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बंधक सिक्योरिटी अधिग्रहण: कर्नाटक हाईकोर्ट ने अधिकारों का निर्णय होने तक तक मुआवजा जमा करने का आदेश दिया
बंधक सिक्योरिटी अधिग्रहण: कर्नाटक हाईकोर्ट ने अधिकारों का निर्णय होने तक तक मुआवजा जमा करने का आदेश दिया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम की धारा 73 के अनुसार, रेहनदार (सुरक्षित लेनदार/बैंक) को मुआवजे की राशि पर अधिकार प्राप्त होता है, जब उसके पास गिरवी रखी गई संपत्ति राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित की जाती है।जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की एकल न्यायाधीश पीठ ने मैसर्स डीसीबी बैंक लिमिटेड द्वारा दायर याचिका की अनुमति दी और विशेष भूमि अधिग्रहण अधिकारी (एसएलएओ) को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता याचिकाकर्ता को सूचना के साथ सभी आवश्यक कागजात लेकर बैंक के दावे को तत्काल प्रथम अतिरिक्त जिला...

रविवार को विशेष सुनवाईः मद्रास हाईकोर्ट ने AIADMK महासचिव चुनाव के लिए दी अनुमति, पार्टी को फिलहाल परिणाम घोषित करने से रोका
रविवार को विशेष सुनवाईः मद्रास हाईकोर्ट ने AIADMK महासचिव चुनाव के लिए दी अनुमति, पार्टी को फिलहाल परिणाम घोषित करने से रोका

मद्रास हाईकोर्ट ने महासचिव पद के लिए गुरुवार को होने वाले चुनाव पर रोक लगाने के लिए अन्नाद्रमुक के निष्कासित नेताओं मनोज पांडियन, आर वैथिलिंगम और जेसीडी प्रभाका की याचिकाओं पर रविवार को विशेष सुनवाई की।पांडियन 11 जुलाई 2022 को हुई अपनी बैठक में AIADMK पार्टी द्वारा पारित प्रस्तावों को पहले ही चुनौती दे चुके हैं। प्रस्तावों के माध्यम से पांडियन ने पूर्व सीएम ओ पनीरसेल्वम सहित अन्य लोगों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया और एडप्पादी पलानीस्वामी को अंतरिम महासचिव नियुक्त किया गया।जस्टिस के कुमारेश...

हर गुजरते दिन खुद को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ
'हर गुजरते दिन खुद को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए': मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ एवं मप्र राज्य न्यायिक अकादमी जबलपुर के संरक्षक ने शून्य से पांच वर्ष के अनुभव वाले वकीलों के लिए क्षमता निर्माण विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम (Capacity Building Special Training Programme for Advocates) का शुभारंभ मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में किया। उद्घाटन के अवसर पर जस्टिस रोहित आर्य, प्रशासनिक न्यायाधीश, जस्टिस आनंद पाठक, सदस्य शासी परिषद, MPSJA और मप्र हाईकोर्ट, ग्वालियर खंडपीठ के न्यायाधीश उपस्थित थे।सभा को संबोधित करते हुए मुख्य...

माल वाहक वाहन में यात्रा कर रहे यात्री की मौत के लिए बीमा कंपनी मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं: गुवाहाटी हाईकोर्ट
माल वाहक वाहन में यात्रा कर रहे यात्री की मौत के लिए बीमा कंपनी मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं: गुवाहाटी हाईकोर्ट

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में दोहराया कि माल वाहक वाहन में यात्रा करने वाले अकारण यात्रियों की मौत के लिए बीमा कंपनी को मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता।जस्टिस पार्थिव ज्योति सैकिया की एकल न्यायाधीश पीठ ने बीमा कंपनी द्वारा दायर अपील को स्वीकार करते हुए कहा,"बीमा कंपनी दावेदार को मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं है। दावेदार वाहन के मालिक से ट्रिब्यूनल द्वारा उनके पक्ष में दिए गए मुआवजे की वसूली के लिए स्वतंत्र है।"मामले के तथ्यों से पता चलता है कि 20 नवंबर,...

