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कलकत्ता हाईकोर्ट ने आवासीय परिसर में औद्योगिक इकाई को बंद करने का आदेश
कलकत्ता हाईकोर्ट ने आवासीय परिसर में औद्योगिक इकाई को बंद करने का आदेश

कलकत्ता हाईकोर्ट गुरुवार को एक औद्योगिक इकाई के कामकाज के कारण उनके आवासीय परिसर की शांति और सुरक्षा खतरे को लेकर चिंता जताने वाले कुछ संबंधित निवासियों के बचाव में आया।याचिकाकर्ता की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा,"मैं इस मामले के बारे में प्रथम दृष्टया संतुष्ट हूं, क्योंकि एक याचिकाकर्ता बिना किसी कारण के इस अदालत में आवासीय क्षेत्र में प्रदूषण का आरोप लगाते हुए नहीं आएगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कोलकाता नगर निगम को दिनांक 20.1.2021 का एक अभ्यावेदन भी है।...

सरकार चूहे-बिल्ली का खेल खेल रही है, कोर्ट के साथ ईमानदार रहना चाहिए: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चार धाम यात्रा आयोजित करने के फैसले पर राज्य सरकार को फटकार लगाई
"सरकार चूहे-बिल्ली का खेल खेल रही है, कोर्ट के साथ ईमानदार रहना चाहिए": उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चार धाम यात्रा आयोजित करने के फैसले पर राज्य सरकार को फटकार लगाई

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जुलाई में चार धाम यात्रा आयोजित करने के फैसले पर राज्य सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया कि राज्य द्वारा चूहे-बिल्ली का खेल क्यों खेला जा रहा है।मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि चूंकि बेंच इस मामले की सुनवाई (जनवरी 2021) कर रही है। कोर्ट देखा रहा है कि सरकार विवरण छिपा रही है।मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि,"आप तैयारी के साथ क्यों नहीं आते? राज्य सरकार द्वारा अपूर्ण विवरण प्रस्तुत किया जा रहा है।" ...

स्कूल
स्कूल फीस : सुप्रीम कोर्ट ने वार्षिक फीस वसूलने की अनुमति देने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ द्वारा एकल पीठ के फैसले पर रोक लगाने से इनकार करते हुए दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया। इस फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ ने निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों को वार्षिक शुल्क, विकास शुल्क नहीं लेने के लिए सरकारी अधिसूचना को रद्द कर दिया गया था।सुप्रीम कोर्ट ने यह देखते हुए कि विशेष अनुमति याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया कि हाईकोर्ट की खंडपीठ 12 जुलाई को सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार...

वकीलों के बोलने की स्वतंत्रता पर पूर्ण प्रतिबंध: केरल हाईकोर्ट में बार काउंसिल के निर्णयों की आलोचना करने पर अयोग्य ठहराए जाने के नए नियमों के खिलाफ याचिका
"वकीलों के बोलने की स्वतंत्रता पर पूर्ण प्रतिबंध": केरल हाईकोर्ट में बार काउंसिल के निर्णयों की आलोचना करने पर अयोग्य ठहराए जाने के नए नियमों के खिलाफ याचिका

केरल हाईकोर्ट में केरल बार काउंसिल के सदस्य अधिवक्ता राजेश विजयन द्वारा एक याचिका दायर की गई, जिसमें यह आदेश देने की मांग की गई है कि हाल ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के भाग VI के अध्याय II में सम्मिलित धारा V और V-A को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 19 (1) (ए) और 21 के तहत असंवैधानिक हैं।बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने हाल ही में 25 जून 2021 को एक अधिसूचना प्रकाशित की, जिसमें नियमों के भाग VI के अध्याय- II में खंड V और VA को जोड़ा गया था, जिसके अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र में बार काउंसिल के किसी...

जन्म देने के लिए मजबूर करने पर पीड़िता को आजीवन दुःख और बच्चे को तिरस्कार का सामना करना पड़ेगा: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बलात्कार पीड़िता के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति दी
''जन्म देने के लिए मजबूर करने पर पीड़िता को आजीवन दुःख और बच्चे को तिरस्कार का सामना करना पड़ेगा'': छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बलात्कार पीड़िता के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति दी

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक बलात्कार पीड़िता की गर्भावस्था को चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने की अनुमति देते हुए कहा कि अगर उसे बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर किया जाता है तो पीड़िता को मौजूदा सामाजिक परिदृश्य में आजीवन पीड़ा का सामना करना पड़ेगा। न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा कि, ''यह स्पष्ट है कि यदि पीड़िता के साथ बलात्कार किया गया है और उसे मौजूदा सामाजिक परिदृश्य में बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर किया जाता है, तो उसे जीवन भर पीड़ा का सामना करना पड़ेगा। इस तथ्य के...

