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आर्बिट्रेशन एक्ट की धारा 9 समाप्त हो चुके अनुबंध की बहाली की परिकल्पना नहीं करती है: दिल्ली हाईकोर्ट
आर्बिट्रेशन एक्ट की धारा 9 समाप्त हो चुके अनुबंध की बहाली की परिकल्पना नहीं करती है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने माना कि ए एंड सी एक्ट की धारा 9 के दायरे में प्रकृति में राहत की परिकल्पना नहीं की गई, जो उस अनुबंध को बहाल करेगी जो पहले से ही समाप्त हो चुका है।जस्टिस चंद्र धारी सिंह की खंडपीठ ने कहा कि न्यायालय एएंडसी अधिनियम की धारा 9 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए निर्धारित अनुबंध के विशिष्ट प्रदर्शन को निर्देशित नहीं कर सकता। इसने माना कि जो अनुबंध अपनी प्रकृति में निर्धारणीय है, विशिष्ट राहत अधिनियम की धारा 14 (डी) के तहत विशेष रूप से लागू नहीं किया जा सकता। इसलिए न्यायालय ऐसा कुछ...

आर्बिट्रेशन एक्ट की धारा 31 के अनुसार ब्याज देने की शक्ति केवल समझौते के अभाव में लागू होती है: दिल्ली हाईकोर्ट
आर्बिट्रेशन एक्ट की धारा 31 के अनुसार ब्याज देने की शक्ति केवल समझौते के अभाव में लागू होती है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 (ए एंड सी अधिनियम) की धारा 31 (7) (ए), जो पूर्व-संदर्भ अवधि के संबंध में ब्याज देते समय आर्बिट्रेटर के विवेक से संबंधित है, केवल वहीं लागू होती है, जहां दिए जाने वाले ब्याज की दर के संबंध में पक्षकारों के बीच कोई समझौता नहीं है।जस्टिस चंद्र धारी सिंह की पीठ ने टिप्पणी की कि आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल, अधिनिर्णय के बाद ब्याज देते समय एक्ट की धारा 31(7)(बी) का सहारा नहीं ले सकता, जब पक्षकारों के बीच समझौते में ब्याज दर के संबंध में...

लंबित अदालती मामलों की मध्यस्थता स्टार्ट-अप के लिए ब्लू ओशन के रूप में काम कर सकती है: जस्टिस हिमा कोहली
लंबित अदालती मामलों की मध्यस्थता स्टार्ट-अप के लिए 'ब्लू ओशन' के रूप में काम कर सकती है: जस्टिस हिमा कोहली

'हमदर्द इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च, स्कूल ऑफ लॉ' स्कूल ऑफ लॉ के न्यू लॉ स्कूल बिल्डिंग के शिलान्यास समारोह और कॉनकॉर्डिया : नेशनल एडीआर फेस्ट, 2023 के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस हिमा कोहली ने शुक्रवार को कहा कि लंबित अदालती मामलों के संबंध में मध्यस्थता स्टार्ट-अप के शोषण के लिए 'ब्लू ओशन' अवसर के रूप में काम कर सकती है।उन्होंने 'ब्लू ओशन' की अवधारणा को एक ऐसी रणनीति के रूप में समझाया जो नए, अप्रयुक्त बाजारों के निर्माण के इर्द-गिर्द घूमती है जहां...

निर्धारिती को कोई नोटिस नहीं दिया गया, सुनवाई का अवसर दिए बिना मूल्यांकन आदेश पारित किया गया: गुजरात हाईकोर्ट ने आदेश रद्द किया
निर्धारिती को कोई नोटिस नहीं दिया गया, सुनवाई का अवसर दिए बिना मूल्यांकन आदेश पारित किया गया: गुजरात हाईकोर्ट ने आदेश रद्द किया

