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[Service Jurisprudence] जब सजा या दंड के संबंध में दो दृष्टिकोण संभव हों तो कर्मचारी के पक्ष में दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए: मद्रास हाईकोर्ट
[Service Jurisprudence] जब सजा या दंड के संबंध में दो दृष्टिकोण संभव हों तो कर्मचारी के पक्ष में दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि सेवा न्यायशास्त्र में जब दंड और सजा से संबंधित नियमों की दो व्याख्याएं दी जा सकती हैं तो कर्मचारी के अनुकूल व्याख्या को प्रभावी बनाया जाना चाहिए।जस्टिस आरएन मंजुला ने याचिकाकर्ता के सेवानिवृत्ति लाभों में वृद्धि का निर्देश देकर याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि चूंकि सेवा न्यायशास्त्र दंड लगाने के कारण दंडात्मक न्यायशास्त्र के समान है, इसलिए ऐसा दृष्टिकोण अभियुक्त को संदेह का लाभ देते समय दंडात्मक न्यायशास्त्र में लिए गए दृष्टिकोण के समान है। सेवा न्यायशास्त्र...

दिल्ली हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़कियों के अपहरण के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई, कहा- शादी की आड़ में यौन उत्पीड़न किया गया, उसे पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर किया गया
दिल्ली हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़कियों के अपहरण के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई, कहा- शादी की आड़ में यौन उत्पीड़न किया गया, उसे पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर किया गया

दिल्ली हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़कियों के अपहरण की बढ़ती घटनाओं को चिह्नित किया, जिनके साथ शादी की आड़ में यौन उत्पीड़न किया जाता है। इसके परिणामस्वरूप उन्हें पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है और करियर बनाने के अवसर से वंचित किया जाता है।जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि जब ऐसी घटनाओं के कारण लड़की को अपनी शिक्षा छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है तो यह न केवल व्यक्ति के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए गहरा झटका होता है।अदालत ने कहा,“महिलाओं के सशक्तिकरण से संबंधित चर्चाओं में शिक्षा को मौलिक...

केरल हाईकोर्ट ने महिला डॉक्टर और अन्य हेल्थकेयर स्टाफ पर हमला करने के आरोपी व्यक्ति को अंतरिम सुरक्षा दी
केरल हाईकोर्ट ने महिला डॉक्टर और अन्य हेल्थकेयर स्टाफ पर हमला करने के आरोपी व्यक्ति को अंतरिम सुरक्षा दी

केरल हाईकोर्ट ने अस्पताल में उसकी जांच और इलाज करने वाली महिला डॉक्टर और स्टाफ नर्सों पर हमला करने के आरोपी 37 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी।जस्टिस गोपीनाथ पी ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता-अभियुक्त को 10 दिनों की अवधि तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।याचिकाकर्ता पर सेंट जेम्स अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ नर्सों को अनुचित तरीके से छूने और हमला करने की सूचना है। उस पर केरल हेल्थकेयर सर्विस पर्सन्स एंड हेल्थकेयर सर्वि इंस्टीट्यूशंस (हिंसा और संपत्ति को नुकसान की रोकथाम) अधिनियम, 2012 की धारा...

धार्मिक तरीकों से इलाज के बहाने 15 वर्षीय लड़की से बलात्कार करने के आरोपी ओझा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत देने से इनकार किया
धार्मिक तरीकों से इलाज के बहाने 15 वर्षीय लड़की से बलात्कार करने के आरोपी 'ओझा' को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत देने से इनकार किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते धार्मिक तरीकों से इलाज कराने के बहाने 15 वर्षीय लड़की से कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में ओझा को जमानत देने से इनकार किया।जस्टिस समीर जैन की पीठ ने कहा कि आरोपी जमानत पर रिहा होने का हकदार नहीं है, क्योंकि उस पर 15 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया गया, जब वह उसके साथ कमरे में अकेली थी।आरोपी के खिलाफ आरोप इस आशय के हैं कि पीड़िता के खराब स्वास्थ्य के कारण उसके पिता (सूचक) ने आवेदक (हनुमान राम), जो 'ओझा' है, को उसका इलाज करने के लिए आमंत्रित...

उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 | उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी करने की याचिका को खारिज करने के सिविल जज के आदेश के खिलाफ अपील जिला न्यायाधीश के पास होगी न कि हाईकोर्ट के समक्ष : इलाहाबाद हाईकोर्ट
उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 | उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी करने की याचिका को खारिज करने के सिविल जज के आदेश के खिलाफ अपील जिला न्यायाधीश के पास होगी न कि हाईकोर्ट के समक्ष : इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना है कि उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी करने की याचिका को खारिज करने वाले सिविल जज के आदेश के खिलाफ अपील भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 की धारा 388 (2) के तहत जिला न्यायाधीश के समक्ष की जाएगी, न कि अधिनियम की धारा 384 के तहत हाईकोर्ट के समक्ष।न्यायालय ने माना कि विधायी मंशा जिला न्यायाधीश के समक्ष एक अपीलीय तंत्र प्रदान करना है, न कि 'हाईकोर्ट के लिए।'जस्टिस डॉ योगेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की एकल पीठ ने कहा:“धारा 388 इस प्रकार शक्ति के निवेश के माध्यम से जिला न्यायाधीश के...

कार्यवाही करने वाले लगभग 85% को नागरिक घोषित किया गया : गुवाहाटी हाईकोर्ट ने बिना कारण बताए आदेश जारी करने पर विदेशी ट्रिब्यूनलों की निंदा की, राज्य को जांच के आदेश
कार्यवाही करने वाले लगभग 85% को नागरिक घोषित किया गया : गुवाहाटी हाईकोर्ट ने बिना कारण बताए आदेश जारी करने पर विदेशी ट्रिब्यूनलों की निंदा की, राज्य को जांच के आदेश

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने असम सरकार को उन मामलों में विभागीय समीक्षा करने और उचित उपाय करने का निर्देश दिया है, जहां विदेशी ट्रिब्यूनल ने रिकॉर्ड पर सामग्री के किसी भी विश्लेषण या ऐसी घोषणा के लिए किसी उचित दलील के बिना कार्यवाही करने वालों/आवेदकों को भारत के नागरिक या विदेशी घोषित कर दिया था।विदेशी ट्रिब्यूनलों द्वारा आदेशों में केवल विश्लेषण के बिना सामग्री दर्ज करना या उनकी घोषणाओं के लिए कोई कारण बताने में असफल होने की प्रवृत्ति को देखने पर डिवीजन बेंच ने कहा:अपनाई गई ऐसी प्रक्रिया की निंदा की...

धारा 307 आईपीसी | साधारण चोटें, बार-बार या गंभीर आघात नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के प्रयास के लिए दोषसिद्धि को पलट दिया
धारा 307 आईपीसी | 'साधारण चोटें, बार-बार या गंभीर आघात नहीं': सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के प्रयास के लिए दोषसिद्धि को पलट दिया

सुप्रीम कोर्ट ने 28 नवंबर को हत्या के प्रयास के तहत दोषसिद्धि को रद्द करते हुए दो कारकों को महत्व दिया। सबसे पहले, न्यायालय ने कहा कि कोई बार-बार या गंभीर आघात नहीं हुआ। दूसरे, पीड़ितों की चोटें सामान्य प्रकृति की थीं।कोर्ट ने कहा, “बेशक, बार-बार या गंभीर चोट पहुंचाने का कोई आरोप नहीं है। यहां तक कि पीडब्लू1 और पीडब्लू2 की चोटें भी सामान्य प्रकृति की पाई गई हैं, जो अपीलकर्ताओं के पक्ष में एक अतिरिक्त बिंदु है... ऐसे में, आईपीसी की धारा 307 के तहत दोषसिद्धि टिकाऊ नहीं है।"ऐसा करते समय, न्यायालय...

जीएसटी | अविवादित तथ्यों के मामलों को वैकल्पिक समाधान के फोरम में स्थानांतरित करने का कोई वास्तविक लाभ नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
जीएसटी | अविवादित तथ्यों के मामलों को वैकल्पिक समाधान के फोरम में स्थानांतरित करने का कोई वास्तविक लाभ नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि कर मामले, जहां तथ्य निर्विवाद हैं और इसमें अधिकार क्षेत्र के मुद्दे और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन शामिल है, उन्हें प्राधिकरणों को नहीं सौंपा जा सकता है। जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस शिव शंकर प्रसाद की पीठ ने माना ‌कि जिन मामलों में न्यूनतम वैधानिक अनुपालन किया गया है, उन्हें आम तौर पर वैकल्पिक उपचार के मंचों पर भेज दिया जाता है।मामले में जीएसटी प्राधिकरण ने कारण बताओ नोटिस की तारीख से पूर्वव्यापी प्रभाव से याचिकाकर्ता का पंजीकरण रद्द कर दिया था।...

