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स्टूडेंट की आत्महत्या का मामला: स्कूलों को कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई पर पुनर्विचार करना चाहिए, इससे बच्चे को मानसिक समस्या हो सकती है- कर्नाटक हाईकोर्ट
स्टूडेंट की आत्महत्या का मामला: स्कूलों को 'कठोर' अनुशासनात्मक कार्रवाई पर पुनर्विचार करना चाहिए, इससे बच्चे को मानसिक समस्या हो सकती है- कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कोडागु जिले के उस स्कूल के प्रिंसिपल और अन्य अधिकारियों द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी, जिसमें स्टूडेंट को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के संबंध में पुलिस द्वारा दायर 'बी समरी रिपोर्ट' को खारिज करने वाले मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी।स्कूल में शराब ले जाने के आरोप में "शरारती" स्टूडेंट को निलंबित कर दिया गया था। उसके माता-पिता के अनुरोध पर उसे अपने घर से ऑनलाइन एग्जाम देने की अनुमति दी गई। हालांकि, आरोप है कि स्टूडेंट एग्जाम लिंक का इंतजार करता रहा लेकिन...

राहत देने का वास्तविक केस: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने सरकार को राज्य के बाहर किए गए मेडिकल खर्च की प्रतिपूर्ति के लिए कर्मचारी के दावे पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया
राहत देने का वास्तविक केस: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने सरकार को राज्य के बाहर किए गए मेडिकल खर्च की प्रतिपूर्ति के लिए कर्मचारी के दावे पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया

जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने उस संविदा सरकारी कर्मचारी के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया कि पूर्ववर्ती राज्य के बाहर अपने पति के इलाज के लिए उसके द्वारा किए गए मेडिकल खर्च की प्रतिपूर्ति की जानी चाहिए।अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि नियमों में ढील देने की सरकार की शक्ति का उपयोग वास्तव में किया जाना चाहिए, न कि केवल "नियम पुस्तिका" को सजाने के लिए। इसका प्रयोग उन मामलों में किया जाना चाहिए जहां नियमों का कड़ाई से पालन लाभार्थी पर अनुचित बोझ डालेगा।जस्टिस रजनेश ओसवाल की पीठ उस याचिका पर...

मंदिर के पुजारियों की नियुक्ति में जाति की कोई भूमिका नहीं: मद्रास हाईकोर्ट
मंदिर के पुजारियों की नियुक्ति में जाति की कोई भूमिका नहीं: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में दोहराया कि किसी मंदिर में अर्चकों की नियुक्ति में, जब व्यक्ति अन्यथा सभी अर्हताएं पूरा कर रहा हो तो जाति की कोई भूमिका नहीं है। अदालत ने कहा कि अगम शासित मंदिरों में, ट्रस्टी/फिट पर्सन को केवल यह सुनिश्चित करना होगा कि नियुक्त का पात्र अर्चक/स्थानिक अगम के अनुसार पूजा में दक्ष और प्रशिक्षित हो।जस्टिस आनंद वेंकटेश ने मुथु सुब्रमण्यम गुरुक्कल की ओर से दायर एक याचिका पर उपरोक्त टिप्पणियां कीं, जिसमें सहायक आयुक्त, एचआर एंड सीई और श्री सुगवनेश्वर स्वामी मंदिर के...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 2019 में 3 साल की बच्ची से बलात्कार, हत्या के लिए मौत की सजा पाए व्यक्ति को बरी किया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 2019 में 3 साल की बच्ची से बलात्कार, हत्या के लिए मौत की सजा पाए व्यक्ति को बरी किया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 3 साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के मामले में निचली अदालत द्वारा दी गई मौत की सजा को पलट दिया है। अदालत ने कहा कि अधिकारियों द्वारा की गई जांच "बेहद अनौपचारिक तरीके" से की गई थी।जस्टिस सुजय पॉल और जस्टिस ए.के. पालीवाल की पीठ ने मामले में आरोपी विजय उर्फ पिंटिया को दी गई मौत की सजा को रद्द कर दिया और उसे संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।दोषी ने विशेष न्यायाधीश (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012), बुरहानपुर द्वारा पारित फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उसे...

पंचायत चुनाव: कलकत्ता हाईकोर्ट ने एसईसी को नामांकन सूची से हटाए गए उम्मीदवारों के नामों पर पुनर्विचार करने, हिंसा के दावों को सत्यापित करने का निर्देश दिया
पंचायत चुनाव: कलकत्ता हाईकोर्ट ने एसईसी को नामांकन सूची से हटाए गए उम्मीदवारों के नामों पर पुनर्विचार करने, हिंसा के दावों को सत्यापित करने का निर्देश दिया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि उम्मीदवारों के निर्विरोध निर्वाचन से मतदाताओं को मिलने वाले पसंद के अधिकार पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। जस्टिस अमृता सिन्हा की सिंगल-जज बेंच ने राज्य चुनाव आयोग को वैध रूप से नामांकित उम्मीदवारों की सूची से अन्य उम्मीदवारों के नाम हटाने के बाद, कुछ उम्मीदवारों को 'निर्विरोध निर्वाचित' घोषित करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया। नामांकन पत्र दाखिल करने में देरी का हवाला देते हुए नाम हटा दिए गए थे।पीड़ित उम्मीदवारों ने कहा कि बड़े पैमाने पर...

