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घरेलू हिंसा स्थापित नहीं हुई: कर्नाटक हाईकोर्ट ने धर्म परिवर्तन करने वाली पत्नी के दावे को खारिज किया, कहा-तलाक नहीं फिर भी "उसके सभी अधिकार रद्द"
कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम, 2005 की धारा 22 के तहत मुआवजा केवल तभी दिया जा सकता है जब घरेलू हिंसा साबित हो।कोर्ट ने सत्र न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें पत्नी द्वारा दायर अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए उसे इस आधार पर 4,00,000 रुपये का मुआवजा दिया गया था कि वह अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ है। पीठ ने यह भी कहा कि पत्नी ने स्वीकार किया है कि उसने अपना धर्म बदल लिया है, जिससे स्वत: विवाह विच्छेद हो गया, हालांकि तलाक नहीं हुआ था।कोर्ट...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मां के खिलाफ वैवाहिक मामले में पिता की ओर से पेश होने वाले वकील बेटे की निंदा की, कहा कि रक्त संबंधियों की पैरवी करने से बचना चाहिए
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के आदेश पर शुरू की गई एक आपराधिक अवमानना से निपटने के दौरान कहा कि वकील अपने क्लाइंट को चुनने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन उन्हें रक्त रिश्तेदारों के मामलों को लेने से बचना चाहिए क्योंकि इससे वे मामले में भावनात्मक रूप से शामिल हो सकते हैं। जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस राजेंद्र कुमार-IV की पीठ तत्कालीन अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय नंबर 1, अलीगढ़ की अदालत में कार्यवाही में बाधा डालने के लिए बेटे-वकील और पिता-याचिकाकर्ता को जारी अवमानना...
झारखंड हाईकोर्ट ने दूसरे अकाउंट में गलती से पैसा जमा करने के लिए बैंक कर्मचारी की बर्खास्तगी रद्द की, कहा- सजा बहुत कठोर है
झारखंड हाईकोर्ट ने हाल ही में बैंक कर्मचारी के खिलाफ 2015 के बर्खास्तगी आदेश को अमान्य कर दिया, जिसमें याचिकाकर्ता-कर्मचारी को प्रासंगिक दस्तावेज प्रदान करने में विफलता के कारण बैंक की जांच रिपोर्ट को "विकृत" बताते हुए आलोचना की गई, जिस पर बैंक में अनियमितताओं में शामिल होने का आरोप लगाया गया। कोर्ट ने सेवा से बर्खास्तगी की सज़ा को भी अत्यधिक गंभीर माना।जस्टिस डॉ. एस.एन. पाठक ने कहा,"जैसा कि हो सकता है, बार भर के पक्षकारों की प्रतिद्वंद्वी दलीलों को सुनने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि बर्खास्तगी...
सुनी-सुनाई बातों के आधार पर सर्वेयर की रिपोर्ट के आधार पर बीमा दावे पर निर्णय नहीं लिया जा सकता: तेलंगाना हाईकोर्ट
तेलंगाना हाईकोर्ट ने माना कि यदि किसी विशेष घटना के बारे में बीमा कंपनी सर्वेक्षक द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट समाचार लेखों और सुनी-सुनाई बातों पर आधारित है तो इसे बीमा राशि के लिए पॉलिसी धारक की पात्रता तय करने के लिए नहीं माना जा सकता।जस्टिस पी. श्री सुधा ने निष्कर्ष निकाला कि आपराधिक मामले में बरी किया जा रहा वादी (प्रतिवादी) दुर्घटना के लिए जिम्मेदार नहीं है और सर्वेक्षणकर्ता ने नुकसान का उचित आकलन नहीं किया।कोर्ट ने कहा,"अपीलकर्ता/प्रतिवादी के वकील ने तर्क दिया कि प्रतिवादी कंपनी अपने सर्वेक्षक...
कैश फॉर क्वेश्चन मामला : सांसद महुआ मोइत्रा ने मीडिया आउटलेट्स, सोशल मीडिया इंटरमीडिएट के खिलाफ मानहानि का मुकदमा वापस लिया
तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि वह भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई के खिलाफ मानहानि के मुकदमे में विभिन्न मीडिया आउटलेट्स और सोशल मीडिया इंटरमीडिएट के खिलाफ कोई राहत देने का दबाव नहीं डाल रही हैं। मोइत्रा ने मुकदमे में 15 मीडिया आउटलेट और 03 सोशल मीडिया इंटरमीडिएट जैसे एक्स, यूट्यूब और गूगल को प्रतिवादी बनाया था।जस्टिस सचिन दत्ता को मोइत्रा के वकील ने यह भी बताया कि दुबे और देहाद्राई के खिलाफ आज मामले में कोई अंतरिम राहत नहीं दी...