गुजरात हाईकोर्ट ने मूल्यांकन आदेशों को रद्द करते हुए कहा कि धारा 153 के तहत धारा 144 के साथ पठित मूल्यांकन निर्धारण अधिकारी द्वारा याचिकाकर्ता निर्धारिती को अधिनियम की धारा 144 के संदर्भ में और उसके अर्थ के भीतर सुनवाई का अवसर दिए बिना किया गया था।जस्टिस एन.वी.अंजारिया और जस्टिस निराल आर.मेहता की खंडपीठ ने कहा है कि याचिकाकर्ता को कोई नोटिस नहीं मिला। जब याचिकाकर्ता ने निर्धारण वर्ष 2021-2022 में जांच के लिए पोर्टल खोला, तभी उसे पुनर्मूल्यांकन के विवादित आदेशों और परिणामी दंड आदेशों के बारे में...

ट्रायल शुरू होने के बाद केवल अस्पष्टता को दूर करने के लिए दलीलों में संशोधन की अनुमति नहीं दी जा सकती: पटना हाईकोर्ट
ट्रायल शुरू होने के बाद केवल अस्पष्टता को दूर करने के लिए दलीलों में संशोधन की अनुमति नहीं दी जा सकती: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट के जस्टिस सुनील दत्ता मिश्रा की पीठ ने हाल ही के एक मामले में माना कि न्यायालय को संतुष्ट करने के लिए मुकदमे में संशोधन की मांग करने वाले पक्षकार झूठ बोलते हैं कि उचित परिश्रम के बावजूद, वे इस मामले को ट्रायल ट्रायल शुरू होने से पहले नहीं उठा सकते थे।अदालत ने आगे कहा कि संशोधनों को केवल इसलिए अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि वे प्रकृति में स्पष्ट हैं या ट्रायल शुरू होने के बाद किसी भी अस्पष्टता को दूर करते हैं।यह ऐसा मामला है, जहां वादी ने भूमि के विभाजन के साथ-साथ घोषणा के लिए...

वकील कानून से उपर नहीं: त्रिपुरा हाईकोर्ट ने आरोपी-मुवक्किल की तलाश के लिए वकील-दम्पति के घर पर छापा मारने वाली पुलिस के खिलाफ कार्रवाई से इनकार किया
वकील कानून से उपर नहीं': त्रिपुरा हाईकोर्ट ने आरोपी-मुवक्किल की तलाश के लिए वकील-दम्पति के घर पर छापा मारने वाली पुलिस के खिलाफ कार्रवाई से इनकार किया

त्रिपुरा हाईकोर्ट ने हाल ही में आरोपी की तलाश में वकील-दंपति के घर पर छापा मारने के लिए पुलिस के खिलाफ कार्रवाई से इनकार कर दिया।एक्टिंग चीफ जस्टिस टी. अमरनाथ गौड़ और जस्टिस टी अरिंदम लोध की पीठ ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 47, 165 और 166 (1) के अनिवार्य प्रावधानों का पालन करते हुए तलाशी ली गई है।अधिनियम की धारा 47 पुलिस अधिकारी को किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए किसी स्थान की तलाशी लेने के लिए अधिकृत करती है, सीआरपीसी की धारा 165 विशेष रूप से पुलिस को बिना तलाशी वारंट की मांग के ऐसी तलाशी...

उड़ीसा हाईकोर्ट ने पुलिस हिरासत में मारे गए आदिवासी की पत्नी को ₹10 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया
उड़ीसा हाईकोर्ट ने पुलिस हिरासत में मारे गए आदिवासी की पत्नी को ₹10 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया

उड़ीसा हाईकोर्ट ने 2010 में सीआरपीएफ और ओडिशा पुलिस की हिरासत में मारे गए एक आदिवासी की पत्नी को दस लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है।चीफ जस्टिस डॉ एस मुरलीधर और जस्टिस मुरहरी श्री रमन की खंडपीठ ने कहा कि यह कोई संयोग नहीं कि मृत आदिवासी, जिसे माओवादी करार दिया गया, जबकि इस संबंध के रत्ती भर सबूत भी नहीं ‌थे, उसके बाद उसे मार दिया गया, वह समाज के गरीब वर्ग से संबंधित था।कोर्ट ने खेद व्यक्त किया कि पीड़ित को हिरासत की अवधि में उसके मूल अधिकारों से वंचित कर दिया गया।तथ्यएक जून, 2010 को पिडेरा...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एनडीपीएस मामलों में सजा के निलंबन के लिए अनिवार्य हिरासत के नियम में ढील दी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एनडीपीएस मामलों में सजा के निलंबन के लिए 'अनिवार्य हिरासत' के नियम में ढील दी

