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सीनियर एडवोकेट डॉ बीरेंद्र सराफ महाराष्ट्र सरकार के अगले एडवोकेट जनरल होंगे
सीनियर एडवोकेट डॉ बीरेंद्र सराफ महाराष्ट्र सरकार के अगले एडवोकेट जनरल होंगे

सीनियर एडवोकेट डॉ बीरेंद्र सराफ महाराष्ट्र सरकार के अगले एडवोकेट जनरल होंगे। इस संबंध में हुई सरकार की बैठक में मौजूद अधिकारियों के अनुसार सीनियर एडवोकेट डॉ बीरेंद्र सराफ के नाम को मंजूरी दे दी गई है, हालांकि इस संबंध में अभी अधिसूचना जारी होना शेष है।सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल ने बैठक में अधिकारियों के अनुसार सराफ के नाम को मंजूरी दे दी है, हालांकि, राज्यपाल द्वारा एक आधिकारिक अधिसूचना का इंतजार है।इससे पहले कैबिनेट ने निवर्तमान एजी आशुतोष अरविंद कुंभकोनी का इस्तीफा मंजूर कर...

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने झारखंड, गुवाहाटी और जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख के हाईकोर्ट के लिए नए मुख्य न्यायाधीशों की सिफारिश की
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने झारखंड, गुवाहाटी और जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख के हाईकोर्ट के लिए नए मुख्य न्यायाधीशों की सिफारिश की

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने संबंधित हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए तीन न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की है। ये नाम इस प्रकार हैं :झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उत्तराखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय मिश्रा के नाम की सिफारिश की गई है।गुवाहाटी हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह के नाम की सिफारिश जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में की गई है।गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में केरल हाईकोर्ट के...

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए पांच नामों की सिफारिश की
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए पांच नामों की सिफारिश की

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए हाईकोर्ट के 5 मुख्य न्यायाधीशों/न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की। ये नाम इस प्रकार हैं1. जस्टिस पंकज मिथल , मुख्य न्यायाधीश, राजस्थान हाईकोर्ट (पीएचसी: इलाहाबाद)2. जस्टिस संजय करोल , मुख्य न्यायाधीश, पटना हाईकोर्ट (पीएचसी: हिमाचल प्रदेश)3. जस्टिस पीवी संजय कुमार , मुख्य न्यायाधीश, मणिपुर हाईकोर्ट (पीएचसी: तेलंगाना)4. जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह , न्यायाधीश, पटना हाईकोर्ट, और5. जस्टिस मनोज मिश्रा , न्यायाधीश, इलाहाबाद...

Consider The Establishment Of The State Commission For Protection Of Child Rights In The UT Of J&K
विशेष अनुबंध के तहत वैधानिक निगम में लगे व्यक्ति अनुच्छेद 311 के तहत 'सिविल पोस्ट' नहीं रखते हैं: जेकेएल हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने दोहराया कि जहां एक व्यक्ति एक विशेष अनुबंध के आधार पर एक वैधानिक निगम में लगा हुआ है, वहां अनुच्छेद 311 लागू नहीं होता है। यह प्रावधान संघ या राज्य के तहत नागरिक क्षमताओं में नियोजित व्यक्तियों की बर्खास्तगी, हटाने या रैंक घटाने से संबंधित है।उस याचिका पर सुनवाई करते हुए जिसमें श्रीनगर नगर निगम में एक निश्चित अवधि के समेकित वेतन पर लगे एक मीडिया सहायक की सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं, जस्टिस जावेद इकबाल वानी ने कहा,"तथ्य यह है कि वैधानिक शक्तियों का प्रयोग...

बीमा कंपनियों के साथ बैठक करें, सुनिश्चित करें कि उत्पाद विकलांग व्यक्तियों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, आईआरडीएआई से दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा
बीमा कंपनियों के साथ बैठक करें, सुनिश्चित करें कि उत्पाद विकलांग व्यक्तियों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, आईआरडीएआई से दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) को सभी बीमा कंपनियों की एक बैठक बुलाने का निर्देश दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विकलांग व्यक्तियों के लिए प्रोडक्ट डिज़ाइन किए गए हैं ताकि उन्हें स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्राप्त करने में सक्षम बनाया जा सके।यह देखते हुए कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि विकलांग व्यक्ति स्वास्थ्य बीमा कवरेज के हकदार हैं और उत्पादों को उनके लिए डिजाइन करना पड़ सकता है, जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा, "आईआरडीएआई तदनुसार सभी बीमा...