जब लोन चुका दिया गया तो बैंक टाइटल डॉक्यूमेंट्स को केवल इसलिए रोक नहीं सकता, क्योंकि उधारकर्ता ने गिरवी संपत्ति स्थानांतरित कर दी: केरल हाईकोर्ट
जब लोन चुका दिया गया तो बैंक टाइटल डॉक्यूमेंट्स को केवल इसलिए रोक नहीं सकता, क्योंकि उधारकर्ता ने गिरवी संपत्ति स्थानांतरित कर दी: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि बैंक गिरवी रखी गई संपत्ति से संबंधित लोन सिक्योरिटी को अपने पास नहीं रख सकता, यदि उधारकर्ता द्वारा पूरी तरह से लोन राशि का भुगतान किया गया हो, केवल इसलिए कि बंधक की अवधि के दौरान, यह लोन लेने वाले किसी तीसरे पक्ष को हस्तांतरित कर दिया गया।जस्टिस शाजी पी शैली की एकल पीठ ने कहा,"केवल इसलिए कि संपत्ति को बंधक के अस्तित्व के दौरान याचिकाकर्ता द्वारा स्थानांतरित किया गया, हालांकि लोन अकाउंट बंद करके बैंक के हित की रक्षा की जाती है, बैंक इस आधार पर लोन सिक्योरिटी को...

सामुदायिक प्रमाण पत्र के सत्यापन का कार्य शीघ्रता से पूरा होना चाहिए, असाधारण मामलों को छोड़कर एकपक्षीय कार्यवाही नहीं हो सकती : सुप्रीम कोर्ट
सामुदायिक प्रमाण पत्र के सत्यापन का कार्य शीघ्रता से पूरा होना चाहिए, असाधारण मामलों को छोड़कर एकपक्षीय कार्यवाही नहीं हो सकती : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सबसे असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर, किसी कर्मचारी के जाति प्रमाण पत्र पर सवाल उठाने वाली कार्यवाही एकपक्षीय नहीं की जा सकती है।जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने आगे कहा कि कार्यवाही में जहां एक निश्चित समुदाय से संबंधित कर्मचारी की वास्तविकता पर विचार किया जाता है, सवाल न केवल उसके रोजगार से संबंधित होता है बल्कि उसकी पहचान से भी संबंधित होता है, और इसलिए, व्यक्ति को सुनवाई का अधिकार होना चाहिए और गवाहों से जिरह करने का अधिकार दिया जाना चाहिए।इसके...

केरल की अदालत ने नाबालिग लड़के का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी 48 वर्षीय व्यक्ति को 40 साल की कैद की सजा सुनाई
केरल की अदालत ने नाबालिग लड़के का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी 48 वर्षीय व्यक्ति को 40 साल की कैद की सजा सुनाई

तिरुवनंतपुरम में फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (POCSO) ने गुरुवार को एक 48 वर्षीय व्यक्ति को वर्ष 2020 में 11 साल के एक लड़के का यौन उत्पीड़न करने का दोषी पाते हुए उसे 40 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई और उस पर 60,000 रुपये का जुर्माना लगाया। विशेष न्यायाधीश आज सुदर्शन ने कहा,"यौन शोषण या यौन उत्पीड़न कभी भी वर्तमान क्षण तक सीमित नहीं होता है। यह एक व्यक्ति के जीवनकाल में बना रहता है और इसके व्यापक दीर्घकालिक प्रभाव होते हैं। इस मामले के तथ्यों और परिस्थितियों से यह पाया गया है कि यह मामला...

कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीश भारत-विरोधी हैं और कोशिश कर रहे हैं कि न्यायपालिका विपक्षी दल की भूमिका निभाए : कानून मंत्री किरेन रिजिजू
कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीश भारत-विरोधी हैं और कोशिश कर रहे हैं कि न्यायपालिका विपक्षी दल की भूमिका निभाए : कानून मंत्री किरेन रिजिजू

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को कुछ सेवानिवृत्त 'कार्यकर्ता' न्यायाधीशों पर न्यायपालिका को एक विपक्षी पार्टी की भूमिका निभाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। कानून मंत्री ने कहा कि यहां तक ​​​​कि "अदालत में जाने और उसे सरकार में शासन करने के लिए कहने" की हद तक पहुंच गए। रिजिजू ने पूछा कि वे भारतीय न्यायपालिका को सरकार से सीधे टक्कर लेने के लिए कैसे कह सकते हैं? यह कैसा प्रचार है?” न्यायिक जवाबदेही और सुधार अभियान द्वारा 'न्यायिक नियुक्तियों के सिद्धांत और ढांचे' पर आयोजित एक...

हर जनहित याचिका सदाशयी नहीं होती: सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री से याचिकाओं की प्रतियां प्राप्त करने की व्यवस्था की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की
'हर जनहित याचिका सदाशयी नहीं होती': सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री से याचिकाओं की प्रतियां प्राप्त करने की व्यवस्था की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका दायर की गई क्योंकि एक पक्ष को धर्म परिवर्तन कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं की प्रति रजिस्ट्री से नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई और कोर्ट ने कहा कि हर जनहित याचिका सदाशयी (Bonafide) नहीं होती है। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पार्टी को यह कहते हुए फटकार लगाई कि हर जनहित याचिका सदाशयी जनहित याचिका नहीं होती।याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि...

