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पीएम डिग्री विवाद-‘किसी की बचकानी जिज्ञासा आरटीआई अधिनियम के तहत सार्वजनिक हित नहीं’,गुजरात यूनिवर्सिटी ने गुजरात हाईकोर्ट में तर्क दिया
पीएम डिग्री विवाद-‘किसी की बचकानी जिज्ञासा आरटीआई अधिनियम के तहत सार्वजनिक हित नहीं’,गुजरात यूनिवर्सिटी ने गुजरात हाईकोर्ट में तर्क दिया

वर्ष 2016 में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ‘‘श्री नरेंद्र दामोदर मोदी के नाम पर डिग्री के बारे में जानकारी’’ प्रदान करने के लिए गुजरात यूनिवर्सिटी को निर्देश देने वाले केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के आदेश को चुनौती देते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने गुरुवार को गुजरात हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी कि आरटीआई अधिनियम का ‘‘स्कोर तय करने और विरोधियों पर बचकाना प्रहार करने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है।’’ गुजरात यूनिवर्सिटी की तरफ से एसजी तुषार मेहता ने तर्क दिया कि यूनिवर्सिटी ने पहले ही...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अदालत को गुमराह करने वाले वकील के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर अवमानना कार्यवाही शुरू की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अदालत को गुमराह करने वाले वकील के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर अवमानना कार्यवाही शुरू की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को अपने अनुकूल ज़मानत आदेश प्राप्त करने के लिए अदालत को गुमराह करने वाले एक वकील के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए आपराधिक अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू की। जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने एडवोकेट परमानंद गुप्ता के खिलाफ यह आदेश यह देखने के बाद पारित किया कि वकील ने अदालत से यह तथ्य छुपाते हुए ज़मानत का अनुकूल आदेश प्राप्त किया कि उनके मुवक्किल की अदालत की एक अन्य पीठ द्वारा पहले एक और जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।न्यायालय ने यह भी कहा कि यह एक अकेला मामला है, जहां...

सुप्रीम कोर्ट के वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता एहतेशाम हाशमी का निधन
सुप्रीम कोर्ट के वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता एहतेशाम हाशमी का निधन

सुप्रीम कोर्ट के वकील और मानवाधिकार रक्षक एहतेशाम हाशमी का गुरुवार को सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। हाशमी को कई मानवाधिकार मुद्दों को उठाने के लिए जाना जाता था। उन्होंने 2021 में एक टीम का नेतृत्व किया जिसने त्रिपुरा में सांप्रदायिक हिंसा के बारे में एक फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट प्रकाशित की जिसने राज्य को हिलाकर रख दिया था। रिपोर्ट प्रकाशित होने पर त्रिपुरा पुलिस ने हाशमी पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया । बाद में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि उनके खिलाफ गिरफ्तारी सहित कोई भी कठोर कदम...

मुख्य परीक्षा में गवाह का साक्ष्य केवल इसलिए अस्वीकार्य नहीं हो जाता क्योंकि उससे जिरह नहीं की जा सकती थी: पटना हाईकोर्ट
मुख्य परीक्षा में गवाह का साक्ष्य केवल इसलिए अस्वीकार्य नहीं हो जाता क्योंकि उससे जिरह नहीं की जा सकती थी: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने दोहराया है कि एक गवाह द्वारा अपनी मुख्य परीक्षा में दिए गए साक्ष्य को केवल इसलिए पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है कि विरोधी पक्ष द्वारा उसकी जिरह नहीं की जा सकती थी।जस्टिस सुनील दत्ता मिश्रा की एकल न्यायाधीश पीठ ने रेखांकित किया कि इस तरह के साक्ष्य को स्वीकार्य बनाया जा सकता है लेकिन इस तरह की गवाही से जुड़ा वजन तथ्यों और परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।याचिकाकर्ता/वादी ने बिक्री-विलेख को धोखाधड़ी, अवैध, निष्क्रिय और बिना प्रतिफल के घोषित करने के लिए एक मुकदमा दायर किया।...