अनुच्छेद 14 | अस्थायी कर्मचारी को समान कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले नियमित कर्मचारी के वेतन के न्यूनतम ग्रेड के बराबर वेतन का भुगतान करने लिए निर्देशित किया जा सकता है: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
अनुच्छेद 14 | अस्थायी कर्मचारी को समान कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले नियमित कर्मचारी के वेतन के न्यूनतम ग्रेड के बराबर वेतन का भुगतान करने लिए निर्देशित किया जा सकता है: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में दोहराया कि संविधान के अनुच्छेद 39 के तहत "समान काम के लिए समान वेतन" के दावे के अलावा, समानता की अवधारणा अस्थायी कर्मचारियों पर भी लागू होगी और उन्हें , समान कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले नियमित कर्मचारी के वेतन के निम्नतम ग्रेड के बराबर मजदूरी का भुगतान के लिए निर्देशित किया जा सकता है।कोर्ट ने कहा,समानता की अवधारणा को वेतन समानता के मुद्दे पर भी लागू किया जाना है और इस प्रकार, भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 को लागू करके भी एक अस्थायी कर्मचारी...

सीआरपीसी की धारा 340 के तहत जांच अनिवार्य, ऐसा ना कर पाने पर पूरी कार्यवाही गैर-स्थायी (Non-Est) होगी: केरल हाईकोर्ट
सीआरपीसी की धारा 340 के तहत जांच अनिवार्य, ऐसा ना कर पाने पर पूरी कार्यवाही गैर-स्थायी (Non-Est) होगी: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में दोहराया कि सीआरपीसी की धारा 340 के तहत परिकल्पित जांच अनिवार्य प्रकृति की है। आईपीसी की धारा 192, 193 और 195 के तहत अपराधों से जुड़े मामलों में आगे बढ़ने से पहले ऐसी जांच की जानी चाहिए।जस्टिस ए बदरुद्दीन ने कहा,...सीआरपीसी की धारा 340 के तहत परिकल्पित जांच अनिवार्य प्रकृति की है। आईपीसी की धारा 192, 193 और 195 के तहत अपराधों के आरोप से जुड़े मामलों में आगे बढ़ने से पहले ऐसी जांच की जानी चाहिए। मौजूदा मामले में स्पष्ट रूप से ऐसी जांच नहीं की गई थी और इसलिए, उसके बाद की...

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट का राज्य सरकार, डीजीपी को निर्देश, अभियुक्त का आपराधिक इतिहास एक क्लिक में उपलब्ध करवाएं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य के प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है, ताकि किसी आरोपी का आपराधिक इतिहास एक क्लिक (Stroke) में उपलब्ध हो सके। न्यायालय ने अधिकारियों से निर्देश/जवाब/शपथपत्र के माध्यम से या अन्यथा अभियुक्त के पूरे आपराधिक इतिहास का खुलासा करने के लिए अदालत में जवाब देने वाले व्यक्ति की जिम्मेदारी तय करने के लिए भी कहा।अदालत ने टिप्पणी की," वर्तमान डिजिटल युग में जहां अब सब कुछ संभव है और एक बटन के प्रेस या माउस के एक क्लिक के साथ सबकुछ उपलब्ध है। यह नहीं...

उत्तर प्रदेश सरकार ने ट्रिपल टेस्ट के सवाल का जवाब दाखिल करने के लिए एक दिन का समय मांगा, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव अधिसूचना जारी करने पर रोक बढ़ाई
उत्तर प्रदेश सरकार ने 'ट्रिपल टेस्ट' के सवाल का जवाब दाखिल करने के लिए एक दिन का समय मांगा, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव अधिसूचना जारी करने पर रोक बढ़ाई

उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से निकाय चुनावों के ओर से पूछे गए सवाल की क्या निकाय चुनाव के लिए सीटों को आरक्षित करने की प्रक्रिया में राज्य सरकार ने 'ट्रिपल टेस्ट' की औपचारिकताओं को पूरा किया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अनिवार्य किया हुआ है, का जवाब देने के लिए एक दिन का समय मांगा है।उत्तर प्रदेश सरकार को एक दिन का समय देते हुए जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव की खंडपीठ ने राज्य निर्वाचन आयोग को शहरी स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना की घोषणा करने से रोकने के...

केरल विधानसभा ने स्टेट यूनिवर्सिटी के चांसलर के पद से राज्यपाल को हटाने के लिए विधेयक पारित किया
केरल विधानसभा ने स्टेट यूनिवर्सिटी के चांसलर के पद से राज्यपाल को हटाने के लिए विधेयक पारित किया

केरल विधानसभा ने मंगलवार को आठ स्टेट यूनिवर्सिटी के चांसलर के पद से राज्यपाल को हटाने के लिए एक विधेयक पारित किया। यूनिवर्सिटी कानून (संशोधन) (नंबर 2) विधेयक, 2022 राज्यपाल को यूनिवर्सिटी के पदेन कुलाधिपति के रूप में हटाने और राज्य सरकार को कुलाधिपति नियुक्त करने के लिए सशक्त बनाने के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों से संबंधित आठ अधिनियमों में संशोधन करना चाहता है।यूनिवर्सिटी का बिल कहता है," सरकार कृषि और पशु चिकित्सा विज्ञान, प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, सामाजिक विज्ञान, मानविकी, साहित्य, कला,...

