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COVID 19: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेशों की अवधि को 14 जुलाई तक बढ़ाया
गुवाहाटी हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने शुक्रवार को हाईकोर्ट और अन्य सभी अधीनस्थ न्यायालयों और न्यायाधिकरणों द्वारा पारित सभी अंतरिम आदेशों की अवधी को 14 जुलाई तक बढ़ा दिया।मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया, न्यायमूर्ति एन कोटेश्वर सिंह और न्यायमूर्ति मनश रंजन पाठक की पूर्ण पीठ COVID-19 महामारी के दौरान मामलों की दैनिक वृद्धि के कारण न्यायालय द्वारा स्थापित स्वत: संज्ञान याचिका पर विचार कर रही थी।कोर्ट ने आदेश दिया,"सभी संबंधित पक्षों को सुनने के बाद हमारा विचार है कि आदेश दिनांक 31.05.2021, जिसे बाद में...
"यह राज्य के साधन के अन्यायपूर्ण संवर्धन का किताबी उदाहरण है": मद्रास हाईकोर्ट ने बीएसएनएल को 20 वर्षों तक भूमि का उपयोग ना करने पर फटकार लगाई
मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को बीएसएनएल को एएस मारीमुथु की संपत्ति को केवल एक रुपये की मामूली राशि का भुगतान करके हड़पने पर फटकार लगाई।जस्टिस एन आनंद वेंकटेश की खंडपीठ ने कहा, "यह रिट याचिका एक किताबी उदाहरण है कि कैसे राज्य के एक साधन ने खुद को अन्यायपूर्ण रूप से समृद्ध करने का प्रयास किया है और इस प्रकार याचिकाकर्ता से संबंधित संपत्ति को केवल एक रुपये की मामूली राशि का भुगतान करके.....हड़प लिया है।"कोर्ट का मामलाअदालत याचिकाकर्ता मारीमुथी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने बीएसएनएल को एक...
दिद्दा कॉपीराइट मामला- ऐतिहासिक तथ्यों का कभी कॉपीराइट नहीं किया जा सकता: कंगना रनौत एफआईआर रद्द कराने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंची
अभिनेत्री कंगना रनौत और उनके भाई ने लेखक आशीष कौल की निजी शिकायत पर दीद्दा कॉपीराइट विवाद में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है।कौल ज़ी नेटवर्क के पूर्व कार्यकारी और दीद्दा: द वॉरियर क्वीन ऑफ़ कश्मीर पुस्तक के लेखक हैं।संविधान के अनुच्छेद 226, 227 और सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दायर याचिका में रनौत ने आरोप लगाया कि उन्हें और तीन अन्य को कौल द्वारा आपराधिक कार्यवाही में दुर्भावना से घसीटा गया है, क्योंकि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है।आगे रनौत...
"बेहद दुर्भाग्यपूर्ण", उड़ीसा हाईकोर्ट ने अनावश्यक रूप से सुनवाई स्थगित करने के लिए अनुपस्थित वकील पर पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाया
उड़ीसा हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक वकील पर पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाया। दरअसल, इस मामले के लिए एक विशेष तारीख तय होने के बावजूद वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग मोड में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता का वकील अनुपस्थित रहा था।मुख्य न्यायाधीश डॉ एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति एस के पाणिग्रही की खंडपीठ ने अधिवक्ता संजत दास पर जुर्माना लगाया, जो अपने मामले के दौरान अनुपस्थित थे और अपने सहयोगी को निर्देश दिया कि वे अदालत को सूचित करें कि वह अदालत में उपस्थित होने में असमर्थ हैं।कोर्ट ने कहा कि, "कोर्ट इसकी सराहना...
दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म 'न्याय: द जस्टिस' पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह द्वारा दायर फिल्म निर्माताओं द्वारा अभिनेता के नाम, कैरिकेचर के उपयोग करने और उनके जीवन पर बनी फिल्म "न्याय: द जस्टिस" की ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज करने से रोक लगाने वाली मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया।न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ ने प्रतिवादियों से जवाब मांगा और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 14 जुलाई की तारीख तय की।यह आदेश तब आया जब पीठ ने अपीलकर्ता पिता की...
