'लड़ाई अभी शुरू हुई है': केरल हाईकोर्ट ने शराब की दुकानों के बाहर भीड़ को नियंत्रित करने के प्रयासों की सराहना की

LiveLaw News Network

17 July 2021 5:52 AM GMT

  • केरल हाईकोर्ट

    केरल हाईकोर्ट

    केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आबकारी आयुक्त और केरल राज्य पेय निगम लिमिटेड द्वारा रिटेल शराब की दुकानों के बाहर भीड़ नियंत्रित करने और राज्य भर में ऐसी सुविधाओं के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की।

    न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने टिप्पणी की कि,

    'निश्चित रूप से यह एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन लड़ाई अभी शुरू हुई है।'

    मामले की सुनवाई 30 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

    आबकारी आयुक्त एस अनंतकृष्णन आईपीएस और बीईवीसीओ के प्रबंध निदेशक योगेश गुप्ता आईपीएस वर्चुअल कार्यवाही के लिए अदालत के सामने पेश हुए और बेंच के साथ बातचीत की।

    आबकारी आयुक्त ने प्रस्तुत किया कि वे न्यायालय के निर्देशों के अनुसार राज्य में खुदरा शराब की दुकानों के बाहर भीड़ न हो इसके लिए संयुक्त प्रयास कर रहे है। वे यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठा रहे है कि ऐसे प्रत्येक आउटलेट आवश्यक बुनियादी ढांचे से लैस हों।

    सरकारी वकील एस कन्नन ने कहा कि दो आउटलेट जो पड़ोस में परेशानी पैदा कर रहे हैं, उन्हें उपयुक्त स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इनमें से एक काउंटर उच्च न्यायालय के पास था।

    सिंगल बेंच मामले में उठाए गए कदम से खुश है, हालांकि यह निर्देश जारी होने के 4 साल बाद हुआ है। आबकारी आयुक्त और बीईवीसीओ को अब राज्य में प्रत्येक खुदरा शराब दुकान की सुविधाओं और उपयुक्तता का व्यापक ऑडिट शुरू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हर रिटेल काउंटर का हिसाब देना होगा।

    एस अनंतकृष्णन आईपीएस ने अदालत से सहमति जताई और प्रस्तुत किया कि उचित कदम उठाए जाएंगे जिसके बारे में अदालत को सूचित किया जाएगा। बेंच ने इस कदम के लिए प्रशंसा दर्ज की।

    न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने कहा कि हालांकि, अगली सुनवाई के लिए अधिकारियों की उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होगी, जब तक कि विशेष रूप से न्यायालय द्वारा आदेश नहीं दिया जाता है।

    इसके अतिरिक्त, इस देश के संवैधानिक जनादेश के तहत समाज और ग्राहकों की सामूहिक गरिमा की पर्याप्त रक्षा के लिए आवश्यक उपायों को लागू किया जाना है।

    याचिकाकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट संतोष मैथ्यू ने बीईवीसीओ के प्रबंध निदेशक, जो इस मामले में वर्तमान पदाधिकारी हैं, पर अभियोग की अनुमति मांगी। कोर्ट ने इसकी अनुमति भी दे दी है।

    केस का टाइटल: माय हिंदुस्तान पेंट्स बनाम एस अनंतकृष्णन आईपीएस

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