मुख्य सुर्खियां

निष्पादन कार्यवाही में विभाजन और अलग कब्जे के लिए प्रार्थना नहीं दी जा सकती: बॉम्बे हाईकोर्ट
निष्पादन कार्यवाही में विभाजन और अलग कब्जे के लिए प्रार्थना नहीं दी जा सकती: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि उन याचिकाकर्ताओं के लिए निष्पादन कार्यवाही फिर से खोलने की अनुमति नहीं दी जा सकती, जिन्होंने 14 साल तक कोई आपत्ती नहीं दर्ज कराई और अदालत द्वारा निष्पादन आदेश पारित होने के दो साल तक उसे कोई चुनौती नहीं दी।जस्टिस संदीप वी. मार्ने ने रिट याचिका खारिज करते हुए कहा,“…आपत्तियां केवल औपचारिकता के रूप में दायर की गई प्रतीत होती हैं और उस पर कभी मुकदमा नहीं चलाया गया। निष्पादन अदालत द्वारा डिक्री की संतुष्टि दर्ज किए जाने के दो साल बाद याचिकाकर्ताओं ने अपनी आपत्ति...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने आवासीय क्षेत्र में देशी शराब बार खोलने की अनुमति को चुनौती देने के लिए नासिक निवासी पर 10,000 रूपए का जुर्माना लगाया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने आवासीय क्षेत्र में देशी शराब बार खोलने की अनुमति को चुनौती देने के लिए नासिक निवासी पर 10,000 रूपए का जुर्माना लगाया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में उस याचिकाकर्ता पर 10,000/- रूपए का जुर्माना लगाया, जिसने अपने पड़ोस में देशी शराब बार खोलने पर आपत्ति जताई थी। उसने अपनी याचिका में कहा था कि उसके आरोप व्यवसाय के मालिक के व्यापार करने के अधिकार को बाधित करते हैं।जस्टिस मिलिंद एन. जाधव ने रिट याचिका खारिज करते हुए कहा कि जिस तरीके से याचिका का मसौदा तैयार किया गया है, वह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है। याचिका में नासिक कलेक्टर के मौजूदा परिसर से नए परिसर में सीएल III लाइसेंस (देशी शराब की खुदरा बिक्री के लिए...

पत्नी का भरण-पोषण भत्ता कर्ज नहीं, पति की पेंशन को बकाये के भुगतान के लिए कुर्की से छूट नहींः मद्रास हाईकोर्ट
पत्नी का भरण-पोषण भत्ता कर्ज नहीं, पति की पेंशन को बकाये के भुगतान के लिए कुर्की से छूट नहींः मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने माना है कि पत्नी को दिया जाने वाला भरण-पोषण भत्ता कर्ज के दायरे में नहीं आएगा और इस प्रकार, पति की पेंशन को भरण-पोषण के बकाये के भुगतान के लिए कुर्की से छूट नहीं दी गई है।इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि भरण-पोषण एक सामाजिक न्याय है जो अभाव और खानाबदोशी को रोकता है, जस्टिस वी शिवगणनम ने कहा, ‘‘एक संकटग्रस्त महिला के वैध दावे को निर्ममतापूर्वक और कानूनन इनकार नहीं किया जाना चाहिए। सामाजिक न्याय की अंतरात्मा, हमारे संविधान की आधारशिला की रक्षा की जाएगी। इसलिए, मेरा मानना है कि...

