मुख्य सुर्खियां

एक ही घटना के संबंध में पार्टियों के दो अलग-अलग बयानों के मामले में क्रॉस एफआईआर की अनुमति: जेकेएल हाईकोर्ट
एक ही घटना के संबंध में पार्टियों के दो अलग-अलग बयानों के मामले में क्रॉस एफआईआर की अनुमति: जेकेएल हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में दोहराया कि एक ही घटना के संबंध में दो एफआईआर नहीं हो सकती हैं, लेकिन एक ही घटना के संबंध में प्रतिद्वंद्वी पक्षों की ओर से दो अलग-अलग बयानों के मामलों में, क्रॉस एफआईआर दर्ज करने की अनुमति है।न्यायिक मजिस्ट्रेट किश्तवाड़ की ओर से पारित एक आदेश के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राजेश ओसवाल ने यह टिप्पणी की कि काउंटर एफआईआर को छोड़कर एक ही कारण/घटना के लिए दो एफआईआर नहीं हो सकती हैं और याचिकाकर्ता की शिकायत कल्पना की किसी भी सीमा...

अगर दूल्हा दुल्हन के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार करता है तो मैच-मेकर पर धोखाधड़ी का आरोप नहीं लगाया जा सकताः बॉम्बे हाईकोर्ट
अगर दूल्हा दुल्हन के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार करता है तो मैच-मेकर पर धोखाधड़ी का आरोप नहीं लगाया जा सकताः बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि एक मैच-मेकर, जिसने भावी दुल्हन के परिवार के सामने दूल्हे की प्रशंसा की हो,उस पर केवल इसलिए धोखा देने का आरोप नहीं लगाया जा सकता क्योंकि पुरुष/दुल्हे ने कथित रूप से महिला/दुल्हन के साथ बुरा व्यवहार किया और अब उस पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया गया है। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने शादी कराने में मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले(मैच-मेकर) एक वरिष्ठ बैंकर के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया,जिसे पति और उसके परिवार के साथ इस एफआईआर में...

टोल एक टैक्स, कलेक्‍शन कंपनी और सिविक कंपनी के बीच संविदात्मक ऋण नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
टोल एक टैक्स, कलेक्‍शन कंपनी और सिविक कंपनी के बीच संविदात्मक ऋण नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि वाहन टोल एक कर है, यह कलेक्‍शन कंपनी और सिविक बॉडी के बीच एक संविदात्मक ऋण नहीं है, मुंबई स्थित एमईपी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स लिमिटेड (एमईपीआईडीएल) की ओर से दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की रिकवरी की कार्यवाही के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दिया। एमईपीआईडीएल इकट्टा किए गए टोल की राशि का भुगतान एमसीडी को नहीं कर पाया ‌था, जिसके बाद मौजूदा मामला दायर किया गया।कोर्ट ने कहा,“एमईपीआईडीएल टोल एकत्र कर रहा था और भेज रहा था। इसलिए, सवाल यह नहीं है कि क्या एमईपीआईडीएल अनुबंध...

बलपूर्वक धर्मांतरण मामला : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएचयूएटीएस वीसी को 15 फरवरी तक कठोर कार्रवाई से संरक्षण दिया
बलपूर्वक धर्मांतरण मामला : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएचयूएटीएस' वीसी को 15 फरवरी तक कठोर कार्रवाई से संरक्षण दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज (पूर्व में इलाहाबाद कृषि संस्थान) के कुलपति (डॉ.) राजेंद्र बिहारी लाल को बड़े पैमाने पर धर्मांतरण के मामले में बलपूर्वक कार्रवाई के खिलाफ अंतरिम संरक्षण प्रदान किया।जस्टिस मंजू रानी चौहान की पीठ ने लाल द्वारा दायर अग्रिम जमानत अर्जी पर यह आदेश पारित किया। न्यायालय के आदेश का ऑपरेटिव भाग इस प्रकार है:"यदि आवेदक 13 और 15 फरवरी, 2023 को जांच अधिकारी (आईओ) के सामने पेश होता है, और 13 फरवरी, 2023 को आईओ...

