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असम में बढ़ी है मुस्लिम आबादी, ये दूसरी तरफ से आई है’: घोषित विदेशियों के मामले में केंद्र ने गुवाहाटी हाईकोर्ट से कहा
'असम में बढ़ी है मुस्लिम आबादी, ये दूसरी तरफ से आई है’: घोषित विदेशियों के मामले में केंद्र ने गुवाहाटी हाईकोर्ट से कहा

गुवाहाटी हाईकोर्ट एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई कर रहा है जिसमें वो एक घोषित विदेशी या भारत में अवैध प्रवासी को उनके निर्वासन से पहले उपलब्ध अधिकारों की जांच कर रहा है।जस्टिस ए.एम. बुजोर बरुआ और जस्टिस रॉबिन फुकन की खंडपीठ के समक्ष 28 अप्रैल को हुई अंतिम सुनवाई में डिप्टी सॉलिसिटर जनरल आर.के.डी. चौधरी ने प्रस्तुत किया कि जनगणना के अनुसार, 1951 के बाद असम में मुस्लिम आबादी में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि ये देश के इस हिस्से को दूसरे हिस्से में ले जाने की चाल है।चौधरी ने कहा,"आबादी की यह अचानक...

अंडरट्रायल कैदी को एक जेल से दूसरी जेल में ट्रांसफर करने का अधिकार सिर्फ कोर्ट के पास: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
अंडरट्रायल कैदी को एक जेल से दूसरी जेल में ट्रांसफर करने का अधिकार सिर्फ कोर्ट के पास: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि विचाराधीन कैदी को एक जेल से दूसरी जेल में ट्रांसफर करने का निर्देश देने की शक्ति केवल मजिस्ट्रेट/न्यायालय के पास है, जिसने हिरासत में लिए गए कैदी को निश्चित जेल में भेज दिया है, न कि जेल अधिकारियों के पास।जस्टिस एम ए चौधरी की पीठ ने जेल नियमावली, 2022 सपठित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एंड कश्मीर में जेलों के अधीक्षण और प्रबंधन के लिए कैदी अधिनियम, 1900 का हवाला देते हुए कहा,"विचाराधीन कैदी को एक जेल से दूसरे जेल में रिमांड या ट्रांसफर करने की...

एडमिशन के बाद कास्ट वैलिडिटी सर्टिफिकेट बनवाया: बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरक्षित सीटों के लिये एक ही रेगुलेशन का आदेश दिया
एडमिशन के बाद कास्ट वैलिडिटी सर्टिफिकेट बनवाया: बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरक्षित सीटों के लिये एक ही रेगुलेशन का आदेश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में विभिन्न हेल्थ साइंस इंस्टीट्यूट्स में एक बार के उपाय के रूप में स्टूडेंट्स के एडमिशन को रेगुलर कर दिया है। प्रवेश नियमन प्राधिकरण (एआरए) ने आरक्षित श्रेणियों के तहत उनका एडमिशन रद्द कर दिया था, क्योंकि एडमिशन के समय उनके पास वैलिडिटी सर्टिफिकेट नहीं था।औरंगाबाद में बैठी जस्टिस रवींद्र वी घुगे और जस्टिस संजय ए देशमुख की खंडपीठ ने नियमों के खिलाफ स्टूडेंट्स को एडमिशन देने और एआरए के फैसले को स्टूडेंट्स तक नहीं पहुंचाने के लिए संस्थानों पर जुर्माना भी लगाया।खंडपीठ ने...

सीआरपीसी की धारा 220 | ट्रायल कोर्ट के पास यह निर्णय लेने का विवेक है कि जॉइंट ट्रायल का आदेश दिया जाए या नहीं: केरल हाईकोर्ट
सीआरपीसी की धारा 220 | ट्रायल कोर्ट के पास यह निर्णय लेने का विवेक है कि जॉइंट ट्रायल का आदेश दिया जाए या नहीं: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि सीआरपीसी की धारा 220 के तहत जॉइंट ट्रायल करना अदालत के लिए अनिवार्य नहीं है, क्योंकि यह अदालत के विवेक पर है कि वह जॉइंट ट्रायल की अनुमति दे या नहीं।जस्टिस वी जी अरुण की एकल पीठ एक फर्म के भागीदारों के बीच उठे कुछ विवादों से संबंधित मामले पर विचार कर रही थी। अदालत ने पक्षों को आर्बिट्रेशन के लिए भेजा था। इस मामले को इस शर्त पर तय किया गया कि भागीदारों में से एक (द्वितीय याचिकाकर्ता) 32 किश्तों में पूर्ण और अंतिम निपटान के रूप में प्रतिवादी को 2 करोड़ रुपये का...

