मुख्य सुर्खियां
'डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन के लिए केंद्र की अनुमति का इंतजार न करें, हम अनुमति देंगे': बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी से कहा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन नीति पर विचार करने के लिए भारत सरकार को बार-बार निर्देश देने के बाद बीएमसी से पूछा कि क्या वे 75 साल से अधिक उम्र, विकलांग और बिस्तर पर पड़े नागरिकों के लिए इस तरह का कार्यक्रम शुरू कर सकते हैं।मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने नगर आयुक्त से कहा कि वह गुरुवार तक उन्हें बताएं कि क्या वह केंद्र सरकार की अनिच्छा के बावजूद ऐसी नीति पेश कर सकते हैं।पीठ ने कहा,"हम नगर आयुक्त या निगम के अतिरिक्त नगर आयुक्त से हमें यह अवगत...
'अर्नेश कुमार' मामले के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर हुई गिरफ्तारी के आधार पर आरोपी जमानत लेने का हकदार: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय
कुछ दिनों पहले जेलों में भीड़भाड़ कम करने पर जोर देने के बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार (17 मई) को उच्चाधिकार प्राप्त समिति को प्राप्त सुझावों पर विचार करने और कैदियों की रिहाई पर अपनी सिफारिश करने का निर्देश दिया।चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की खंडपीठ ने COVID-19 की दूसरी लहर के बाद देश और मध्य प्रदेश की अभूतपूर्व स्थितियों के मद्देनजर शुरू की गई एक स्वतः संज्ञान रिट याचिका पर यह निर्देश दिया।सोमवार को कोर्ट को बताया गया कि 12 मई को उच्चाधिकार प्राप्त समिति की हुई बैठक में...
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मध्य प्रदेश और गुवाहाटी उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश की
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने छह न्यायिक अधिकारियों को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने का प्रस्ताव दिया है। वो हैं:1. अनिल वर्मा2. अरुण कुमार शर्मा 3. सत्येंद्र कुमार सिंह 4. सुनीता यादव 5. दीपक कुमार अग्रवाल 6. राजेंद्र कुमार (वर्मा) इसके साथ ही कॉलेजियम ने न्यायिक अधिकारी रॉबिन फुकन को गुवाहाटी हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने का भी प्रस्ताव किया है।नोटिफिकेशन डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें
''नौकरशाही और राजनीतिक नेताओं के लिए विफलताओं और अक्षमताओं को स्वीकार करना बहुत मुश्किल '': दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा है कि नौकरशाही और आज के राजनीतिक नेताओं के लिए विफलताओं और उनकी अक्षमता को स्वीकार करना बहुत मुश्किल है और यह उनकी रगों में नहीं है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ दिल्ली ज्यूडिशियल मेंबर एसोसिएशन की तरफ से दायर एक आवेदन पर विचार कर रही थी। इस आवेदन में यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी कि न्यायिक सदस्यों और उनके परिवार को जिलों के भीतर एक केंद्रीकृत तंत्र स्थापित करके और प्रत्येक जिले में अस्पताल बनाकर पर्याप्त...
नारदा केस- 'क्या आप इस बात से इनकार करते हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई ऑफिस के सामने धरने पर बैठी थीं'? कोर्ट ने पूछा; 'लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन किया गया': सीनियर एडवोकेट एएम सिंघवी ने कहा
कलकत्ता हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने आज (बुधवार) कहा कि नारदा घोटाला मामले में सोमवार को चार टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ सीबीआई कार्यालय के बाहर सीएम ममता बनर्जी के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन विरोध का लोकतांत्रिक तरीका था।वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी आरोप लगाया कि गैर-कानूनी तरीके से गिरफ्तारियां की गईं और लोगों को केंद्रीय एजेंसी की ऐसी गैर-कानूनी कार्रवाइयों के खिलाफ विरोध करने का अधिकार है।सीनियर एडवोकेट सिंघवी ने उच्च न्यायालय से कहा कि सीबीआई ने गिरफ्तारी से पहले...
राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राज्य में COVID-19 प्रबंधन से संबंधित मामलों की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग किए जाने की मांग की गई
राजस्थान हाईकोर्ट के समक्ष एक जनहित याचिका (PIL) याचिका दायर कर राज्य में COVID-19 की स्थिति से संबंधित मामलों में अदालत की कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीम किए जाने की मांग की है, जिससे आम जनता आसानी से उसे समज सके।एडवोकेट अर्पित गुप्ता द्वारा दायर याचिका में राजस्थान हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को लाइव स्ट्रीमिंग तंत्र स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई है।याचिका प्रस्तुत करती है,"ये कार्यवाहियां असाधारण सार्वजनिक महत्व की हैं, जैसे कि राजस्थान राज्य में प्रचलित COVID-19...
'18-45 आयु वर्ग के लिए COVID-19 वैक्सीन उपलब्ध नहीं': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य के वकील को यूपी सरकार से निर्देश प्राप्त करने के लिए कहा
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सरकारी वकील को राज्य में COVID-19 की वैक्सीन की उपलब्धता के संबंध में विशेषकर 18-45 आयु वर्ग के व्यक्तियों के संबंध में निर्देश प्राप्त करने के लिए कहा है।जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस सौरभ लावानिया की खंडपीठ ने एडवोकेट हरि प्रसाद गुप्ता द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया है।खंडपीठ ने कहा कि याचिका बड़े पैमाने पर जनता और वकीलों और उनके वार्डों के लिए चिकित्सा सुविधाओं और सेवाओं से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को...
राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम बापू की मेडिकल रिपोर्ट तलब की
राजस्थान हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास की सजा पाने वाले आसाराम बापू की चिकित्सा स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है।आसाराम बापू का वर्तमान में एम्स, जोधपुर में इलाज चल रहा है।न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति देवेंद्र कच्छवाहा की खंडपीठ ने चिकित्सा आधार पर आसाराम की सजा को स्थगित करने की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए 21 मई को नवीनतम चिकित्सा रिपोर्ट अपने अवलोकन के लिए तलब की है।न्यायमूर्ति विनीत कुमार माथुर की एक अन्य पीठ आसाराम के बेटे द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रही...
राजस्थान हाईकोर्ट ने COVID-19 के शिकार प्राइवेट डॉक्टरों के लिए 50 लाख की अनुग्रह राशि की मांग करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ ने COVID-19 संक्रमण के शिकार हुए प्राइवेट डॉक्टरों के परिवारों/आश्रितों को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की मांग वाली एक याचिका पर नोटिस जारी किया है।न्यायमूर्ति संजीव प्रकाश शर्मा की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई 7 जुलाई को तय की है।याचिका एक होम्योपैथिक डॉक्टर की पत्नी ने दायर की है। होम्योपैथिक डॉक्टर की पिछले साल COVID-19 संक्रमण के कारण मौत हो गई थी।याचिका में स्वर्गीय डॉक्टर की पत्नी ने कहा कि उसके पति को केंद्र और राजस्थान सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों...
"विचाराधीन कैदियों की तुलना दोषियों से नहीं की जा सकती": उत्तराखंड के कैदी ने राज्य एचपीसी के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
उत्तराखंड के एक विचाराधीन कैदी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए कहा है कि विचाराधीन कैदियों की दोषियों के साथ तुलना करना पैरोल पर कैदियों के मामलों पर विचार करने का एक गलत तरीका है, क्योंकि एक विचाराधीन कैदी को तब तक निर्दोष माना जाता है, जब तक कि वह किसी निचली अदालत द्वारा दोषी साबित नहीं हो जाता।वकील ऋषि मल्होत्रा के माध्यम से अनिल सैनी द्वारा याचिका दायर में यह राज्य हाई पावर्ड कमेटी (एचपीसी) के फैसले को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि यह उन विचाराधीन कैदियों को पैरोल का लाभ...