राष्ट्रपति ने न्यायमूर्ति रवि विजयकुमार मलीमठ को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया
राष्ट्रपति ने न्यायमूर्ति रवि विजयकुमार मलीमठ को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया

न्यायमूर्ति रवि मलीमथ को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। इस संबंध में सोमवार (28 जून) को केंद्र ने एक जुलाई से हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश (भारत के संविधान के अनुच्छेद 223 के अनुसार) के रूप में नियुक्ति करने को लेकर अधिसूचना जारी की।हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति मलीमथ, हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति लिंगप्पा नारायण स्वामी के सेवानिवृत्त होने के परिणामस्वरूप उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के...

राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों के बकाया वेतन का मामला- उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री से बकाया भुगतान सुनिश्चित करने के लिए तुरंत बैठक बुलाने का अनुरोध किया
राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों के बकाया वेतन का मामला- उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री से बकाया भुगतान सुनिश्चित करने के लिए तुरंत बैठक बुलाने का अनुरोध किया

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शनिवार की विशेष सुनवाई में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से अनुरोध किया कि राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों को वेतन का बकाया भुगतान सुनिश्चित करने के लिए तुरंत बैठक बुलाएं, जिसका पिछले पांच माह से भुगतान नहीं हो रहा है। आगे कहा कि राज्य को एकदम धीमे तरीके से काम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि,"त्रासदियों और संकट के समय राज्य केवल वादों से भरा एक गड़गड़ाहट कर रहा है कि यह लोगों के...

बार काउंसिल ऑफ वेस्ट बंगाल ने सीजेआई को पत्र लिखकर कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल को हटाने की मांग की
बार काउंसिल ऑफ वेस्ट बंगाल ने सीजेआई को पत्र लिखकर कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल को हटाने की मांग की

बार काउंसिल ऑफ वेस्ट बंगाल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को एक पत्र लिखकर कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल को हटाने के लिए कहा है।पत्र में कहा गया है,"जस्टिस बिंदल एक पक्षपातपूर्ण, अनुचित और पक्षपाती जज हैं। उनका हाईकोर्ट में बने रहना न्याय के निष्पक्ष वितरण में हस्तक्षेप करता है।"पत्र में कहा गया है कि न्यायमूर्ति बिंदल ने पीड़ित पक्षों को सुनवाई का मौका दिए बिना एक निश्चित राजनीतिक व्यवस्था के सदस्यों के पक्ष में विशेष सीबीआई अदालत द्वारा पारित जमानत के अंतरिम...

पहली नजर  में उसका व्यवहार सामान्य नहीं दिख रहा: दिल्ली हाईकोर्ट ने 498ए के मामले में पिता को महिला की अंतरिम कस्टडी सौंपी
''पहली नजर में उसका व्यवहार सामान्य नहीं दिख रहा'': दिल्ली हाईकोर्ट ने 498ए के मामले में पिता को महिला की अंतरिम कस्टडी सौंपी

एक हैबियस कार्पस याचिका पर विचार करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने उस महिला की अंतरिम कस्टडी उसके पिता को सौंप दी है, जिसे कथित तौर पर उसके पति और ससुराल वालों ने मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया है। आरोप है कि इस प्रताड़ना के कारण महिला की आंशिक याददाश्त चली गई है और वह पूरी तरह से बोल भी नहीं पा रही है। कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में उसका व्यवहार सामान्य नहीं लगता है। न्यायमूर्ति अनूप जे भंभानी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महिला से बातचीत करने के बाद...

लिव-इन-रिलेशनशिप कोई नई घटना नहीं, लेकिन समाज ऐसे रिश्तों को भौंहें चढ़ाए बिना स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
''लिव-इन-रिलेशनशिप कोई नई घटना नहीं, लेकिन समाज ऐसे रिश्तों को भौंहें चढ़ाए बिना स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं'': पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले एक कपल को सुरक्षा प्रदान करते हुए कहा कि,''लिव-इन-रिलेशनशिप आजकल कोई नई घटना नहीं है, लेकिन समाज इतना विकसित नहीं हुआ है कि वह इस तरह के रिश्तों पर भौंहें चढ़ाए बिना ही इनको स्वीकार कर ले।'' जस्टिस राजेश भारद्वाज की एकल पीठ क्रमशः 18 और 19 वर्ष की आयु के एक लड़के और लड़की द्वारा दायर की गई सुरक्षा याचिका पर विचार कर रही थी, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर मिले थे और एक-दूसरे से शादी करना चाहते हैं। यह देखते हुए कि दोनों...