ड्राइविंग लाइसेंस, अन्य दस्तावेजों की इलेक्ट्रॉनिक कॉपी स्वीकार करने पर एसओपी का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करें : हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा
ड्राइविंग लाइसेंस, अन्य दस्तावेजों की इलेक्ट्रॉनिक कॉपी स्वीकार करने पर एसओपी का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करें : हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और अधिनियम में किए गए बाद के संशोधनों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करे।मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्रों के सत्यापन और इलेक्ट्रॉनिक रूप में अन्य परिवहन संबंधी दस्तावेज के संबंध में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 17 दिसंबर, 2018 को जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का सख्ती से अनुपालन करने का भी आह्वान किया।यह देखते...

दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल के कैदियों के लिए ई-मुलाकात, अन्य सुविधाओं की मांग करने वाली नताशा नरवाल, देवांगना कलिता की याचिका का निपटान किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल के कैदियों के लिए ई-मुलाकात, अन्य सुविधाओं की मांग करने वाली नताशा नरवाल, देवांगना कलिता की याचिका का निपटान किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को नताशा नरवाल और 2020 के उत्तर-पूर्व दंगों से संबंधित बड़े षड्यंत्र मामले में आरोपी देवांगना कलिता द्वारा वीडियो कॉलिंग या ई-मुलाकात, खाने संबंधी जरूरतों, दैनिक टेलीफोनिक बातचीत, तिहाड़ जेल के सभी कैदियों को इंटरनेट की सुविधा और विभिन्न सुविधाओं की मांग करने वाली याचिका का निस्तारण किया। नरवाल और कलिता दोनों ने 2020 में COVID-19 महामारी के मद्देनजर जेल के अंदर विचाराधीन कैदियों के सामने आने वाली कई समस्याओं को उजागर करते हुए याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने उन्हें जून...

पत्नी अगर यह साबित कर दे कि उसने पति को गहने सौंपे थे तो दहेज निरोधक अधिनियम के तहत उन्हें वापस पाने का दावा किया जा सकता हैः केरल ‌हाईकोर्ट
पत्नी अगर यह साबित कर दे कि उसने पति को गहने सौंपे थे तो दहेज निरोधक अधिनियम के तहत उन्हें वापस पाने का दावा किया जा सकता हैः केरल ‌हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि पत्नी के नाम पर लॉकर में रखे गए सोने के आभूषणों को पति या पति के परिवार को सौंपे जाने के समान नहीं माना जा सकता है और इस प्रकार तलाक की कार्यवाही में इसकी वसूली शुरू नहीं की जा सकती है।जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और जस्टिस पीजी अजित कुमार ने कहा कि पर्याप्त सबूत के अभाव में कि शादी के समय पत्नी को दिए गए सोने के गहने उसके द्वारा अपने पति या ससुराल वालों को सौंपे गए थे, दहेज रोकथाम अधिनियम के तहत उसे वापस पाना संभव नहीं होगा।अदालत परिवार अदालत के उस...

स्थगन के अनुरोध का जवाब नहीं देना, उसके बाद किसी भी समय मामले को उठाने की प्रथा जब मूल्यांकन अधिकारी उचित समझे तो समर्थन योग्य नहीं: गुजरात हाईकोर्ट
स्थगन के अनुरोध का जवाब नहीं देना, उसके बाद किसी भी समय मामले को उठाने की प्रथा जब मूल्यांकन अधिकारी उचित समझे तो समर्थन योग्य नहीं: गुजरात हाईकोर्ट

गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने कहा कि स्थगन के अनुरोध का जवाब नहीं देने और उसके बाद किसी भी समय मामले को उठाने की प्रथा जब मूल्यांकन अधिकारी उचित समझे तो समर्थन योग्य नहीं है।जस्टिस सोनिया गोकानी और जस्टिस संदीप एन. भट की खंडपीठ ने फैसला सुनाया कि आयकर अधिनियम की धारा 148 के तहत 148ए(डी) और नोटिस जारी करने का आदेश पुनर्विचार के योग्य है। दोनों को रद्द करने की जरूरत है। मामला 25.3.2022 को दायर जवाब पर विचार करने के चरण में वापस जाता है।आयकर अधिनियम की धारा 148ए(डी) के तहत आदेश पारित...

आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल द्वारा सीपीसी के अनुसार सत्यापित ना होने पर दावा याचिका को खारिज करना, न्यायोचित नहीं: गुजरात हाईकोर्ट
आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल द्वारा सीपीसी के अनुसार सत्यापित ना होने पर दावा याचिका को खारिज करना, न्यायोचित नहीं: गुजरात हाईकोर्ट

bने एक फैसले में कहा कि प्रक्रियात्मक कानूनों का पालन करने में विफलता मध्यस्थ कार्यवाही के लिए घातक नहीं होगी और इस प्रकार, मध्यस्थ न्यायाधिकरण को केवल इस आधार पर दावा याचिका/दावों के बयान को खारिज करने में न्यायोचित नहीं ठहराया जाएगा कि उन्हें जैसा कि सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (सीपीसी) के आदेश VI नियम 15 के तहत विचार किया गया, वैसे सत्यापित नहीं किया गया है।चीफ जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस आशुतोष शास्त्री की खंडपीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत हाईकोर्ट की अधीक्षण की शक्ति के...

निर्दिष्ट विशेष न्यायालयों में एनआईए मामलों की लंबितता: दिल्ली हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय से जवाब मांगा
निर्दिष्ट विशेष न्यायालयों में एनआईए मामलों की लंबितता: दिल्ली हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय से जवाब मांगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी की दो नामित विशेष अदालतों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की लंबितता को उजागर करने वाली याचिका पर गृह मंत्रालय से जवाब मांगा।वर्तमान में पटियाला हाउस अदालतों में एनआईए मामलों की सुनवाई दो विशेष अदालतों यानी प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे 03) द्वारा की जा रही है।जस्टिस जसमीत सिंह आरोपी मन्जर इमाम द्वारा दायर मामले की सुनवाई कर रहे थे, जो आज तक आरोप तय किए बिना पिछले नौ वर्षों से गैरकानूनी गतिविधि...

ज़ेबरा क्रॉसिंग पर ड्राइवरों को धीमा करना आवश्यक है, पैदल चलने वालों पर बिना सबूत लापरवाही का आरोप लगाना अजीब: केरल हाईकोर्ट
ज़ेबरा क्रॉसिंग पर ड्राइवरों को धीमा करना आवश्यक है, पैदल चलने वालों पर बिना सबूत लापरवाही का आरोप लगाना अजीब: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने राज्य बीमा विभाग को इस तर्क के लिए फटकार लगाते हुए कि 'ज़ेबरा क्रॉसिंग' का उपयोग करके सड़क पार करने वाले व्यक्ति को अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है, कहा कि जब तक कि विशेष रूप से दलील नहीं दी जाती और यह साबित नहीं होता कि पैदल चलने वालों की ओर से लापरवाही का स्पष्ट मामला है, ऐसा अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।विभाग ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के 48,32,140 रुपये के फैसले को चुनौती दी, जिसमें 50 वर्षीय महिला के परिजनों के पक्ष में फैसला दिया गया, जिसे 'ज़ेबरा क्रॉसिंग' का...

बुलेट ट्रेन परियोजना को हरी झंडी, बॉम्बे हाईकोर्ट ने विक्रोली में गोदरेज और बॉयस के प्लॉट के अधिग्रहण को सही ठहराया
बुलेट ट्रेन परियोजना को हरी झंडी, बॉम्बे हाईकोर्ट ने विक्रोली में गोदरेज और बॉयस के प्लॉट के अधिग्रहण को सही ठहराया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए विक्रोली में गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड के प्लॉट के अधिग्रहण को रद्द करने से इनकार कर दिया।जस्टिस आरडी धानुका और जस्टिस एमएम सथाये की खंडपीठ ने कहा, "अधिग्रहण में कोई अनियमितता नहीं है...परियोजना सर्वोपरि है...सार्वजनिक हित निजी हित पर हावी होगा।" कोर्ट ने प्रोजेक्ट पर भी स्टे देने से इनकार कर दिया।गोदरेज ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए कंपनी की 39,252 वर्गमीटर (9.69 एकड़) भूमि के अधिग्रहण के लिए 15...