जस्टिस एसके कौल ने नागालैंड के दीमापुर में कानूनी सेवा क्लिनिक का उद्घाटन किया, एडीआर को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया
जस्टिस एसके कौल ने नागालैंड के दीमापुर में कानूनी सेवा क्लिनिक का उद्घाटन किया, एडीआर को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस जय किशन कौल ने रविवार (11 दिसंबर, 2022) को पटकाई क्रिश्चियन कॉलेज सीथेकेमा: चुमौकेदिमा, नागालैंड में एक कानूनी सेवा क्लिनिक का उद्घाटन किया। जस्टिस कौल राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (National Legal Services Authority) के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। नागालैंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में दीमापुर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नागालैंड राज्य में स्थापित नव उद्घाटन कानूनी सेवा क्लिनिक 119वां कानूनी सेवा क्लिनिक बन गया है। उद्घाटन थीम सॉन्ग के साथ शुरू...

अतिक्रमण की गई सार्वजनिक चरागाह भूमि के बदले मालिकाना भूमि का आदान-प्रदान अब स्वीकार्य नहीं: जम्मू- कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट
अतिक्रमण की गई सार्वजनिक चरागाह भूमि के बदले मालिकाना भूमि का आदान-प्रदान अब स्वीकार्य नहीं: जम्मू- कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट

जम्मू- कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में स्पष्ट किया कि अतिक्रमण की गई सार्वजनिक चारागाह भूमि के बदले मालिकाना भूमि का आदान-प्रदान अब स्वीकार्य नहीं है।जस्टिस संजय धर की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। याचिकाकर्ता ने प्रतिवादियों से स्वामित्व के बदले कवरहामा बारामूला जिले में छह मरला भूमि कहचराई भूमि के आदान-प्रदान के लिए उसी क्षेत्र की पास की भूमि उनके पक्ष में देने के लिए निर्देश मांगा था।अपनी दलील में याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने अपने चाचा के साथ भू-राजस्व अधिनियम की...

जामिया हिंसा
दिल्ली पुलिस ने 2019 की जामिया हिंसा की जांच स्वतंत्र एसआईटी को सौंपने की मांग वाली याचिका का विरोध किया

दिल्ली पुलिस (Delhi High Court) ने छात्रों के खिलाफ 2019 जामिया हिंसा (Jamia Violence) के संबंध में दर्ज एफआईआर और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ उनकी शिकायतों की जांच दिल्ली पुलिस से एक स्वतंत्र एजेंसी को ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका का विरोध किया है।पुलिस ने कहा है कि याचिका न केवल दलील के दायरे का विस्तार करना चाहती है, बल्कि कार्रवाई के नए कारण पर भी आधारित है।दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया इस्लामिया के विभिन्न छात्रों की ओर से दायर याचिका में दो प्रार्थनाओं को शामिल करने की मांग करने वाले एक...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सुल्तानपुर कोर्ट में लंबित आपराधिक मामले की कार्यवाही पर रोक लगाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सुल्तानपुर कोर्ट में लंबित आपराधिक मामले की कार्यवाही पर रोक लगाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 2014 के आपराधिक मामले की कार्यवाही पर रोक लगा दी। यह मामला राज्य के सुल्तानपुर जिले में सांसद/विधायक अदालत के समक्ष लंबित है।जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने यह आदेश केजरीवाल द्वारा दायर सीआरपीसी की धारा 482 याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें एमपी/एमएलए कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ आरोप तय करने के आदेश को चुनौती दी गई और मामले को 13 जनवरी, 2023 को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट कर...

[पब्लिक ड्रिस्टिब्यूशन सिस्टम] अनाज वितरण में अनियमितता गंभीर, इसके लिए लाइसेंस रद्द करने की आवश्यकता: कर्नाटक हाईकोर्ट
[पब्लिक ड्रिस्टिब्यूशन सिस्टम] अनाज वितरण में अनियमितता गंभीर, इसके लिए लाइसेंस रद्द करने की आवश्यकता: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि उचित मूल्य की दुकान के मालिक द्वारा निर्धारित दरों से अधिक दर पर खाद्यान्न वितरित करने और कुछ कार्ड धारकों को खाद्यान्न प्राप्त नहीं करने और आवश्यक वस्तुओं का वितरण करने के बाद बिल जारी नहीं करने के आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। इसके तहत अथॉरिटी द्वारा लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई सही है।चीफ जस्टिस प्रसन्ना बी वराले और जस्टिस अशोक एस किनागी की खंडपीठ ने अदालत की एकल न्यायाधीश पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली अपील खारिज कर दी।इस अपील में वी.एम. संजीवैया को उचित मूल्य की...