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा, ऐसे मामलों, जहां दोषी ने जानबूझकर मादक द्रव्य की व्यावसायिक मात्रा अपने पास रखी थी, में सजा निलंबन की राहत प्रदान करने पर विचार के लिए 6 साल की न्यूनतम हिरासत अवधि के मानदंड में 6 महीने की मामूली राहत दी जा सकती है...।कोर्ट के समक्ष दायर याचिका आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 389 (2) के तहत दायर एक आवेदन से संबंधित है, जिसमें स्पेशल कोर्ट लुधियाना ने आवेदक को एनडीपीएस एक्ट, 1985 की धारा 15 (सी) के तहत दोषी ठहराया था। उसे 12 साल की सजा दी गई और एक...

पुलिस द्वारा कथित रूप से वकील पर हमले के बाद मुंबई एडवोकेट एसोसिएशन काम से विरत रहे, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पारित करने की मांग
पुलिस द्वारा कथित रूप से वकील पर हमले के बाद मुंबई एडवोकेट एसोसिएशन काम से विरत रहे, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पारित करने की मांग

मुंबई और ठाणे जिले के एडवोकेट एसोसिएशंस ने बोरीवली बार एसोसिएशन के एक वकील साथ कथित तौर पर पुलिस की मारपीट के बाद साथ एकजुटता दिखाते हुए 16 और 17 मार्च के बीच काम से अनुपस्थित रहे और विरोध किया। वकीलों का आरोप है कि उपनगरीय मुंबई के कांदिवली पुलिस स्टेशन के एक पुलिस निरीक्षक ने वकील पर हमला किया। एडवोकेट एसोसिएशंस ने एपीआई हेमंत गीते के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 14 मार्च, 2023 को एडवोकेट पृथ्वीराज झाला पर हमला किया।गीते को बाद में पुलिस थाने से बाहर...

एफआईआर नंबर, पुलिस स्टेशन एरिया जैसी मूलभूत अनिवार्यताओं को जमानत आदेशों में दर्ज किया जाना सुनिश्चित करें: सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट से कहा
एफआईआर नंबर, पुलिस स्टेशन एरिया जैसी मूलभूत अनिवार्यताओं को जमानत आदेशों में दर्ज किया जाना सुनिश्चित करें: सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट से कहा

सुप्रीम कोर्ट ने देखा कि सभी हाईकोर्ट में जमानत आदेशों का एक समान प्रारूप नहीं है। यह नोट करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि ज़मनत आदेशों में कुछ बिन्दुओं को बुनियादी अनिवार्यता के रूप में दर्ज किया जाए। कई मामलों में आदेशों में निचली अदालत के समक्ष लंबित कार्यवाही या मामले में अपराधों की प्रकृति का उल्लेख नहीं होता है। जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने इस पृष्ठभूमि में आदेश दिया,"इस न्यायालय की राय है कि जमानत/अग्रिम जमानत के...

