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टेरर फंडिंग मामले में अलगाववादी नेता नईम खान की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने एनआईए से मांगा जवाब
टेरर फंडिंग मामले में अलगाववादी नेता नईम खान की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने एनआईए से मांगा जवाब

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कथित टेरर फंडिंग के यूएपीए मामले में अलगाववादी नेता नईम अहमद खान की जमानत याचिका पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जवाब मांगा है।जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की खंडपीठ ने दिसंबर 2022 में उन्हें जमानत देने से इनकार करने के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ खान की अपील पर नोटिस जारी किया।अब इस मामले की सुनवाई 23 मार्च को होगी।खान पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा कश्मीर घाटी में "अशांति पैदा करने" का आरोप लगाया गया है। उसे 24 जुलाई, 2017 को गिरफ्तार...

उनका सर्वोत्तम हित तभी सुनिश्चित किया जा सकता है जब वे मूल देश लौटें: मद्रास हाईकोर्ट ने मां को जुड़वां बच्चों को अमेरिका में रह रहे पिता को लौटाने का निर्देश दिया
'उनका सर्वोत्तम हित तभी सुनिश्चित किया जा सकता है जब वे मूल देश लौटें': मद्रास हाईकोर्ट ने मां को जुड़वां बच्चों को अमेरिका में रह रहे पिता को लौटाने का निर्देश दिया

मद्रास हाईकोर्ट ने यह मानते हुए कि कस्टडी से संबंधित मामलों में अदालतों को हमेशा बच्चे के सर्वोत्तम हित को देखना चाहिए, मां को निर्देश दिया है कि वह अपने जुड़वां लड़कों को अमेरिका में उनके पिता को लौटा दे।जस्टिस पीएन प्रकाश (अब से सेवानिवृत्त) और जस्टिस आनंद वेंकटेश की खंडपीठ ने कहा कि बच्चे अब ऐसे माहौल में रह रहे हैं, जो उनके लिए पराया है, क्योंकि वे लगभग 13 साल से अमेरिका में थे।अदालत ने कहा,"हमारे विचार में बच्चों का सर्वोत्तम हित तभी सुनिश्चित किया जा सकता है, जब बच्चे अपने मूल देश अर्थात...

दोषी ठहराए जाने के बाद भी हाईकोर्ट सीआरपीसी की धारा 482 के तहत घरेलू हिंसा का केस रद्द कर सकता है: बॉम्बे हाईकोर्ट
दोषी ठहराए जाने के बाद भी हाईकोर्ट सीआरपीसी की धारा 482 के तहत घरेलू हिंसा का केस रद्द कर सकता है: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने पति और ससुराल वालों के खिलाफ पत्नी की ओर से दर्ज घरेलू हिंसा के मामले को खारिज करते हुए कहा कि अपील लंबित होने पर भी सजा के बाद भी वैवाहिक विवाद से संबंधित केस को रद्द करने पर कोई रोप नहीं है।इस मामले में आरोपी को ट्रायल कोर्ट ने मार्च 2021 में दोषी ठहराया था।जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई और जस्टिस आरएम जोशी की खंडपीठ ने कहा कि हाईकोर्ट सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग सजा के बाद के मामलों में कर सकता सकता है, जब एक न्यायिक मंच के समक्ष अपील...

पुलिस ने गुपचुप तरीके से पूरी की जांच: उड़ीसा हाईकोर्ट ने क्राइम ब्रांच को आरटीआई एक्टिविस्ट की हत्या की जांच करने का आदेश दिया
'पुलिस ने गुपचुप तरीके से पूरी की जांच': उड़ीसा हाईकोर्ट ने क्राइम ब्रांच को आरटीआई एक्टिविस्ट की 'हत्या' की जांच करने का आदेश दिया

उड़ीसा हाईकोर्ट ने 2020 में आरटीआई एक्टिविस्ट की कथित हत्या की अपराध शाखा द्वारा नए सिरे से जांच करने का आदेश दिया।डॉ. जस्टिस संजीब कुमार पाणिग्रही ने पुलिस द्वारा की गई जांच पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा,“इससे पता चलता है कि पुलिस ने वीडियो क्लिप और उसमें दोषियों के बारे में उचित विचार नहीं किया। दरअसल, पुलिस ने सभी कोणों को जांच के दायरे में लाए बिना गुपचुप तरीके से जांच पूरी की है।”35 वर्षीय आरटीआई एक्टिविस्ट रंजन कुमार दास 2020 में खेत में मृत पाए गए थे। पुलिस ने कहा कि दास की दुर्घटना में...

