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बॉम्बे हाईकोर्ट ने किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समिति के समक्ष 40 हजार मामलों के लंबित होने पर स्पष्टीकरण मांगा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समिति के समक्ष 40 हजार मामलों के लंबित होने पर स्पष्टीकरण मांगा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में एक एनजीओ की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) और बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष 40,051 से अधिक मामलों की सामूहिक लंबितता को चिह्नित किया। जस्टिस नितिन जामदार और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने कहा कि चौंकाने वाले आंकड़े किशोर न्याय अधिनियम 2015 की भावना को खत्म कर रहे हैं।"...किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष लंबित 10,008 मामले और बाल कल्याण समिति के समक्ष लंबित 30,043 मामलों के आंकड़े अधिनियम की भावना को निष्प्रभावी करने के समान...

एनडीपीएस मामले में पंजाब पुलिस के गवाहों के 11 तारीखों पर पेश न होने पर हाईकोर्ट को आरोपियों के साथ उनकी सांठगांठ का संदेह हुआ
एनडीपीएस मामले में पंजाब पुलिस के गवाहों के 11 तारीखों पर पेश न होने पर हाईकोर्ट को आरोपियों के साथ उनकी सांठगांठ का संदेह हुआ

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य में नशीली दवाओं के खतरे को रोकने में निष्क्रियता और ढुलमुल रवैये के लिए पंजाब सरकार की कड़ी आलोचना की है। अदालत ने बताया कि एनडीपीएस अधिनियम के तहत आरोपी व्यक्ति अभियोजन पक्ष के गवाह जो पुलिस अधिकारी हैं, उनकी गैर-मौजूदगी का हवाला देते हुए बार-बार जमानत की मांग कर रहे हैं। जस्टिस मंजरी नेहरू कौल ने कहा, " राज्य द्वारा बार-बार आश्वासन दिए जाने के बावजूद कि इस मामले पर गौर किया जाएगा कि विशेष रूप से एनडीपीएस अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में अभियोजन पक्ष के गवाह...

धारा 17ए पीसी अधिनियम का मकसद लोक सेवकों को ओछी जांच से बचाना है, जांच की मंजूरी अभियोजन के लिए स्वत: मंजूरी नहीं है: कर्नाटक हाईकोर्ट
धारा 17ए पीसी अधिनियम का मकसद लोक सेवकों को ओछी जांच से बचाना है, जांच की मंजूरी अभियोजन के लिए स्वत: मंजूरी नहीं है: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए लोक सेवकों को उनकी आधिकारिक क्षमता में लिए गए निर्णयों से संबंधित जांच से सुरक्षा कवच प्रदान करती है।जस्टिस एन एस संजय गौड़ा ने स्पष्ट किया कि अनुमोदन प्रक्रिया राज्य और उसके कर्मचारियों के हितों को संतुलित करने के लिए बनाई गई है।याचिकाकर्ता ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत उसके खिलाफ जांच करने के लिए राज्य सरकार द्वारा दी गई मंजूरी को चुनौती देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। यह जांच बेंगलुरु...

तलाक की पहल करने वाली मुस्लिम पत्नी खुला की तारीख से सीआरपीसी की धारा 125 के तहत पति से भरण-पोषण की हकदार नहीं: केरल हाईकोर्ट
तलाक की पहल करने वाली मुस्लिम पत्नी 'खुला' की तारीख से सीआरपीसी की धारा 125 के तहत पति से भरण-पोषण की हकदार नहीं: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने माना कि एक मुस्लिम पत्नी जिसने 'खुला' कहकर तलाक लिया है, वह खुला लागू करने के बाद सीआरपीसी की धारा 125 के तहत अपने पति से भरण-पोषण का दावा नहीं कर सकती है।'खुला' द्वारा तलाक, पत्नी के कहने पर और उसकी सहमति से तलाक है, जिसके द्वारा वह पति को विवाह बंधन से मुक्त होने के लिए प्रतिफल देती है या देने के लिए सहमत होती है।सीआरपीसी की धारा 125 (4) का अवलोकन करते हुए, जस्टिस ए बदरुद्दीन ने कहा कि कोई भी पत्नी भरण-पोषण या अंतरिम भरण-पोषण के लिए भत्ता प्राप्त करने की हकदार नहीं होगी, यदि...