विवाहित जोड़े के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर होने वाला मामूली चिड़चिड़ापन और विश्वास की कमी मानसिक क्रूरता नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि शादीशुदा जोड़े के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर होने वाली मामूली चिड़चिड़ापन और विश्वास की कमी को मानसिक क्रूरता नहीं माना जा सकता।जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस मनोज जैन की खंडपीठ ने यह भी कहा कि सेक्स से इनकार को मानसिक क्रूरता का एक रूप माना जा सकता है, जहां यह लगातार, जानबूझकर और काफी समय तक पाया जाता है।इसमें कहा गया कि इस तरह के आरोप की प्रकृति और मामले के व्यापक परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इस तरह के संवेदनशील और नाजुक मुद्दे पर फैसला करते समय अदालत को अत्यधिक...
धार्मिक उत्सव के बारे में कथित रूप से संवेदनशील व्हाट्सएप टेक्स्ट आईपीसी की धारा 153-ए और 505 के तहत अपराध नहीं है, जब तक कि इसमें दो धार्मिक समूह शामिल न हों: एमपी हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि किसी विशेष धर्म/समुदाय के व्यक्ति द्वारा उसी धर्म/समुदाय के व्यक्ति को भेजे गए धार्मिक रूप से संवेदनशील व्हाट्सएप संदेश पर आईपीसी की धारा 153ए और 505(5) नहीं लगेगी। इसमें कहा गया है कि अपराध को आकर्षित करने के लिए दो अलग-अलग धार्मिक समूहों या समुदायों की भागीदारी आवश्यक है। जस्टिस विवेक रुसिया की एकल-न्यायाधीश पीठ सीआरपीसी की धारा 482 के तहत आरोपी द्वारा दायर एक आवेदन पर विचार कर रही थी, जिसमें कथित तौर पर 'राम नवमी' त्योहार के बारे में उसके द्वारा किसी...
उड़ीसा हाईकोर्ट ने 'अवमाननापूर्ण' व्यवहार के लिए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अदालत से गिरफ्तार किए गए दो व्यक्तियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही बंद की
उड़ीसा हाईकोर्ट ने सोमवार को दो व्यक्तियों के खिलाफ शुरू की गई स्वत: संज्ञान अवमानना कार्यवाही को रद्द कर दिया, जिन्हें न्यायालय के प्रति अनियंत्रित और अपमानजनक व्यवहार दिखाने के लिए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के न्यायालय कक्ष से गिरफ्तार किया गया था। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश डॉ. जस्टिस विद्युत रंजन सारंगी और जस्टिस मुराहरि श्री रमन की खंडपीठ ने दोनों अवमाननाकर्ताओं द्वारा की गई बिना शर्त माफी स्वीकार कर लिया।पृष्ठभूमि19 अक्टूबर, 2023 को न्यायालय प्रवत कुमार पाधी और अन्य ग्रामीणों द्वारा दायर...
कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लंबित मुकदमों पर सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (30 अक्टूबर) को खुलासा किया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की रजिस्ट्री ने हाईकोर्ट के समक्ष लंबित कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद पर मुकदमों से संबंधित प्रासंगिक जानकारी और दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं।जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ मस्जिद समिति द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के मई 2023 के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें चल रहे भूमि विवाद पर कई मुकदमों को हाईकोर्ट ने अपने पास स्थानांतरित किया है।इस साल की...
भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम वहां लागू हो, जहां व्यक्तिगत कानून के तहत विवाहित पक्ष विशेष विवाह अधिनियम के तहत पंजीकृत हों: केरल हाईकोर्ट में याचिका
केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर वकील ने यह घोषणा करने की मांग की है कि जिन माता-पिता का विवाह विशेष विवाह अधिनियम के तहत पंजीकृत है, उनके बच्चों के लिए विरासत का कानून सभी परिदृश्यों में भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 होगा, भले ही पार्टियों ने शुरू में संबंधित व्यक्तिगत कानून के तहत विवाह किया हो।याचिकाकर्ता ने अपनी पत्नी से मुस्लिम रीति-रिवाज, जो कि इस्लामी शरीयत कानून है, के अनुसार शादी की थी और दंपति की तीन बेटियां पैदा हुईं।याचिकाकर्ता का तर्क है कि विरासत के इस्लामी शरीयत कानून के...
