ली हाईकोर्ट ने एयरपोर्ट पर 'ब्रीथ-एनालाइजर टेस्ट' के लिए निर्देश जारी किए

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि कि अल्कोहल टेस्टिंग पूरी तरह से समाप्त नहीं की जा सकती है, क्योंकि यह यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक हो सकता है। इसके साथ ही कोर्ट ने एयरपोर्ट पर सभी एटीसी, पायलट, केबिन क्रू और अन्य कर्मी के लिए ब्रीथ एनालाइज़र टेस्ट के लिए कई निर्देश जारी किए।ब्रीथ-एनालाइजर टेस्ट यानी सांसों में अल्कोहल की मात्रा जांचने का टेस्ट, जो यह पता लगाता है कि व्यक्ति नशे में है या नहीं।न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की एकल न्यायाधीश पीठ ने निम्नलिखित निर्देश जारी...

बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
[ चश्मदीद ने देखा, मृतका का गला उसके भाई ने ही घोंटा ] – बॉम्बे हाईकोर्ट ने मां को जमानत दी, जिसने प्रेम प्रसंग के कारण बेटी की हत्या की बात 'कबूल' की थी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 40 वर्षीया उस महिला की जमानत मंजूर कर ली, जिसने कथित तौर पर अपनी 23 वर्षीया बेटी के अपनी पसंद के लड़के के साथ घर से भागने के प्रयास के बाद उसकी हत्या करने का दावा किया था। न्यायमूर्ति प्रकाश नायक ने पापू वाघेला (मृतका की मां) को चश्मदीद गवाह की उस गवाही के आधार पर जमानत दे दी जिसमें कहा गया कि मृतका के भाई (सह - अभियुक्त) ने अपनी बहन की हत्या उसके ही दुपट्टे से गला घोंटकर कर दी थी।कोर्ट ने कहा, "चश्मदीद गवाह के बयान में कहा गया है कि उसने सह – अभियुक्त को मृतका का गला घोंटते...

समाज का पूरा सामाजिक ताना-बाना बिगड़ जाएगा: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट  ने एक लिव-इन कपल को संरक्षण देने  से इनकार किया
''समाज का पूरा सामाजिक ताना-बाना बिगड़ जाएगा'': पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक लिव-इन कपल को संरक्षण देने से इनकार किया

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार (12 मई) को एक लिव-इन कपल को संरक्षण देने से इनकार करते हुए कहा कि ''अगर जिस तरह के संरक्षण का दावा किया गया है,उसकी अनुमति दे दी जाती है, तो इससे समाज का पूरा सामाजिक ताना-बाना बिगड़ जाएगा।'' इस कपल ने अपनी याचिका में बताया था कि उनको कथित रूप से लड़की के परिवार से खतरा है। न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, ''याचिकाकर्ता नंबर 1 (लड़की) मुश्किल से 18 साल की है जबकि याचिकाकर्ता नंबर 2 (लड़का) 21 साल का है। वे लिव-इन रिलेशनशिप में एक साथ...

ऑक्सीजन की कमी से जान गंवाने वाले COVID रोगियों को राज्य सरकार को मुआवजा देना चाहिएः कर्नाटक हाईकोर्ट
ऑक्सीजन की कमी से जान गंवाने वाले COVID रोगियों को राज्य सरकार को मुआवजा देना चाहिएः कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार को नोटिस दिया कि अगली तारीख को वह ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के कारण चामराजनगर के COVID अस्पताल में मारे गए 24 लोगों के परिवार के सदस्यों को मुआवजा देने के मुद्दे पर विचार करेगा।चीफ जस्टिस अभय ओका और ज‌स्टिस अरविंद कुमार की खंडपीठ ने कहा, "राज्य सरकार को पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा देने के मुद्दे पर स्टैंड लेना होगा....। रिट कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत नागरिकों को दिए गए मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के लिए मुआवजा दे सकती है। हमने राज्य को नोट‌िस...

COVID 19 के दौरान फेस मास्क न पहनने पर एफआईआर दर्ज होने के कारण एक व्यक्ति को नहीं मिला पासपोर्ट : मद्रास हाईकोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर इसे जारी करने का निर्देश दिया
COVID 19 के दौरान फेस मास्क न पहनने पर एफआईआर दर्ज होने के कारण एक व्यक्ति को नहीं मिला पासपोर्ट : मद्रास हाईकोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर इसे जारी करने का निर्देश दिया

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में उस व्यक्ति को बड़ी राहत प्रदान की, जिसे एफआईआर के कारण पासपोर्ट नहीं मिल सका था। उसके खिलाफ यह एफआईआर कोरोना महामारी के दौरान दोपहिया चलाते वक्त कथित तौर पर फेस मास्क नहीं लगाने के आरोप में दर्ज किया गया था। न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश की एकल बेंच ने पासपोर्ट अधिकारियों को सभी अन्य शर्तों से संतुष्ट होने के बाद उसके आवेदन पर विचार करने का निर्देश दिया।बेंच ने महत्वपूर्ण तौर पर यह टिप्प्णी की,"केवल एफआईआर दर्ज करने को आपराधिक मुकदमे के तौर पर तब तक नहीं देखा जा सकता...