वर्चुअल सुनवाई, जजमेंट के अनुवाद में मद्रास हाईकोर्ट शीर्ष पर, ज‌स्टिस एम सुंदर ने नए ई-फाइलिंग सॉफ्टवेयर का उद्घाटन करते हुए कहा
वर्चुअल सुनवाई, जजमेंट के अनुवाद में मद्रास हाईकोर्ट शीर्ष पर, ज‌स्टिस एम सुंदर ने नए ई-फाइलिंग सॉफ्टवेयर का उद्घाटन करते हुए कहा

नए ई-फाइलिंग पोर्टल वर्जन 3.0, ई-बेल बॉन्ड मॉड्यूल और ट्रायल कोर्ट रिकॉर्ड्स सॉफ्टवेयर के डिजिटल ट्रांसमिशन के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए कंप्यूटर समिति के अध्यक्ष जस्टिस एम सुंदर ने कहा कि मद्रास हाईकोर्ट वर्चुअल सुनवाई और अदालती फैसलों के क्षेत्रीय भाषा में अनुवाद के संबंध में चार्ट में शीर्ष पर है।सुप्रीम कोर्ट ई-कमेटी द्वारा उपलब्ध कराए गए सांख्यिकीय आंकड़ों पर भरोसा करते हुए, ज‌स्टिस एम सुंदर ने कहा कि मद्रास हाईकोर्ट में 31 जुलाई, 2023 तक 14,35,227 सुनवाई हुई है, यह 25 हाईकोर्ट में कुल...

मृत कर्मचारी का परिवार 36 साल से पेंशन से वंचित: मद्रास हाईकोर्ट ने अधिकारियों के रवैये को अमानवीय बताया, उचित तंत्र की मांग की
मृत कर्मचारी का परिवार 36 साल से पेंशन से वंचित: मद्रास हाईकोर्ट ने अधिकारियों के रवैये को अमानवीय बताया, उचित तंत्र की मांग की

मद्रास हाईकोर्ट हाल ही में पिछले 36 वर्षों से फैमिली पेंशन पाने के लिए संघर्ष कर रहे परिवार के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने यह भी कहा कि पिछले 36 वर्षों से परिवार को दर-दर भटकाने में अधिकारियों का आचरण, न केवल गैरकानूनी और मनमाना था बल्कि "अमानवीय" भी था, इसी दौरान मृतक कर्मचारी की पत्नी की भी मृत्यु हो गई।कोर्ट ने कहा,“इस तरह के रवैये को गैरकानूनी, मनमाना आदि कहने के बजाय, यह न्यायालय एक शब्द में इसे 'अमानवीय' के रूप में समझा सकता है। ऐसे कृत्य के लिए किसकी जिम्मेदारी तय की जा सकती है यह एक...

पत्नी के पास उच्च शिक्षा की डिग्री होना उसे भरण-पोषण के अधिकार से वंचित करने का आधार नहीं हो सकता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
पत्नी के पास उच्च शिक्षा की डिग्री होना उसे भरण-पोषण के अधिकार से वंचित करने का आधार नहीं हो सकता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह कहा कि यदि पत्नी के पास उच्च शिक्षा की डिग्री है तो यह उसे भरण-पोषण के अधिकार से वंचित करने का आधार नहीं हो सकता। जस्टिस प्रेम नारायण सिंह की पीठ ने पत्नी को प्रति माह 10,000 रुपये का गुजारा भत्ता देने के फैमिली कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते यह टिप्पणी की।कोर्ट ने अपने आदेश में बताया कि सीआरपीसी की धारा 125 समाजवादी कानून का एक हिस्सा है जिसका उद्देश्य समाज में एक जरूरतमंद महिला की स्थिति में सुधार करना है।कोर्ट ने कहा, " सीआरपीसी की धारा 125 के पीछे...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधिकार क्षेत्र से परे कार्य करने, अधिकारियों को बिना कारण तलब करने के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की आलोचना की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधिकार क्षेत्र से परे कार्य करने, अधिकारियों को बिना कारण तलब करने के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की आलोचना की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग और उसके राज्य समकक्ष द्वारा नागरिक विवादों के फैसले की कड़ी निंदा की है, क्योंकि यह राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 और यूपी अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1994 के तहत उन्हें दी गई शक्तियों के दायरे से परे है।जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी और जस्टिस प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने कहा,“हम राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा विवादों पर निर्णय लेने और मामलों पर निर्णय करने के लिए अपनाई गई ऐसी प्रथा की कड़ी निंदा करते हैं, जैसे कि वे अदालतें हों और ऐसे निर्णय को...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कथित तौर पर बाल विवाह कराने के लिए पंडित की खिंचाई की
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कथित तौर पर बाल विवाह कराने के लिए 'पंडित' की खिंचाई की