आधिकारिक कर्तव्य के निर्वहन में किए गए अपराध के आरोपी लोक सेवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से पहले पुलिस को मामले की जांच करनी चाहिए: झारखंड हाईकोर्ट
झारखंड हाईकोर्ट ने हाल के एक फैसले में अपने आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान किए गए अपराधों के आरोपी लोक सेवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से पहले गहन पूछताछ करने के लिए पुलिस अधिकारियों के कर्तव्य पर जोर दिया।जस्टिस सुभाष चंद ने कहा, “यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि आरोपी एक लोक सेवक है और अपने आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान किसी भी अपराध के आरोपी संबंध में एक लोक सेवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते समय पुलिस अधिकारी पहले मामले की जांच करने के लिए बाध्य है। इसके पीछे उद्देश्य केवल यह...
धारा 306 आईपीसी | सुसाइड नोट के आधार पर निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते, सामग्री की जांच की जानी चाहिए: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि केवल इसलिए कि सुसाइड नोट में किसी व्यक्ति का नाम लिखा गया है, कोई तुरंत इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकता कि वह भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत अपराधी है, पहले सुसाइड नोट की सामग्री और अन्य परिस्थितियों के तहत पूर्ण जांच में जांच की जानी चाहिए।कलबुर्गी स्थित जस्टिस वेंकटेश नाइक की एकल न्यायाधीश पीठ ने हनमन्त्रय द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसका नाम मृतक बसवराज के सुसाइड नोट में दिया गया था, जिसने आत्महत्या कर ली थी।मृतक की पत्नी ने शिकायत दी थी कि उसके...
Evidence Act की धारा 27 के तहत सह-अभियुक्त का खुलासा बयान अकेले किसी अन्य व्यक्ति को अपराध में आरोपी बनाने के लिए पर्याप्त नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दोहराया कि किसी व्यक्ति को एफआईआर और अंतिम आरोप पत्र में दोषी नहीं ठहराया जा सकता, जब अभियोजन पक्ष के पास इविडेंस एक्ट (Evidence Act) की धारा 27 के तहत तैयार किए गए कथित सह-अभियुक्तों के प्रकटीकरण बयानों को छोड़कर उसे अपराध से जोड़ने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है।जस्टिस प्रणय वर्मा की एकल-न्यायाधीश पीठ ने याचिकाकर्ता के कहने पर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS Act) की धारा 8, 15, 25 और 29 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए एफआईआर और परिणामी कार्यवाही रद्द कर...
वैवाहिक विवादों में समझौते के संबंध में 'हाइपर-टेक्निकल' दृष्टिकोण प्रतिकूल: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पति के खिलाफ आपराधिक मामला रद्द किया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में पति के खिलाफ लंबित आपराधिक मामला इस तर्क के आधार पर रद्द कर दिया कि संबंधित पति-पत्नी के बीच पहले ही समझौता हो चुका है। इसलिए अदालत समझौते के आधार पर आपराधिक कार्यवाही रद्द करने के लिए सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अपनी शक्ति का उपयोग कर सकती है।अदालत ने मामले का निपटारा करते हुए कहा,“अगर पति-पत्नी के बीच उनके परिवार के सदस्यों के प्रयासों से समझौता हो जाता है तो यह न केवल समाज के लिए अच्छा होगा, बल्कि उनके शेष जीवन के लिए भी फायदेमंद होगा। समझौते का उद्देश्य...
AP Civil Services Rules | यदि विवाह से पहले सरकारी अनुमति नहीं ली गई तो सरकारी कर्मचारी की दूसरी पत्नी उसकी मृत्यु लाभ की हकदार नहीं: तेलंगाना हाईकोर्ट
तेलंगाना हाईकोर्ट ने माना कि यदि पति ने दूसरी शादी करने से पहले सरकार से अनुमति नहीं ली तो दूसरी पत्नी सरकारी कर्मचारी के रूप में काम करने वाले अपने अपने मृत पति की मृत्यु पर मिलने वाले वेतन की हकदार नहीं है।कोर्ट ने कहा,"यह दिखाने के लिए रिकॉर्ड पर कोई दस्तावेज़ नहीं है कि मृतक ने दूसरी शादी करने से पहले सरकार से कोई अनुमति ली थी या नहीं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि मुस्लिम व्यक्ति समय में चार पत्नियों से शादी कर सकता है। लेकिन, सर्विस रूल्स के अनुसार, चूंकि मृतक सरकारी कर्मचारी था तो उसे दूसरी...