विदेशी अधिनियम या किसी अन्य कानून के उल्लंघन के मामले में विदेशी नागरिक को प्रत्यर्पित करने के आदेश देने का अधिकार मजिस्ट्रेट को नहीं है : तेलंगाना हाईकोर्ट
विदेशी अधिनियम या किसी अन्य कानून के उल्लंघन के मामले में विदेशी नागरिक को प्रत्यर्पित करने के आदेश देने का अधिकार मजिस्ट्रेट को नहीं है : तेलंगाना हाईकोर्ट

तेलंगाना हाईकोर्ट ने विदेशी नागरिक के संबंध में मजिस्ट्रेट द्वारा जारी दो प्रत्यर्पण आदेशों को निरस्त करते हुए कहा है कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत मजिस्ट्रेट को विदेशी अधिनियम या अन्य प्रकार के कानून के उल्लंघन की स्थिति में विदेशी नागरिक को प्रत्यर्पित करने के आदेश देने का अधिकार नहीं है।न्यायमूर्ति के लक्ष्मण की एकल बेंच ने इस प्रकार कहा :"जैसा कि उपर कहा गया है, मजिस्ट्रेट के पास संबंधित अधिनियम या किसी अन्य कानून के प्रावधानों के उल्लंघन के मामले में भी किसी विदेशी नागरिक के...

अपनी मर्ज़ी से जीवन जिएं, गुजरात हाईकोर्ट ने उस जोड़े को साथ रहने की अनुमति दी, जिसे तलाक के लिए मजबूर किया गया
"अपनी मर्ज़ी से जीवन जिएं", गुजरात हाईकोर्ट ने उस जोड़े को साथ रहने की अनुमति दी, जिसे तलाक के लिए मजबूर किया गया

गुजरात उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक अंतर्जातीय जोड़े को फिर से मिलाया, जिसे साल 2017 में शादी के दो सप्ताह के भीतर तलाक के लिए इसलिए मजबूर किया गया था, क्योंकि महिला के परिवार ने उनके रिश्ते को मंजूरी नहीं दी थी।न्यायमूर्ति आरएम छाया और न्यायमूर्ति निरजार देसाई की पीठ पेशे से डॉक्टर हितेंद्रकुमार रणछोड़जी ठाकोर की बंदी प्रत्यक्षीकरण ( Habeas Corpus) याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने 26 वर्षीय नर्स रिंकुबेन को पेश करने की मांग की थी।कोर्ट को बताया गया कि रिंकूबेन की शादी याचिकाकर्ता ठाकोर से...

Writ Of Habeas Corpus Will Not Lie When Adoptive Mother Seeks Child
लिव-इन रिलेशन-''लड़की की बुनियादी जरूरतों का ख्याल रखें, गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करें'': मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पुरूष को निर्देश दिया; पैरा लीगल वालंटियर उनके आवास का दौरा करें

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक 18 वर्षीय लड़की के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने की इच्छा रखने वाले एक व्यक्ति को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि वह न केवल उसकी बुनियादी जरूरतों का बल्कि लड़की की सुख-सुविधाओं का भी ध्यान रखे ताकि वह गरिमापूर्ण जीवन जी पाए। न्यायमूर्ति शील नागू और न्यायमूर्ति आनंद पाठक की खंडपीठ उस व्यक्ति की हैबियस कार्पस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने आरोप लगाया था कि कार्पस/ लड़की ने दिसंबर, 2020 में अपने माता-पिता का घर छोड़ दिया था क्योंकि कार्पस के पिता उसे...

स्कूटर चलाते हुए वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में पेश हुआ वकील, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसकी बात सुनने से इनकार किया
स्कूटर चलाते हुए वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में पेश हुआ वकील, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसकी बात सुनने से इनकार किया

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक मामले में पेश एक वकील की सुनवाई से इनकार कर दिया क्योंकि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मोड के जर‌िए अदालत के समक्ष हो रही सुनवाई में स्कूटर चला रहा था। ज‌स्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस सैयद आफताब हुसैन रिजवी की खंडपीठ ने वकील को भविष्य में सावधान रहने को कहा और भविष्य में इस कृत्य को न दोहराने की सलाह दी।कोर्ट ने आदेश में कहा, "याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने स्कूटर पर सवारी करते हुए अदालत को संबोधित करने की कोशिश की। इसलिए, अदालत ने उसे सुनने से इनकार कर...