मुकदमों के बैकलॉग| इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वकीलों से एक ही बिंदु पर कई केस लॉ का हवाला देते हुए स्थगन की मांग से बचने का आग्रह किया
मुकदमों के बैकलॉग| इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वकीलों से एक ही बिंदु पर कई केस लॉ का हवाला देते हुए स्थगन की मांग से बचने का आग्रह किया

इलाहाबाद ‌हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा कि ‌हाईकोर्ट के जज न्याय व‌ितरण में तेजी लाकर लंबित मामलों के मुद्दे को हल करने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि, बैकलॉग को कम करने के लिए अधिवक्ताओं के सहयोग की भी आवश्यक है।कोर्ट ने अध‌िवक्ताओं से आग्रह किया कि वे स्थगन अनुरोधों को कम करके और उनकी अनुपस्थिति में कार्यवाही पर आपत्ति जताने से परहेज करके, खासकर जब कोई अन्‍य वकील नोट लेने के ‌लिए उपलब्ध हो, न्यायालय के समय के अनुत्पादक उपयोग को कम करके त्वरित न्याय प्रदान करने में योगदान...

जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 | सामाजिक जाति प्रमाणपत्र केवल उप या संभागीय आयुक्त ही रद्द कर सकते हैं: हाई‌कोर्ट
जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 | सामाजिक जाति प्रमाणपत्र केवल उप या संभागीय आयुक्त ही रद्द कर सकते हैं: हाई‌कोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में याचिकाकर्ता के अन्य सामाजिक जाति (ओएससी) प्रमाणपत्र को रद्द करने के आदेश को रद्द कर दिया है और कहा‌ कि अतिरिक्त उपायुक्त के पास ऐसे प्रमाणपत्रों को रद्द करने का अधिकार नहीं है।जस्टिस वसीम सादिक नरगल की पीठ ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति आरक्षण अधिनियम की धारा 16 के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा ओएससी प्रमाणपत्र जारी करने से व्यथित है, तो केवल उपायुक्त या मंडल आयुक्त ही अपील पर विचार कर सकते हैं और उसे रद्द कर सकते हैं अगर उसे नियमों का...

प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम | अदालत के बाहर समझौता वादकारियों का मौलिक अधिकार नहीं, केवल कानून के अनुसार ही यह प्राप्त किया जा सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम | अदालत के बाहर समझौता वादकारियों का मौलिक अधिकार नहीं, केवल कानून के अनुसार ही यह प्राप्त किया जा सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020 के तहत अस्वीकृति आदेश से निपटते समय माना कि एक वादी के पास अदालत के बाहर विवाद के निपटान का दावा करने का मौलिक या अंतर्निहित अधिकार नहीं है। क़ानून द्वारा बनाए गए अधिकार का उपयोग उसके अनुसार किया जाना चाहिए। जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और ज‌िस्टस शिव शंकर प्रसाद की पीठ ने कहा,“सबसे पहले, अदालतों/न्यायिक प्रक्रिया के बाहर विवादों का निपटारा किसी भी वादी का मौलिक या अंतर्निहित अधिकार नहीं है। वह अधिकार क़ानून यानी अधिनियम द्वारा बनाया...

दिल्ली हाईकोर्ट ने पुष्पा इम्पॉसिबल शो में धोबी समुदाय पर अपमानजनक टिप्पणी को लेकर सोनी सब टीवी के मालिक के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाई
दिल्ली हाईकोर्ट ने 'पुष्पा इम्पॉसिबल' शो में धोबी समुदाय पर अपमानजनक टिप्पणी को लेकर सोनी सब टीवी के मालिक के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने पुष्पा इम्पॉसिबल शो के एपिसोड में धोबी समुदाय पर "जातिवादी और अपमानजनक" टिप्पणी के कथित उपयोग के लिए एफआईआर में सोनी सब टीवी चैनल का स्वामित्व और प्रबंधन करने वाले प्रोडक्शन हाउस कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी।जस्टिस रजनीश भटनागर ने प्रोडक्शन हाउस के खिलाफ कार्यवाही पर 15 जनवरी तक रोक लगा दी, जब सह-अभियुक्तों द्वारा दायर दो अन्य संबंधित मामले सुनवाई के लिए आ रहे हैं।शो में "दो कोड़ी का धोबी" टिप्पणी के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद मार्च में अदालत के...