कर्नाटक हाईकोर्ट ने आरटीआई एक्टिविस्ट के जब्त मोबाइल को तब तक उसे वापस देने से इनकार किया, जब तक कि वह जांच के लिए इसे अनलॉक नहीं करता
कर्नाटक हाईकोर्ट ने आरटीआई एक्टिविस्ट के जब्त मोबाइल को तब तक उसे वापस देने से इनकार किया, जब तक कि वह जांच के लिए इसे अनलॉक नहीं करता

कर्नाटक हाईकोर्ट ने आरटीआई एक्टिविस्ट के मोबाइल फोन को वापस करने से इनकार कर दिया, जिसे पुलिस ने उसके खिलाफ आपराधिक मामले की जांच के दौरान जब्त कर लिया, जांच के उद्देश्य से डिवाइस को अनलॉक करने से इनकार कर दिया।याचिकाकर्ता ने कथित तौर पर अपने फोन में मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण की कार्यवाही की वीडियोग्राफी की और बाद में मुडा आयुक्त के आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोका। जांच के दौरान, पुलिस ने कथित वीडियो को पुनः प्राप्त करने और फॉरेंसिक जांच के लिए भेजने के लिए उसका मोबाइल जब्त कर लिया।...

वकीलों का विरोध: कलकत्ता हाईकोर्ट न्यायाधीश के खिलाफ अपमानजनक पोस्टर प्रसारित करने वाले बदमाशों की पहचान करने में पुलिस की विफलता से नाराज
वकीलों का विरोध: कलकत्ता हाईकोर्ट न्यायाधीश के खिलाफ अपमानजनक पोस्टर प्रसारित करने वाले बदमाशों की पहचान करने में पुलिस की विफलता से नाराज

कलकत्ता हाईकोर्ट ने 9 जनवरी को जस्टिस राजशेखर मंथा के कोर्ट रूम के बाहर आयोजित आंदोलन में शामिल बदमाशों की पहचान करने में कोलकाता पुलिस द्वारा जांच की प्रगति पर बुधवार को असंतोष व्यक्त किया, जिसके बाद दोषी वकीलों के खिलाफ अवमानना का मामला शुरू किया गया।जस्टिस टीएस शिवगणनम, जस्टिस आईपी मुखर्जी और जस्टिस चित्त रंजन दाश की खंडपीठ ने पिछली सुनवाई पर पुलिस आयुक्त को यह पूछताछ करने का निर्देश दिया कि जस्टिस मंथा के खिलाफ मानहानि वाले बयानों वाले पोस्टरों की छपाई का आदेश देने के लिए कौन जिम्मेदार था और...

45 साल पुराने मुकदमे को निपटाने में विफल रहने का मामला: गुजरात हाईकोर्ट ने 12 न्यायिक अधिकारियों की माफी स्वीकार की, अवमानना की कार्यवाही बंदी की
45 साल पुराने मुकदमे को निपटाने में विफल रहने का मामला: गुजरात हाईकोर्ट ने 12 न्यायिक अधिकारियों की माफी स्वीकार की, अवमानना की कार्यवाही बंदी की

गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने मंगलवार को अवमानना कार्यवाही को समाप्त कर दिया और 12 न्यायिक अधिकारियों द्वारा दी गई बिना शर्त माफी को स्वीकार कर लिया। अधिकारी 1977 से अब तक लंबित एक मुकदमे का निपटान करने में विफल रहे। नवंबर 2004 में हाईकोर्ट द्वारा साल 2005 के अंत तक निपटाने के निर्देश के बावजूद भी विफल रहे।अवमानना कार्यवाही को बंद करते हुए चीफ जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस आशुतोष शास्त्री की खंडपीठ ने कहा,"यह सार्वभौमिक रूप से सभी न्यायिक अधिकारियों द्वारा पश्चाताप की गहरी भावना...

मध्याह्न भोजन रसोई की आउटसोर्सिंग की अनुमति नहीं दे सकते: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मालेगांव के स्कूलों में औचक निरीक्षण का आदेश दिया
मध्याह्न भोजन रसोई की आउटसोर्सिंग की अनुमति नहीं दे सकते: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मालेगांव के स्कूलों में औचक निरीक्षण का आदेश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र के मालेगांव शहर के नागरिक निकाय को 27 सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में औचक निरीक्षण करने और यह पता लगाने का निर्देश दिया कि क्या उनके छात्रों के लिए मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने के लिए रसोई और भंडारण कक्ष चालू हैं।जस्टिस जीएस पटेल और जस्टिस नीला गोखले की खंडपीठ स्कूलों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें स्कूलों को केंद्रीकृत सामुदायिक रसोई सीरीज से पका हुआ भोजन लेने के लिए कहने के बजाय नगर निगम को कच्चे अनाज की आपूर्ति फिर से शुरू करने का निर्देश देने...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुनियादी संरचना सिद्धांत, कॉलेजियम सिस्टम पर टिप्पणी को लेकर उपराष्ट्रपति, कानून मंत्री को पद से हटाने की मांग वाली याचिका खारिज की
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुनियादी संरचना सिद्धांत, कॉलेजियम सिस्टम पर टिप्पणी को लेकर उपराष्ट्रपति, कानून मंत्री को पद से हटाने की मांग वाली याचिका खारिज की