Gujarat High Court
गुजरात हाईकोर्ट ने निदेशकों के पर्सनल अंडरटेकिंग के अधीन ताइवान कंपनी की सहायक कंपनी की कुर्की से बैंक अकाउंट रिलीज करने का निर्देश जारी किया

गुजरात हाईकोर्ट ने विभाग को निदेशकों के पर्सनल अंडरटेकिंग के अधीन ताइवान कंपनी की सहायक कंपनी की कुर्की से बैंक अकाउंट रिलीज करने का निर्देश दिया।जस्टिस सोनिया गोकानी और जस्टिस मौना एम. भट्ट की खंडपीठ ने राजस्व हित को सुरक्षित करने के क्रम में विभाग को निर्देश दिया कि वह डीबीएस में. 2.65 करोड़ रुपए की एफडी का अटैचमेंट जारी रखे।याचिकाकर्ता/निर्धारिती इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन के निर्माण के व्यवसाय में है। यह फू चिन शिन (FCS) मशीनरी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी...

दिल्ली कोर्ट ने उमर खालिद को अंतरिम जमानत अवधि के दौरान घर तक ही सीमित रहने का निर्देश दिया, मीडिया से बात करने पर रोक लगाई
दिल्ली कोर्ट ने उमर खालिद को अंतरिम जमानत अवधि के दौरान घर तक ही सीमित रहने का निर्देश दिया, मीडिया से बात करने पर रोक लगाई

दिल्ली कोर्ट ने एक्टिविस्ट उमर खालिद को 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के बड़े साजिश मामले में एक सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत देते हुए उस पर कड़ी शर्तें लगाई हैं, जिनमें से एक शर्त के तहत ज़मानत की अवधि के दौरान उसे अपने घर तक ही सीमित रखा गया है और मीडिया से बात करने पर भी रोक लगा दी गई है। अदालत ने सोमवार को खालिद को अंतरिम जमानत दी थी। खालिद सितंबर 2020 से हिरासत में है। उसने अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए ज़मानत की मांग की थी। कोर्ट ने उसे एक सप्ताह की अवधि (23 दिसंबर से 30 दिसंबर तक)...

मौत की सजा पाने वाले कैदियों को अलग-अलग सेल में बंद करना अनुचित: तेलंगाना हाईकोर्ट ने जेल प्रशासन को कैदियों को एकान्त कारावास से हटाने का निर्देश दिया
मौत की सजा पाने वाले कैदियों को अलग-अलग सेल में बंद करना अनुचित: तेलंगाना हाईकोर्ट ने जेल प्रशासन को कैदियों को एकान्त कारावास से हटाने का निर्देश दिया

तेलंगाना हाईकोर्ट ने चेरलापल्ली केंद्रीय कारागार को निर्देश दिया कि मौत की सजा पाए दो कैदियों को एकान्त कारावास से हटा दिया जाए और उन्हें अन्य कैदियों के साथ समान व्यवहार करके जेल के भीतर उनकी आवाजाही की अनुमति दी जाए।जस्टिस ललिता कन्नेगंती ने कहा कि कैदियों को अन्य कैदियों की तरह सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।अदालत ने कहा,"इस मामले में संजय कुमार और मैरी श्रीनिवास रेड्डी को दोषी ठहराया गया है और उन्होंने इस अदालत के समक्ष अपील दायर की है और उनकी अपील अभी भी विचाराधीन है। उसी के मद्देनजर,...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने तलाक के मामले में पत्नी के बचाव पक्ष को खारिज करने के आदेश को रद्द किया, वैवाहिक मुकदमेबाजी में व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाएं
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने तलाक के मामले में पत्नी के बचाव पक्ष को खारिज करने के आदेश को रद्द किया, वैवाहिक मुकदमेबाजी में व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाएं

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने दोहराया है कि अदालतों को वैवाहिक मुकदमेबाजी से निपटने के लिए अति-तकनीकी तरीके से मामले से संपर्क करने के बजाय एक व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि वैवाहिक विवाद अंततः परिवारों और मानवीय संबंधों को प्रभावित करते हैं।फैमिली कोर्ट के इस आदेश को रद्द किया, जिसने पर्याप्त अवसर प्रदान किए बिना तलाक के मामले में पत्नी के बचाव को रद्द कर दिया था।जस्टिस हरकेश मनुजा ने कहा,"वैवाहिक मुकदमेबाजी में, विवाद मुख्य रूप से मानवीय संबंधों से संबंधित है, जो अंततः...