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केवल मां को चुनने का अधिकार है, मेडिकल बोर्ड को नहीं; कोर्ट उसके अधिकार को निरस्त नहीं कर सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट ने 32 सप्ताह की प्रेग्नेंसी के मेडिकल टर्मिनेशन की अनुमति दी
केवल मां को चुनने का अधिकार है, मेडिकल बोर्ड को नहीं; कोर्ट उसके अधिकार को निरस्त नहीं कर सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट ने 32 सप्ताह की प्रेग्नेंसी के मेडिकल टर्मिनेशन की अनुमति दी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गर्भावस्था की अवधि के बावजूद गंभीर भ्रूण असामान्यता पाए जाने के बाद प्रेग्नेंसी के मेडिकल टर्मिनेशन को लेकर कहा कहा कि इस बारे में निर्णय लेने का अधिकार केवल महिला का है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने विवाहित महिला को मेडिकल बोर्ड की सलाह के खिलाफ 32 सप्ताह की प्रेग्नेंसी के टर्मिनेशन की अनुमति दे दी।जस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस एसजी डिगे की खंडपीठ ने कहा,"चुनने का अधिकार याचिकाकर्ता का है। यह मेडिकल बोर्ड का अधिकार नहीं है। और यह न्यायालय का अधिकार भी नहीं है कि याचिकाकर्ता के...

दिल्ली एलजी, केंद्र राज्यों के मंत्रियों की विदेश यात्राओं के लिए स्वीकृति की आवश्यकता को चुनौती देने वाली याचिका का जवाब देने में विफल, हाईकोर्ट ने अंतिम अवसर दिया
दिल्ली एलजी, केंद्र राज्यों के मंत्रियों की विदेश यात्राओं के लिए स्वीकृति की आवश्यकता को चुनौती देने वाली याचिका का जवाब देने में विफल, हाईकोर्ट ने अंतिम अवसर दिया

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना और केंद्र सरकार को परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की उस याचिका पर जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया है, जिसमें राज्य सरकार के मंत्रियों को व्यक्तिगत विदेश यात्राओं के लिए केंद्र से राजनीतिक मंजूरी लेने की आवश्यकता को चुनौती दी गई थी।जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने 22 मई को सुनवाई के लिए मामले को सूचीबद्ध करते हुए, कैबिनेट सचिव, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के माध्यम से एलजी और केंद्र को जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय...

केवल असाधारण परिस्थितियों में ही किसी गवाह से क्रॉस एक्जामिनेशन करने के अधिकार से इनकार किया जा सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
केवल असाधारण परिस्थितियों में ही किसी गवाह से क्रॉस एक्जामिनेशन करने के अधिकार से इनकार किया जा सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि गवाह से क्रॉस एग्जामिनेशन करने का अधिकार ऐसा अधिकार है, जिसे केवल असाधारण परिस्थितियों में या ऐसी परिस्थितियों में अस्वीकार किया जा सकता है, जहां ऑर्डर शीट से पता चलता है कि दूसरा पक्ष किसी कारण से स्थगन मांगने का अभ्यस्त है।जस्टिस राजेश सिंह चौहान की पीठ ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को रद्द करते हुए यह आदेश पारित किया, जिसमें आवेदक (गैंगस्टर एक्ट केस में आरोपी) के लिए अभियोजन पक्ष के गवाह से क्रॉस एग्जामिनेशन का अवसर इस तथ्य के बावजूद रद्द कर दिया गया कि आवेदक ने इस...

गुजरात हाईकोर्ट ने COVID-19 लॉकडाउन के बीच प्रासंगिक दस्तावेजों को सुरक्षित करने में निर्धारिती की अक्षमता का हवाला देते हुए पुनर्मूल्यांकन आदेश रद्द किया
गुजरात हाईकोर्ट ने COVID-19 लॉकडाउन के बीच प्रासंगिक दस्तावेजों को सुरक्षित करने में निर्धारिती की अक्षमता का हवाला देते हुए पुनर्मूल्यांकन आदेश रद्द किया

गुजरात हाईकोर्ट ने हाल ही में COVID-19 लॉकडाउन के बीच गुजरात मूल्य वर्धित कर अधिनियम, 2003 के तहत निर्धारित संबंधित दस्तावेजों, विशेष रूप से फॉर्म-एफ को प्रस्तुत करने में विफल रहने के बाद निर्धारिती के खिलाफ जारी किए गए पुनर्मूल्यांकन आदेश और मूल्यांकन का अंतिम नोटिस रद्द कर दिया।जस्टिस सोनिया गोकानी और जस्टिस संदीप एन भट्ट की खंडपीठ ने संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत याचिका इस आधार पर स्वीकार कर ली कि याचिकाकर्ता को कानून के अनुसार उचित अवसर नहीं देना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का स्पष्ट...

