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बॉम्बे हाईकोर्ट ने बिना लाइसेंस के कामकाज करने पर रैपिडो को महाराष्ट्र में तुरंत संचालन बंद करने के लिए कहा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बिना लाइसेंस के कामकाज करने पर रैपिडो को महाराष्ट्र में तुरंत संचालन बंद करने के लिए कहा

बॉम्बे हाईकोर्ट की तीखी टिप्पणियों के बाद बाइक टैक्सी एग्रीगेटर रैपिडो ने 20 जनवरी, 2023 तक महाराष्ट्र में अपनी सभी सेवाओं- बाइक टैक्सी, रिक्शा और भोजन वितरण को बंद करने का निर्णय लिया।रैपिडो ने कोर्ट को बताया कि ऐप अब राज्य में निष्क्रिय हो गया है।अदालत ने कहा,"मिस्टर सेठना (याचिकाकर्ता के लिए) पुष्टि करती हैं कि ऐप अब महाराष्ट्र में निष्क्रिय है। हम हालांकि उन ग्राहकों की सुविधा के लिए स्पष्ट करते हैं, जिन्होंने दोपहर 1 बजे से पहले सवारी बुक की हो सकती है, याचिकाकर्ता उन दायित्वों को पूरा कर...

धारा 37 एनडीपीएस एक्ट की कठोरता को शाश्वत रूप से लागू कर शीघ्र सुनवाई के अधिकार को कमजोर नहीं किया जा सकताः हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
धारा 37 एनडीपीएस एक्ट की कठोरता को शाश्वत रूप से लागू कर शीघ्र सुनवाई के अधिकार को कमजोर नहीं किया जा सकताः हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट, 1985 की धारा 37 के तहत जमानत से संबंधित कड़े प्रावधानों को अभियुक्तों के शीघ्र परीक्षण के अधिकार को कमजोर करने के लिए सदा के लिए लागू नहीं किया जा सकता है।जस्टिस सत्येन वैद्य ने एक मामले में जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह घोषणा की, जहां याचिकाकर्ता-आरोपी 30 मार्च, 2021 से एनडीपीएस अधिनियम की धारा 20 और 29 के तहत अपराधों के लिए हिरासत में थे।याचिकाकर्ता-आरोपी ने अपनी दलील में कहा कि वह...

बिना आरोप तय किए 9 साल से जेल में बंद UAPA आरोपी, दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर NIA से मांगा जवाब
बिना आरोप तय किए 9 साल से जेल में बंद UAPA आरोपी, दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर NIA से मांगा जवाब

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज मामले में नौ साल से अधिक समय से जेल में बंद आरोपी की जमानत याचिका पर ट्रायल में देरी के बारे में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जवाब मांगा।इंडियन मुजाहिदीन के कथित संचालक मन्ज़र इमाम को अगस्त 2013 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया, जिसमें आरोप लगाया गया कि उसने अन्य लोगों के साथ मिलकर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रची और देश में प्रमुख स्थानों को निशाना बनाने की...

दिल्ली हाईकोर्ट ने किशोर न्याय नियमों के तहत रिपोर्ट में कथित अपराध का कारण उल्लेख करने के खिलाफ डीसीपीसीआर की याचिका पर नोटिस जारी किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने किशोर न्याय नियमों के तहत रिपोर्ट में 'कथित अपराध का कारण' उल्लेख करने के खिलाफ डीसीपीसीआर की याचिका पर नोटिस जारी किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) की एक याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उसने किशोर की सामाजिक पृष्ठभूमि र‌िपोर्ट, और सामाजिक जांच रिपोर्ट में 'कथित अपराध के कारण और अपराध में बच्चे की कथित भूमिका' की रिकॉर्डिंग की आवश्यकता को चुनौती दी है। आयोग ने कहा है कि यह बच्चे से स्वीकारोक्त‌ि प्राप्त करने जैसा है, निकालने और संविधान के अनुच्छेद 20(3) का उल्लंघन है।जस्टिस मुक्ता गुप्ता और जस्टिस पूनम बंबा की खंडपीठ ने महिला एवं बाल विकास और कानून एवं न्याय मंत्रालयों...

CJI Chandrachud
दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुआई वाली बेंच ने सीजेआई चंद्रचूड़ की नियुक्ति के खिलाफ याचिका खारिज करने के आदेश पर पुनर्विचार की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया

सीजेआई चंद्रचूड़ की नियुक्ति के खिलाफ याचिका खारिज करने के आदेश पुनर्विचार की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुआई वाली बेंच ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि उन्होंने जनहित याचिका को खारिज करने का आदेश पारित किया था। इसलिए उसी पीठ के लिए पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करना उचित नहीं होगा।याचिकाकर्ता संजीव कुमार तिवारी ने जनहित याचिका में तर्क दिया है कि जस्टिस चंद्रचूड़ की नियुक्ति संविधान के प्रावधानों...