आपराधिक मामले के लंबित रहने के दौरान सीलबंद कवर प्रक्रिया अपनाने के आधार पर पदोन्नति रोक नहीं सकते: इलाहाबाद हाईकोर्ट
आपराधिक मामले के लंबित रहने के दौरान सीलबंद कवर प्रक्रिया अपनाने के आधार पर पदोन्नति रोक नहीं सकते: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सक्षम प्राधिकारी आपराधिक मामले के लंबित रहने के दौरान सीलबंद कवर प्रक्रिया अपनाने के आधार पर अनिश्चित काल के लिए किसी व्यक्ति की सिफारिश को रोक नहीं सकता है।जस्टिस जसप्रीत सिंह की पीठ ने रणबीर सिंह (वर्तमान में राज्य सरकार के साथ तहसीलदार के रूप में सेवा कर रहा है और डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदोन्नति की मांग कर रहा है) को राहत देते हुए सक्षम प्राधिकारी को आज से आठ सप्ताह की अवधि के भीतर सीलबंद कवर खोलने के उनके दावे पर विचार करने का निर्देश दिया।याचिकाकर्ता का यह मामला...

[पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट] अगर प्राधिकरण संतुष्ट है कि हिरासत में लिया गया व्यक्ति मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त है, जनस्वास्‍थ्य के लिए खतरा हिरासत का आधार हो सकता है: जेकेएल हाईकोर्ट
[पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट] अगर प्राधिकरण संतुष्ट है कि हिरासत में लिया गया व्यक्ति मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त है, जनस्वास्‍थ्य के लिए खतरा हिरासत का आधार हो सकता है: जेकेएल हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि केवल इसलिए कि हिरासतकर्ता प्राधिकरण ने अन्य आधारों के साथ यह भी देखा है कि हिरासत में लिए गए लोगों की गतिविधियां आम जनता के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करती हैं, पीआईटी-एनडीपीएस अधिनियम की धारा 3 के तहत हिरासत के आदेश को अवैध नहीं बनाती है।प्र‌िवेंशन ऑफ इल्लिसिट ट्रै‌फिक इन नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1988 में धारा 3 सरकार को किसी व्यक्ति को मादक दवाओं और साइकोट्रोपिक पदार्थों के अवैध...

निचली अदालतें सीआरपीसी की धारा 313 के तहत सवाल तय करने के लिए जहमत नहीं उठा रही: एमपी हाईकोर्ट
निचली अदालतें सीआरपीसी की धारा 313 के तहत सवाल तय करने के लिए जहमत नहीं उठा रही: एमपी हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही में धारा 313 सीआरपीसी का पालन न करने के कारण आईपीसी की धारा 302 के तहत एक व्यक्ति की सजा को रद्द कर दिया।जस्टिस सुजॉय पॉल और जस्टिस एएन केशरवानी की डिविजन बेंच ने देखा कि निचली अदालत ने सीआरपीसी की धारा 313 की आवश्यकताओं का उसकी भावना से पालन नहीं किया और इसलिए, अपीलकर्ता की दोषसिद्धि अपुष्‍ट थी।चूंकि ट्रायल कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 313 की आवश्यकताओं का अनुपालन उसकी भावना में नहीं किया है और अपीलकर्ता को उन आपत्तिजनक सबूतों के खिलाफ...

50 साल बाद विधवा को उसके घर से बाहर निकालने के लिए पार्टी नहीं बना जा सकता, न्याय कहां है?: बॉम्बे हाईकोर्ट
"50 साल बाद विधवा को उसके घर से बाहर निकालने के लिए पार्टी नहीं बना जा सकता, न्याय कहां है?": बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) से कहा वह उस बूढ़ी विधवा महिला को संभवतः उसके 50 साल के कानूनी रूप से कब्जे वाले घर से बेदखल करने के लिए पक्षकार नहीं हो सकता। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने म्हाडा को 160 वर्ग के परिसर में किरायेदार/रहने वाले के रूप में उसका नाम जोड़ने का निर्देश भी दिया।जस्टिस जीएस पटेल और जस्टिस एसजी डिगे की खंडपीठ ने कहा कि एक तरफ तो म्हाडा के पास अवैध रूप से घुसपैठियों को भी अस्थायी रूप से समायोजित करने की नीति है, लेकिन वर्तमान मामले में वे कानूनी...

आईपीसी की धारा 498A: कर्नाटक हाईकोर्ट ने ननद पर प्रताड़ना के आरोप में दर्ज आपराधिक मामला खारिज किया
आईपीसी की धारा 498A: कर्नाटक हाईकोर्ट ने ननद पर प्रताड़ना के आरोप में दर्ज आपराधिक मामला खारिज किया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने वह आपराधिक मामला खारिज कर दिया, जिसमें महिला द्वारा अपनी ननद के खिलाफ शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के "आरोप" लगाए गए थे।जस्टिस मोहम्मद नवाज की एकल न्यायाधीश की पीठ ने महिला द्वारा दायर याचिका स्वीकार कर ली, जिसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 498-ए, 323, 504 सपठित धारा 149 के तहत अन्य आरोपियों के साथ चार्जशीट किया गया।कोर्ट ने कहा,'शिकायतकर्ता की मां और भाइयों के बयानों में याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई विशिष्ट आरोप नहीं लगाया गया।'शिकायतकर्ता का आरोप है कि दहेज के लिए उसके पति...