उड़ीसा हाईकोर्ट ने जिला न्यायालयों से युवा वकीलों के लिए वकील ऑफ द ईयर अवार्ड स्कीम की अधिसूचना जारी की
उड़ीसा हाईकोर्ट ने जिला न्यायालयों से युवा वकीलों के लिए 'वकील ऑफ द ईयर अवार्ड' स्कीम की अधिसूचना जारी की

उड़ीसा हाईकोर्ट ने 'वकील ऑफ द ईयर अवार्ड' देने के लिए उस स्कीम की अधिसूचना जारी, जिसे पिछले साल शुरू किया गया था। अवार्ड के पीछे का उद्देश्य जिलों के बाहरी स्टेशनों सहित जिला न्यायालयों में प्रैक्टिस करने वाले युवा वकीलों को प्रोत्साहित करना है।इस योजना में अवार्ड की विशेषताओं, आवेदन करने की पात्रता, जूरी, चयन मानदंड आदि से संबंधित विवरण शामिल हैं। हाईकोर्ट ने हर साल 28 अप्रैल को अवार्ड देने की योजना बनाई है, जिसे ओडिशा राज्य भर में उत्कल गौराबा मधुसूदन दास की जयंती मनाने के लिए 'लॉयर डे' के रूप...

आग न बुझाना, मौत के बोध और इरादे को दर्शाता हैः बॉम्बे हाईकोर्ट ने पत्नी की हत्या करने वाले पति की सजा बरकरार रखी
आग न बुझाना, मौत के बोध और इरादे को दर्शाता हैः बॉम्बे हाईकोर्ट ने पत्नी की हत्या करने वाले पति की सजा बरकरार रखी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति को हत्या के मामले में दी गई सजा को बरकरार रखते हुए कहा है कि उसने आग बुझाने की कोशिश नहीं की,जो यह दर्शाता है कि उसका इरादा अपनी पत्नी की हत्या करने का था। जस्टिस नितिन डब्ल्यू सांबरे और जस्टिस आर एन लड्डा की खंडपीठ ने कहा, ‘‘मृतक के शरीर पर मिट्टी का तेल डालने, उसे आग लगाने और आग न बुझाने का अभियुक्त का कृत्य पूरी तरह से उसके खिलाफ माना जाएगा और यह अपीलकर्ता के इरादे और बोध को प्रदर्शित करता है। मृतक अपीलकर्ता की पत्नी थी और घर में अकेली थी। अपीलकर्ता...

[विशेष विवाह अधिनियम] युवा विदेश में बड़े पैमाने पर कार्यरत, 30 दिन का अनिवार्य निवास और उसके बाद की प्रतीक्षा अवधि पर पुनर्विचार की आवश्यकता: केरल हाईकोर्ट
[विशेष विवाह अधिनियम] युवा विदेश में बड़े पैमाने पर कार्यरत, 30 दिन का अनिवार्य निवास और उसके बाद की प्रतीक्षा अवधि पर पुनर्विचार की आवश्यकता: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट के समक्ष हाल ही में एक याचिका दायर की गई, जिसमें विशेष विवाह अधिनियम के प्रावधान को इस सीमा तक चुनौती दी गई कि यह इच्छित विवाह की सूचना देने के बाद 30 दिनों की प्रतीक्षा अवधि को अनिवार्य करता है।रिट याचिका में मांग की गई है कि अनिवार्य प्रतीक्षा अवधि को असंवैधानिक घोषित किया जाए, या यह घोषणा की जाए कि धारा 6 में उल्लिखित विवाह की सूचना देने के बाद 30 दिनों की अवधि और अधिनियम के तहत सभी परिणामी प्रावधान केवल निर्देशिका हैं और इस पर जोर नहीं दिया जा सकता है।जस्टिस वीजी अरुण ने कहा कि...

मजिस्ट्रेट ने डोजियर में की गई टाइपिंग की गलतियों को भी कॉपी कर लिया, बिल्कुल दिमाग नहीं लगाया गया: जेकेएल हाईकोर्ट ने कथित लश्कर सहयोगी की निवारक हिरासत को खारिज किया
मजिस्ट्रेट ने डोजियर में की गई टाइपिंग की गलतियों को भी कॉपी कर लिया, बिल्कुल दिमाग नहीं लगाया गया: जेकेएल हाईकोर्ट ने कथित लश्कर सहयोगी की निवारक हिरासत को खारिज किया

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि कानून प्रवर्तनकारी एजेंसियां जिस भी मामले में किसी नागरिक की निवारक हिरासत की मांग करती है, कोर्ट से उम्मीद यह होती है कि वह विवेक का प्रयोग तथ्य-संवेदनशील और कानून-केंद्रित होकर करे।ज‌िस्टिस राहुल भारती की एक पीठ ने एक बंदी के खिलाफ निवारक निरोध आदेश को रद्द कर दिया, जिसे बंदी प्राधिकरण ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के सहयोगी के रूप में दिखाया था, कोर्ट ने उसके खिलाफ पिछले हिरासत आदेश के एक साल बाद आदेश को रद्द कर दिया गया था।कोर्ट ने कहा कि...

हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक
मरने के बाद दोषी अदालत द्वारा लगाए गए जुर्माने का भुगतान करने के दायित्व से मुक्त नहीं होता, दोषी की संपत्ति से जुर्माना वसूल किया जा सकता है : कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि दोषी की मौत अदालत द्वारा लगाए गए जुर्माने और मुआवजे का भुगतान करने के उसके दायित्व का निर्वहन (दायित्व से मुक्त) नहीं करती है। यह उस संपत्ति से वसूल किया जा सकता है जो उसकी मृत्यु के बाद उसके कानूनी उत्तराधिकारियों के पास जाती है और वे कानूनी रूप से जुर्माने के भुगतान के लिए उत्तरदायी होते हैं।जस्टिस शिवशंकर अमरनवर की पीठ ने एक थोटलेगौड़ा द्वारा दायर उस अपील को खारिज करते हुए यह अवलोकन किया है, जिसमें उस आदेश को चुनौती दी गई थी,जिसके तहत उसे भारतीय विद्युत अधिनियम,...

पथराव के आरोपी की कोड़े से पिटाई| पांच पुलिसकर्मी प्रथम दृष्टया अनुशासनात्मक जांच में दोषी पाए गए: गुजरात सरकार ने हाईकोर्ट में कहा
पथराव के आरोपी की कोड़े से पिटाई| 'पांच पुलिसकर्मी प्रथम दृष्टया अनुशासनात्मक जांच में दोषी पाए गए': गुजरात सरकार ने हाईकोर्ट में कहा

गुजरात सरकार ने सोमवार को गुजरात हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया कि उसने पिछले साल अक्टूबर में गुजरात के खेड़ा जिले में एक गाबरा कार्यक्रम में कथित रूप से पथराव करने वाले कुछ आरोपियों को पीटने के मामले में एक पुलिस निरीक्षक सहित 5 पुलिसकर्मियों को प्रथम दृष्टया दोषी पाया है। जस्टिस एनवी अंजारिया और जस्टिस निराल आर मेहता की खंडपीठ के समक्ष गुजरात सरकार ने प्रस्तुत किया। पीठ एक मुस्लिम परिवार के 5 सदस्यों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कई पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कथित रूप से...

Writ Of Habeas Corpus Will Not Lie When Adoptive Mother Seeks Child
'अपराध सांप्रदायिक सद्भाव के लिए खतरनाक': मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने खुद को हिंदू बताकर दलित महिला से बलात्कार करने के आरोपी को जमानत देने से इनकार किया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में हाशिम नामक एक व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया। उस पर खुद को हिंदू बताकर अनुसूचित जाति की एक लड़की से बलात्कार करने का आरोप है। जस्टिस अनिल वर्मा की बेंच ने कहा कि इस तरह के अपराध दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं और समाज में सांप्रदायिक सौहार्द के लिए खतरनाक हैं।मामलाअभियोजन पक्ष के मामले के अनुसार, पीड़िता घटना के एक साल पहले से आरोपी को जानती थी, हालांकि वह उसके वास्तविक धर्म के बारे में नहीं जानती थी। आरोपी ने खुद को हिंदू बताकर उससे दोस्ती की थी। 27 अगस्त,...