Swami Nithyananda
स्वामी नित्यानंद पर बेटियों को अवैध रूप से कैद में रखने का आरोप लगाने वाली पिता की याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय से जवाब मांगा

गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने 2 लापता बहनों के मामले में गृह मंत्रालय से जवाब मांगा, जो कथित रूप से रेप के आरोपी और स्वघोषित धर्मगुरु नित्यानंद के अवैध कैद में हैं।जस्टिस एन. वी. अंजारिया और जस्टिस निराल आर. मेहता की पीठ ने 2 बहनों के पिता द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि नित्यानंद द्वारा लड़कियों को जबरन ले जाया गया था और अन्य उद्देश्यों के लिए बहकाया गया था।बता दें, याचिका साल 2019 में बहुत पहले दायर की गई थी...

Pongal Celebrations
मुर्गों की लड़ाई: मद्रास हाईकोर्ट ने तिरुवल्लूर कार्यक्रम में पोंगल उत्सव के दौरान पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए

मद्रास हाईकोर्ट (Madras high Court) ने हाल ही में तिरुवल्लूर जिले के वलक्कनमपुदी पुडुर गांव में पोंगल त्योहार में मुर्गों की लड़ाई का आयोजन करते समय पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए।मुर्गे की लड़ाई एक सदियों पुरानी प्रथा है जिसमें दो या दो से अधिक विशेष नस्ल वाले पक्षी, जिन्हें गेमकॉक्स के रूप में जाना जाता है, को मनोरंजन के प्राथमिक उद्देश्यों के लिए लड़ने के लिए एक बंद गड्ढे में रखा जाता है।जस्टिस वीएम वेलुमणि और जस्टिस आर हेमलता ने पोंगल उत्सव के हिस्से के रूप में...

यूएपीए आरोपी 3 साल से हिरासत में, 54 गवाहों में से केवल एक का एग्जामिनेशन किया गया: कलकत्ता हाईकोर्ट ने दी जमानत
यूएपीए आरोपी 3 साल से हिरासत में, 54 गवाहों में से केवल एक का एग्जामिनेशन किया गया: कलकत्ता हाईकोर्ट ने दी जमानत

कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में एक आरोपी को यह देखते हुए जमानत दे दी कि मुकदमे के समापन में अत्यधिक देरी हुई है, जिससे आरोपी के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है।जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने इस बात पर विचार किया कि आरोपी ने तीन साल हिरासत में बिताए हैं और इस बात की कोई निश्चितता नहीं है कि मुकदमा कब समाप्त होगा।बेंच ने कहा,“याचिकाकर्ता लगभग तीन साल से हिरासत में है। आज तक केवल एक गवाह का...

समन में यह स्पष्ट होना चाहिए कि वाणिज्यिक मुकदमे में प्रतिवादी को 30 दिनों के भीतर लिखित बयान दर्ज करने की जरूरत है: दिल्ली हाईकोर्ट ने दीवानी अदालतों से कहा
समन में यह स्पष्ट होना चाहिए कि वाणिज्यिक मुकदमे में प्रतिवादी को 30 दिनों के भीतर लिखित बयान दर्ज करने की जरूरत है: दिल्ली हाईकोर्ट ने दीवानी अदालतों से कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने सिविल कोर्ट को निर्देश दिया कि वाणिज्यिक मुकदमे में प्रतिवादी को समन जारी करते समय यह पृष्ठांकन जरूर करें कि "प्रतिवादी को सम्मन की तामील/प्राप्ति की तारीख से 30 दिनों के भीतर अपने बचाव का लिखित बयान दर्ज करना चाहिए"।जस्टिस तुषार राव गेडेला ने कहा,"इस न्यायालय के रजिस्ट्रार को निर्देशित किया जाता है कि वे इस आदेश की प्रतियां विद्वान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (मुख्यालय) के साथ-साथ अन्य सभी जिलों के जिला एवं सत्र न्यायाधीश को प्रेषित करें ताकि अस आदेश के पैरा 35 में निर्धारित...