यूपीएचजेएस परीक्षा 2020-‘साक्षात्कार में उपयुक्त अवसर लेने के बाद चयन प्रक्रिया को चुनौती नहीं दे सकते’: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक उम्मीदवार को राहत देने से इनकार किया
यूपीएचजेएस परीक्षा 2020-‘साक्षात्कार में उपयुक्त अवसर लेने के बाद चयन प्रक्रिया को चुनौती नहीं दे सकते’: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक उम्मीदवार को राहत देने से इनकार किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में उस असफल उम्मीदवार को राहत देने से इनकार कर दिया,जो उत्तर प्रदेश उच्चतर न्यायिक सेवा परीक्षा 2020 के साक्षात्कार में उपस्थित हुई थी और जिसने सूची में नाम नहीं आने पर अंतिम चयन सूची को चुनौती दी थी। जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने कहा कि उसने साक्षात्कार में सफल होने का एक उपयुक्त मौका लिया, लेकिन जब परिणाम उसके अनुकूल नहीं रहा, तो उसने चयन सूची को चुनौती दी और इस प्रकार, उसकी रिट याचिका सुनवाई योग्य नहीं थी। पीठ ने कहा,‘‘अंतिम चयन सूची...

बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका, उपराष्ट्रपति, कानून मंत्री को कॉलेजियम और मूल संरचना सिद्धांत पर टिप्पणी पर कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने की मांग
बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका, उपराष्ट्रपति, कानून मंत्री को कॉलेजियम और मूल संरचना सिद्धांत पर टिप्पणी पर कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने की मांग

'कॉलेजियम प्रणाली' की लगातार सार्वजनिक आलोचना और बुनियादी ढांचे के सिद्धांत के खिलाफ टिप्पणी के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और कानून मंत्री किरेन रिजिजू को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।याचिकाकर्ता - बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन का दावा है कि दोनों ने भारत के संविधान में विश्वास की कमी व्यक्त करते हुए अपने आचरण के माध्यम से उपराष्ट्रपति और केंद्रीय मंत्रिमंडल के मंत्री के संवैधानिक पदों को धारण करने से खुद को अयोग्य बना दिया है।इसलिए...

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस दीपांकर दत्ता ने इस्लामिक स्टेट से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार दो व्यक्तियों की जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस दीपांकर दत्ता ने इस्लामिक स्टेट से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार दो व्यक्तियों की जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस दीपांकर दत्ता ने इस्लामिक स्टेट से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार दो आरोपियों को जमानत देने से इनकार करने के कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की सुनवाई से बुधवार को खुद को अलग कर लिया।दोनों आवेदकों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कथित रूप से कट्टरवादी बनाने और प्रभावशाली युवा मुसलमानों को प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन में शामिल करने के लिए भर्ती करने की आपराधिक साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था। अपील पर सुनवाई के लिए जस्टिस रवींद्र भट और दीपांकर दत्ता...

घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत पति या परिवार के पुरुष सदस्य को सुरक्षा उपलब्ध नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट ने पत्नी के खिलाफ पति की ओर से दायर मामले पर रोक लगाई
घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत पति या परिवार के पुरुष सदस्य को सुरक्षा उपलब्ध नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट ने पत्नी के खिलाफ पति की ओर से दायर मामले पर रोक लगाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा, घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 की धारा 2 (ए) के तहत महिलाओं के लिए उपलब्ध सुरक्षा पति या परिवार के पुरुष सदस्य के लिए उपलब्ध नहीं है। धारा 2 (ए) एक "पीड़ित व्यक्ति" को किसी भी महिला के रूप में परिभाषित करती है, जिसका 'प्रतिवादी' के साथ घरेलू संबंध हो, या रही हो और घरेलू हिंसा के किसी कृत्य का आरोप लगाती हो।जस्टिस जसमीत सिंह घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 12 के तहत पति द्वारा शुरू की गई कार्यवाही के खिलाफ एक पत्नी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे...

लखनऊ कोर्ट ने केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को जमानत पर रिहा करने और जल्द ही जेल से बाहर आने के आदेश पर साइन किए
लखनऊ कोर्ट ने केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को जमानत पर रिहा करने और जल्द ही जेल से बाहर आने के आदेश पर साइन किए

लखनऊ की एक सत्र अदालत ने बुधवार को केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को जमानत पर रिहा करने के आदेशों पर हस्ताक्षर किए। अदालत ने उनके जमानत मुचलके को स्वीकार कर लिया और कल सुबह तक उनके जेल से बाहर आने की संभावना है। सत्र न्यायाधीश, लखनऊ द्वारा हस्ताक्षरित रिहाई आदेश में अधीक्षक, जिला जेल, लखनऊ को निर्देश दिया गया है कि यदि कप्पन किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है तो कप्पन से निजी मुचलका प्राप्त कर उसे रिहा कर दें।धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के...

भले ही ड्राइवर नशे में हो, बीमाकर्ता तीसरे पक्ष को भुगतान के लिए उत्तरदायी: केरल हाईकोर्ट
भले ही ड्राइवर नशे में हो, बीमाकर्ता तीसरे पक्ष को भुगतान के लिए उत्तरदायी: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि बीमा कंपनी मोटर दुर्घटना पीड़ित को आरंभ में मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी होगी, भले ही चालक ने नशे की हालत में वाहन चलाकर पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन किया हो।जस्टिस मैरी जोसेफ की सिंगल जज बेंच ने कहा,"निस्संदेह, जब चालक नशे की हालत में होता है तो उसकी चेतना और इंद्रियां क्षीण हो जाती हैं, जिससे वह ड्राइविंग करने के लिए अयोग्य हो जाता है। हालांकि पॉलिसी के तहत देयता प्रकृति में वैधानिक है और इसलिए कंपनी को पीड़ित को मुआवजे देने से छूट नहीं दी जाएगी।"कोर्ट ने बजाज...

दिल्ली के खत्म खोते जंगल से कुछ भी हो सकता है, हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए भी कुछ छोड़ना चाहिए: हाईकोर्ट
दिल्ली के खत्म खोते जंगल से कुछ भी हो सकता है, हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए भी कुछ छोड़ना चाहिए: हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने दिल्ली में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर 2015 में शुरू की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी अपने वन क्षेत्र को तेजी से खो रही है।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने एएसजी ऐश्वर्या भाटी को व्यक्तिगत रूप से मामले को देखने के लिए यह रेखांकित करते हुए कि "प्रकृति के साथ अन्याय किया जा रहा है।"चीफ जस्टिस शर्मा ने जैसे ही भाटी पीठ द्वारा सहायता का अनुरोध करने के बाद कार्यवाही में शामिल हुईं उनसे समान मुद्दों से निपटने वाले...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द करने से इनकार किया, कहा-विभाजन को बढ़ावा देने वाले कृत्य बहुलवाद पर प्रभाव डालते हैं
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द करने से इनकार किया, कहा-विभाजन को बढ़ावा देने वाले कृत्य बहुलवाद पर प्रभाव डालते हैं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिसाब-किताब टिप्पणी मामले में जेल में बंद नेता मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया।जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने कहा कि अंसारी द्वारा एक सार्वजनिक सभा में आपत्तिजनक शब्द जिस संदर्भ और मंशा से बोले गए थे, उसे देखते हुए इस स्तर पर यह नहीं कहा जा सकता कि आईपीसी की धारा 153-ए के तहत याचिकाकर्ता के खिलाफ अपराध नहीं बनता है।कोर्ट के आदेश में कहा गया,"धारा 482 सीआरपीसी के तहत शक्ति का दायरा...