CrPC की धारा 41ए के तहत पुलिस की ओर से नोटिस जारी होने के बाद भी अग्रिम जमानत की याचिका सुनवाई योग्य : कर्नाटक उच्च न्यायालय
CrPC की धारा 41ए के तहत पुलिस की ओर से नोटिस जारी होने के बाद भी अग्रिम जमानत की याचिका सुनवाई योग्य : कर्नाटक उच्च न्यायालय

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा है कि CrPC की धारा 41ए के तहत पेशी का नोटिस जारी होने के बाद भी गिरफ्तारी की आशंका हमेशा बनी रहती है और ऐसी परिस्थिति में न्यायालय CrPC की धारा 438 के तहत अग्रिम जमानत के आवेदन से बच नहीं सकते हैं।जस्टिस शिवशंकर अमरानवर की सिंगल बेंच ने रामप्पा @ रमेश की अग्रिम जमानत के लिए दायर याचिका की अनुमति देते हुए कहा, "एक व्यक्ति को दो स्थितियों में गिरफ्तार होने की आशंका होती है: - पहला जब उसे संहिता की धारा 41 ए (1) के तहत 'नोटिस' जारी किया जाता है और दूसरा, 'नोटिस' की...

क्या पुलिस आरोपी का पक्ष ले रही है?: झारखंड हाईकोर्ट ने चार्जशीट में पीड़िता को गवाह नहीं बनाने पर अधिकारियों को फटकार लगाई
''क्या पुलिस आरोपी का पक्ष ले रही है?'': झारखंड हाईकोर्ट ने चार्जशीट में पीड़िता को गवाह नहीं बनाने पर अधिकारियों को फटकार लगाई

झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को न्यायिक आदेशों की अवहेलना और कर्तव्य का पालन न करने के मामले में संबंधित जांच अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। न्यायमूर्ति आनंद सेन 13 वर्षीय नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न से संबंधित एक मामले में जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रहे थे। संबंधित मामले में नाबालिग पीड़िता को कई न्यायिक आदेशों के बावजूद न तो चार्जशीट में गवाह बनाया गया और न ही अदालत के समक्ष पेश किया गया। अपराध की गंभीरता को देखते हुए,जांच अधिकारी द्वारा नाबालिग पीड़िता को आरोप पत्र में गवाह न बनाने पर अपनी पीड़ा...

कानून बनाने वालों की अंतरात्मा को झकझोरने के लिए और कितनी निर्भयाओं को बलिदान देना पड़ेगा?: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रेप केस में 15 साल के लड़के को जमानत देने से इनकार किया
''कानून बनाने वालों की अंतरात्मा को झकझोरने के लिए और कितनी निर्भयाओं को बलिदान देना पड़ेगा?'': मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रेप केस में 15 साल के लड़के को जमानत देने से इनकार किया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उस 15 वर्षीय किशोर को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिस पर लगभग 10-11 वर्ष की आयु की नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया गया है और इस घटना के बाद नाबालिग को काफी लंबे समय तक रक्तस्राव हुआ था। न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर की खंडपीठ ने कहा कि बलात्कार का अपराध, दैहिक प्रकृति का होने के कारण, तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि किसी व्यक्ति को इसका विशिष्ट ज्ञान न हो। इसी के साथ पीठ ने परिवीक्षाधीन अधिकारी के उस अवलोकन से सहमत होने से इनकार कर दिया कि बलात्कार का...

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निजी अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए निर्धारित अधिकतम दरों पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निजी अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए निर्धारित अधिकतम दरों पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया अवलोकन करने के बाद राज्य सरकार को प्राइवेट अस्पतालों में COVID-19 के इलाज के लिए उसके द्वारा निर्धारित अधिकतम दरों पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है।मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति मनश रंजन पाठक की खंडपीठ ने आदेश दिया:"..प्रथम दृष्टया यह थोड़ा ऊंची प्रतीत होता है। हम केवल राज्य सरकार को निर्देश दे सकते हैं कि वह सभी हितधारकों को सुनने के बाद सिंगल केबिन की दर सहित इन कीमतों पर पुनर्विचार कर सकती है।"यह निर्देश तब आया जब न्यायालय मुद्दों को...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने COVID-19 रोगियों के इलाज के खर्च, वैक्सीन का आवंटन और उसकी कीमत, पीड़ितों के परिजनों के लिए कल्याणकारी योजनाओं पर राज्य सरकार से जवाब मांगा
कलकत्ता हाईकोर्ट ने COVID-19 रोगियों के इलाज के खर्च, वैक्सीन का आवंटन और उसकी कीमत, पीड़ितों के परिजनों के लिए कल्याणकारी योजनाओं पर राज्य सरकार से जवाब मांगा

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल (Chief Justice Rajesh Bindal) और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी (Justice Arijit Banerjee) की खंडपीठ जनहित याचिकाओं (PIL) पर सुनवाई कर थी, जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार की COVID-19 प्रबंधन नीति पर जवाब मांगा गया है।याचिका में अदालत से राज्य सरकार को महामारी और आने वाली तीसरी लहर से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए किए गए उपायों पर निर्देश देने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से राज्य को कई पहल सुनिश्चित करने का निर्देश देने का आग्रह किया है जिसमें प्राथमिकता...