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने उस पंडित पर कड़ी कार्रवाई की, जिसने कथित तौर पर उम्र की पुष्टि किए बिना और हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन किए बिना बाल विवाह कराया था।सुखविंदर सिंह और अन्य बनाम पंजाब राज्य और अन्य में हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार, पंजाब, हरियाणा और यू.टी. चंडीगढ़ में मंदिर के सभी पंडित, मस्जिद के मौलवी, गुरुद्वारा के ग्रंथी और गिरजाघर के पादरी वर्ष के हर तीन महीने के बाद उस क्षेत्र पर अधिकार क्षेत्र वाले एसएचओ के समक्ष काउंटर-फाइल के साथ अपना रजिस्टर पेश करने का निर्देश दिया गया,...

कर्नाटक हाईकोर्ट ने लिवर डॉक्टर को हिमालय कॉर्पोरेशन के खिलाफ कथित अपमानजनक ट्वीट्स हाइड करने के लिए एक्स अकाउंट तक पहुंचने की अनुमति दी
कर्नाटक हाईकोर्ट ने लिवर डॉक्टर को हिमालय कॉर्पोरेशन के खिलाफ कथित अपमानजनक ट्वीट्स हाइड करने के लिए एक्स अकाउंट तक पहुंचने की अनुमति दी

कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स हैंडल '@theliverdr' संचालित करने वाले डॉ साइरिएक एबी फिलिप्स के अकाउंट को निलंबित करने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को संशोधित किया।जस्टिस एसजी पंडित ने हिमालय वेलनेस कॉरपोरेशन और उसके उत्पादों के खिलाफ कथित मानहानिकारक ट्वीट्स को हाइड करने को कहने के बाद डॉ. फिलिप्स को अपने अकाउंट तक पहुंचने की अनुमति दी।हिमालय ने दलील दी कि डॉ. फिलिप्स कंपनी के उत्पादों के खिलाफ अपमानजनक बयान पोस्ट कर रहे हैं, जिसके कारण उन्हें काफी कारोबार का नुकसान हुआ है। डॉक्टर के...

आप सांसद राघव चड्ढा ने सरकारी बंगले से बेदखली वाले आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया
आप सांसद राघव चड्ढा ने सरकारी बंगले से बेदखली वाले आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया

आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने मंगलवार को ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया, जिस आदेश में राज्यसभा सचिवालय को उन्हें सरकारी बंगले से बेदखल करने की मंजूरी दे दी और रास्ता साफ कर दिया। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संजीव नरूला की खंडपीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया गया, जिसने इसे कल सूचीबद्ध करने की अनुमति दे दी।चड्ढा की ओर से पेश वकील ने अदालत को यह भी बताया कि राघव को विवादित आदेश के अनुपालन में बेदखली नोटिस जारी किया गया है।पिछले हफ्ते...

हिरासत के आदेशों को चुनौती देना, निष्पादन से पहले रोक लगाना साक्ष्य की उचित जांच को रोक सकता है: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
हिरासत के आदेशों को चुनौती देना, निष्पादन से पहले रोक लगाना साक्ष्य की उचित जांच को रोक सकता है: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने माना कि कानूनी चैनलों के माध्यम से निष्पादन से पहले हिरासत के आदेश को चुनौती देने के बाद वे यह तर्क नहीं दे सकते कि वर्तमान स्थिति और हिरासत के आदेश के बीच लाइव लिंक की कमी के कारण आदेश को रद्द कर दिया जाना चाहिए।चीफ जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह और जस्टिस राजेश सेखरी की खंडपीठ ने तर्क दिया कि आदेश को पहले से चुनौती देकर उन्होंने इस बात की उचित जांच को रोक दिया कि क्या हिरासत आदेश के लिए पर्याप्त आधार या सबूत थे।खंडपीठ ने कहा,“..लेकिन यदि याचिकाकर्ताओं और...

