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ट्रायल कोर्ट विदेशी नागरिकों को जमानत देते समय डिटेंशन सेंटर में भेजने का निर्देश नहीं दे सकते: दिल्ली हाईकोर्ट
ट्रायल कोर्ट विदेशी नागरिकों को जमानत देते समय डिटेंशन सेंटर में भेजने का निर्देश नहीं दे सकते: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि निचली अदालतें विदेशी नागरिकों को यहां दर्ज मामलों में जमानत देते समय उन्हें हिरासत में भेजने का निर्देश नहीं दे सकती हैं। जस्टिस अनीश दयाल ने कहा,“किसी भी स्थिति में जो स्पष्ट किया जाना चाहिए वह यह है कि एक अदालत या मजिस्ट्रेट या एक सत्र न्यायालय विदेशी नागरिक को जमानत देने के हिस्से के रूप में उक्त व्यक्ति को डिटेंशन सेंटर में भेजने का निर्देश नहीं दे सकता है। जमानत देते समय अदालत इस तरह का निर्देश पारित करने में सक्षम नहीं है, जैसा कि विभिन्न...

हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक
कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य को अधिवक्ताओं के लिपिक संघ के सदस्यों के लिए कल्याणकारी योजना तैयार करने का निर्देश दिया, कहा कि वे न्यायिक प्रणाली की सेवा करते हैं

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में स्टेट लेवल एडवोकेट क्लर्क एसोसिएशन के सदस्यों के कल्याण के लिए राज्य सरकार को छह महीने के भीतर एक योजना तैयार करने का निर्देश दिया। जस्टिस एम नागप्रसन्ना की पीठ ने कहा,"एडवोकेट क्लर्कों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा किसी व्यक्ति की सेवा नहीं है, बल्कि एडवोकेटों से जुड़ी व्यवस्था के लिए है। इसलिए, एडवोकेट क्लर्क न्याय वितरण प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और यदि वे न्याय वितरण प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, तो सिस्टम को उन्हें किसी भी...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कॉट्रेक्टर्स के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का आरोप बरकरार रखा, आरसीसी कॉलम की नंगी सरिया पर गिरने के बाद श्रमिक की मौत हो गई थी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कॉट्रेक्टर्स के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का आरोप बरकरार रखा, आरसीसी कॉलम की नंगी सरिया पर गिरने के बाद श्रमिक की मौत हो गई थी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में गोरेगांव में एक निर्माण स्थल के दो सब- कॉन्ट्रैक्टर्स के खिलाफ गैर इरादतन हत्या (सदोष मानव हत्या)के मामले को खारिज करने से इनकार कर दिया, जहां एक आरसीसी कॉलम की नंगी सरिया पर गिरने के बाद एक श्रमिक की मौत हो गई थी।जस्टिस सुनील बी शुकरे और जस्टिस एमएम साथाये की खंडपीठ ने कहा कि लोहे की खड़ी छड़ों को खुला छोड़ना प्रथम दृष्टया गैर इरादतन हत्या का मामला बनाता है क्योंकि अभियुक्तों को पता था कि हवा में मौजूद क्रेन पर कर्मचारी काम कर रहे हैं।मामले में गोरेगांव की एक साइट...

प्रेस को किसी व्यक्ति या संस्थान के खिलाफ स्पष्ट रूप से कुछ भी अपमानजनक प्रकाशित नहीं करना चाहिए: दिल्ली कोर्ट
प्रेस को किसी व्यक्ति या संस्थान के खिलाफ स्पष्ट रूप से कुछ भी अपमानजनक प्रकाशित नहीं करना चाहिए: दिल्ली कोर्ट

दिल्ली की एक कोर्ट ने हाल ही में कहा कि प्रेस को किसी भी व्यक्ति या संस्थान के खिलाफ स्पष्ट रूप से कुछ भी अपमानजनक प्रकाशित नहीं करना चाहिए, जब तक कि यह विधिवत सत्यापित न हो और यह मानने के लिए पर्याप्त कारण हों कि यह सच है और प्रकाशन जनता की भलाई के लिए होगा।कड़कड़डूमा कोर्ट्स के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश रविंदर बेदी ने इस बात पर जोर देते हुए कि मानहानिकारक लेखन में मामले में सावधानी बरतने के संबंध में पत्रकारों को ल‌िए लेखन संबंधी नैतिकता की मान्यता है-"सामान्य मानदंडों का पालन करने की आवश्यकता...