शारीरिक संबंध के बाद ही शादी का मुद्दा आया: कलकत्ता हाईकोर्ट ने रेप केस खारिज किया
'शारीरिक संबंध के बाद ही शादी का मुद्दा आया': कलकत्ता हाईकोर्ट ने रेप केस खारिज किया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में अभियुक्त के खिलाफ बलात्कार के कथित अपराध के लिए आपराधिक कार्यवाही इस आधार पर रद्द कर दी कि उसके और पीड़िता के बीच सहमति से शारीरिक संबंध थे और शारीरिक संबंध के बाद ही शादी का मुद्दा सामने आया।जस्टिस तीर्थंकर घोष की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा,"शिकायतकर्ता और आया पक्ष के गवाहों के बयान के संबंध में जो शिकायतकर्ता के साथ अभियुक्त के संबंध के बारे में भी जानते थे, विशेष रूप से तथ्यों के वर्णन के संबंध में कि शिकायतकर्ता स्वयं होटल में थी और केवल शारीरिक संबंध के बाद...

एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 की कठोरता को कम करने के लिए मध्यवर्ती मात्रा से अधिक लेकिन बड़े आकार का नहीं होने का अतिरिक्त कारक है: केरल हाईकोर्ट
एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 की कठोरता को कम करने के लिए मध्यवर्ती मात्रा से अधिक लेकिन बड़े आकार का नहीं होने का अतिरिक्त कारक है: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सबस्टेंस एक्ट (NDPS Act) के तहत मामले में जमानत देते समय एक्ट की धारा 37 की कठोरता को कम करने के लिए जब्त की गई मादक पदार्थ की मात्रा मध्यवर्ती मात्रा से थोड़ी अधिक हो सकती है।अदालत ने कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि की कमी पहले से ही हिरासत में बिताया गया समय और सुनवाई शुरू होने में बाकी समय सहित सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले से निर्धारित मापदंडों के अलावा, अतिरिक्त कारक पर विचार किया जाना चाहिए, जो जब्त किए गए वर्जित पदार्थ की मात्रा...

अगर अविवाहित मुस्लिम बेटी सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण-पोषण की हकदार नहीं है तो फैमिली कोर्ट मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत दावे पर विचार कर सकता है : केरल हाईकोर्ट
अगर अविवाहित मुस्लिम बेटी सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण-पोषण की हकदार नहीं है तो फैमिली कोर्ट मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत दावे पर विचार कर सकता है : केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा है कि अगर सीआरपीसी की धारा 125 के तहत एक अविवाहित मुस्लिम बेटी (जिसने वयस्कता प्राप्त कर ली है) द्वारा किए गए भरण-पोषण का दावा वैध नहीं है, तो वही दावा मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत किया जा सकता है और फैमिली कोर्ट कार्यवाही की बहुलता को रोकने के लिए इस पर विचार कर सकता है।जस्टिस अलेक्जेंडर थॉमस और जस्टिस जियाद रहमान की खंडपीठ ने कहा किः ‘‘हम मानते हैं कि एक बालिग अविवाहित मुस्लिम बेटी के लिए, जो किसी भी शारीरिक या मानसिक असामान्यता या चोट से पीड़ित नहीं है, जैसा कि...

अदालतों की रक्षा करना आपका कर्तव्य है, जिला न्यायपालिका मां के समान है : कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने वकीलों से कहा
अदालतों की रक्षा करना आपका कर्तव्य है, जिला न्यायपालिका मां के समान है : कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने वकीलों से कहा

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश (एसीजे) टीएस शिवगणनाम ने शनिवार को अलीपुरद्वार जिले में नए अदालत परिसर के शिलान्यास समारोह में बोलते हुए कहा कि अदालतों, न्यायाधीशों और वादियों की रक्षा करना बार के सदस्यों का कर्तव्य है। जलपाईगुड़ी जिले से अलीपुरद्वार जिले में न्यायपालिका के विभाजन के बाद नए अलीपुरद्वार जिला न्यायालय परिसर के लिए एक नया न्यायालय भवन बनाया जाना तय है।अलीपुरद्वार जिले को 2014 में पश्चिम बंगाल के 20वें जिला बनाया गया था।एसीजे ने आगे कहा कि बार और न्यायपालिका के सदस्यों को यह सुनिश्चित...

