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Allahabad High Court
हत्या के प्रयास का मामला| 'समाज के खिलाफ अपराध, घायल व्यक्ति आरोपी को माफ नहीं कर सकते': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कार्यवाही रद्द करने से इनकार किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को आरोपियों और घायल पीड़ितों के बीच समझौते के आधार पर हत्या के प्रयास के मामले में आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा, इसे 'समाज के खिलाफ अपराध' कहा।जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने कहा कि अपराध समाज के खिलाफ था न कि अकेले शिकायतकर्ता के घायल बेटों के खिलाफ और इसलिए, शिकायतकर्ता और उसके बेटों के पास आरोपी व्यक्तियों को क्षमा करने का कोई अधिकार नहीं है। कोर्ट ने अभियुक्तों की ओर से दायर धारा 482 सीआरपीसी याचिका को खारिज कर...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सरोगेट बच्चे को वीजा देने से इनकार के बाद ऑस्ट्रेलिया ले जाने की अनुमति मांगने वाले व्यक्ति की याचिका पर नोटिस जारी किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सरोगेट बच्चे को वीजा देने से इनकार के बाद ऑस्ट्रेलिया ले जाने की अनुमति मांगने वाले व्यक्ति की याचिका पर नोटिस जारी किया

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को ऐसे मामले में केंद्र और पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया, जिसमें याचिकाकर्ता कमीशनिंग माता-पिता को सरोगेट बच्चे के लिए वीजा देने से इनकार कर दिया गया, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के गृह मामलों के विभाग ने उसे पहले अदालत के आदेश की पुष्टि करने के लिए कहा, जिससे यह साबित हो सके कि उसे बच्चे को भारत से बाहर ले जाने का अधिकार है।जस्टिस संजय वशिष्ठ ने मामले को 02 फरवरी को विचार के लिए सूचीबद्ध किया और प्रतिवादियों को सुनवाई की अगली तारीख पर या उससे पहले अपना जवाब दाखिल...

नागरिकों को उन नियमों को जानने का अधिकार है जिनके तहत उन्हें शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति देने से इनकार किया जाता है: गुजरात हाईकोर्ट
नागरिकों को उन नियमों को जानने का अधिकार है जिनके तहत उन्हें शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति देने से इनकार किया जाता है: गुजरात हाईकोर्ट

गुजरात हाईकोर्ट ने माना कि नागरिकों को उन नियमों और विनियमों को जानने का अधिकार है, जिसके तहत उन्हें शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति से वंचित किया जाता है। इसमें कहा गया कि पुलिस द्वारा इस तरह के नियमों को प्रचारित करने से इंकार करना सूचना के अधिकार अधिनियम के उद्देश्य को "मारना और गला घोंटना" है।कोर्ट ने कहा,"सूचना का अधिकार अधिनियम इस भावना के साथ अधिनियमित किया गया कि लोकतंत्र को सूचित नागरिक और सूचना की पारदर्शिता की आवश्यकता होती है, जो इसके कामकाज के लिए महत्वपूर्ण है और...

बच्चे के भरण-पोषण में विफल रहने पर अधीनस्थ अधिकारी के खिलाफ जिला कलेक्टर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकते हैं: मद्रास हाईकोर्ट
बच्चे के भरण-पोषण में विफल रहने पर अधीनस्थ अधिकारी के खिलाफ जिला कलेक्टर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकते हैं: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु में पुदुकोट्टई से पोन्नेरी में वैवाहिक विवाद को ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पिता, जो ग्राम प्रशासन अधिकारी के रूप में कार्यरत है, अपनी 10 वर्षीय बेटी को अंतरिम भरण-पोषण का भुगतान नहीं कर रहा है।जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने मुलाक़ात के अधिकार के बावजूद उसे इस तरह का भुगतान करने का निर्देश देते हुए जिला कलेक्टर को यह भी निर्देश दिया कि अगर वह इस तरह के अंतरिम भरण-पोषण का भुगतान करने में विफल रहता है तो अधिकारी के खिलाफ सेवा नियमों के तहत...

