कोर्ट कार्यवाही की लाइव स्ट्रीम के लिए कोई प्रस्ताव शुरू नहीं हुआ: मद्रास हाईकोर्ट ने आरटीआई के जवाब में कहा
LiveLaw News Network
9 Jun 2021 5:29 AM GMT
![God Does Not Recognize Any Community, Temple Shall Not Be A Place For Perpetuating Communal Separation Leading To Discrimination God Does Not Recognize Any Community, Temple Shall Not Be A Place For Perpetuating Communal Separation Leading To Discrimination](https://hindi.livelaw.in/h-upload/2021/02/17/750x450_389287--.jpg)
मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने एक आरटीआई के जवाब में कहा कि उसने अदालती कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को लागू करने के लिए कदम नहीं उठाए हैं।
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा,
"न्यायालय की कार्यवाही को सार्वजनिक रूप से देखने के लिए मद्रास हाईकोर्ट द्वारा अभी तक नीतिगत निर्णय नहीं लिया गया है।"
कोर्ट ने कहा कि वर्चुअल सुनवाई माइक्रोसॉफ्ट टीम्स प्लेटफॉर्म के जरिए की जा रही है। उत्तर में आगे कहा गया है कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के नियमों के अनुसार, बंद कमरे में आयोजित की जाने वाली कार्यवाही को छोड़कर, न्यायालय बैंडविथ की उपलब्धता के अधीन सार्वजनिक दृश्य प्रदान करने का प्रयास करेगा।
अदालत के जन सूचना अधिकारी द्वारा दिए गए जवाब में कहा गया है,
"हालांकि, अदालती कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग के संबंध में मद्रास हाईकोर्ट द्वारा अभी तक नीतिगत निर्णय नहीं लिया गया है।"
यह प्रतिक्रिया एक स्वतंत्र पत्रकार सौरव दास द्वारा दायर आरटीआई आवेदन पर आई है, जिन्होंने स्वप्निल त्रिपाठी बनाम सुप्रीम कोर्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार कोर्ट की कार्यवाही को लाइव स्ट्रीम करने के लिए क्या कार्रवाई की गई है, इस बारे में जवाब मांगा है।
उपर्युक्त मामले के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने व्यापक जनहित में न्यायालय की कार्यवाही को लाइव-स्ट्रीम करने का निर्णय लिया था।
पांच-न्यायाधीशों की बेंच ने देखा था,
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पिछले साल गुजरात हाईकोर्ट द्वारा YouTube पर न्यायालय की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करने की घोषणा के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने 31 मई को ट्रायल के आधार पर YouTube पर लाइव-स्ट्रीमिंग कार्यवाही शुरू की थी।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट भी कानूनी पत्रकारों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं, जिन्होंने लाइव-स्ट्रीमिंग और लाइव-रिपोर्टिंग की अनुमति के लिए हाईकोर्ट का रुख किया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक स्वागत योग्य कदम में कानूनी पत्रकारों के लिए अपनी वर्चुअल अदालत की कार्यवाही का वीसी लिंक साझा करना शुरू कर दिया है। लिंक हाईकोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
कानूनी पत्रकारों और अधिवक्ताओं अरीब उद्दीन (कानूनी संवाददाता, बार और बेंच) और स्पर्श उपाध्याय (विशेष कानूनी संवाददाता, लाइव लॉ) और चार कानून के छात्रों के साथ हाईकोर्ट में लाइव स्ट्रीमिंग और लाइव रिपोर्टिंग की अनुमति के लिए हाईकोर्ट चले गए थे।
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