दिल्ली की अदालत ने विमान में पेशाब करने के मामले में आरोपी शंकर मिश्रा को ज़मानत दी
दिल्ली की अदालत ने विमान में पेशाब करने के मामले में आरोपी शंकर मिश्रा को ज़मानत दी

दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को शंकर मिश्रा को जमानत दे दी, जिस पर पिछले साल नवंबर में न्यूयॉर्क-दिल्ली एयर इंडिया की उड़ान में एक बुजुर्ग महिला पर पेशाब करने का आरोप है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरज्योत सिंह भल्ला ने मिश्रा को एक लाख रुपये के जमानती मुचलके पर जमानत दी।मिश्रा को एमएम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में जमानत देने से इनकार कर दिया था।मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोमल गर्ग ने कहा था कि शिकायतकर्ता पर खुद को छुड़ाने का आरोपी का कथित कृत्य "पूरी तरह से घृणित और प्रतिकारक" है और किसी भी...

Supreme Court
आईपीसी की धारा 497 को रद्द करने के बावजूद सशस्‍त्र बल कर्मी को व्यभिचार के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना होगा: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण है फैसले में स्पष्ट किया कि शीर्ष अदालत ने 2018 में एक फैसले में आईपीसी की धारा 497 को रद्द कर दिया था, ‌जिसके तहत व्यभिचार को अपराध माना जाता था, इसके बाद भी व्यभिचार के लिए सशस्त्र बल में कार्यरत व्यक्ति के खिलाफ शुरू की गई कोर्ट मार्शल की कार्यवाही प्रभावित नहीं होगी।पीठ ने कहा कि जोसेफ शाइन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में 2018 का फैसला सशस्त्र बल अधिनियमों के प्रावधानों से बिल्कुल भी संबंधित नहीं था। पीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद...

दिल्ली हाईकोर्ट ने टूर ऑपरेटर को हज ग्रुप ऑपरेटर के रूप में रजिस्टर होने के लिए आवेदन करने से रोकने के आदेश को रद्द किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने टूर ऑपरेटर को हज ग्रुप ऑपरेटर के रूप में रजिस्टर होने के लिए आवेदन करने से रोकने के आदेश को रद्द किया

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने एक निजी टूर ऑपरेटर को हज ग्रुप ऑपरेटर (एचजीओ) के रूप में रजिस्टर होने के लिए आवेदन करने से 5 साल के लिए प्रतिबंधित करने वाले आदेश को रद्द कर दिया।केंद्र ने टूर ऑपरेटर की 25 लाख रुपये की सुरक्षा जमा भी जब्त कर ली थी। कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता अल सुदैस हज एंड उमराह सर्विस सिक्योरिटी डिपॉजिट वापस पाने का हकदार है।अदालत ने आगे कहा,"अदालत ने पाया है कि प्रतिबंध बरकरार नहीं रखा जा सकता है।“पूरा मामलाअल सुदैस हज और उमरा सर्विस, ऑपरेटर, ने एचजीओ के रूप में...

‌विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक ना होना पूर्वव्यापी पदोन्नति के लिए विशेष परिस्थिति नहीं: मेघालय हाईकोर्ट
‌विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक ना होना पूर्वव्यापी पदोन्नति के लिए विशेष परिस्थिति नहीं: मेघालय हाईकोर्ट

मेघालय हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा कि पूर्वव्यापी पदोन्नति की अनुमति किसी विशेष मामले में आसपास की विशेष परिस्थितियों पर विचार करने के बाद है, हालांकि "विभागीय पदोन्नति समिति" (डीपीसी) की बैठक ना होना पूर्वव्यापी पदोन्नति प्रदान करने के लिए एक विशेष परिस्थिति नहीं है।जस्टिस एचएस थांगखीव जिस याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, उसमें कोर्ट याचिकाकर्ताओं की ओर से पूर्वव्यापी तिथि से पदोन्नति के लिए किए गए दावे की न्यायोचितता पर विचार कर रही थी।याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि जिस तारीख को वे पदोन्नति के...