धारा 125 सीआरपीसी | सौतेली मां मृतक पति के पास संपत्ति होने का सबूत दिखाकर सौतेले बच्चों से गुजारा भत्ता मांग सकती है: कर्नाटक हाईकोर्ट
धारा 125 सीआरपीसी | सौतेली मां मृतक पति के पास संपत्ति होने का सबूत दिखाकर सौतेले बच्चों से गुजारा भत्ता मांग सकती है: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि एक सौतेली मां अपने मृत पति के कानूनी उत्तराधिकारियों से भरण-पोषण प्राप्त करने लिए फैमिली कोर्ट के समक्ष यह साबित करना होगा कि उसके पति के पास काफी संपत्ति थी और उनसे आमदनी होती थी। इस प्रकार वह भरण-पोषण की हकदार होगी।जस्टिस के नटराजन की सिंगल जज बेंच ने खलील उल-रहमान की ओर से दायर याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया, जिसमें उन्होंने फैमिली कोर्ट की ओर से उनकी सौतेली मां को प्रति माह 25,000 रुपये का भरण-पोषण देने के आदेश को रद्द करने और संशोधित करने की मांग की...

जांच अधिकारी, लोक अभियोजक एनडीपीएस मामलों में जांच पूरी करने के लिए यूं ही समय विस्तार की मांग नहीं कर सकते, उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाए: केरल हाईकोर्ट
जांच अधिकारी, लोक अभियोजक एनडीपीएस मामलों में जांच पूरी करने के लिए यूं ही समय विस्तार की मांग नहीं कर सकते, उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाए: केरल हाईकोर्ट

केरल हाइकोर्ट ने यह देखते हुए कि जांच अधिकारी और सरकारी वकील कई मामलों में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 की धारा 36ए (4) के तहत ठीक से याचिका दायर करने और प्रस्तुत करने में ढिलाई दिखा रहे हैं, अभियोजन महानिदेशक और पुलिस महानिदेशक से पुलिस अधिकारियों को आवश्यक प्रशिक्षण और रिफ्रेशर कोर्स कराने के लिए उचित कार्रवाई करने के लिए कहा है।जस्टिस वीजी अरुण ने कहा,"अभियुक्तों की 180 दिनों से अधिक की हिरासत की मांग के लिए स्पष्ट रूप से दोहरी आवश्यकताओं को तय करने की आवश्यकता को...

दिल्ली हाईकोर्ट ने सीएम एडवोकेट्स वेलफेयर स्कीम के बजट में योगदान करने के एकल न्यायाधीश के निर्देश के खिलाफ बीसीडी की अपील पर नोटिस जारी किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने सीएम एडवोकेट्स वेलफेयर स्कीम के बजट में योगदान करने के एकल न्यायाधीश के निर्देश के खिलाफ बीसीडी की अपील पर नोटिस जारी किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (बीसीडी) द्वारा सिंगल बेंच के निर्देशों के खिलाफ अपील पर नोटिस जारी किया, जिसमें मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना (Chief Minister Advocates Welfare Scheme) के लिए दिल्ली सरकार द्वारा घोषित बजट में योगदान करने के लिए कहा गया था, जो वकीलों के लिए एक बीमा योजना है। अदालत ने 2021 के फैसले में कहा था कि दिल्ली सरकार को केवल बीमा प्रीमियम देने का भार वहन करने के लिए नहीं कहा जा सकता और बीसीडी को वार्षिक घाटे को पूरा करना चाहिए जो उत्पन्न हो सकता...

मतदान को अनिवार्य बनाने की मांग वाली याचिका पर कोर्ट का सुनवाई से इनकार,  कहा- अदालतें कानून निर्माता नहीं, जो कानून बनाएं (वीडियो)
मतदान को अनिवार्य बनाने की मांग वाली याचिका पर कोर्ट का सुनवाई से इनकार, कहा- अदालतें कानून निर्माता नहीं, जो कानून बनाएं (वीडियो)

चुनाव में मतदान को अनिर्वाय बनाने की मांग वाली जनहित याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई से इनकार किया। कोर्ट ने कहा कि मतदान एक अधिकार है और ये लोगों का खुद का फैसला होना चाहिए कि उन्हें मतदान करना है या नहीं। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की डिवीजन बेंच के समक्ष मामला रखा गया था। बेंच ने याचिकाकर्ता वकील और भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय से पूछा- भारतीय संविधान का कौन-सा आर्टिकल है जो मतदान को अनिवार्य बनाता है। हम भी जानना चाहते हैं। हम लॉ मेकर नहीं हैं।पूरी...