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा अधिनियम | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्म परिवर्तन, जाति परिवर्तन और विवाह के बाद दस्तावेजों में नाम बदलने की अनुमति नहीं देने वाले प्रावधान को रद्द किया
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा अधिनियम | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्म परिवर्तन, जाति परिवर्तन और विवाह के बाद दस्तावेजों में नाम बदलने की अनुमति नहीं देने वाले प्रावधान को रद्द किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा अधिनियम, 1921 के विनियम 40 (ग) को रद्द कर दिया, जिसके तहत किसी व्यक्ति की ओर से शैक्षणिक दस्तावेजों में अपने नाम में, उपनाम अपनाकर, या जाति या धर्म का खुलासा कर या सम्मानजनक शब्दों या टाइटल शामिल कर, बदलाव का अनुरोध किया गया हो, को स्वीकार करने पर रोक लगा दी गई थी।प्रावधान में यह भी कहा गया था कि धर्म परिवर्तन या जाति परिवर्तन के बाद या विवाह के बाद नाम परिवर्तन नाम परिवर्तन के आवेदनों पर विचार नहीं किया जा सकता है।जस्टिस अजय भनोट की...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी कोर्ट में हिंदू उपासकों के मुकदमे के सुनवाई योग्य होने के खिलाफ मस्जिद समिति की याचिका खारिज की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी कोर्ट में हिंदू उपासकों के मुकदमे के सुनवाई योग्य होने के खिलाफ मस्जिद समिति की याचिका खारिज की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति (जो वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करती है) द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका में वाराणसी अदालत के उस आदेश (12 सितंबर, 2022) को चुनौती दी गई थी, जिसमें पिछले साल दायर की गई सीपीसी के आदेश 7 नियम 11के तहत ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर पूजा करने के अधिकार की मांग को लेकर वाराणसी कोर्ट में दायर हिंदू उपासकों के मुकदमे पर आपत्ति जताते हुए उस वाद के सुनवाई योग्य होने को चुनौती दी गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज...

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) और अनुच्छेद 21 के आधार पर नाम रखने या बदलने का मौलिक अधिकार प्रत्येक नागरिक में निहित है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) और अनुच्छेद 21 के आधार पर नाम रखने या बदलने का मौलिक अधिकार प्रत्येक नागरिक में निहित है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) और अनुच्छेद 21 के आधार पर नाम रखने या बदलने का मौलिक अधिकार प्रत्येक नागरिक में निहित है। कोर्ट ने ये भी कहा कि मानव जीवन और एक व्यक्ति के नाम की अंतरंगता निर्विवाद है।जस्टिस अजय भनोट की पीठ ने समीर राव की रिट याचिका स्वीकार की। याचिका में हाई स्कूल और इंटरमीडिएट शिक्षा के यूपी बोर्ड की उस कार्रवाई को चुनौती दी गई थी जिसमें हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा प्रमाण पत्र में अपना नाम बदलने की प्रार्थना करने वाले याचिकाकर्ता के...

रिज्वाइंडर में दी गई अतिरिक्त प्रार्थनाएं वाद का हिस्सा नहीं हो सकती और न ही इसके आधार पर कोई साक्ष्य जोड़ा जा सकता है: केरल हाईकोर्ट
रिज्वाइंडर में दी गई अतिरिक्त प्रार्थनाएं वाद का हिस्सा नहीं हो सकती और न ही इसके आधार पर कोई साक्ष्य जोड़ा जा सकता है: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि प्रत्युत्तर में दी गई अतिरिक्त दलीलें वाद का हिस्सा नहीं बन सकती हैं। सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के तहत एक पक्ष केवल आदेश VI नियम 17 के तहत एक संशोधन के माध्यम से वादी में अतिरिक्त दलीलें शामिल कर सकता है।जस्टिस मैरी जोसेफ की एकल पीठ ने कहा,"...यह स्पष्ट है कि जो पक्षकार शिकायत दायर करके राहत प्राप्त करना चाहता है, उसके द्वारा बाद के समय में रिजॉइंडर के रूप में वाद के हिस्से के रूप में उठाए गए दलीलों पर विचार करने का हकदार नहीं है। संहिता इस तरह के आश्रय के...

