IIT KGP छात्र की मौत का मामला- 'रैगिंग राष्ट्र के बौद्धिक विकास, कल्याण और विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है': कलकत्ता हाईकोर्ट

Brij Nandan

23 Jan 2023 3:41 AM GMT

  • IIT KGP छात्र की मौत का मामला- रैगिंग राष्ट्र के बौद्धिक विकास, कल्याण और विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है: कलकत्ता हाईकोर्ट

    Calcutta High Court

    कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने आईआईटी, खड़गपुर के निदेशक को एक 23 वर्षीय छात्र की अप्राकृतिक मौत और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कठोर, कड़े और निवारक उपाय करने का निर्देश दिया।

    कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि रैगिंग राष्ट्र के बौद्धिक विकास, कल्याण और विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।

    जस्टिस राजशेखर मंथा की पीठ ने यह भी कहा कि संस्थान के निदेशक यह सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे कि आईआईटी में जमीनी स्तर से शुरू होने वाले उचित परामर्श सत्र आयोजित किए जाएं।

    कोर्ट ने कहा कि IIT, खड़गपुर देश में एक प्रमुख संस्थान है, जो अन्य बातों के साथ-साथ प्रौद्योगिकी और विज्ञान में शिक्षा प्रदान करता है।

    आगे कहा कि विभिन्न आर्थिक और सामाजिक पृष्ठभूमि और विभिन्न भावनात्मक गुणों से बड़ी संख्या में बेहतर बौद्धिक क्षमता वाले छात्र यहां आते हैं और ज्यादातर मामलों में, वे अन्य पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के साथ स्वतंत्र रूप से बातचीत करने और घुलने मिलने में सक्षम नहीं हो सकते हैं, जो उनके व्यवहार पैटर्न को प्रभावित करता है, कभी-कभी मुक्त अभिव्यक्ति और बातचीत को प्रतिबंधित करता है।

    पीठ ने असम के तिनसुकिया के रहने वाले एक छात्र (फैजान अहमद) के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया, जिसका शव कथित तौर पर 14 अक्टूबर को संस्थान के होस्टल के एक कमरे में मिला था।

    अपने आदेश में, कोर्ट ने देश में विशेष उच्च-स्तरीय वैज्ञानिक और तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की भलाई के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि किसी भी प्रकार की 'रैगिंग' की घटना ऐसे छात्रों के लिए और भी बदतर बना देती है।

    कोर्ट ने आगे कहा कि संस्थान के निदेशक को एक छात्र की भलाई पर रैगिंग के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में पता होना चाहिए।

    कोर्ट ने कहा,

    “यह (रैगिंग) अलग-अलग समय के लिए पीड़ित छात्रों को मनोवैज्ञानिक रूप से प्रभावित कर सकता है। कुछ मामलों में, यह लंबे समय तक छात्र को मानासिक रूप से प्रभावित रखता है। यह छात्रों के वर्तमान और भविष्य, व्यक्तिगत और कामकाजी जीवन पर विनाशकारी प्रभाव डाल सकता है।“

    कोर्ट ने टिप्पणी की कि "रैगिंग" समाज और राष्ट्र के बौद्धिक विकास, कल्याण और विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।

    इसके अलावा, छात्र की अप्राकृतिक मौत के संबंध में, आईआईटी के वकील ने अदालत को सूचित किया कि एक फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी ने मामले की जांच की, जिसका सामना न केवल संबंधित घटना तक ही सीमित था, बल्कि यह पता लगाने का भी उद्देश्य था कि क्या आईआईटी के नियम और कानून सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुरूप हैं।

    उसी को ध्यान में रखते हुए, कोर्ट ने राज्य के महाधिवक्ता से वर्तमान मामले में सहायता करने का अनुरोध किया।

    कोर्ट ने याचिकाकर्ता और IIT, खड़गपुर को मंगलवार (24.01.2023) तक महाधिवक्ता को मामले में सभी दलीलें और रिपोर्ट और आदेश देने का भी निर्देश दिया।

    इसके साथ, राज्य पुलिस द्वारा जांच की स्थिति का पता लगाने के लिए मामला 6 फरवरी 2023 को "विशेष रूप से तय" के रूप में आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट किया गया।

    कोर्ट ने कहा,

    "स्थगित तिथि पर केस डायरी पेश की जाएगी और इस अदालत को लिखित रूप में या मौखिक रूप से जांच की स्थिति के बारे में रिपोर्ट के रूप में अवगत कराया जाएगा। आईआईटी खड़गपुर द्वारा पूर्वोक्त निर्देशों के अनुपालन पर 13 फरवरी 2023 को विचार किया जाएगा, जब मामला फिर से सूचीबद्ध होगा।“

    केस टाइटल - सलीम अहमद और अन्य बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य।

    आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें:





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