कलकत्ता हाईकोर्ट में बोल्ला काली पूजा पर 10,000 से अधिक बकरियों के की बली को चुनौती देने वाली याचिका दायर
कलकत्ता हाईकोर्ट में 'बोल्ला काली पूजा' पर 10,000 से अधिक बकरियों के की बली को चुनौती देने वाली याचिका दायर

कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को आगामी 'बोल्ला काली महोत्सव' के लिए पश्चिम बंगाल राज्य में '10000 से अधिक बकरियों' की बली को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की।चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से सवाल किया कि क्या पश्चिम बंगाल राज्य में बकरी वध पर कोई प्रतिबंध है. या इसे प्रतिबंधित करने वाला कोई अधिनियम है।यह तर्क दिया गया,"कोई शिकायत नहीं है, लेकिन पश्चिम बंगाल पशु वध नियम, 1950 जैसे कुछ नियम हैं, जिनके लिए प्रत्येक बकरी को पशु डॉक्टर...

तेलंगाना हाईकोर्ट ने सांसदों, विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों के शीघ्र निपटान के लिए विशेष पीठ का गठन किया
तेलंगाना हाईकोर्ट ने सांसदों, विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों के शीघ्र निपटान के लिए विशेष पीठ का गठन किया

तेलंगाना हाईकोर्ट ने विशेष पीठ का गठन करते हुए सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की शीघ्र सुनवाई के लिए अदालतों को नामित करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में स्वत: संज्ञान कार्यवाही शुरू की।कोर्ट ने कहा,"उपरोक्त दिशानिर्देशों के अनुसरण में इस विशेष पीठ का गठन किया गया है और हम रजिस्ट्री को इस रिट याचिका को "सांसदों/विधायकों के लिए नामित अदालतों" के रूप में रिजस्टर्ड करने का निर्देश देते हैं।चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस टी. विनोद कुमार की खंडपीठ ने रजिस्ट्री को...

गार्जियनशिप मामलों में बच्चे का कल्याण सर्वोपरि: दिल्ली हाईकोर्ट ने बच्चे को बेहतर स्कूल में ले जाने की पिता की याचिका खारिज की
गार्जियनशिप मामलों में बच्चे का कल्याण सर्वोपरि: दिल्ली हाईकोर्ट ने बच्चे को "बेहतर" स्कूल में ले जाने की पिता की याचिका खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट ने बच्चे को "बेहतर" स्कूल में ट्रांसफर करने के लिए अपने बच्चे की मां को निर्देश देने की मांग करने वाली पिता की याचिका में कहा कि संरक्षकता के मामलों में बच्चे का कल्याण सर्वोपरि है।जस्टिस वी. कामेश्वर राव और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि बच्चा अपनी मां के साथ पीतमपुरा में रह रहा है और पिता द्वारा सुझाया गया स्कूल द्वारका (20 किलोमीटर दूर) में है।अदालत ने कहा,"अपीलकर्ता द्वारा मांगा गया कोई भी आदेश उस नाबालिग बच्चे की असुविधा के लिए...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद के खिलाफ आपराधिक मामला खत्म करने की राज्य की याचिका को अनुमति दी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद के खिलाफ आपराधिक मामला खत्म करने की राज्य की याचिका को अनुमति दी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद के खिलाफ 2015 में रेलवे एक्ट के तहत दर्ज आपराधिक मामले को वापस लेने की राज्य सरकार की अर्जी स्वीकार कर ली।जस्टिस राज बीर सिंह की पीठ ने यह आदेश राज्य सरकार द्वारा दायर आपराधिक पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया, जिसमें इस साल सितंबर में अतिरिक्त सीजेएम, गोरखपुर द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी गई थी। उक्त आदेश में विशेष लोक अभियोजक द्वारा सीआरपीसी की धारा 321 के तहत डॉ. संजय कुमार निषाद के खिलाफ अभियोजन की...

