'पुलिस ने गुपचुप तरीके से पूरी की जांच': उड़ीसा हाईकोर्ट ने क्राइम ब्रांच को आरटीआई एक्टिविस्ट की 'हत्या' की जांच करने का आदेश दिया
Shahadat
2 Feb 2023 10:46 AM IST
उड़ीसा हाईकोर्ट ने 2020 में आरटीआई एक्टिविस्ट की कथित हत्या की अपराध शाखा द्वारा नए सिरे से जांच करने का आदेश दिया।
डॉ. जस्टिस संजीब कुमार पाणिग्रही ने पुलिस द्वारा की गई जांच पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा,
“इससे पता चलता है कि पुलिस ने वीडियो क्लिप और उसमें दोषियों के बारे में उचित विचार नहीं किया। दरअसल, पुलिस ने सभी कोणों को जांच के दायरे में लाए बिना गुपचुप तरीके से जांच पूरी की है।”
35 वर्षीय आरटीआई एक्टिविस्ट रंजन कुमार दास 2020 में खेत में मृत पाए गए थे। पुलिस ने कहा कि दास की दुर्घटना में बाइक से गिरकर मौत हो गई। हालांकि, उनके पिता ने पुलिस के दावे को चुनौती दी और कहा कि उन्हें अपने बेटे की मौत में कुछ साजिश का संदेह है, जो प्रभावशाली व्यक्तियों से जुड़ी कई संवेदनशील जानकारी का पता लगाने के लिए मशहूर था।
इसलिए उन्होंने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने या किसी अन्य निष्पक्ष एजेंसी को नए सिरे से स्वतंत्र जांच करने का आदेश देने की प्रार्थना के साथ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
कोर्ट ने केस फाइल से जुड़ी पेन ड्राइव में निहित वीडियो क्लिप को देखा और कहा कि पुलिस ने मामले में उचित जांच नहीं की है।
अदालत ने कहा,
"मामले को देखते हुए यह अदालत निर्देश देती है कि याचिकाकर्ता नंबर 1 के बेटे की मौत के संबंध में नए सिरे से जांच के लिए मामला अपराध शाखा को सौंप दिया जाए। वर्तमान आई.ओ. जांच का प्रभार तुरंत अपराध शाखा को सौंपने का निर्देश दिया जाता है, जिसे जल्द से जल्द अधिमानतः कार्यभार संभालने की तारीख से तीन महीने की अवधि के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया जाता है।”
केस टाइटल: लक्ष्मीधर दास @ लक्ष्मीधर दास और अन्य बनाम ओडिशा राज्य और अन्य।
केस नंबर: सीआरएलएमपी नंबर 1128/2020
आदेश दिनांक: 18 जनवरी 2023
कोरम : जस्टिस डॉ. एस.के. पाणिग्रही
याचिकाकर्ताओं के वकील: एस.के. मोहंती और उत्तरदाताओं के वकील: अतिरिक्त सरकारी वकील डी. मुंड।
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