चौबीस घंटे का कवरेज निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार को प्रभावित कर रहा है: अभिषेक बनर्जी की पत्नी ने मीडिया कवरेज के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
चौबीस घंटे का कवरेज निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार को प्रभावित कर रहा है: अभिषेक बनर्जी की पत्नी ने मीडिया कवरेज के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा बनर्जी की याचिका पर सुनवाई की, जो पश्चिम बंगाल में बहुस्तरीय भर्ती घोटाले की आरोपी हैं। इस केस की जांच सीबीआई और ईडी द्वारा की जा रही है, जिसमें उन्होंने अपने पति के मुकदमे की मीडिया कवरेज को चुनौती दी है, जिससे पूर्वाग्रह पैदा हो रहा है।जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य की एकल पीठ ने याचिका पर सुनवाई की, जिन्होंने डीएसजी बिल्वादल भट्टाचार्य और एक प्रतिवादी के एक अन्य वकील की प्रार्थना पर मामले को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर...

सीधी पेशाब मामला : मप्र हाईकोर्ट ने आरोपी की एनएसए हिरासत को बरकरार रखा, कहा उसके कृत्य से पूरे राज्य में शांति को खतरा
सीधी पेशाब मामला : मप्र हाईकोर्ट ने आरोपी की एनएसए हिरासत को बरकरार रखा, कहा उसके कृत्य से पूरे राज्य में शांति को खतरा

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सीधी पेशाब मामले में आरोपी बंदी की पत्नी द्वारा उसकी निवारक हिरासत को चुनौती देते हुए दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने कहा कि अधिकारियों ने प्रवेश शुक्ला के खिलाफ उक्त अधिनियम की धारा 3(2) के तहत कार्यवाही शुरू करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 के प्रावधानों का सही ढंग से अनुपालन किया है ताकि उसे कोई भी अपराध करने से रोका जा सके। आगे चलकर कानून और व्यवस्था बनाए रखने पर प्रतिकूल प्रभाव...

अनुच्छेद 226 | आपराधिक रिट क्षेत्राधिकार में एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ इंट्रा-कोर्ट रिट सुनवाई योग्य नहीं: गुवाहाटी हाईकोर्ट
अनुच्छेद 226 | आपराधिक रिट क्षेत्राधिकार में एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ इंट्रा-कोर्ट रिट सुनवाई योग्य नहीं: गुवाहाटी हाईकोर्ट

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत आपराधिक रिट क्षेत्राधिकार के प्रयोग में एकल न्यायाधीश पीठ द्वारा पारित आदेश या निर्णय के खिलाफ इंट्रा-कोर्ट रिट दायर नहीं की जा सकती।चीफ जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस कार्डक एटे की खंडपीठ ने अदालत के नियमों को स्पष्ट करने का निर्देश दिया कि ऐसे मामलों में किसी भी इंट्रा-कोर्ट रिट की अनुमति नहीं है।खंडपीठ ने कहा,“यहां ऊपर की गई चर्चा के संबंध में हमारा दृढ़ विचार है कि इंट्रा-कोर्ट रिट अपील संविधान के अनुच्छेद 226 के...

महिला सुरक्षा : छेड़छाड़ के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए बसों में पोस्टर लगाने पर हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा
महिला सुरक्षा : छेड़छाड़ के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए बसों में पोस्टर लगाने पर हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने महिला सुरक्षा को मजबूत करने के लिए छेड़छाड़ के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में बसों और अन्य सार्वजनिक परिवहन में पोस्टर या होर्डिंग्स लगाने पर दिल्ली सरकार से उसका रुख पूछा है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संजीव नरूला की खंडपीठ ने दिल्ली सरकार के अनुरोध को स्वीकार कर लिया और उसके वकील को उक्त पहलू पर निर्देश लेने के लिए छह सप्ताह का समय दिया।पीठ निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले के बाद राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे से...