सूट शेयरों में किसी तीसरे पक्ष का हित उत्पन्न नहीं होने देंगे: अशनीर ग्रोवर ने दिल्ली हाईकोर्ट में BharatPe के सह-संस्थापक भाविक कोलाडिया द्वारा मुकदमा दायर करने पर कहा
सूट शेयरों में किसी तीसरे पक्ष का हित उत्पन्न नहीं होने देंगे': अशनीर ग्रोवर ने दिल्ली हाईकोर्ट में BharatPe के सह-संस्थापक भाविक कोलाडिया द्वारा मुकदमा दायर करने पर कहा

दिल्ली हाईकोर्ट में BharatPe के पूर्व प्रबंध निदेशक अश्नीर ग्रोवर ने बुधवार को बताया कि वह फिनटेक कंपनी के सह-संस्थापक भाविक कोलादिया द्वारा उन्हें ट्रांसफर किए गए 16,110 शेयरों में किसी तीसरे पक्ष हित उत्पन्न नहीं होने देंगे और इसके परिणामस्वरूप जो भी अधिकार उन्हें मिले हैं, उनका उपयोग वे अदालत के अगले आदेश तक नहीं करेंगे।जस्टिस प्रतीक जालान ने ग्रोवर को BharatPe में शेयरों के संबंध में किसी तीसरे पक्ष के अधिकार उत्पन्न होने से रोकने के लिए अंतरिम आवेदन के साथ कोलाडिया द्वारा दायर मुकदमे की...

आईपीसी की धारा 498ए | ससुराल वाले अलग रहते हों तो भी मानसिक क्रूरता  हो सकती है: बॉम्बे हाईकोर्ट
आईपीसी की धारा 498ए | ससुराल वाले अलग रहते हों तो भी मानसिक क्रूरता हो सकती है: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा था कि मानसिक क्रूरता एक अमूर्त अवधारणा है और इसे तब भी किया जा सकता है जब ससुराल वाले अलग रहते हों।कोर्ट ने कहा, "मानसिक क्रूरता एक अमूर्त अवधारणा है और जिसके साथ क्रूरता हो रही हो, वही व्यक्ति इसका अनुभव कर सकता है... कभी-कभी, ताने एक व्यक्ति को अहानिकर लग सकते हैं, जबकि जरूरी नहीं कि किसी अन्य व्यक्ति हो भी वैसा ही लगे... मानसिक क्रूरता की ऐसी प्रकृति होने के कारण, यह जरूरी नहीं कि यह उसी के साथ हो जो शारीरिक रूप से मौजूद है, इसे दूर रहते हुए भी किया जा सकता...

दक्षिण दिल्ली अवैध निर्माण: हाईकोर्ट ने सीबीआई को एमसीडी अधिकारियों के खिलाफ जांच के लोकपाल आदेश पर कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया
दक्षिण दिल्ली अवैध निर्माण: हाईकोर्ट ने सीबीआई को एमसीडी अधिकारियों के खिलाफ जांच के लोकपाल आदेश पर कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से भारत के लोकपाल द्वारा पारित आदेश पर कार्रवाई नहीं करने के लिए कहा, जिसमें केंद्रीय एजेंसी को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारियों के खिलाफ अवैध रूप से आरोप लगाने वाली और दक्षिण दिल्ली क्षेत्र में अनधिकृत निर्माण की शिकायत की जांच शुरू करने का निर्देश दिया गया है।अदालत ने कहा,"मामले की प्रकृति को देखते हुए इस बीच सीबीआई विवादित आदेश के तहत जांच को आगे नहीं बढ़ाएगी ... हालांकि यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि लोकपाल को एमसीडी के किसी...

दिल्ली हाईकोर्ट ने रोड एक्सीडेंट मामले में नाबालिग ड्राइवर के पिता से मुआवजे की वसूली को सही ठहराया
दिल्ली हाईकोर्ट ने रोड एक्सीडेंट मामले में नाबालिग ड्राइवर के पिता से मुआवजे की वसूली को सही ठहराया

दिल्ली हाईकोर्ट ने उस कार के रजिस्टर्ड मालिक के खिलाफ बीमाकर्ता को वसूली अधिकार देने को चुनौती देने वाली अपील खारिज कर दी, जिसका बेटा 2013 में रोड़ एक्सीडेंट में शामिल था, जिसके कारण 42 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी।जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि 42 वर्षीय व्यक्ति ने केवल इसलिए अपनी जान गंवाई, क्योंकि नाबालिग के पिता ने यह सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम नहीं उठाए कि उसका वाहन केवल वैध ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति ही चलाए।अदालत ने कहा,"इसलिए यह अदालत अपीलकर्ता के इस तरह के कृत्य को माफ नहीं...