न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए रॉ रिपोर्ट केवल राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी असाधारण परिस्थितियों में मांगी जाती है: कानून मंत्रालय
न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए रॉ रिपोर्ट केवल राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी असाधारण परिस्थितियों में मांगी जाती है: कानून मंत्रालय

कानून मंत्रालय ने खुलासा किया है कि आम तौर पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति के प्रस्तावों पर रॉ रिपोर्ट मांगने का चलन नहीं है। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि यह केवल असाधारण परिस्थितियों में है जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दे शामिल हो, उनमें रॉ की रिपोर्ट मांगी जाती है।लॉ मिनिस्ट्री के बयान का महत्व है क्योंकि एससी कॉलेजियम ने हाल ही में समलैंगिक वकील सौरभ कृपाल को दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के लिए केंद्र की आपत्ति को खारिज कर दिया था।...

‘आजम खान के ट्रस्ट द्वारा संचालित स्कूल की कक्षाएं परीक्षा के लिए खोली जाएंगी’: यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में कहा
‘आजम खान के ट्रस्ट द्वारा संचालित स्कूल की कक्षाएं परीक्षा के लिए खोली जाएंगी’: यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में कहा

उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया कि वो छात्रों की इंटरनल एग्जाम के लिए समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान के जौहर ट्रस्ट द्वारा संचालित रामपुर पब्लिक स्कूल (मंगलवार को राज्य सरकार द्वारा सील कर दिया गया था) की कक्षाओं को खोलेगी।जौहर ट्रस्ट की कार्यकारी समिति द्वारा दायर याचिका पर जस्टिस सूर्य प्रकाश केसरवानी और जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की पीठ के समक्ष ये दलील दी गई, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ स्कूल परिसर को सील करने के राज्य सरकार के कदम को चुनौती दी गई थी।राज्य सरकार ने 99 साल...

पुलिस एस्कॉर्ट चार्ज का मतलब जमानत पर छूटे व्यक्ति को फरार होने से रोकना है लेकिन यह वास्तव में राहत को कम करने के लिए नहीं हो सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पुलिस एस्कॉर्ट चार्ज का मतलब जमानत पर छूटे व्यक्ति को फरार होने से रोकना है लेकिन यह वास्तव में राहत को कम करने के लिए नहीं हो सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में हरियाणा सरकार से अंतरिम जमानत पर अपराधी को रिहा करते समय पुलिस अनुरक्षण के लिए अत्यधिक फीस नहीं लेने के लिए कहा।इस मामले में दोषी-अपीलकर्ता ने शुरू में चार सप्ताह की अवधि के लिए अस्थायी जमानत की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया, क्योंकि उसकी पत्नी 32 सप्ताह और 6 दिन की गर्भवती है और मार्च 2023 की शुरुआत में डिलीवरी की तारीख थी। याचिका में कहा गया कि उसके परिवार में कोई और नहीं है, जो उसकी आवश्यकताओं को पूरा कर सके।अदालत ने तब संबंधित जेल अधीक्षक को...

चुनाव में मतदान को अनिर्वाय बनाने की मांग वाली जनहित याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट का सुनवाई से इनकार, कहा- हम लॉ मेकर नहीं हैं
चुनाव में मतदान को अनिर्वाय बनाने की मांग वाली जनहित याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट का सुनवाई से इनकार, कहा- 'हम लॉ मेकर नहीं हैं

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को वकील और भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा संसद और राज्य विधानसभा चुनावों में मतदाता मतदान और राजनीतिक भागीदारी में वृद्धि के लिए मतदान के अनिवार्य बनाने किलए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि मतदान एक अधिकार और लोगों की पसंद है, और उपाध्याय से पूछा कि क्या भारत के संविधान में ऐसा कुछ है जो मतदान को अनिवार्य बनाता है।अदालत ने मौखिक रूप से टिप्पणी की,“मतदान लोगों का...