बार काउंसिल ऑफ राजस्थान ने हाईकोर्ट द्वारा लगाए गए नए COVID-19 प्रतिबंधों का विरोध करते हुए मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा
बार काउंसिल ऑफ राजस्थान ने हाईकोर्ट द्वारा लगाए गए नए COVID-19 प्रतिबंधों का विरोध करते हुए मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा। इस पत्र में हाईकोर्ट द्वारा हाल ही में दिनांक 24.06.2021 को केवल COVID-19 वैक्सीनेशन की दूसरी खुराक के प्रशासन के बाद 14 दिनों की अवधि पूरी कर लेने वाले व्यक्तियों को ही अदालत परिसर में प्रवेश की अनुमति दी गई है।बार काउंसिल ने यह इन प्रतिबंधों को लेकर जारी की गई अधिसूचना का विरोध करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है।पत्र में कहा गया,"अधिवक्ताओं के...
राजस्थान हाईकोर्ट 28 जून से मामलों की हाइब्रिड सुनवाई शुरू करेगा
राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को अधिसूचित किया कि वह 28 जून 2021 से मामलों की नियमित सुनवाई को हाइब्रिड तरीके से फिर से शुरू करेगा। इसमें पक्षकारों को शारीरिक रूप से या वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उपस्थित होने के बीच चयन करने की अनुमति होगी।हालांकि, अदालत परिसर में प्रवेश की अनुमति केवल उन्हीं व्यक्तियों को दी जाएगी, जिन्होंने COVID-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के बाद 14 दिन पूरे कर लिए हैं। छूट केवल उन्हीं व्यक्तियों को दी जाएगी, जिनका वैक्सीनेशन के बाद केंद्र/राज्य सरकार की सलाह के अनुसार...
छत्रसाल स्टेडियम मर्डर केस: दिल्ली कोर्ट ने सुशील कुमार की न्यायिक हिरासत 9 जुलाई तक बढ़ाई
दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को पूर्व जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियन सागर धनखड़ की छत्रसाल स्टेडियम हत्या मामले में ओलंपिक पहलवान सुशील कुमार और उनके सहयोगी अजय कुमार की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी। दोनों अब नौ जुलाई तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे।मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट मयंक अग्रवाल ने सुशील कुमार को उनकी न्यायिक हिरासत पूरी होने पर अदालत में पेश किए जाने के बाद आदेश दिया, जिसे पहले 9 दिन बढ़ाकर 25 जून तक कर दिया गया था।अदालत ने दिल्ली पुलिस द्वारा तीन दिन की पुलिस हिरासत की मांग...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पत्रकारों की लाइव रिपोर्टिंग की मांग वाली याचिका पर कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की।जनहित के मामलों से संबंधित अदालती कार्यवाही में भाग लेने और रिपोर्ट करने के अपने मौलिक अधिकारों का दावा करते हुए चार पत्रकारों ने लाइव-स्ट्रीमिंग और लाइव-रिपोर्टिंग की अनुमति के लिए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।लीगल जर्नलिस्ट नुपुर थपलियाल (विधि संवाददाता, लाइव लॉ), स्पर्श उपाध्याय (विशेष संवाददाता, लाइव लॉ), अरीब उद्दीन अहमद (विधि संवाददाता,...
उत्तर प्रदेश पुलिस ने गरीब नवाज मस्जिद विध्वंस मामले में द वायर और दो पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की
उत्तर प्रदेश पुलिस ने उत्तर प्रदेश में कथित गरीब नवाज मस्जिद (राम सनेही घाट, बाराबंकी) के अवैध विध्वंस के मुद्दे पर खबर चलाने के मामले में न्यूज पोर्टल, द वायर और पोर्टल से जुड़े दो पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।पत्रकार सिराज अली और मुकुल चौहान के खिलाफ मस्जिद के कथित अवैध विध्वंस के बारे में एक वीडियो रिपोर्ट बनाने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी)की धारा 153, 153 ए, 120-बी और 501 (1) बी के तहत अपराध के लिए एफआईआर दर्ज की गई है।दो पत्रकारों और द वायर के अलावा, प्राथमिकी में मस्जिद समिति...