दिल्ली उच्च न्यायिक सेवाएं: हाईकोर्ट ने SC/ST के लिए आरक्षित रिक्तियों पर नियुक्ति की मांग वाली याचिका खारिज की
दिल्ली उच्च न्यायिक सेवाएं: हाईकोर्ट ने SC/ST के लिए आरक्षित रिक्तियों पर नियुक्ति की मांग वाली याचिका खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा परीक्षा - 2022 में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रिक्तियों पर न्यायिक अधिकारी के रूप में नियुक्ति की मांग करने वाले एक उम्मीदवार की याचिका खारिज कर दी।जस्टिस विभु बाखरू और जस्टिस अमित महाजन की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता उम्मीदवार के पास उच्च न्यायिक सेवा में नियुक्त होने का कोई अपरिहार्य अधिकार नहीं है और वह अधिकार के रूप में यह दावा नहीं कर सकता कि अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित...

बिजली विभाग के पास उपभोक्ता की संपत्ति के स्वामित्व की जांच करने का कोई अधिकार नहीं है: केरल हाईकोर्ट
बिजली विभाग के पास उपभोक्ता की संपत्ति के स्वामित्व की जांच करने का कोई अधिकार नहीं है: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि जहां दीवानी विवाद सिविल कोर्ट के समक्ष लंबित है, बिजली विभाग को शिकायत पर विचार करने में सावधानी बरतनी चाहिए, जब तक कि अधिनियम के प्रावधानों का घोर उल्लंघन न हो।जस्टिस अमित रावल ने उपरोक्त आदेश उस याचिका पर पारित किया, जो याचिकाकर्ता को बिजली बोर्ड द्वारा जारी संचार को चुनौती देते हुए दायर की गई, जिसमें उसे संपत्ति का स्वामित्व दिखाने के लिए कहा गया।कोर्ट ने कहा,"बिजली विभाग के पास स्वामित्व की सत्यता की जांच करने का कोई काम नहीं है। एक बार मामला सिविल कोर्ट के...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 90 हिंदुओं को ईसाई धर्म में परिवर्तित होने के लिए लालच देने के आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 90 हिंदुओं को ईसाई धर्म में परिवर्तित होने के लिए लालच देने के आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने 90 हिंदुओं को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए धोखाधड़ी और लालच देने के आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया।कोर्ट ने कहा कि अग्रिम जमानत केवल उपयुक्त मामलों में प्रयोग किया जाने वाला एक असाधारण उपाय है।जस्टिस ज्योत्सना शर्मा की पीठ ने राहत से इनकार कर दिया क्योंकि अभियुक्तों को अग्रिम जमानत देने का कोई आधार नहीं मिला।पीठ एक भानू प्रताप सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिस पर आईपीसी की धारा 153ए, 506, 420, 467, 468, 471 और उत्तर...

सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या की याचिका खारिज की, वकील ने कहा, उनके पास मुवक्किल से कोई निर्देश नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या की याचिका खारिज की, वकील ने कहा, उनके पास मुवक्किल से कोई निर्देश नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फरार व्यवसायी विजय माल्या द्वारा दायर दो विशेष अनुमति याचिकाएं खारिज कर दी, जब माल्या के वकील ने पीठ को सूचित किया कि उन्हें कई प्रयासों के बावजूद अपने मुवक्किल से कोई निर्देश नहीं मिला है।भारत के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने माल्या की नॉन प्रॉसिक्यूशन याचिकाओं को खारिज कर दिया।कर्नाटक हाईकोर्ट के अक्टूबर 2018 के फैसले खिलाफ माल्या ने याचिका दायर की थी, जिसमें कर्ज वसूली अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा जारी निर्देश को मंजूरी दी गई थी, जिसमें उन्हें भारतीय स्टेट बैंक...

अवार्ड रद्द करने के लिए परिसीमा में कोई नैतिकता या न्याय की बुनियादी धारणा शामिल नहीं है: बॉम्बे हाईकोर्ट
अवार्ड रद्द करने के लिए 'परिसीमा' में कोई "नैतिकता या न्याय की बुनियादी धारणा" शामिल नहीं है: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा कि कि परिसीमा का आधार, कानून और तथ्य का एक मिश्रित प्रश्न होने के नाते, कभी भी ऐसा आधार नहीं हो सकता है जिसमें मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 की धारा 34 के तहत एक मध्यस्थता अवॉर्ड को रद्द करने के लिए "नैतिकता या न्याय की बुनियादी धारणा" शामिल हो।न्यायालय ने माना कि मध्यस्थ न्यायाधिकरण ने निष्कर्ष निकाला था कि दावेदार द्वारा उठाए गए दावों को परिसीमा से वर्जित नहीं किया गया था, इस तथ्य को दर्ज करके कि पार्टियों के बीच एक खाता चल रहा था।जस्टिस जीएस कुलकर्णी की...