आजादी का अमृत महोत्सव नागरिकों के कल्याण से जुड़ा, लेकिन पुलिस प्रशासन के लिए अब भी औपनिवेशिक ढांचे के साथ रहना ज्यादा सहज: इलाहाबाद हाईकोर्ट
'आजादी का अमृत महोत्सव' नागरिकों के कल्याण से जुड़ा, लेकिन पुलिस प्रशासन के लिए अब भी औपनिवेशिक ढांचे के साथ रहना ज्यादा सहज: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में सुनवाई के दरमियान टिप्पणी की, "75 वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के बाद से, सरकार 'आजादी-का-अमृत महोत्सव' मना रहा है और देश के नागरिकों के कल्याण की संभावित दृष्टि से इसे 'अमृत काल' करार दिया गया है, हालांकि पुलिस प्रशासन को अब भी औपनिवेशिक संरचना के साथ रहना अधिक सहज महसूस होता है।"हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका में राज्य की ओर से दायर एक जवाबी हलफनामे पर आपत्ति जताते हुए कहा कि आवेदक आपराधिक मंशा का है।जस्टिस मंजू रानी चौहान की खंडपीठ ने जवाबी हलफनामे के अभिसाक्षी...

केरल हाईकोर्ट ने ISIS में शामिल होने के लिए सीरिया जाने का प्रयास करने के आरोपियों की सजा निलंबित करने से इनकार किया, कहा- उन्हें रिहा करना सुरक्षित नहीं
केरल हाईकोर्ट ने ISIS में शामिल होने के लिए सीरिया जाने का प्रयास करने के आरोपियों की सजा निलंबित करने से इनकार किया, कहा- उन्हें रिहा करना सुरक्षित नहीं

केरल हाईकोर्ट ने उन तीन लोगों की सजा निलंबित करने की अर्जी खारिज कर दी, जिन्हें पिछले साल कथित रूप से आईएसआईएस में शामिल होने के लिए सीरिया जाने की कोशिश करने के लिए दोषी ठहराया गया था। आवेदकों ने तर्क दिया कि वे पांच साल से अधिक समय तक हिरासत में रहे हैं और यहां तक कि मुकदमे के दौरान उन्हें कभी जमानत पर रिहा नहीं किया गया।जस्टिस अलेक्जेंडर थॉमस और जस्टिस सोफी थॉमस की खंडपीठ ने कहा कि सतेंद्र कुमार अंतिल बनाम केंद्रीय जांच ब्यूरो (2022) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया कि सीआरपीसी की धारा...

हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक
सरकार लुटेरों की तरह कार्य नहीं कर सकती, बिना मुआवजे के निजी भूमि लेना संवैधानिक गारंटी के खिलाफ: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (KIADB) और उसके अधिकारियों की कार्रवाइयों पर गहरा दुख व्यक्त किया, जो लगभग 15 वर्षों तक भूस्वामियों को मुआवजा देने में विफल रहे, जिनकी संपत्तियों को 2007 में सार्वजनिक उद्देश्य के लिए अधिग्रहित किया गया था।जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित ने एमवी गुरुप्रसाद नाम के व्यक्ति द्वारा दायर याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए कहा,"सरकार नागरिकों की भूमि के लुटेरे की तरह कार्य नहीं कर सकती।"उन्होंने आगे कहा,"मुआवजे के बिना कथित सार्वजनिक उद्देश्य के...

वक्फ अधिनियम से संबंधित रिट याचिकाओं पर विचार बंद करने का समय, पक्षकारों को पहले वैधानिक अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए: केरल हाईकोर्ट
वक्फ अधिनियम से संबंधित रिट याचिकाओं पर विचार बंद करने का समय, पक्षकारों को पहले वैधानिक अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि समय आ गया है कि वह वक्फ से संबंधित निर्देशों की मांग करने वाली रिट याचिकाओं पर विचार करना बंद करे और इस बात पर जोर दे कि पक्षकार पहले वक्फ अधिनियम के तहत अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए।जस्टिस ए.के. जयशंकरन नांबियार और जस्टिस मोहम्मद नियास सी.पी. की खंडपीठ ने उस व्यक्ति द्वारा दायर रिट याचिका खारिज कर दिया, जिसने पन्नूर करंदोमथुक जुमा-अठ पल्ली समिति के वर्तमान वंशानुगत मुथावल्ली होने का दावा किया था और उस आदेश को चुनौती दी थी जिसके द्वारा वक्फ बोर्ड ने...