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करने को चुनौती देने वाली याचिका पर 24 मार्च को सुनवाई को सहमत

सुप्रीम कोर्ट में औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर 'छत्रपति संभाजीनगर' करने को चुनौती देने वाली एक याचिका दायर की गई है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ के समक्ष एडवोकेट फुजैल अय्यूबी ने याचिका का उल्लेख किया।याचिका में भारत संघ और महाराष्ट्र राज्य द्वारा संभागीय आयुक्त, औरंगाबाद के 4 मार्च 2020 के पत्र को दी गई मंजूरी को चुनौती दी गई है, जिसमें प्रस्तावित किया गया था कि औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर 'छत्रपति संभाजीनगर' कर दिया जाए।सुप्रीम कोर्ट उक्त याचिका को...

पटना हाईकोर्ट ने कहा, राज्य के अधिकांश लॉ कॉलेजों में आवश्यक इन्फ्रा, योग्य शिक्षकों की कमी, कुलपतियों से जवाब मांगा
पटना हाईकोर्ट ने कहा, राज्य के अधिकांश लॉ कॉलेजों में आवश्यक इन्फ्रा, योग्य शिक्षकों की कमी, कुलपतियों से जवाब मांगा

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सीएस सिंह और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की पटना हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने बिहार के सभी स्टेट यूनिवर्सिटी के चांसलर को एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है, जिसमें यह बताने के लिए कहा गयाहै कि राज्य में कानूनी शिक्षा को सुव्यवस्थित करने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। अदालत ने रिकॉर्ड में लाई गई कई सामग्रियों को देखने के बाद उपरोक्त आदेश पारित किया, जिसमें दिखाया गया कि राज्य के अधिकांश लॉ कॉलेजों में आवश्यक बुनियादी ढांचे और योग्य शिक्षकों की कमी है।अदालत पूरे बिहार के...

नशीली दवाओं का खतरा सामाजिक संरचना पर गंभीर आक्रमण, यह किशोरों को भी नहीं बख्श रहा: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
नशीली दवाओं का खतरा सामाजिक संरचना पर गंभीर आक्रमण, यह किशोरों को भी नहीं बख्श रहा: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि नशीली दवाओं का खतरा सामाजिक संरचना पर एक गंभीर आक्रमण है, जिससे कड़ाई से निपटा जाना चा‌हिए और इस कार्य के लिए पुलिस के पास अभियुक्तों तक उचित पहुंच होनी चाहि। यह उपयुक्त मामलों में हिरासत में पूछताछ के जर‌िए ही हो सकती है।जस्टिस सत्येन वैद्य की पीठ ने उक्त टिप्पणियों के साथ एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराधों के लिए एफआईआर में गिरफ्तारी पूर्व जमानत के लिए एक आवेदन को खारिज कर दिया।मामले में पुलिस पार्टी ने हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर के बरमाना के पास एक...

सीएम एकनाथ शिंदे के पास प्रभारी मंत्री को सौंपे गए मामले में फैसले में हस्तक्षेप करने की शक्ति नहीं है : बॉम्बे हाईकोर्ट
सीएम एकनाथ शिंदे के पास प्रभारी मंत्री को सौंपे गए मामले में फैसले में हस्तक्षेप करने की शक्ति नहीं है : बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा था कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के पास किसी अन्य मंत्री को सौंपे गए विषय में हस्तक्षेप करने की स्वतंत्र शक्तियां नहीं हैं। नागपुर खंडपीठ के जज जस्टिस विनय जोशी और जस्टिस वाल्मीकि एसए मेनेजेस ने चंद्रपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने वाले मुख्यमंत्री के आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि यह विषय सहकारिता मंत्री के अधिकार में आता है।अदालत ने माना,“ मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप पूरी तरह से अनुचित और कानून के अधिकार के बिना है। प्रभारी...