'बेहद दमनकारी, प्रतिशोधी': राजस्थान हाईकोर्ट ने ICAI के CA छात्र द्वारा COVID-19 के समय परीक्षा पर सवाल उठाने पर उसके परीक्षा परिणाम को रद्द करने के फैसले को रद्द किया
राजस्थान हाईकोर्ट ने भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई) के एक प्रतिशोधी और बेहद दमनकारी फैसले को रद्द किया, जिसमें एक 21 वर्षीय महिला पर ई-मेल के माध्यम से कथित अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए संस्थान ने उसके सीए इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम को रद्द कर दिया था।याचिकाकर्ता ऋष लोढ़ा ने नवंबर 2020 में आईसीएआई अध्यक्ष को एक ईमेल लिखा था जिसमें COVID-19 के प्रसार की स्थिति पर प्रकाश डाला गया था और कहा थ कि यदि परीक्षाएं 21 नवंबर से 14 दिसंबर, 2020 के बीच आयोजित की जाती हैं तो इससे...
चित्रकूट जेल फायरिंग मामला: NHRC ने पुलिस और जेल अधिकारियों को नोटिस जारी किया; एटीआर मांगा
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी और चित्रकूट के स्थानीय और जेल अधिकारियों से जिले की एक जेल में हालिया गोलीबारी की घटना पर जवाब मांगा है। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी।14 मई, 2021 को एक कैदी ने कथित तौर पर जेल कर्मियों से पिस्तौल छीन ली थी और दो अन्य कैदियों की हत्या कर दी। इसके बाद जेल स्टाफ की फायरिंग में वह भी मारा गया।राज्य सरकार पहले ही जेल अधीक्षक और जेलर को सुरक्षा चूक के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए निलंबित कर चुकी है।एनएचआरसी ने अब पुलिस महानिदेशक, यूपी...
घरेलू हिंसा कानून की धारा 12 के तहत अर्जी सीआरपीसी की धारा 468 के अंतर्गत लिमिटेशन के दायरे में प्रतिबंधित नहीं होती : कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी है कि घरेलू हिंसा कानून की धारा 12 के तहत दायर की गयी अर्जी आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 468 के अंतर्गत निर्धारित समय सीमा (लिमिटेशन पीरियड) के दायरे से प्रतिबंधित नहीं होती है।न्यायमूर्ति के एस मुद्गल की एकल पीठ ने कहा, "जब घरेलू हिंसा कानून की धारा 12 के तहत दायर अर्जी 'अपराध' शब्द के तहत नहीं आती, तो सीआरपीसी की धारा 468 लागू नहीं होती। इसलिए घरेलू हिंसा कानून की धारा 12 के अंतर्गत दायर अर्जी पर सीआरपीसी की धारा 468 का लागू होना स्पष्ट तौर से गलत...
'आइए साथ मिलकर इसे आजमाएं': केरल हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने अधिवक्ताओं से प्रायोगिक आधार पर ई-फाइलिंग नियमों को अपनाने का आग्रह किया
केरल हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एके जयशंकरन नांबियार ने मंगलवार को उनके सामने सूचीबद्ध मामलों पर सुनवाई करने से पहले बार से नए ई-फाइलिंग नियमों के बारे में अपनी आशंकाओं को दूर करने और इसे प्रयोगात्मक आधार पर अपनाने की अपील की।उन्होंने कहा,"हम सब कुछ आजमा रहे है ... हम इसे एक निकाय के रूप में आजमाएं और अगर यह काम कर रहा है, तो यह अंततः हम सभी को लाभान्वित करने वाला है। ठीक है? यही दर्शन है, जो हमारे निर्णय को सूचित करेगा।"न्यायाधीश ने बार से आग्रह किया,"आइए साथ मिलकर इसे आजमाएं।"न्यायाधीश ने यह भी...
'एक वकील सलाखों के पीछे है; गंभीर मामला है': बॉम्बे हाईकोर्ट ने वकील की गिरफ्तारी पर ठीक से जवाब न देने पर पुलिस को फटकार लगाई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को एक वकील की कथित अवैध गिरफ्तारी और पिछले महीने उसके मुवक्किल की शिकायत पर दर्ज अपहरण और जबरन वसूली के मामले में झूठा फंसाने के संबंध में पुलिस के बदलते बयानों को गंभीरता से लिया है। खंडपीठ का नेतृत्व कर रहे न्यायमूर्ति एसजे कथावाला ने मुख्य लोक अभियोजक दीपक ठाकरे से कहा, ''उन्हें बताएं कि अगर वे अदालत के साथ कोई शरारत करते हैं तो हम उन्हें नहीं बख्शेंगे।'' इसी के साथ पीठ ने नवी मुंबई की खारघर पुलिस को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। खारघर पुलिस ने...