POCSO Act की धारा 23 के तहत उत्तरदायित्व नाबालिग की पहचान का खुलासा करने वाले मीडिया के रिपोर्टर्स और योगदानकर्ता पर लागू होता है: मेघालय हाईकोर्ट
मेघालय हाईकोर्ट ने हाल ही में स्पष्ट किया कि POCSO Act की धारा 23 न केवल प्रकाशकों और मीडिया आउटलेट के मालिकों पर बल्कि पत्रकारों या समाचार के योगदानकर्ताओं पर भी लागू होती है।जस्टिस बी. भट्टाचार्जी ने इस बात पर जोर दिया कि इस प्रावधान को लागू करने के पीछे विधायिका की मंशा यह है कि किसी बच्चे की पहचान प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उजागर नहीं की जानी चाहिए।उन्होंने कहा,"POCSO Act की धारा 23 किसी भी तरह से बच्चे की पहचान का खुलासा करने पर रोक लगाती है। विधायिका का इरादा है कि किसी बच्चे की पहचान...
NDPS Act। बॉम्बे हाईकोर्ट ने जब्त चरस के स्टॉक के समय 10 ग्राम हल्का पाए जाने पर आरोपी को जमानत दी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 (NDPS Act) के तहत 'चरस' की व्यावसायिक मात्रा रखने के आरोपी व्यक्ति को जमानत दे दी, क्योंकि पुलिस हिरासत में उससे जब्त चरस का वजन कथित तौर पर कम हो गया।अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि जब्ती के समय चरस का वजन 1 किलो 10 ग्राम है। हालांकि, जब मजिस्ट्रेट के सामने सामान के लिए पेश किया गया तो उसका वजन सिर्फ 1 किलो था।जस्टिस एमएस कार्णिक ने अभियोजन पक्ष द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण पर ध्यान दिया कि जब्त किया गया पदार्थ समय के...
'भगोड़ा अपराधी पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से याचिका दायर करके सिस्टम को शॉर्ट सर्किट नहीं कर सकता' : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने समझौते के आधार पर एफआईआर रद्द करने से इनकार किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी भगोड़ा अपराधी पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से याचिका दायर करके समझौते के आधार पर एफआईआर को रद्द करने की मांग नहीं कर सकता। जस्टिस जसजीत सिंह बेदी ने कहा, "भगोड़ा अपराधी समझौते के आधार पर एफआईआर को रद्द करने की मांग नहीं कर सकता, खासकर तब जब वह अपने खिलाफ लंबित कई मामलों में फरार हो।"न्यायालय ने आगे कहा कि (भगोड़ा अपराधी) पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से याचिका दायर करके सिस्टम को शॉर्ट सर्किट नहीं कर सकता, जब तक कि वह नाबालिग, पागल, विकलांगता...
क्रिकेट विश्व कप 2023 - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ में मैचों के लिए टिकट की कीमत में असमानता के खिलाफ जनहित याचिका का निपटारा किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक जनहित याचिका (पीआईएल) का निपटारा कर दिया , जिसमें भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी एकाना क्रिकेट स्टेडियम, लखनऊ में होने वाले आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2023 मैचों के टिकटों की कीमत में असमानता के बारे में चिंता ज़ाहिर की गई थी। जस्टिस अताउ रहमान मसूदी और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने याचिकाकर्ता विपुल त्रिपाठी को अपनी शिकायत, यदि कोई हो, यूपी-क्रिकेट एसोसिएशन के लोकपाल के समक्ष उठाने की स्वतंत्रता दी, जो टिकटों से संबंधित सार्वजनिक शिकायतों को दूर करने के...
हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : पिछले सप्ताह के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
देश के विभिन्न हाईकोर्ट में पिछले सप्ताह (23 अक्टूबर 2023 से 27 अक्टूबर 2023) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं हाईकोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह हाईकोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।विवाह योग्य आयु से कम होने पर भी लिव-इन जोड़े को सुरक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित नहीं किया जाएगा: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्टपंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि विवाह योग्य आयु से कम होने के कारण लिव-इन जोड़े को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत सुरक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित नहीं...