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड द्वारा एक किशोर को दोषी ठहराया जाना रोजगार के लिए अयोग्यता नहीं है, इसके प्रकटीकरण की आवश्यकता उसकी निजता, अनुच्छेद 21 का उल्लंघन करती है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
'जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड द्वारा एक किशोर को दोषी ठहराया जाना रोजगार के लिए अयोग्यता नहीं है, इसके प्रकटीकरण की आवश्यकता उसकी निजता, अनुच्छेद 21 का उल्लंघन करती है': इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि आपराधिक अभियोजन का सामना किए एक किशोर की नियुक्ति को लेकर यह राय बनाना कि वह इस नियुक्ति के लिए एक उम्मीदवार के रूप में आयोग्य है, यह मनमाना, अवैध और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।कोर्ट ने इसके अलावा कहा कि नियुक्त करने वाला व्यक्ति किसी भी उम्मीदवार को एक किशोर के रूप में सामना किए गए आपराधिक अभियोजन के विवरण का प्रकटीकरण करने के लिए नहीं कह सकता है।कोर्ट ने यह भी कहा है कि एक किशोर के रूप में सामना किए गए आपराधिक मुकदमों के विवरण का...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 16 साल की यौन उत्पीड़न पीड़िता को 23 सप्ताह का गर्भ समाप्त करवाने की अनुमति दी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 16 साल की यौन उत्पीड़न पीड़िता को 23 सप्ताह का गर्भ समाप्त करवाने की अनुमति दी

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को यौन उत्पीड़न की शिकार एक 16 साल की किशोरी को 23 हफ्ते का गर्भ समाप्त करवाने की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति केके टटेड और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की अवकाश पीठ ने नाबालिग के पिता की तरफ से दायर याचिका को स्वीकार कर लिया है। बेंच ने अपने आदेश में कहा कि, ''...इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस गर्भावस्था को जारी रखने से याचिकाकर्ता के मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर चोट पहुंच रही है। इसके अलावा, निश्चित रूप से, उसकी 16 वर्ष की उम्र को देखते हुए, उसके जीवन के लिए एक अंतर्निहित...

दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू में ऑक्सीजन युक्त बेड के साथ एक समर्पित कोविड हेल्थ सेंटर स्थापित करने का निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू में ऑक्सीजन युक्त बेड के साथ एक समर्पित 'कोविड हेल्थ सेंटर' स्थापित करने का निर्देश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार (13 मई) को COVID-19 पॉजिटिव व्यक्तियों को तत्काल आइसोलेट करने के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के अंदर एक 'कोविड केयर सेंटर' स्थापित करने का निर्देश दिया।न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की खंडपीठ ने कहा कि एक समर्पित 'कोविड केयर सेंटर' स्थापित करने से आसानी से कोविड पॉजिटिव व्यक्तियों को तुरंत आइसोलेट किया जा सकता है और उनके बुनियादी मानकों की निगरानी की जा सकेगी।कोर्ट के समक्ष मामलाकोर्ट में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र संघ और शिक्षक संघ और...

जिला अदालतों को ऐसे आदेश पारित नहीं करने चाहिए, जिससे न्यायपालिका की बदनामी हो: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने COVID टीकाकरण सेवा चलाने वाले सीएमओ के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर रोक लगाई
'जिला अदालतों को ऐसे आदेश पारित नहीं करने चाहिए, जिससे न्यायपालिका की बदनामी हो': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने COVID टीकाकरण सेवा चलाने वाले सीएमओ के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर रोक लगाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जो टीकाकरण सेवाएं चला रहा था, के खिलाफ एक न्याय‌िक अधिकारी के आदेश पर दर्ज एफआईआर पर रोक लगा दी है। मुख्य‌‌ चिकित्सा अधिकारी पर कथित रूप से झूठा चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी करने का आरोप था।जस्टिस डॉ कौशल जयेंद्र ठाकर और जस्टिस अजीत सिंह की खंडपीठ ने पूरे राज्य के जिला न्यायालयों के सभी न्यायाधीशों से "अधिक सावधान" रहने और ऐसे आदेश पारित करने से, विशेष रूप से महामारी के दौर में, खुद को रोकने का आग्रह किया है, ‌जिससे राज्य की न्यायिक प्रणाली की बदनामी...

COVID-19- यह एक युद्ध जैसी स्थिति है, उन सभी के लिए अतिरिक्त स्ट्रेचर खरीदे जाएं जिन्हें उपचार की आवश्यकता है: मद्रास हाईकोर्ट
COVID-19- 'यह एक युद्ध जैसी स्थिति है, उन सभी के लिए अतिरिक्त स्ट्रेचर खरीदे जाएं जिन्हें उपचार की आवश्यकता है': मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार (13 मई) को कहा कि यह एक युद्ध जैसी स्थिति है, जहां इलाज की आवश्यकता लगभग सभी को है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि सरकारी अस्पतालों द्वारा अतिरिक्त स्ट्रेचर उन सभी के लिए खरीदे जाएं जिन्हें उपचार की आवश्यकता है।मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की पीठ ने मंगलवार फिर से तमिलनाडु और पुडुचेरी राज्य में COVID-19 प्रतिक्रिया की निगरानी से संबंधित खुद से लिए गए स्वत: संज्ञान याचिका पर विचार किया।वैक्सीनकोर्ट ने कहा कि राज्य में टीकाकरण की कमी है और...