"अपने घर को व्यवस्थित करें": तेलंगाना हाईकोर्ट ने COVID 19 की तीसरी लहर के लड़ाई के इंतजाम पूछे, लॉकडाउन लागू करने पर पुलिस की सराहना की
तेलंगाना उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य सरकार से कहा कि वह अपने घर को व्यवस्थित करे और यह सुनिश्चित करे कि राज्य में कोविड -19 मुद्दों के संबंध में न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों का ईमानदारी से पालन किया जाए।मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली और न्यायमूर्ति बी विजयसेन रेड्डी की एक पीठ ने विस्तृत रणनीति देते हुए एक हलफनामा भी मांगा है कि राज्य ने कोविड -19 की तीसरी लहर से निपटने के लिए क्या चाक-चौबंद प्रबंध किया है जिसकी भविष्यवाणी स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा की जा रही है ताकि सरकार इस दौरान झपकी लेती...
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने केरल हाईकोर्ट को पत्र लिखकर ई-फाइलिंग नियमों पर पुनर्विचार / समीक्षा करने को कहा, बार से चर्चा करने का आग्रह किया
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने केरल हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखकर केरल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को अधिसूचित ई-फाइलिंग नियमों पर पुनर्विचार / समीक्षा करने और नियमों को अंतिम रूप देने से पहले राज्य बार काउंसिल के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करने के लिए कहा है।बीसीआई की प्रतिक्रिया बार काउंसिल ऑफ केरल के अध्यक्ष एडवोकेट जोसेफ जॉन द्वारा केरल हाईकोर्ट के ई-फाइलिंग नियमों को लागू करने के तरीके और इसमें शामिल प्रक्रियाओं के बारे में आपत्ति जताए जाने के बाद आई है। बार काउंसिल ने 3-6 महीने के...
COVID19- गुवाहाटी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जेल से रिहा किए जाने वाले कैदियों का विवरण मांगा
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने सोमवार को असम की सरकार से सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, जेलों में भीड़भाड़ कम करने के लिए रिहा होने वाले राज्य की जेलों में बंद कैदियों की संख्या के बारे में विवरण मांगा।मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अचिंत्य मल्ला बुजोर बरुआ की खंडपीठ ने आदेश दिया:"आर धर ने मामले का अध्ययन करने के लिए और राज्य की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के बारे में और जानकारी इक्ट्ठा करने के लिए दो दिन का समय मांगा है। इन कैदियों को सुप्रीम कोर्ट के दिनांक 07.05.2021 के निर्देशों के...
यूपी में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर लचर, कमजोर और ध्वस्त है: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुधार के उपाय सुझाए
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार (17 मई) को इस बात पर जोर देते हुए कि कहा कि जब मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर जो सामान्य समय में हमारे लोगों की चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकता था, तो निश्चित रूप से वह वर्तमान महामारी का सामना कैसे कर सकता है?राज्य में लचर स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कई सुझाव दिए।जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की डिवीजन बेंच ने कहा,"जहां तक चिकित्सा के बुनियादी ढांचे का सवाल है, इन कुछ महीनों में हमने महसूस किया है कि आज जिस तरह...
दिल्ली हाईकोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया केस में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाई
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई की उस याचिका पर निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी जिसमें निचली अदालत द्वारा सीबीआई को जांच एजेंसी द्वारा जांच के दौरान एकत्र किए गए दस्तावेजों या दर्ज किए गए बयानों की प्रतियां आरोपी व्यक्तियों को देने के पारित आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी।न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की एकल पीठ ने निचली अदालत के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगा दी। विशेष सीबीआई न्यायाधीश एमके नागपाल द्वारा 5 मार्च को पारित आदेश को चुनौती देते हुए, सीबीआई ने...



