सरकारी मामलों में देरी को माफ करने के लिए कुछ छूटों को कानून का उल्‍लंघन करने के लाइसेंस के रूप में नहीं समझा जा सकता: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
सरकारी मामलों में देरी को माफ करने के लिए कुछ छूटों को कानून का उल्‍लंघन करने के लाइसेंस के रूप में नहीं समझा जा सकता: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा दायर देरी की माफी की मांग करने वाली एक अर्जी को खारिज करते हुए, हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि कानून में सभी के लिए समान संतुलन है और हालांकि सरकार के मामले में कुछ छूट की अनुमति है, लेकिन इसे अपने मन मुताबिक उल्लंघन के पूर्ण लाइसेंस के रूप में नहीं माना जा सकता है। आवेदन एक अपील के साथ दायर किया गया था, जिसके संदर्भ में सरकार ने एक संदर्भ अदालत द्वारा पारित एक अवार्ड का विरोध किया था। राज्य ने देरी के लिए अवार्ड की प्रमाणित प्रति प्राप्त करने में लगने वाले समय और...

[विभागीय कार्रवाई] आदेश की वैधता की जांच करते हुए कोर्ट को प्रक्रिया में खामियों की पहचान करनी चाहिए, बजाय अपीलीय प्राधिकारी के रूप में निर्णय पर विचार करेः पटना हाईकोर्ट
[विभागीय कार्रवाई] आदेश की वैधता की जांच करते हुए कोर्ट को प्रक्रिया में खामियों की पहचान करनी चाहिए, बजाय अपीलीय प्राधिकारी के रूप में निर्णय पर विचार करेः पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने हाल ही एक फैसले में कहा कि विभागीय जांच में सजा के आदेश की वैधता की जांच करते समय, न्यायालय को निर्णय लेने की प्रक्रिया में खामियों की पहचान करने पर ध्यान देना चाहिए, बजाय इसके कि वह एक अपीलीय प्राधिकारी के रूप में निर्णय पर ही विचार करने लगे।जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा की पीठ इस मामले में, मुख्य अभियंता (केंद्रीय), जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार द्वारा पारित एक आदेश के खिलाफ दायर एक रिट याचिका पर विचार कर रही थी। आदेश में एक विभागीय कार्यवाही में याचिकाकर्ता पर 5% पेंशन रोकने का दंड...

किशोर न्याय अधिनियम की धारा 102 के तहत पुनरीक्षण की श‌क्तियां केवल हाईकोर्ट के पास, सत्र न्यायालय/ बाल न्यायालय इनका प्रयोग नहीं कर सकते: जेएंडके एंड एल हाईकोर्ट
किशोर न्याय अधिनियम की धारा 102 के तहत पुनरीक्षण की श‌क्तियां केवल हाईकोर्ट के पास, सत्र न्यायालय/ बाल न्यायालय इनका प्रयोग नहीं कर सकते: जेएंडके एंड एल हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि किशोर न्याय बोर्ड के आदेश के खिलाफ एक पुनरीक्षण याचिका पर सत्र न्यायालय या बाल न्यायालय विचार नहीं कर सकता है।जस्टिस संजय धर ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम की धारा 102 के तहत संशोधन की शक्ति अकेले उच्चाधिकारियों के पास है। पीठ ने कहा, "सत्र न्यायालय या बच्चों की अदालत में ऐसी कोई शक्ति निहित नहीं है।"कोर्ट ने यह जोड़ा,"संशोधन से संबंधित प्रावधान की प्रयोज्यता यानी सीआरपीसी की धारा 397 को जेजे एक्ट की धारा 1 (4) सहपठित धारा 5 सीआरपीसी के...

Allahabad High Court
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर नाराजगी जताई, यूनियन नेताओं के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने शुक्रवार को अदालत के दिसंबर 2022 के आदेश के बावजूद उत्तर प्रदेश बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा जारी हड़ताल पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि कर्मचारियों की हड़ताल के कारण बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए।जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस विनोद दिवाकर की पीठ ने कर्मचारी एसोसिएशन और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही जारी करते हुए कहा कि भले ही श्रमिकों द्वारा उठाई गई मांगों में कोई दम हो, फिर भी पूरे राज्य की बिजली आपूर्ति में बाधित...

Gauhati High Court
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने टीपाम हिल्स में कथित अवैध अतिक्रमण पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक स्वत: संज्ञान जनहित याचिका में अधिकारियों को ऐतिहासिक टीपाम पहाड़ी के अवैध अतिक्रमण के आरोप के संबंध में एक रिपोर्ट पेश करने और अब तक की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। स्वर्गीय निलय दत्ता, सीनियर एडवोकेट द्वारा लिखे गए एक पत्र के आधार पर 2018 में अदालत द्वारा स्वत: संज्ञान जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें तिपाम पहाड़ी क्षेत्र में अवैध खनन के साथ-साथ अवैध खनन से संबंधित असमिया अखबार 'नियोमिया बार्टा' की एक रिपोर्ट पर प्रकाश डाला गया था।इससे...