Writ Of Habeas Corpus Will Not Lie When Adoptive Mother Seeks Child
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जैन मुनियों के खिलाफ अपमानजनक पत्र पोस्ट करने के आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया

मध्य प्रदेश ‌हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते सुरेंद्र कुमार जैन नामक एक व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिस पर जैन मुनियों और संतों के खिलाफ अपमानजनक भाषा में लिखे गए पत्रों को पोस्ट करने और जैन समुदाय की भावनाओं को आहत करने के आरोप है।जस्टिस नंदिता दुबे की पीठ ने कहा कि जांच अभी भी लंबित है, इसलिए यह जमानत देने के लिए उपयुक्त मामला नहीं है।आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 294-ए, 500 (1), 295-ए, 500, 501, 502 (2) के तहत मामला दर्ज किया है। उन्हें 18 दिसंबर, 2022 को गिरफ्तार किया गया था।मामले में...

याचिका में मांग, डॉक्टर जेनरिक दवाओं के नाम लिखें; गुजरात हाईकोर्ट ने एनएमसी को नोटिस जारी किया
याचिका में मांग, डॉक्टर जेनरिक दवाओं के नाम लिखें; गुजरात हाईकोर्ट ने एनएमसी को नोटिस जारी किया

गुजरात हाईकोर्ट ने 2016 में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पीआईएल याचिकाकर्ता को राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (एनएमसी) को नोटिस देने के लिए कहा। याचिका में दवाओं के जेनेरिक नाम लिखने के लिए डॉक्टरों के लिए नियम बनाने की मांग की गई थी।मामले में सुनवाई की शुरुआत में चीफ जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस आशुतोष जे शास्त्री की बेंच ने कहा कि यह मामला कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में आता है, हालांकि जून 2019 में भारतीय चिकित्सा परिषद को इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया था, कोर्ट एनएमसी...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ज़िला न्यायपालिका के दिवंगत न्यायाधीशों को श्रद्धांजलि अर्पित की
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ज़िला न्यायपालिका के दिवंगत न्यायाधीशों को श्रद्धांजलि अर्पित की

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फुल कोर्ट ने गुरुवार को ज़िला न्यायपालिका के उन न्यायाधीशों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनका पिछले कैलेंडर वर्ष में निधन हुआ। इस दौरान कार्यरत और रिटायर्ड न्यायाधीशों को याद किया गया, जिनका देहांत पिछ्ले साल हुआ। भारतीय न्यायापालिका के इतिहास में यह पहली बार है कि ज़िला न्यायपालिका के दिवंगत न्यायाधीशों की सेवा, उनके योगदान को याद करने के लिए इस प्रकार के रेफेरेंस का आयोजन हुआ और फुलकोर्ट ने उनके प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त कीं।मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य...

नए दायर मामले अपने आप निर्दिष्ट दिनों पर आएंगे, रजिस्ट्री के पास इसका कोई विवेकाधिकार नहीं : सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़
नए दायर मामले अपने आप निर्दिष्ट दिनों पर आएंगे, रजिस्ट्री के पास इसका कोई विवेकाधिकार नहीं : सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को मेंशन पर सुनवाई करते हुए कहा कि बार के सदस्यों के लिए किसी मामले का उल्लेख करना आवश्यक नहीं है, जब तक कि यह जरूरी न हो। उन्होंने कहा कि मामले स्वत: सामने आएंगे और रजिस्ट्री को इस पर कोई विवेकाधिकार नहीं है। उन्होंने कहा," मैं बार के सभी सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि आपको इसका मेंशन करने की आवश्यकता नहीं है। जैसा कि मैंने पहले ही कहा, शनिवार, सोमवार और मंगलवार को दायर मामले बिना मेंशन किए अगले सोमवार को स्वचालित रूप से आते हैं। बुधवार, गुरुवार और...

बलात्कार | यह बहुत व्यापक सामान्यीकरण कि एक महिला कभी भी अपने चरित्र को प्रभावित करने वाली बात नहीं बोलेगी: उड़ीसा हाईकोर्ट
बलात्कार | यह 'बहुत व्यापक सामान्यीकरण' कि एक महिला कभी भी अपने चरित्र को प्रभावित करने वाली बात नहीं बोलेगी: उड़ीसा हाईकोर्ट

उड़ीसा हाईकोर्ट ने कहा कि यह मानना "व्यापक सामान्यीकरण" है कि एक महिला उस पर कुछ नहीं बोलेगी जो उसके चरित्र और सम्मान के लिए हानिकारक होगा। इसलिए, बलात्कार के मामलों में यह नियम कि अभियोजिका के बयान की किसी पुष्टि की आवश्यकता नहीं है, हर एक मामले के निर्णय के लिए एक 'कठोर सूत्र' के रूप में नहीं माना जा सकता है।बलात्कार के लिए सजा के खिलाफ अपील की अनुमति देते हुए, जस्टिस शशिकांत मिश्रा की पीठ ने कहा, "निचली अदालत ने सैद्धांतिक संभावना पर भी विचार किया है कि एक महिला आमतौर पर अपने चरित्र और सम्मान...