Writ Of Habeas Corpus Will Not Lie When Adoptive Mother Seeks Child
धारा 11 सीपीसी | पार्टी अपने खिलाफ प्रतिकूल निष्कर्षों को अपने पक्ष में तय किए गए मुकदमे में चुनौती नहीं दे सकती: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने हाल ही में कहा था कि कोई पक्ष निचली अदालत द्वारा उनके पक्ष में दिए गए मुकदमे में उनके खिलाफ दर्ज किए गए प्रतिकूल निष्कर्षों को चुनौती नहीं दे सकता है।जस्टिस प्रणय वर्मा की पीठ ने आगे कहा कि पार्टी के खिलाफ इस तरह के निष्कर्ष बाद के मुकदमे में Res Judicata के रूप में काम नहीं करेंगे-Res Judicata की प्रयोज्यता की प्राथमिक आवश्यकता यह है कि उठाए गए मुद्दे को सुना जाना चाहिए और अंत में न्यायालय द्वारा पूर्व मुकदमे में निर्णय लिया जाना चाहिए। अंत में निर्णय का...

दोषी कर्मचारी के खिलाफ जांच रिपोर्ट ठोस साक्ष्य पर आधारित होनी चाहिए: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने सीआरपीएफ कर्मी की बहाली को बरकरार रखा
दोषी कर्मचारी के खिलाफ जांच रिपोर्ट ठोस साक्ष्य पर आधारित होनी चाहिए: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने सीआरपीएफ कर्मी की बहाली को बरकरार रखा

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में एक एकल पीठ के फैसले को बरकरार रखा, जिसने इस आधार पर सीआरपीएफ कर्मियों की बर्खास्तगी को खारिज कर दिया कि जांच अधिकारी के निष्कर्ष किसी भी ठोस सबूत पर आधारित नहीं थे और उक्त कर्मियों को बचाव का अवसर नहीं दिया गया था।चीफ जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस पार्थिव ज्योति सैकिया की खंडपीठ ने कहा:"कमांडेंट ने 30.09.2008 के आदेश के तहत जांच रिपोर्ट के निष्कर्षों को बिना किसी महत्वपूर्ण चर्चा के स्वीकार कर लिया और अपराधी अधिकारी (डीओ) द्वारा की गई स्वीकारोक्तियों पर भी भरोसा...

गैंगस्टर एक्ट केस : यूपी कोर्ट ने बसपा सांसद अफजल अंसारी को दोषी ठहराया और चार साल की सजा, लोकसभा सदस्यता होगी समाप्त
गैंगस्टर एक्ट केस : यूपी कोर्ट ने बसपा सांसद अफजल अंसारी को दोषी ठहराया और चार साल की सजा, लोकसभा सदस्यता होगी समाप्त

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से बसपा सांसद, पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को शनिवार को गैंगस्टर एक्ट मामले में दोषी ठहराया गया और चार साल की जेल की सजा सुनाई गई। गाजीपुर के सांसद/विधायक कोर्ट ने अपने भाई मुख्तार अंसारी के साथ मामले में दोषी ठहराए जाने के कुछ ही पलों बाद सजा सुनाई। अब, अनुच्छेद 102 सहपठित जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 (3) में निहित प्रावधानों के आधार पर अंसारी लोकसभा के सदस्य होने के लिए अयोग्य हैं।वर्ष 1996 में विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी नंदकिशोर...

मानहानि का मामला : यदि दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगी तो राजनीतिक करियर के 8 साल खो देंगे: राहुल गांधी के लिए गुजरात हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट अभिषेक सिंघवी ने कहा
मानहानि का मामला : यदि दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगी तो राजनीतिक करियर के 8 साल खो देंगे': राहुल गांधी के लिए गुजरात हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट अभिषेक सिंघवी ने कहा

कांग्रेस नेता और अयोग्य सांसद राहुल गांधी की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका में गुजरात हाईकोर्ट के समक्ष पेश होते हुए सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने शनिवार को तर्क दिया कि दोषसिद्धि पर रोक न लगाने पर राहुल गांधी के लिए अपरिवर्तनीय परिणाम होंगे और वह उस अवधि के लिए अयोग्य हो जाएंगे जिसे वस्तुतः अर्ध-स्थायी अवधि कहा जा सकता है। सीनियर एडवोकेट सिघवी ने दृढ़ता से तर्क दिया कि कथित अपराध में नैतिक अधमता का तत्व शामिल नहीं था, यह एक संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-गंभीर अपराध था और इसलिए दोषसिद्धि को...