समय पर जवाब दाखिल नहीं करना अच्छा पैटर्न नहीं, यदि समय का पालन नहीं किया गया तो जुर्माना लगाएंगे: दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी अधिकारियों को चेतावनी दी
'समय पर जवाब दाखिल नहीं करना अच्छा पैटर्न नहीं, यदि समय का पालन नहीं किया गया तो जुर्माना लगाएंगे': दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी अधिकारियों को चेतावनी दी

दिल्ली हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट और हलफनामे समय पर दाखिल नहीं करने के "पैटर्न" पर आपत्ति जताते हुए सरकारी अधिकारियों, राज्य के विभागों और निगमों को आगाह किया कि यदि निर्धारित समय का पालन नहीं किया गया तो जुर्माना लगाया जाएगा।जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि आम तौर पर सभी सरकारी प्राधिकरण विशिष्ट निर्देशों के बावजूद, निर्दिष्ट समय-सीमा के भीतर हलफनामे दाखिल करने में असमर्थ होते हैं और "वे सुनवाई की तारीख से केवल एक या दो दिन पहले ही ऐसा करने का विकल्प चुनते हैं।"जस्टिस सिंह ने कहा,"अदालत यह कहने...

कुछ साल तक इनचार्ज पोस्ट पर रहने के आधार पर पद पर रहने वाले व्यक्ति के पक्ष में कोई इक्विटी नहीं बनती : मणिपुर हाईकोर्ट
कुछ साल तक इनचार्ज पोस्ट पर रहने के आधार पर पद पर रहने वाले व्यक्ति के पक्ष में कोई इक्विटी नहीं बनती : मणिपुर हाईकोर्ट

मणिपुर हाईकोर्ट ने माना कि इनचार्ज पोस्ट पर लंबे समय तक बने रहने से प्रभारी पद धारण करने वाले व्यक्ति के पक्ष में कोई इक्विटी (equity) नहीं बन सकती।याचिकाकर्ता का मामला यह है कि वह 10 से अधिक वर्षों से इंफाल के एलएमएस लॉ कॉलेज में इनचार्ज प्रिंसिपल के रूप में कार्यरत हैं। एमपीएससी ने 27.10.2018 को एलएमएस लॉ कॉलेज सहित तीन कॉलेजों में पात्रता शर्तों/योग्यता के साथ प्रिंसिपल पोस्ट के लिए आवेदन आमंत्रित करते हुए विज्ञापन जारी किया।याचिकाकर्ता ने विवादित विज्ञापन को इस आधार पर चुनौती दी कि यह बार...

केंद्र ने बेनामी लेनदेन निषेध अधिनियम की धारा 3(2) को असंवैधानिक घोषित करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की
केंद्र ने बेनामी लेनदेन निषेध अधिनियम की धारा 3(2) को असंवैधानिक घोषित करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए एक याचिका दायर की है जिसमें बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम 1988 की धारा 3(2) को स्पष्ट रूप से मनमाना होने के आधार पर असंवैधानिक घोषित किया गया था। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले का उल्लेख किया।भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने इस फैसले के माध्यम से यह भी माना था कि बेनामी लेनदेन...

पीएम केयर्स फंड भारत सरकार का फंड नहीं, इस पर पब्लिक अथॉरिटी का लेबल नहीं लगाया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट में पीएमओ ने कहा
पीएम केयर्स फंड भारत सरकार का फंड नहीं, इस पर 'पब्लिक अथॉरिटी' का लेबल नहीं लगाया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट में पीएमओ ने कहा

दिल्ली हाईकोर्ट को प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बताया कि पीएम केयर्स फंड भारत के संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत "स्टेट" नहीं है और सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत "पब्लिक अथॉरिटी" के रूप में इसका गठन नहीं किया गया है।पीएमओ के अवर सचिव द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया कि पीएम केयर्स फंड को सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में स्थापित किया गया और यह भारत के संविधान या संसद या किसी राज्य विधानमंडल द्वारा या उसके तहत नहीं बनाया गया।हलफनामा में आगे कहा गया,"यह ट्रस्ट न तो इरादा है और न ही...