Writ Of Habeas Corpus Will Not Lie When Adoptive Mother Seeks Child
तेजी से सुनवाई के आदेश के बाद सिविल कोर्ट मामले के निस्तारण के लिए "शॉर्टकट" नहीं अपना सकता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने हाल ही में कहा कि भले ही दीवानी अदालत को किसी मामले में तेजी से सुनवाई करने का निर्देश दिया गया हो, निचली अदालत मामले को निपटाने के लिए शॉर्टकट तरीके नहीं अपना सकती है।ज‌स्टिस सुबोध अभ्यंकर की पीठ ने कहा कि किसी भी कठिनाई के मामले में, ट्रायल कोर्ट हमेशा हाईकोर्ट से मार्गदर्शन लेने के लिए स्वतंत्र है-"रिकॉर्ड से यह स्पष्ट है कि ट्रायल कोर्ट के विद्वान न्यायाधीश ने 07.12.2019 के अपने ही आदेश को वापस ले लिया है, जिसमें वादी द्वारा अपने पूर्वजों के कुछ...

[एनडीपीएस एक्‍ट] 100 किलोमीटर के दायरे या हर चार जिलों के बीच एक विशेष अदालतों की स्थापना की संभावना तलाशें: मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा
[एनडीपीएस एक्‍ट] 100 किलोमीटर के दायरे या हर चार जिलों के बीच एक विशेष अदालतों की स्थापना की संभावना तलाशें: मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा

मद्रास हाईकोर्ट ने सुझाव दिया है कि प्रत्येक चार जिलों के बीच एक स्पेशल कोर्ट की स्‍थापना की जाए या 100 किलोमीटर के दायरे में विशेष न्यायालयों की स्थापना की जाए। कोर्ट ने नोट किया कि वर्तमान में एनडीपीएस मामलों के निस्तारण के लिए केवल सात विशेष न्यायालय हैं।ज‌स्टिस बी पुगलेंधी ने यह सुझाव दिया कि जांच अधिकारियों को मामलों के फॉलो अप में मुश्किल हो रही है, क्योंकि उन्हें लगातार लंबी दूरी की यात्रा करनी पड़ती थी। अदालत ने कहा कि ईसी/एनडीपीएस मामलों से निपटने के लिए विशेष अदालतों के रूप में...

मद्रास हाईकोर्ट ने भक्तों को भ्रमित करने और मंदिरों के नाम पर लाभ कमाने वाली फर्जी वेबसाइटों को बंद करने का आदेश दिया
मद्रास हाईकोर्ट ने भक्तों को भ्रमित करने और मंदिरों के नाम पर लाभ कमाने वाली फर्जी वेबसाइटों को बंद करने का आदेश दिया

मद्रास हाईकोर्ट ने मंदिरों के नाम पर बनाई गई और भक्तों को गुमराह कर उनसे चंदा वसूल करने वाली सभी अवैध/अनधिकृत वेबसाइटों को बंद करने का आदेश दिया।जस्टिस आर महादेवन और जस्टिस सत्य नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि मंदिर पूजा के स्थान हैं, जहां लोग शाश्वत शांति और सद्भाव प्राप्त करने के लिए जाते हैं। इसलिए मंदिरों को मुनाफा कमाने के स्थानों में नहीं बदलना चाहिए। इस प्रकार, अदालत ने कहा कि मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट के अलावा, तीसरे पक्ष को मंदिरों के नाम पर वेबसाइटों को बनाए रखने और धन एकत्र करने की...

हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद भी एफआईआर दर्ज करने में अत्यधिक देरी के लिए डीजीपी को पुलिस अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच करने का निर्देश दिया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने पुलिस डायरेक्टर जनरल और इंस्पेक्टर जनरल को कपासपेट पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर प्रवीण के.वाई के खिलाफ विभागीय जांच करने का निर्देश दिया, जो मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा दिए गए आदेश का पालन करने में विफल रहने पर चोरी की निजी शिकायत की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश देता है।जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने कहा कि न्यायिक प्राधिकरण द्वारा पारित वैध आदेशों को पुलिस द्वारा ईमानदारी से लागू करने की आवश्यकता होती है और ऐसा करने में विफलता अपराध के पीड़ितों के लिए न्याय तक पहुंच के...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने नेशनल मेडिकल काउंसिल के वकील के खिलाफ बार काउंसिल में शिकायत दर्ज करने के लिए विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट की खिंचाई की
बॉम्बे हाईकोर्ट ने नेशनल मेडिकल काउंसिल के वकील के खिलाफ बार काउंसिल में शिकायत दर्ज करने के लिए विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट की खिंचाई की

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को उस विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट को फटकार लगाई, जिसने नेशनल मेडिकल काउंसिल के वकील के खिलाफ बार काउंसिल में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में आरोप लगाया गया कि उसने अदालत के सामने झूठा बयान दिया।कोर्ट ने कहा,“यह हमारे बार में वकील को डराने का प्रयास है, जो प्रतिवादी (एनएमसी) के लिए पेश हो रहा है और जो अपना काम कर रहा है। वह (एनएमसी के वकील) जस्टिस धानुका की अगुवाई वाली पीठ के आदेश की ओर इशारा कर रहे हैं ... क्या वह (याचिकाकर्ता यति पाटिल) जस्टिस धानुका के बारे में जो कहा...

पोस्टिंग के स्थान, प्रतिनियुक्ति, काम के घंटे, प्राप्त अवकाश के बारे में जानकारी आरटीआई एक्ट के तहत नहीं दी जा सकती: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पोस्टिंग के स्थान, प्रतिनियुक्ति, काम के घंटे, प्राप्त अवकाश के बारे में जानकारी आरटीआई एक्ट के तहत नहीं दी जा सकती: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने माना कि कर्मचारी की पोस्टिंग की जगह, प्रतिनियुक्ति की अवधि, काम के घंटे, प्रतिनियुक्ति के दौरान मुख्यालय का स्थान, मुख्यालय छोड़ने की अनुमति के साथ ली गई किसी भी प्रकार की छुट्टी, उपस्थिति की प्रति के संबंध में जानकारी रजिस्टर और संचलन रजिस्टर व्यक्तिगत प्रकृति के होते हैं, इसलिए आरटीआई एक्ट के तहत इसका खुलासा नहीं किया जा सकता।अदालत ने उस मामले में फैसला सुनाया, जहां राज्य सूचना आयोग, हरियाणा ने 2015 में आरटीआई एक्ट के तहत आवेदक को डेंटल सर्जन से संबंधित ऐसी...

हिरासत में मौत के आरोप: ‘अनुच्छेद 21 का उल्लंघन, ललिता कुमारी मामले के दिशानिर्देश’ : कलकत्ता हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट को पुलिस के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का आदेश दिया
हिरासत में मौत के आरोप: ‘अनुच्छेद 21 का उल्लंघन, ललिता कुमारी मामले के दिशानिर्देश’ : कलकत्ता हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट को पुलिस के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का आदेश दिया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक कथित हिरासत में मौत के मामले का निर्धारण करते हुए हाल ही में फैसला सुनाया कि संबंधित पुलिस अधिकारियों ने ‘ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार (2014)’ मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों तथा दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों का पालन न करके संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन किया है।तदनुसार, कोर्ट ने संबंधित मजिस्ट्रेट को हिरासत में मौत के मामले में सीआरपीसी की धारा 202 के तहत जांच करने का आदेश दिया। मौजूदा मामले में, मृतक को बिना कोई नोटिस दिए...