गलत निर्णय के लिए जज पर अनुशासनात्मक कार्रवाई तभी की जा सकती है, जब बाहरी बातों के ठोस सबूत हों: पटना हाईकोर्ट
गलत निर्णय के लिए जज पर अनुशासनात्मक कार्रवाई तभी की जा सकती है, जब बाहरी बातों के "ठोस सबूत" हों: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा,"एक न्यायिक अधिकारी के खिलाफ एक गलत आदेश के लिए विभागीय करना न्यायपालिका की किसी बिमारी, या किसी सरकारी विभाग की किसी समस्या का इलाज नहीं हो सकता। वास्तव में, लापरवाह कार्यवाही केवल न्यायपालिका के मनोबल को कम करती है।”पटना हाईकोर्ट ने एक महिला न्यायिक अधिकारी को बरी के फैसले को पारित करने में 'लापरवाही' बरतने के आरोपों में राहते देते हुए उक्त टिप्पणी की।जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस हरीश कुमार की खंडपीठ ने महिला न्यायिक अधिकारी को दी...

गैंगस्टर एक्ट मामले में यूपी कोर्ट ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी ठहराया, 10 साल की सजा सुनाई, 5 लाख का जुर्माना भी लगाया
गैंगस्टर एक्ट मामले में यूपी कोर्ट ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी ठहराया, 10 साल की सजा सुनाई, 5 लाख का जुर्माना भी लगाया

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में सांसद/विधायक कोर्ट ने आज गैंगस्टर एक्ट मामले में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया। उन्हें 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। उन पर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।अंसारी पर साल 1996 में विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी नंदकिशोर रूंगटा के अपहरण और वर्ष 2005 में भारतीय जनता पार्टी के विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में शामिल होने के आरोप में गैंगस्टर अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। पिछले साल दिसंबर में भी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की एक अदालत...

जब समझौते में ब्याज का प्रावधान नहीं तो मध्यस्थ पूर्व-अवार्ड ब्याज नहीं दे सकता : दिल्ली हाईकोर्ट
जब समझौते में ब्याज का प्रावधान नहीं तो मध्यस्थ पूर्व-अवार्ड ब्याज नहीं दे सकता : दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने दोहराया है कि मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 ( ए एंड सी अधिनियम) की धारा 31(7)(ए ) के तहत पूर्व-अवार्ड ब्याज देने के लिए मध्यस्थ ट्रिब्यूनलों की शक्तियों पर पक्षकारों के बीच समझौते की प्रधानता होगी ।जस्टिस चंद्र धारी सिंह की पीठ ने कहा कि चूंकि पक्षकारों के बीच समझौते में विशेष रूप से प्रावधान किया गया था कि अनुबंध के तहत अर्जित राशि पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा, इसने मध्यस्थ की शक्ति को विचलित करने और अपनी ब्याज दर देने की शक्ति को छीन लिया।यह देखते हुए कि मध्यस्थ ट्रिब्यूनल...

दिल्ली हाईकोर्ट ने अभिनव बिंद्रा, एमएम सोमाया को स्पोर्ट्स फेडेरेशन को धन के संवितरण की देखरेख के लिए कमेटी में नियुक्त किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने अभिनव बिंद्रा, एमएम सोमाया को स्पोर्ट्स फेडेरेशन को धन के संवितरण की देखरेख के लिए कमेटी में नियुक्त किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने विभिन्न स्पोर्ट्स फेडेरेशन को केंद्र सरकार द्वारा जारी धन के संवितरण की देखरेख के लिए गठित समिति में दो खिलाड़ियों को शामिल किया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि धन का इस्तेमाल केवल 23 सितंबर से 08 अक्टूबर तक चीन में होने वाले आगामी एशियाई खेलों में खिलाड़ियों की बेहतरी और प्रशिक्षण के लिए ही किया जाए। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की एक खंडपीठ ने निशानेबाज अभिनव बिंद्रा और फील्ड हॉकी खिलाड़ी एमएम सोमाया को समिति के सदस्यों के रूप में...

जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों के साथ सेवानिवृत्ति आयु समानता के लिए को-ऑपरेटिव सोसाइटी के कर्मचारियों की याचिका खारिज की
जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों के साथ सेवानिवृत्ति आयु समानता के लिए को-ऑपरेटिव सोसाइटी के कर्मचारियों की याचिका खारिज की

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों के बराबर सेवानिवृत्ति की आयु की मांग करने वाली को-ऑपरेटिव सोसाइटी के कर्मचारियों की याचिका बुधवार को खारिज कर दी।जस्टिस संजय धर ने कहा कि को-ऑपरेटिव सोसाइटी अपने स्वयं के नियमों और विनियमों द्वारा शासित स्वायत्त संस्थाएं हैं, इसलिए उनके कर्मचारी सरकार के कर्मचारियों के साथ सेवा शर्तों में समानता की मांग नहीं कर सकते, जब तक कि निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित न हो।पीठ उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसके तहत याचिकाकर्ताओं ने एसआरओ 233 द्वारा जारी...