वकीलों को एनसीएलटी पीठों के समक्ष गाउन पहनने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
वकीलों को एनसीएलटी पीठों के समक्ष गाउन पहनने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने एनसीएलटी के रजिस्ट्रार द्वारा जारी एक अधिसूचना को चुनौती देने वाले एडवोकेट आर राजेश की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा, जिसमें वकीलों के लिए एनसीएलटी की किसी भी पीठ के समक्ष पेश होने के दौरान गाउन पहनना अनिवार्य है।जस्टिस आर महादेवन और जस्टिस मोहम्मद शफीक की खंडपीठ ने पक्षों को सुना और मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया।इससे पहले, जस्टिस के रविचंद्रबाबू (सेवानिवृत्त होने के बाद) और जस्टिस टीएस शिवगणनम की पीठ ने उस आदेश के संचालन पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया...

Gauhati High Court
अभियुक्त का फरार होना भले ही दोषी मन को दिखाता हो लेकिन अपराध से जुड़ी अन्य आपत्तिजनक सामग्री के अभाव में, यह ठोस सबूत नहीं: गुवाहाटी हाईकोर्ट

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने माना कि अपराध से जुड़ी अन्य आपत्तिजनक सामग्र‌ियों के अभाव में आरोपी का भगोड़ा होना, भले ही यह दोषी मन की स्थिति को दर्शाता हो, यह उसके अपराध का ठोस सबूत नहीं हो सकता है।जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह और जस्टिस सुष्मिता फुकन खौंड की खंडपीठ ने दोहराया कि एक सह-आरोपी द्वारा दिया गया इकबालिया बयान किसी अभियुक्त को दोषी ठहराने का एकमात्र आधार नहीं हो सकता है।यह देखा गया,"हमारा विचार है कि हालांकि एक सह-आरोपी के इकबालिया बयान को दोषसिद्धि के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, यह दोषसिद्धि का...

Gauhati High Court
क्या हाईकोर्ट कार्यवाही को एक विदेशी न्यायाधिकरण से दूसरे में ट्रांसफर कर सकता है? गुवाहाटी हाईकोर्ट की बड़ी बेंच फैसला करेगी

क्या संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट असम में एक कार्यवाही को एक विदेशी ट्रिब्यूनल से दूसरे विदेशी ट्रिब्यूनल में ट्रांसफर कर सकता है। गुवाहाटी हाईकोर्ट की खंडपीठ ने हाल ही में यह सवाल हाल ही बड़ी बेंच को भेज दिया।याचिकाकर्ताओं का मामला था कि चूंकि वे उन जिलों के स्थायी निवासी नहीं हैं, जहां कार्यवाही लंबित है, इसलिए उनके मामलों को उनके संबंधित जिलों में स्थित विदेशी ट्रिब्यूनल में स्थानांतरित किया जा सकता है, जहां वे स्थायी निवासी हैं, ताकि वे अपनी नागरिकता को स्‍थापित करने की कार्यवाही...

एनडीपीएस एक्ट | अभियुक्त को वैधानिक हिरासत अवधि की समाप्ति पर डिफ़ॉल्ट जमानत के लिए आवेदन करना होगा, स्वचालित रूप से रिहा नहीं किया जा सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट
एनडीपीएस एक्ट | अभियुक्त को वैधानिक हिरासत अवधि की समाप्ति पर डिफ़ॉल्ट जमानत के लिए आवेदन करना होगा, स्वचालित रूप से रिहा नहीं किया जा सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने सर्किट बेंच जलपाईगुड़ी में कहा कि जो अभियुक्त एनडीपीएस एक्ट (अधिनियम) के प्रावधानों के तहत हिरासत में है, उसको 180 दिनों की समाप्ति पर वैधानिक जमानत पर स्वचालित रूप से रिहा नहीं किया जा सकता है, जो एक्ट की धारा 36ए (4) के तहत निर्धारित है। उसे तब तक हिरासत में रखें जब तक कि वह लिखित या मौखिक रूप में आवेदन नहीं करता।जस्टिस जॉयमाल्या बागची, जस्टिस सुवरा घोष और जस्टिस कृष्णा राव की फुल बेंच ने कहा कि यदि कोई आरोपी लिखित या मौखिक रूप से वैधानिक जमानत के लिए आवेदन करने में विफल...

हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक
कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पुलिस द्वारा अवैध रूप से गिरफ्तार किए गए वकील को 3 लाख रूपए का भुगतान करने का निर्देश दिया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 23 वर्षीय वकील को 3 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। उक्त वकील को पिछले महीने पुलिस ने अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया था।जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने कहा कि वकील कुलदीप की गिरफ्तारी अर्नेश कुमार के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के विपरीत है। अदालत ने स्पष्ट किया कि 3 लाख रूपए का मुआवजा सक्षम सिविल कोर्ट में निजी कानून उपाय के प्रवर्तन में अतिरिक्त मुआवजे का दावा करने के लिए याचिकाकर्ता के रास्ते में नहीं आएगा।अदालत ने कहा,"याचिकाकर्ता...

IIT KGP छात्र की मौत का मामला- रैगिंग राष्ट्र के बौद्धिक विकास, कल्याण और विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है: कलकत्ता हाईकोर्ट
IIT KGP छात्र की मौत का मामला- 'रैगिंग राष्ट्र के बौद्धिक विकास, कल्याण और विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है': कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने आईआईटी, खड़गपुर के निदेशक को एक 23 वर्षीय छात्र की अप्राकृतिक मौत और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कठोर, कड़े और निवारक उपाय करने का निर्देश दिया।कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि रैगिंग राष्ट्र के बौद्धिक विकास, कल्याण और विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।जस्टिस राजशेखर मंथा की पीठ ने यह भी कहा कि संस्थान के निदेशक यह सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे कि आईआईटी में जमीनी स्तर से शुरू होने वाले उचित परामर्श...

Ind vs. NZ ODI Match
इंडिया बनाम न्यूजीलैंड वनडे मैच- 'न्यूज रिपोर्ट पर आधारित जनहित याचिका सुनवाई योग्य नहीं': मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने टिकटों की बिक्री में अवैधता के आरोप वाली याचिका खारिज की

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (इंदौर बेंच) ने पिछले हफ्ते एक जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया जिसमें आरोप लगाया गया था कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जाने वाले 24 जनवरी को इंदौर में तीसरे वनडे क्रिकेट मैच के टिकटों की बिक्री में अवैधता और धोखाधड़ी की गई है।कोर्ट ने कहा कि न्यूज रिपोर्ट पर आधारित जनहित याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और जस्टिस प्रकाश चंद्र गुप्ता की खंडपीठ ने एक राकेश यादव द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। इसके साथ ही उस पर 25 हजार रुपए का...

धर्म गाय से पैदा होता है,  जिस दिन गौहत्या बंद हो जाएगी, उस दिन धरती की समस्याएं खत्म हो जाएंगी: गुजरात कोर्ट
धर्म गाय से पैदा होता है, जिस दिन गौहत्या बंद हो जाएगी, उस दिन धरती की समस्याएं खत्म हो जाएंगी: गुजरात कोर्ट

गुजरात के तापी जिले की एक अदालत ने हाल ही में महाराष्ट्र राज्य से मवेशियों को अवैध रूप से ले जाने के आरोप में एक 22 वर्षीय व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए कहा कि जिस दिन गाय के खून की एक बूंद भी धरती पर नहीं गिरेगी, उस पृथ्वी की सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा और पृथ्वी में भलाई स्थापित हो जाएगी। सत्र न्यायाधीश एसवी व्यास ने जिला न्यायालय तापी की अध्यक्षता करते हुए कहा कि धर्म गाय से पैदा होता है क्योंकि धर्म वृषभ के रूप में होता है और गाय के पुत्र को वृषभ कहा जाता है।कोर्ट ने...

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा द्वारा प्रकाशित सिविल और आपराधिक कानून पर दो किताबों का अनावरण किया
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा द्वारा प्रकाशित सिविल और आपराधिक कानून पर दो किताबों का अनावरण किया

भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा (बीसीएमजी) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में सिविल और आपराधिक कानून प्रैक्टिस पर दो किताबों का अनावरण किया। सीजेआई ने सम्मान समारोह के दौरान बार काउंसिल-AIR न्यूज़ और व्यूज़ चैनल का भी अनावरण किया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस भूषण आर. गवई और बॉम्बे हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसवी गंगापुरवाला ने भाग लिया।बीसीएमजी सदस्य एडवोकेट जयंत जयभावे ने कहा, “यह बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद गिराने के लिए जनता को उकसाने के आरोपी को अग्रिम ज़मानत दी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद गिराने के लिए जनता को उकसाने के आरोपी को अग्रिम ज़मानत दी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद को गिराने के लिए जनता को उकसाने के आरोपी व्यक्ति को (पुलिस रिपोर्ट प्रस्तुत करने तक यदि कोई हो) अग्रिम जमानत दी है । जस्टिस सुभाष चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने आरोपी दिग्विजय चौबे की अग्रिम जमानत याचिका पर इस महीने की शुरुआत में यह आदेश पारित किया। चौबे पर आईपीसी की धारा 153ए, 295ए 505(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।आदेश में कहा गया कि" आवेदक दिग्विजय चौबे की गिरफ्तारी की स्थिति में सीआरपीसी की धारा 173 (2) के तहत पुलिस रिपोर्ट, यदि कोई हो, जमा करने तक, आवेदन...

Allahabad High Court
'दमनकारी और अवांछित': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिजली चोरी के आरोपी के खिलाफ 18 साल से लंबित आपराधिक कार्यवाही रद्द की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को बिजली चोरी करने के आरोपी एक व्यक्ति के खिलाफ 18 साल से लंबित आपराधिक कार्यवाही को मुकदमे में अत्यधिक देरी को दमनकारी और अनुचित बताते हुए रद्द कर दिया।यह मानते हुए कि मामले में अभियुक्त मदन मोहन सक्सेना के मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया गया था, जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने उनके खिलाफ विद्युत अधिनियम की धारा 39/49 बी के तहत आरोप पत्र और पूरे मामले की कार्यवाही को रद्द कर दिया।कोर्ट ने कहा,"वर्तमान मामले में, रिकॉर्ड के अवलोकन से यह प्रतीत होता है कि मुकदमे के पूरा...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने आपराधिक मामले में हस्तक्षेप आवेदन दायर करने वाले वकील पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने आपराधिक मामले में हस्तक्षेप आवेदन दायर करने वाले वकील पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया

बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने शुक्रवार को आपराधिक मामले में एडवोकेट घनश्याम उपाध्याय के हस्तक्षेप आवेदन को खारिज कर दिया और उन पर 25,000 रूपए का जुर्माना लगाया।अदालत ने पाया कि केवल पीड़ित को आपराधिक मुकदमे में हस्तक्षेप करने की अनुमति दी है, बाहरी व्यक्ति को अनुमति नहीं दी जा सकती।अदालत ने कहा,"केवल अपने आप को कानूनी पेशे के बहुत जानकार सदस्य के रूप में समझने का मतलब यह नहीं है कि आवेदक इस मामले से संबंधित है। यह प्रतिवादी नंबर एक (सीबीआई)...

कर्मचारी/पार्टी के एजेंट को मध्यस्थता अवॉर्ड का वितरण, मध्यस्थता अधिनियम के तहत वैध वितरण नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
कर्मचारी/पार्टी के एजेंट को मध्यस्थता अवॉर्ड का वितरण, मध्यस्थता अधिनियम के तहत वैध वितरण नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा कि मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 के तहत प्रभावी होने के लिए मध्यस्थता निर्णय की डिलवरी एक ऐसे व्यक्ति को की जानी चाहिए, जिसे मध्यस्थता की कार्यवाही का प्रत्यक्ष ज्ञान हो।जस्टिस चंद्रधारी सिंह की पीठ ने टिप्पणी की कि एएंडसी एक्ट की धारा 34(3) में 'पार्टी' शब्द का अर्थ मध्यस्थ कार्यवाही के लिए पार्टी है और इसमें पार्टी का एजेंट भी शामिल नहीं है।न्यायालय ने आगे कहा कि एक इकाई के कर्मचारी को मध्यस्थ निर्णय की डिलीवरी, जिसमें निर्णय देनदार एक शेयरधारक है, लेकिन...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूएपीए के तहत आरोपी एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष निजामुद्दीन खान को जमानत दी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूएपीए के तहत आरोपी एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष निजामुद्दीन खान को जमानत दी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से कथित संबंध और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के मामले में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के प्रदेश अध्यक्ष निजामुद्दीन खान को यूएपीए मामले में जमानत दे दी।खान पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295ए, 109, 120बी, 201 और यूएपीए की धारा 13 के तहत मामला दर्ज किया गया। उनको 27 सितंबर, 2022 को अलीगढ़ से कथित रूप से आपत्तिजनक सामग्री और असंवैधानिक साहित्य के साथ गिरफ्तार किया गया था।एफआईआर के अनुसार, खान पर केंद्र...