शिक्षा का अधिकार: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बाल गृह में जुवेनाइल के लिए ऑनलाइन ट्यूशन कोर्स का आदेश दिया
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सभी के लिए शिक्षा के अधिकार पर जोर देते हुए हरिद्वार में बाल गृह के अधीक्षक को स्नातक के लिए नामांकन करने के इच्छुक जुवेनाइल/किशोरों की ऑनलाइन ट्यूशन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने कहा,"भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत, शिक्षा का अधिकार जीवन के अधिकार का एक हिस्सा है।"पीठ सामूहिक बलात्कार के अपराध के लिए धारा 376-डी, 120बी, 34 आईपीसी और पोक्सो अधिनियम की धारा 5/6 के तहत दोषी ठहराए गए...
सेवा लाभ- लिव-इन रिलेशनशिप में रही महिला साथी के पास कानूनी रूप से विवाहित पत्नी से बेहतर दावा नहीं हो सकता: केरल उच्च न्यायालय
केरल उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने बुधवार को एक वैवाहिक अपील पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा, जब एक पुरुष और दो महिलाओं का लंबे समय तक साथ रहने का सबूत है, एक औपचारिक विवाह के कारण साथ रहती है, जबकि दूसरी के साथ ऐसा नहीं है तो वैध विवाह की धारणा पहले के पक्ष में झुक जाती है।जस्टिस ए. मोहम्मद मुस्ताक और जस्टिस कौसर एडप्पागथ की खंडपीठ ने कहा, "यह सच है कि लिव-इन रिलेशनशिप या नॉन-फॉर्मल रिलेशनशिप में शामिल पक्षों को, जो लंबे समय तक एक साथ रहे हैं, उन्हें रखरखाव और घरेलू हिंसा से...
"यह उदाहरण है कि कैसे निर्णय नहीं लिखा जाना चाहिए": पटना हाईकोर्ट ने दहेज हत्या मामले में मृत्युदंड की सजा रद्द की
पटना हाईकोर्ट ने दहेज हत्या मामले में निचली अदालत के मृत्युदंड की सजा के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि यह उदाहरण है कि कैसे निर्णय नहीं लिखा जाना चाहिए।कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट को आरोपियों के आचरण के संबंध में अपने फैसले में निंदात्मक और अपमानजनक टिप्पणी करने से बचना चाहिए।न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार सिंह और न्यायमूर्ति अरविंद श्रीवास्तव की खंडपीठ ने कहा कि, "विचाराधीन निर्णय इस बात का उदाहरण है कि निर्णय कैसे नहीं लिखा जाना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बार-बार इस बात पर जोर दिया गया है कि...
"कुंभ मेले के आयोजन और परिणामस्वरूप हुई मौतों के बीच स्पष्ट सह-संबंध, तीर्थस्थलों पर भीड़ जुटने की अनुमति देकर COVID को फिर आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए: उत्तराखंड हाईकोर्ट
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार को चार धाम यात्रा और धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में भीड़ जुटने की अनुमति देकर, COVID महामारी को फिर से आमंत्रित नहीं करना चाहिए।चीफ जस्टिस राघवेंद्र सिंह चौहान और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सरकार से कहा कि वह एक जुलाई, 2021 को चार धाम यात्रा शुरू करने के अपने फैसले की समीक्षा करे।कोर्ट ने कहा, "शायद चार धाम यात्रा को स्थगित या रद्द करने की जरूरत है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पहले ही अमरनाथ यात्रा रद्द कर दी है।"कोर्ट ने...
2053 वैक्सीन घोटाले के पीड़ितों पर वैक्सीनेशन के प्रभावों का पता लगाएं: बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और बीएमसी से कहा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और बीएमसी को मुंबई में अनधिकृत COVID-19 वैक्सीनेशन शिविरों के 2053 पीड़ितों से निपटने की योजना भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में बताने के लिए अलग-अलग हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है।मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि बीएमसी को पहले पीड़ितों की एंटीबॉडी की जांच करनी होगी और फिर उन्हें टीका लगाने के तौर-तरीकों पर काम करना होगा, क्योंकि कई मामलों में पीड़ितों को पहले से ही टीका प्रमाण...