जामिया हिंसा मामले में शरजील इमाम, अन्य को डिस्चार्ज करने के आदेश के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया
जामिया हिंसा मामले में शरजील इमाम, अन्य को डिस्चार्ज करने के आदेश के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने 2019 के जामिया हिंसा मामले में शारजील इमाम, सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तन्हा और आठ अन्य को आरोपमुक्त करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका पर नोटिस जारी किया।जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि इस मामले में ट्रायल कोर्ट की टिप्पणियों का पुलिस की आगे की जांच या मुकदमे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।इसके साथ ही मामले को 16 मार्च को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।विस्तृत प्रारंभिक सुनवाई के बाद अदालत ने कहा,"आगे की जांच की जाएगी, इसलिए जांच...

सक्षम व्यक्ति के लिए बेरोजगारी कोई बहाना नहीं, उसे पत्नी और बच्चों के भरण-पोषण के लिए रोजगार तलाशना चाहिए : कर्नाटक हाईकोर्ट
सक्षम व्यक्ति के लिए बेरोजगारी कोई बहाना नहीं, उसे पत्नी और बच्चों के भरण-पोषण के लिए रोजगार तलाशना चाहिए : कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि एक सक्षम शरीर वाले व्यक्ति को अपनी पत्नी और बच्चे की भी देखभाल करनी ही है, भले ही उसके पास कोई काम न हो। जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल न्यायाधीश की पीठ ने सीआरपीसी की धारा 125 के तहत 10,000 रुपये प्रति माह की पारिवारिक अदालत के आदेश पर सवाल उठाते हुए एक पति द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए यह अवलोकन किया।पति ने दलील दी थी कि वह पत्नी को गुजारा भत्ता देने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि वह खुद कई बीमारियों से पीड़ित है और प्रति माह 15,000 रुपये से अधिक...

‘कुछ छिपाया नहीं गया, कम्युनिकेशन गैप के लिए माफी मांगते हैं’: सीनियर एएजी ने जम्मू- कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट से कहा
‘कुछ छिपाया नहीं गया, कम्युनिकेशन गैप के लिए माफी मांगते हैं’: सीनियर एएजी ने जम्मू- कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट से कहा

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में सीनियर एडिशनल एडवोकेट जनरल एआर मलिक को कोर्ट द्वारा समन किए गए सरकारी अधिकारी की वास्तविक पहचान का खुलासा करने में विफल रहने के अपने आचरण की व्याख्या करने के लिए कहा था।सीनियर एडिशनल एडवोकेट जनरल एआर मलिक ने हलफनामा दायर किया, जिसमें परिस्थितियों की व्याख्या की गई है और उनकी ओर से कम्युनिकेशन गैप के लिए माफी मांगी गई है।हाईकोर्ट ने मलिक को अतिरिक्त जिला आयुक्त को जिला आयुक्त अनंतनाग पेश कर अदालत को गुमराह करने के लिए फटकार लगाई थी।याचिकाकर्ता के...

निर्वासन आदेश उस अपराध के आधार पर दर्ज नहीं किया जा सकता जिसमें अभियुक्त को बरी कर दिया गया था: बॉम्बे हाईकोर्ट
निर्वासन आदेश उस अपराध के आधार पर दर्ज नहीं किया जा सकता जिसमें अभियुक्त को बरी कर दिया गया था: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने हाल ही में कहा कि निर्वासन आदेश उस अपराध के आधार पर दर्ज नहीं किया जा सकता जिसमें अभियुक्त को बरी कर दिया गया था।जस्टिस जी ए सनप ने निर्वासन के आदेश को रद्द करते हुए कहा,"जिन अपराधों में याचिकाकर्ता को बरी कर दिया गया था, उन पर निर्भरता से संकेत मिलता है कि जांच त्रुटिपूर्ण थी। इस बात पर जोर देने की आवश्यकता है कि इस तरह के आदेश को पारित करने के लिए व्यक्तिपरक संतुष्टि वस्तुनिष्ठ सबूत के आधार पर आनी चाहिए।“रिट याचिकाकर्ता ने पुलिस उपायुक्त, अमरावती द्वारा...