पुलिस आरोपी के खिलाफ और नई धाराएं नहीं जोड़ सकती और नए रिमांड पेपर के बिना केवल अदालत को पत्र लिखकर हिरासत की अवधि बढ़ाने की मांग नहीं कर सकती : बॉम्बे हाईकोर्ट
पुलिस आरोपी के खिलाफ और नई धाराएं नहीं जोड़ सकती और नए रिमांड पेपर के बिना केवल अदालत को पत्र लिखकर हिरासत की अवधि बढ़ाने की मांग नहीं कर सकती : बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि पुलिस रिमांड के कागजात जमा किए बिना और आरोपी के संज्ञान में नई धाराओं को लाए बिना केवल न्यायाधीश को पत्र द्वारा अतिरिक्त धाराएं जोड़ने और न्यायिक हिरासत के विस्तार की मांग नहीं कर सकती है।औरंगाबाद खंडपीठ के जस्टिस एसजी मेहारे ने कहा कि आरोपी को उसके खिलाफ लगाए गए अतिरिक्त आरोपों का विरोध करने का अवसर दिया जाना चाहिए। इसने क्रिप्टो करंसी धोखाधड़ी के आरोपी चार व्यक्तियों को डिफ़ॉल्ट जमानत दे दी।अदालत ने इस संबंध में कहा,"...आरोपी की जानकारी के बिना रिमांड के...

क्षेत्राधिकार रखने वाले मजिस्ट्रेट आरोपी के आत्मसमर्पण करने की अनुमति से इनकार नहीं कर सकते : केरल हाईकोर्ट
क्षेत्राधिकार रखने वाले मजिस्ट्रेट आरोपी के आत्मसमर्पण करने की अनुमति से इनकार नहीं कर सकते : केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 436 और 437 के तहत मजिस्ट्रेट अपराध के आरोपी व्यक्ति को अपने अधिकार क्षेत्र में आत्मसमर्पण करने की अनुमति देने से इनकार नहीं कर सकते।जस्टिस के बाबू की एकल पीठ ने कहा,"जब संहिता किसी अपराध के अभियुक्त को विषय वस्तु पर अधिकार क्षेत्र वाले न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण करने की अनुमति देती है तो वह अनुमति से इनकार नहीं कर सकता है। जब कोई अभियुक्त न्यायालय के समक्ष पेश होता है और समर्पण के लिए आवेदन करता है तो उसकी प्रार्थना स्वीकार...

कम CIBIL स्कोर के आधार पर स्टूडेंट को एजुकेशन लोन देने से इनकार नहीं किया जा सकता: केरल हाईकोर्ट
कम CIBIL स्कोर के आधार पर स्टूडेंट को एजुकेशन लोन देने से इनकार नहीं किया जा सकता: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने कहा कि कम CIBIL (क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड) स्कोर के आधार पर एक स्टूडेंट को एजुकेशन लोन देने से इनकार नहीं किया जा सकता है।जस्टिस पी.वी. कुन्हीकृष्णन ने बैंकों को एजुकेशन लोन के लिए किए गए आवेदनों पर विचार करते समय 'मानवीय दृष्टिकोण' अपनाने को कहा।कोर्ट ने कहा,"छात्र कल के राष्ट्र निर्माता हैं। उन्हें भविष्य में इस देश का नेतृत्व करना है। केवल इसलिए जिस स्टूडेंट ने एजुकेशन लोन के लिए आवेदन किया है, उसका सिबिल स्कोर कम, इस आधार पर बैंक को एजुकेशन लोन के लिए किए...