समुदाय के सदस्यों द्वारा महिला से शादी का अधिकार छीनने के कृत्य की निंदा की जानी चाहिएः गुजरात हाईकोर्ट
गुजरात हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते फैसला सुनाया है कि समुदाय के सदस्यों द्वारा एक महिला से शादी करने के अधिकार को छीनने, हिंसा और उत्पीड़न करने की कार्रवाई की निंदा की जानी चाहिए। न्यायमूर्ति गीता गोपी की खंडपीठ ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कहा कि एक बालिग महिला को अपनी शादी करने और अपने भविष्य के बारे में फैसला करने का अधिकार है। इसलिए, बेंच ने उन दोनों आवेदनों को खारिज कर दिया, जिसमें आरोपियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की प्रार्थना की गई थी, जो कि लड़की के रिश्तेदार हैं। इन सभी...
'ज़बरदस्ती वैक्सीनेशन मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है': मेघालय हाईकोर्ट
मेघालय हाईकोर्ट ने कहा कि अनिवार्य या ज़बरदस्ती वैक्सीनेशन करना कानून के तहत उचित नहीं है और इसलिए इसे शुरू से ही अधिकारातीत घोषित किया जाना चाहिए।कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि टीकाकरण के संबंध में लोगों के पास सूचित विकल्प है, सभी दुकानों, प्रतिष्ठानों, स्थानीय टैक्सियों आदि के टीकाकरण के संबंध में राज्य सरकार को कई निर्देश जारी किए।मुख्य न्यायाधीश विश्वनाथ सोमददर और न्यायमूर्ति एचएस थांगखियू की खंडपीठ ने कहा कि,"भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में स्वास्थ्य के अधिकार को मौलिक अधिकार के...
सीआरपीसी की धारा 24 - "क्या 7 साल से कम प्रैक्टिस वाले अधिवक्ता आपराधिक मामलों में राज्य का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं?" मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार को महत्वपूर्ण आपराधिक मामलों जैसे आपराधिक अपील, सजा के निलंबन, जमानत आवेदन आदि में राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए आवश्यक सात साल के अनुभव के बिना संविदा पर नियुक्त पैनल वकीलों पर गंभीर चिंता व्यक्त की।मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की खंडपीठ ने राज्य और केंद्र से सवाल किया:"क्या कोई पैनल वकील कम से कम सात साल के अभ्यास के बिना और बिना आपराधिक अपील, जमानत आवेदन, आपराधिक संशोधन, सजा के निलंबन के लिए आवेदन, एमसीआरसी आदि जैसे...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बलात्कार मामले में तरुण तेजपाल को बरी करने के खिलाफ अपील पर सुनवाई 29 जुलाई तक स्थगित की
बॉम्बे हाईकोर्ट ने पत्रकार तरुण तेजपाल को बलात्कार के मामले में गोवा के मापुसा में एक फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी।प्रतिवादी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया कि उन्हें अपील की फोटो कॉपी नहीं दी गई है।जवाब में राज्य के लिए उपस्थित महाधिवक्ता ने प्रस्तुत किया कि सभी अनुलग्नकों के साथ अपील की एक संशोधित प्रति प्रतिवादी को एक सप्ताह के भीतर दे दी जाएगी।नतीजतन, कोर्ट ने एडवोकेट जनरल को सभी अनुलग्नकों के साथ...
भारतीय वायु सेना अधिकारी को COVID वैक्सीन लेने से इनकार करने पर नोटिस मिलाः गुजरात हाईकोर्ट ने अस्थायी राहत दी
गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) को उस वायु सेना अधिकारी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया है, जिसने COVID वैक्सीन लेने से इनकार कर दिया था और इसलिए उसे आईएएफ ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था।न्यायमूर्ति ए जे देसाई और न्यायमूर्ति एपी ठाकर की पीठ वायु सेना अधिकारी योगेंद्र कुमार (वर्तमान में गुजरात के जामनगर में तैनात) की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है कि COVID19 वैक्सीन लेने से इनकार करने पर क्यों...


