हाई लेवल कास्ट स्क्रूटनी कमेटी का अधिकार क्षेत्र केवल तभी जब जाति प्रमाण पत्र की शुद्धता मुद्दा हो, न कि तब जब प्रमाण पत्र खुद जाली हो: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
हाई लेवल कास्ट स्क्रूटनी कमेटी का अधिकार क्षेत्र केवल तभी जब जाति प्रमाण पत्र की 'शुद्धता' मुद्दा हो, न कि तब जब प्रमाण पत्र खुद 'जाली' हो: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर खंडपीठ ने हाल ही में 'जाली' दस्तावेजों और उन दस्तावेजों के बीच मौजूद स्पष्ट अंतर को दोहराया है जिन्हें 'संदिग्ध या गलत' माना जा सकता है।एक अभ्यर्थी ने उसे 'पटवारी' के पद पर नियुक्त करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर फैसला सुनाते हुए, जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की सिंगल जज बेंच ने याचिकाकर्ता उम्मीदवार की ओर से प्रस्तुत जाति प्रमाण पत्र की सत्यता के बारे में उप मंडल अधिकारी, शोहागपुर द्वारा दायर जांच रिपोर्ट को रद्द करने से इनकार कर दिया।एसडीओ, शोहागपुर...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पैरेंस पैट्रिया के सिद्धांत का इस्तेमाल करते हुए कोमा में पड़े पति के संरक्षक के रूप में पत्नी को नियुक्त किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 'पैरेंस पैट्रिया' के सिद्धांत का इस्तेमाल करते हुए कोमा में पड़े पति के संरक्षक के रूप में पत्नी को नियुक्त किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न्याय के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए याचिकाकर्ता-पत्नी को उसके पति, जो स्थायी रूप से निष्क्रिय अवस्था में है, के संरक्षक के रूप में नियुक्त करने के लिए 'पैरेंस पैट्रिया' के सिद्धांत को लागू किया है। जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी और जस्टिस प्रशांत कुमार की पीठ ने कहा,“मानसिक अक्षमता को एक असाधारण परिस्थिति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है जो इस क्षेत्राधिकार के प्रयोग को उचित ठहराएगा। यदि न्यायालय इस बात से संतुष्ट है कि संबंधित व्यक्ति निष्क्रिय अवस्था में है, तो निश्चित रूप...

उमेश पाल हत्याकांड | मारे गए गैंगस्टर अतीक अहमद के भाई की पत्नी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर की याचिका, एफआईआर को चुनौती
उमेश पाल हत्याकांड | मारे गए गैंगस्टर अतीक अहमद के भाई की पत्नी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर की याचिका, एफआईआर को चुनौती

अतीक अहमद के भाई खालिद अज़ीम उर्फ़ अशरफ़ की पत्नी ज़ैनब फातिमा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक क्रिमिनल रिट पीटिशन फाइल की है, जिसमें उसने उमेश पाल मर्डर केस में अपने ख़िलाफ़ फरवरी 2023 में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है।जस्टिस विवेक कुमार बिड़ला और जस्टिस विनोद दिवाकर की पीठ इस सप्ताह इस मामले पर सुनवाई कर सकती है।ज़ैनब पर यूपी पुलिस ने 2005 के राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके दो पुलिस गार्डों की हत्या के बाद शूटरों को प्रयागराज से भागने में मदद करने का आरोप लगाया है।ज़ैनब...

केरल हाईकोर्ट ने सौतेले पिता को नाबालिग लड़की का बलात्कार करने के लिए सहयोग देने की आरोपी मां को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया
केरल हाईकोर्ट ने सौतेले पिता को नाबालिग लड़की का बलात्कार करने के लिए सहयोग देने की आरोपी मां को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया

केरल हाईकोर्ट ने सौतेले पिता को नाबालिग बेटी से बलात्कार और यौन उत्पीड़न करने की सुविधा देने के आरोप में नाबालिग बेटी की मां की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। जस्टिस गोपीनाथ पी. ने कहा कि अगर मां के खिलाफ आरोप सही साबित हुए तो यह मातृत्व का अपमान है। न्यायालय ने यह भी कहा कि चूंकि जैविक मां को आरोपी के रूप में सूचीबद्ध किया गया, इसलिए वह आरोपी व्यक्तियों के पक्ष में साक्ष्य देने के लिए नाबालिग बच्चे को प्रभावित करने या डराने-धमकाने की स्थिति में हो सकती है।“मेरा विचार है कि याचिकाकर्ता स्पष्ट...