अटारी चेक पोस्ट पर 102 किलोग्राम हेरोइन की बरामदगी: दिल्ली हाईकोर्ट ने व्यापारी को दी जमानत
अटारी चेक पोस्ट पर 102 किलोग्राम हेरोइन की बरामदगी: दिल्ली हाईकोर्ट ने व्यापारी को दी जमानत

दिल्ली हाईकोर्ट ने श्री बालाजी ट्रेडिंग कंपनी के मालिक को उस मामले में जमानत दे दी है, जिसमें मुलैठी (मुलेठी) अफगानिस्तान से पिछले साल पंजाब के अमृतसर में अटारी बॉर्डर पर जा रहे एक ट्रक में 102.136 और 0.648 किलोग्राम हेरोइन रोकी गई।अदालत ने कहा,"प्रथम दृष्टया आकलन पर ... इस न्यायालय की सुविचारित राय है कि यह विश्वास करने के लिए उचित आधार है कि याचिकाकर्ता का दोष साबित नहीं किया जा सकता है और आगे यह दिखाने के लिए रिकॉर्ड पर कोई सामग्री नहीं है कि उसके द्वारा कोई अपराध करने की संभावना है।"अदालत ने...

ट्रायल कोर्ट आरोप तय करने के चरण में मिनी ट्रायल आयोजित करके अभियुक्त को डिस्चार्ज नहीं कर सकता: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट
ट्रायल कोर्ट आरोप तय करने के चरण में "मिनी ट्रायल" आयोजित करके अभियुक्त को डिस्चार्ज नहीं कर सकता: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने दोहराया कि अभियुक्त के खिलाफ आरोप तय करने के स्तर पर अदालत न तो रिकॉर्ड पर लाई गई सामग्री की विस्तार से जांच कर सकती है और न ही अभियुक्त के खिलाफ अपराध को स्थापित करने के लिए सामग्री की पर्याप्तता की जांच कर सकती है।जस्टिस राजेश ओसवाल विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार-विरोधी) के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें प्रतिवादी को उसके खिलाफ जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, संवत, 2006 की धारा 5 (1) (डी) और धारा 5(2) सपठित आरपीसी की...

हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक
धारवाड़ और कलाबुरगी में कर्नाटक हाईकोर्ट की स्थायी पीठों के खिलाफ वकील की याचिका खारिज

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को धारवाड़ और कलाबुरगी (पहले गुलबर्गा) में हाईकोर्ट की स्थायी पीठों की स्थापना के आदेश को असंवैधानिक घोषित करने करने की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया।जस्टिस बी वीरप्पा और जस्टिस के एस हेमलेखा की खंडपीठ ने कहा कि पीठों ने वास्तव में सभी क्षेत्रों के लिए "वितरणात्मक न्याय" प्रदान किया है। इस प्रकार, याचिका बिल्कुल भी सार्वजनिक हित में नहीं है।खंडपीठ ने कहा,"धारवाड़ और कालाबुरागी में पीठों की स्थापना उत्तर कर्नाटक के जरूरतमंद नागरिकों को उनके दरवाजे पर...

पत्नी की हत्या केवल इसलिए की गई क्योंकि उसने उनके अवैध संबंधों का कड़ा विरोध किया: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पति और उसकी प्रेमिका की दोषसिद्धि बरकरार रखी
'पत्नी की हत्या केवल इसलिए की गई क्योंकि उसने उनके अवैध संबंधों का कड़ा विरोध किया': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पति और उसकी प्रेमिका की दोषसिद्धि बरकरार रखी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति और उसकी प्रेमिका को ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई आजीवन कारावास की सजा और सजा को बरकरार रखा, जिसने 2011 में अपनी पत्नी को केवल इसलिए मार डाला क्योंकि वह उनके अवैध संबंधों की प्रबल विरोधी थी। जस्टिस कौशल जयेंद्र ठाकर और जस्टिस शिव शंकर प्रसाद की पीठ ने कहा कि ऐसे व्यक्ति किसी भी तरह की उदारता के हकदार नहीं हैं क्योंकि वे समाज में एक काला धब्बा हैं।न्यायालय ने फैसले के अपने ऑपरेटिव हिस्से में निष्कर्ष निकाला," अभियोजन पक्ष के गवाह-3 का यह कथन कि...

काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मामला - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिकाओं के एक समूह में अपने आदेश सुरक्षित रखने के महीनों बाद कुछ स्पष्टीकरण मांगे, 14 जुलाई को सुनवाई
काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मामला - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिकाओं के एक समूह में अपने आदेश सुरक्षित रखने के महीनों बाद कुछ स्पष्टीकरण मांगे, 14 जुलाई को सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर मुद्दे से संबंधित याचिकाओं के एक समूह में अपना आदेश सुरक्षित रखने के महीनों बाद इस मामले में पक्षकारों से कुछ स्पष्टीकरण मांगे। जस्टिस प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने ने 26 मई को कुछ समय के लिए पक्षकारों को सुनने के बाद मामले को 14 जुलाई को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट किया है।खंडपीठ के समक्ष एक अन्य याचिका अंजुमन मस्जिद समिति (जो ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करती है) की है , जिसमें वाराणसी कोर्ट के 2021 के उस आदेश को चुनौती दी गई...

यूपी स्कॉलरशिप घोटाला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईजिया एजुकेशनल ग्रुप के वीपी को मेडिकल आधार पर अंतरिम अग्रिम जमानत दी
यूपी स्कॉलरशिप घोटाला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईजिया एजुकेशनल ग्रुप के वीपी को मेडिकल आधार पर अंतरिम अग्रिम जमानत दी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 500 करोड़ रुपए के राज्य छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपी हाइगिया एजुकेशनल ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट, सैयद इशरत हुसैन जाफरी को मेडिकल आधार पर अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी। जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने उन्हें अंतरिम राहत देते हुए इस तथ्य को ध्यान में रखा कि जाफरी विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी की आशंका के कारण उचित इलाज नहीं करा पा रहे हैं ।पीठ ने निदेशक एसजीपीजीआई लखनऊ से एक मेडिकल बोर्ड गठित कर उनकी जांच करने और तीन सप्ताह के भीतर...

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुख्य आरोपी के निर्देश पर नाबालिग पीड़िता को उसके घर छोड़ने वाले व्यक्ति के खिलाफ पॉक्सो केस खारिज किया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुख्य आरोपी के निर्देश पर नाबालिग पीड़िता को उसके घर छोड़ने वाले व्यक्ति के खिलाफ पॉक्सो केस खारिज किया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुख्य आरोपी के निर्देश पर नाबालिग पीड़िता को उसके घर छोड़ने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO) के तहत शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया। जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता-आरोपी न तो अपराध की योजना बनाने और न ही अपराध करने में शामिल था। कोर्ट ने देखा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई अन्य आरोप नहीं लगाया गया है और कहा," आरोप आरोपी नंबर 1 से 4 के खिलाफ है जो कथित रूप से अपराध के कमीशन का हिस्सा रहे...

बीमाधारक की स्वास्थ्य स्थिति के संबंध में भौतिक तथ्यों को दबाने पर जीवन बीमा पॉलिसी को निरस्त किया जा सकता है: केरल हाईकोर्ट
बीमाधारक की स्वास्थ्य स्थिति के संबंध में भौतिक तथ्यों को दबाने पर जीवन बीमा पॉलिसी को निरस्त किया जा सकता है: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि बीमाधारक की स्वास्थ्य स्थिति के संबंध में भौतिक तथ्यों को दबाने पर जीवन बीमा पॉलिसी को निरस्त किया जा सकता है।जस्टिस सतीश निनन ने आगे कहा कि दावेदार के लिए ये तर्क देना खुला नहीं होगा कि किसी और ने उसकी ओर से प्रस्ताव फॉर्म भरा था, और ये कि झूठे विवरणों का उल्लेख करने के लिए उसे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।कोर्ट ने कहा,"यह मानते हुए या स्वीकार करते हुए कि प्रस्ताव फॉर्म प्रस्तावक द्वारा नहीं बल्कि प्रतिवादी के एजेंट/कर्मचारी सहित किसी अन्य व्यक्ति द्वारा...