झारखंड हाईकोर्ट ने रिमोट हियरिंग के लिए वर्चुअल प्लेटफॉर्म का उद्घाटन किया
झारखंड हाईकोर्ट ने रिमोट हियरिंग के लिए वर्चुअल प्लेटफॉर्म का उद्घाटन किया

झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा ने बुधवार को हाईकोर्ट के जजों, एडवोकेट जनरल और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में रिमोट हियरिंग (Remote Hearing) की सुनवाई के लिए वर्चुअल प्लेटफॉर्म का उद्घाटन किया। इस पहल का उद्देश्य दूर-दराज के स्थानों से हाईकोर्ट तक पहुंच प्रदान करना है।झारखंड हाईकोर्ट की कंप्यूटर और डिजिटलीकरण कमेटी ने ई-सर्विस सेंटर सुविधाएं खोलने का निर्णय लेकर और वर्चुअल कोर्ट कार्यवाही के लिए जिला डाल्टनगंज, दुमका और पाकुड़ से मौजूदा ई-सर्विस सेंटर के उपयोग की अनुमति...

BharatPe के साथ एम्प्लॉयमेंट एग्रीमेंट के गोपनीयता खंड का पालन करेंगे: अश्नीर ग्रोवर का दिल्ली हाईकोर्ट को आश्वासन
BharatPe के साथ एम्प्लॉयमेंट एग्रीमेंट के गोपनीयता खंड का पालन करेंगे: अश्नीर ग्रोवर का दिल्ली हाईकोर्ट को आश्वासन

BharatPe के पूर्व प्रबंध निदेशक अश्नीर ग्रोवर (Confidentiality Clause) ने दिल्ली हाईकोर्ट को आश्वासन और वचन दिया कि वह उनके और फिनटेक कंपनी के बीच निष्पादित एम्प्लॉयमेंट एग्रीमेंट के गोपनीयता खंड का ईमानदारी से पालन करेंगे और उसके अनुसार कार्य करेंगे।जस्टिस सचिन दत्ता BharatPe द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें ग्रोवर को माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर फिनटेक कंपनी की गोपनीय जानकारी का खुलासा करने से रोकने के लिए तत्काल अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग की गई थी।ग्रोवर ने 01 मार्च, 2022...

क्या सरकारी नीति को किसी व्यक्ति के नाम पर आगे बढ़ाया जा सकता है?: हाईकोर्ट ने आंध्र को जगन की आवश्यकता क्यों अभियान को चुनौती देने वाली जनहित याचिका में एपी सरकार से पूछा
क्या सरकारी नीति को किसी व्यक्ति के नाम पर आगे बढ़ाया जा सकता है?: हाईकोर्ट ने 'आंध्र को जगन की आवश्यकता क्यों' अभियान को चुनौती देने वाली जनहित याचिका में एपी सरकार से पूछा

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों को "व्हाई एपी नीड्स जगन" नामक राजनीतिक कार्यक्रम में भाग लेने से रोकने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए विभिन्न स्वयं सहायता समूहों में शामिल होना अनसुना नहीं है।चीफ जस्टिस धीरज सिंह ठाकुर और जस्टिस आर. रघुनंदन राव की खंडपीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की:“प्रदेश की विशेष सरकार की उपलब्धियां देश के इस हिस्से के समाचार पत्रों में प्रकाशित होती हैं। हर सरकार अपनी उपलब्धियों को उजागर करने की कोशिश करती है...

अपराध की आय के अस्तित्व को दिखाए बिना जिला कलेक्टरों को ईडी समन  मछली पकड़ने जैसा अभियान : मद्रास हाईकोर्ट
अपराध की आय के अस्तित्व को दिखाए बिना जिला कलेक्टरों को ईडी समन " मछली पकड़ने जैसा अभियान' : मद्रास हाईकोर्ट

कथित रेत खनन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जिला कलेक्टरों को जारी किए गए समन पर रोक लगाते हुए, मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि ईडी ने अपराध की आय के अस्तित्व के बिना रेत खनन से संबंधित "मछली पकड़ने जैसी जांच" करने का प्रयास किया ।जस्टिस एसएस सुंदर और जस्टिस सुंदर मोहन की डिवीजन बेंच ने कथित रेत खनन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तमिलनाडु में जिला कलेक्टरों को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी किए गए समन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार को अंतरिम आदेश पारित किए थे। हालांकि, अदालत ने...