बाइक टैक्सी एग्रीगेटर रैपिडो ने महाराष्ट्र में ऑपरेशन बंद करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
बाइक टैक्सी एग्रीगेटर रैपिडो ने महाराष्ट्र में ऑपरेशन बंद करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ बाइक टैक्सी एग्रीगेटर रैपिडो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।बॉम्बे हाईकोर्ट अपने आदेश में रैपिडो को महाराष्ट्र राज्य में अपनी सभी सेवाओं को बंद करने का निर्देश दिया था क्योंकि वह बिना लाइसेंस के काम कर रहा था।मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने इस मामले का उल्लेख किया। बेंच ने अब इस मामले को 23 जनवरी 2023 के लिए सूचीबद्ध किया है।सीनियर एडवोकेट रोहतगी ने इस मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने...

हिसाब किताब टिप्पणी केस - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ कार्यवाही रद्द करने की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा
हिसाब किताब टिप्पणी केस - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ कार्यवाही रद्द करने की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिसाब-किताब टिप्पणी मामले में जेल में बंद नेता मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर के विधायक अब्बास अंसारी की याचिका खारिज करते हुए आपराधिक कार्यवाही में मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने अंसारी और राज्य सरकार के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद आज फैसला सुरक्षित रख लिया।अंसारी के खिलाफ मामला मार्च 2022 में मऊ जिले में एक सार्वजनिक रैली में सरकारी अधिकारियों को धमकी देने वाले कथित बयान से संबंधित है, जिसमें अंसारी ने कथित रूप से अधिकारियों को...

फॉरेनर्स स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत  विवाह का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं, दिल्ली सरकार को दिशा-निर्देशों में संशोधन के लिए कदम उठाने चाहिए: हाईकोर्ट
फॉरेनर्स स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत विवाह का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं, दिल्ली सरकार को दिशा-निर्देशों में संशोधन के लिए कदम उठाने चाहिए: हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कहा कि स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954 के प्रावधानों के तहत एक जोड़े के विवाह के अनुष्ठान और पंजीकरण के लिए "कम से कम एक पक्ष भारत का नागरिक होने" की कोई आवश्यकता नहीं है।जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि अधिनियम की धारा 4 में कोई संदेह नहीं है कि कोई भी दो व्यक्ति अपनी शादी को तब तक पूरा कर सकते हैं जब तक कि प्रावधान में निर्धारित शर्तें पूरी होती हैं।अदालत ने कहा,“धारा 4 के उप-खंड (ए), (बी), (सी) और (डी) नागरिकों के लिए कोई संदर्भ नहीं देते हैं। यह केवल धारा 4 की...

कंपनी को आरोपी बनाया जाना चाहिए ताकि उसके कर्मचारियों पर प्रतिनियुक्त रूप से उत्तरदायी के रूप में मुकदमा चलाया जा सके: कर्नाटक हाईकोर्ट ने चोरी के आभूषणों की खरीद का मामला खारिज किया
कंपनी को आरोपी बनाया जाना चाहिए ताकि उसके कर्मचारियों पर प्रतिनियुक्त रूप से उत्तरदायी के रूप में मुकदमा चलाया जा सके: कर्नाटक हाईकोर्ट ने चोरी के आभूषणों की खरीद का मामला खारिज किया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने एटिका गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड के दो कर्मचारियों के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी, जिन पर चोरी के सोने के आभूषण खरीदने का आरोप है, क्योंकि पुलिस कंपनी को मामले में आरोपी के रूप में पेश करने में विफल रही।जस्टिस हेमंत चंदनगौदर की एकल न्यायाधीश की पीठ ने होन्नेगौड़ा और प्रवीण एच के द्वारा दायर याचिका की अनुमति दी और कहा,"याचिकाकर्ताओं-आरोपी नंबर 2 और 4 के खिलाफ चार्जशीट रखी गई है, जिसमें आरोप लगाया गया कि जिस कंपनी में वे कर्मचारी के रूप में काम कर रहे हैं, उस...