दिल्ली कोर्ट ने उमर खालिद को अंतरिम जमानत अवधि के दौरान घर तक ही सीमित रहने का निर्देश दिया, मीडिया से बात करने पर रोक लगाई

Sharafat

13 Dec 2022 7:06 AM GMT

  • दिल्ली कोर्ट ने उमर खालिद को अंतरिम जमानत अवधि के दौरान घर तक ही सीमित रहने का निर्देश दिया, मीडिया से बात करने पर रोक लगाई

    दिल्ली कोर्ट ने एक्टिविस्ट उमर खालिद को 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के बड़े साजिश मामले में एक सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत देते हुए उस पर कड़ी शर्तें लगाई हैं, जिनमें से एक शर्त के तहत ज़मानत की अवधि के दौरान उसे अपने घर तक ही सीमित रखा गया है और मीडिया से बात करने पर भी रोक लगा दी गई है।

    अदालत ने सोमवार को खालिद को अंतरिम जमानत दी थी। खालिद सितंबर 2020 से हिरासत में है। उसने अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए ज़मानत की मांग की थी। कोर्ट ने उसे एक सप्ताह की अवधि (23 दिसंबर से 30 दिसंबर तक) अंतरिम ज़मानत दी है।

    अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने आदेश में कहा कि खालिद "सोशल मीडिया सहित" किसी भी मीडिया से बात नहीं करेगा या कोई साक्षात्कार नहीं देगा।

    कोर्ट ने आदेश में कहा,

    "वह जनता के सदस्यों से नहीं मिलेगा। वह विवाह समारोह के दौरान अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ बातचीत करने का हकदार होगा, लेकिन अपनी अंतरिम जमानत अवधि के दौरान वह शादी में शामिल होने के अलावा अपने घर पर ही रहेगा।"

    अदालत ने यह भी कहा कि पुलिस बाहर से उनके घर की रखवाली कर सकती है लेकिन "घर के अंदर नहीं जाएगी।"

    कोर्ट ने खालिद को अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान जांच अधिकारी से रोजाना वीडियो कॉल करने का भी निर्देश दिया।

    "न्यायाधीश ने कहा,

    " आरोपी उमर खालिद अपनी रिहाई पर किसी भी गवाह से संपर्क नहीं करेगा और न ही सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेगा और जांच अधिकारी को अपना मोबाइल नंबर देगा और अंतरिम जमानत की अवधि तक अपना मोबाइल फोन ऑन रखेगा।"

    अंतरिम जमानत के लिए 25,000 रुपये की राशि में एक व्यक्तिगत बांड और समान राशि में दो जमानतदार पेश करने को कहा गया।

    दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा जांच की जा रही एफआईआर 59/2020 में आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत विभिन्न आरोप लगाए गए हैं।

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