Allahabad High Court
‘घटना स्थल पर फायर आर्म ले जाने वाले आरोपी का कृत्य मर्डर करने का इरादा दिखाता है’: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मर्डर की सजा बरकरार रखी

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने हाल ही में वर्ष 2005 में देशी पिस्तौल से एक व्यक्ति की हत्या करने के मामले दो व्यक्तियों की दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा।अदालत ने कहा कि घटना के स्थान पर फायर आर्म हथियार ले जाने वाले अभियुक्तों का कृत्य मर्डर करने का इरादा दिखाता है।जस्टिस सुनीत कुमार और जस्टिस विक्रम डी. चौहान की पीठ ने यह भी कहा कि चोट की प्रकृति और शरीर के उस हिस्से, जहां चोटें लगी थीं, संकेत देता है कि आरोपी-अपीलकर्ता ने मृतक पर चोट पहुंचाने के इरादे से गोली...

197 पुलिस थानों में लगे 1941 सीसीटीवी कैमरे, फुटेज एक महीने तक ही रखी जा सकती है: दिल्ली हाईकोर्ट में पुलिस ने कहा
197 पुलिस थानों में लगे 1941 सीसीटीवी कैमरे, फुटेज एक महीने तक ही रखी जा सकती है: दिल्ली हाईकोर्ट में पुलिस ने कहा

दिल्ली हाईकोर्ट में पुलिस ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में 197 पुलिस स्टेशनों में 1941 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और प्रत्येक पुलिस स्टेशन में 48 टेराबाइट्स स्टोरेज की सुविधा है, जो एक महीने की अवधि के लिए फुटेज स्टोर रख सकती है।पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि 1941 सीसीटीवी कैमरों में से 30 काम नहीं कर रहे हैं।यह भी कहा गया कि दिल्ली पुलिस मौजूदा कैमरों के उन्नयन की दिशा में काम कर रही है और 2175 अतिरिक्त कैमरे लगाए जाएंगे।दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग...

मृत पिता का ऋण बेटे पर कानूनी रूप से लागू होगा, बेटे के खिलाफ एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत शिकायत सुनवाई योग्य: कर्नाटक हाईकोर्ट
मृत पिता का ऋण बेटे पर 'कानूनी रूप से लागू' होगा, बेटे के खिलाफ एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत शिकायत सुनवाई योग्य: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि कानूनी प्रतिनिधि होने के नाते बेटा निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत मृतक पिता के दायित्व का निर्वहन करने के लिए उत्तरदायी है।जस्टिस के नटराजन की सिंगल जज पीठ ने प्रतिवादी/आरोपी बीटी दिनेश के तर्क को खारिज कर दिया कि उसके खिलाफ कोई कानूनी रूप से लागू करने योग्य ऋण नहीं है, क्योंकि ऋण उसके पिता ने लिया था, जो एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत शिकायत दर्ज करने से पहले मर गए थे।पीठ ने कहा,"पिता के कानूनी प्रतिनिधि के रूप में, आरोपी शिकायतकर्ता को ऋण चुकाने के लिए उत्तरदायी...

अगर जुवेनाइल स्वेच्छा से काम करता है वहां जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 75 और 79 लागू नहीं होती: तेलंगाना हाईकोर्ट
अगर जुवेनाइल स्वेच्छा से काम करता है वहां जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 75 और 79 लागू नहीं होती: तेलंगाना हाईकोर्ट

तेलंगाना हाईकोर्ट (Telangana High Court) के जस्टिस के. सुरेंदर ने कहा कि जहां जुवेनाइल स्वेच्छा से काम करता है, वहां किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 75 और 79 लागू नहीं होती हैं।दोनों धाराएं क्या कहती हैं?धारा 75 में सजा का प्रावधान है, अगर कोई व्यक्ति बच्चे को अपने नियंत्रण में रखता है, हमला करता है, दुर्व्यवहार करता है या जानबूझकर बच्चे की उपेक्षा करता है।धारा 79 बाल कर्मचारी के शोषण के लिए सजा से संबंधित है। यह किसी बच्चे को प्रत्यक्ष रूप से काम पर लगाने और उसे...