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने न्यायपालिका की 'कॉलेजियम प्रणाली (Collegium System)' की लगातार सार्वजनिक आलोचना करने और बुनियादी ढांचे के सिद्धांत के खिलाफ टिप्पणी करने को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और कानून मंत्री किरेन रिजिजू को पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की।याचिकाकर्ता - बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन का दावा था कि दोनों ने भारत के संविधान में विश्वास की कमी व्यक्त करते हुए अपने आचरण के माध्यम से उपराष्ट्रपति और केंद्रीय मंत्रिमंडल के मंत्री के संवैधानिक पदों को धारण करने...

एनएसई फोन टैपिंग केस: दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चित्रा रामकृष्ण को जमानत दी
एनएसई फोन टैपिंग केस: दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चित्रा रामकृष्ण को जमानत दी

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) द्वारा कर्मचारियों के कथित अवैध फोन टैपिंग से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी।जस्टिस जसमीत सिंह ने उक्त आदेश सुनाया।चित्रा रामकृष्ण को पिछले साल अगस्त में ईडी मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया था। रामकृष्ण कथित अवैध फोन टैपिंग मामले में सीबीआई मामले में पहले से ही जमानत पर हैं।जस्टिस सिंह ने दिसंबर 2022 में ईडी मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस...

पीसी एक्ट के तहत विशेष न्यायाधीश जांच एजेंसी को आगे की जांच का आदेश देते समय अभियोजन स्वीकृति प्राप्त करने का निर्देश नहीं दे सकते: केरल हाईकोर्ट
पीसी एक्ट के तहत विशेष न्यायाधीश जांच एजेंसी को आगे की जांच का आदेश देते समय अभियोजन स्वीकृति प्राप्त करने का निर्देश नहीं दे सकते: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने वाले विशेष न्यायाधीश को सीआरपीसी की धारा 173 के तहत आगे की जांच का आदेश देते हुए आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अधिनियम की धारा 19 के तहत मंजूरी प्राप्त करने के लिए जांच एजेंसी को निर्देश देने का अधिकार नहीं है।जस्टिस के बाबू की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा,"यह जांच एजेंसी का वैधानिक कर्तव्य और जिम्मेदारी है कि वह मामले की पूरी तरह से जांच करे और फिर संबंधित न्यायालय को रिपोर्ट प्रस्तुत करे,...

शाहरुख पठान ने जेल अधिकारियों पर लगाया असॉल्ट करने का आरोप, दिल्ली हाईकोर्ट ने उसे जल्द सुनवाई के लिए ट्रायल कोर्ट में आवेदन करने को कहा
शाहरुख पठान ने जेल अधिकारियों पर लगाया असॉल्ट करने का आरोप, दिल्ली हाईकोर्ट ने उसे जल्द सुनवाई के लिए ट्रायल कोर्ट में आवेदन करने को कहा

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के मामलों में आरोपी शाहरुख पठान से कहा कि वह अपनी याचिका पर सुनवाई के लिए ट्रायल कोर्ट के समक्ष एक आवेदन दायर करें।याचिका में आरोप लगाया गया है कि उस पर जेल अधिकारियों ने हमला किया और मारपीट की।जस्टिस अमित शर्मा पठान की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। उन्होंने ने कहा कि चूंकि निचली अदालत के समक्ष एक याचिका पहले ही दायर की जा चुकी है, इसलिए यह उचित होगा कि संबंधित अदालत के समक्ष जल्द सुनवाई के लिए एक आवेदन दायर किया जाए।पठान की ओर...