शिकायतकर्ता सहमति देने वाला पक्ष लगता है: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने 2016 POCSO मामले में दोषसिद्धि खारिज की
'शिकायतकर्ता सहमति देने वाला पक्ष लगता है': गुवाहाटी हाईकोर्ट ने 2016 POCSO मामले में दोषसिद्धि खारिज की

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) की धारा 4 के तहत आरोपी की सजा इस आधार पर रद्द कर दी कि शिकायतकर्ता ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान देते समय और ट्रायल कोर्ट के सामने गवाही देते समय दो अलग-अलग बयान दिए।जस्टिस पार्थिव ज्योति सैकिया की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान में पीड़िता ने बस इतना कहा कि शादी के वादे पर दोषी अपीलकर्ता ने उसके साथ यौन संबंध बनाए और घर लौटने के बाद उसने उसे फोन करके बुलाया। लेकिन उसने उसे पहचानने से इनकार कर दिया।अदालत...

मैनुअल स्कैवेंजिंग: सीवर के अंदर दो ठेका श्रमिकों की मौत के बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया
मैनुअल स्कैवेंजिंग: सीवर के अंदर दो ठेका श्रमिकों की मौत के बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में ग्वालियर में दो श्रमिकों की मौत के बाद राज्य में जारी मैला ढोने की प्रथा पर स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीवर के अंदर में काम करने के लिए ठेका श्रमिकों की जान चली गई।चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की पीठ ने राज्य को नोटिस जारी करते हुए कहा,"भले ही उन्हें उचित देखभाल और सुरक्षा प्रदान करने के लिए अदालत के विभिन्न अधिनियम और आदेश हैं, फिर भी हम देखते हैं कि बड़ी संख्या में लोग विभिन्न कारणों से अपनी जान गंवाते...

इनरोलमेंट अनिश्चित काल के लिए स्थगित किए जाने के खिलाफ लॉ ग्रेजुएट ने केरल हाईकोर्ट का रुख किया; स्टेट बार काउंसिल की बैठक 2 जुलाई को होगी
इनरोलमेंट "अनिश्चित काल के लिए स्थगित" किए जाने के खिलाफ लॉ ग्रेजुएट ने केरल हाईकोर्ट का रुख किया; स्टेट बार काउंसिल की बैठक 2 जुलाई को होगी

केरल के विभिन्न लॉ कॉलेजों के लॉ ग्रेजुएट के एक ग्रुप ने जल्द से जल्द इनरोलमेंट करने की मांग करने वाली याचिका के साथ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।बार काउंसिल ऑफ केरल (बीसीके) द्वारा ली जा रही इनरोलमेंट फीस के संबंध में चल रहे विवाद के बीच यह मुद्दा सामने आया है, जिसके परिणामस्वरूप बार में इनरोलमेंट करने में देरी हुई है।केरल हाईकोर्ट ने 16 जून, 2023 को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, बार काउंसिल ऑफ केरल को इनरोलमेंट करवाने के इच्छुक लॉ ग्रेजुएट से इनरोलमेंट फीस के रूप में केवल 750/- रुपये लेने का...

अंतरधार्मिक विवाह: गुजरात हाईकोर्ट ने वयस्क बेटी की कस्टडी के लिए मां की याचिका खारिज की, कहा- अपहरण नहीं किया गया या अवैध रूप से कैद नहीं किया गया
अंतरधार्मिक विवाह: गुजरात हाईकोर्ट ने वयस्क बेटी की कस्टडी के लिए मां की याचिका खारिज की, कहा- अपहरण नहीं किया गया या अवैध रूप से कैद नहीं किया गया

गुजरात हाईकोर्ट ने अपनी वयस्क बेटी की कस्टडी की मांग करने वाली महिला की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी, जिसके बारे में कहा जाता है कि उसने स्वेच्छा से मुस्लिम व्यक्ति के साथ विवाह किया। ऐसा भी कहा जाता है कि उस व्यक्ति ने हिंदू धर्म अपना लिया है।जस्टिस उमेश ए. त्रिवेदी और जस्टिस एम.के. ठक्कर की खंडपीठ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता की बेटी बालिग है और उसने अलग धर्म के व्यक्ति के साथ विवाह किया है।अदालत ने कहा,"याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत किए गए सभी दस्तावेज़ यह स्थापित करने के लिए...

26 वर्षीय व्यक्ति की हिरासत में मौत: दिल्ली हाईकोर्ट ने 2006 के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिसकर्मियों की दोषसिद्धि, 10 साल की सजा को बरकरार रखा
26 वर्षीय व्यक्ति की हिरासत में मौत: दिल्ली हाईकोर्ट ने 2006 के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिसकर्मियों की दोषसिद्धि, 10 साल की सजा को बरकरार रखा

दिल्ली हाईकोर्ट ने 2006 में 26 वर्षीय युवा व्यक्ति की हिरासत में यातना के कारण मौत के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस के छह पुलिसकर्मियों की दोषसिद्धि और 10 साल की सजा बरकरार रखी। उन्हें दोषी ठहराया गया और वर्ष 2019 में सजा सुनाई गई।जस्टिस मुक्ता गुप्ता और जस्टिस अनीश दयाल की खंडपीठ ने छह पुलिस अधिकारियों द्वारा दायर की गई अपील खारिज कर दी और निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें उन्हें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304, 220, 365, 167 और धारा 34 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए दोषी ठहराया...

जूनागढ़ हिंसा -  गुजरात हाईकोर्ट में पीआईएल, पुलिस हिरासत में कथित हिंसा, पुलिसकर्मियों द्वारा कथित दंगाइयों को सार्वजनिक रूप से पीटे जाने की जांच करने की मांग
जूनागढ़ हिंसा - गुजरात हाईकोर्ट में पीआईएल, पुलिस हिरासत में कथित हिंसा, पुलिसकर्मियों द्वारा कथित दंगाइयों को सार्वजनिक रूप से पीटे जाने की जांच करने की मांग

जूनागढ़ भीड़ हिंसा और अन्य कृत्यों में शामिल कथित दंगाइयों की जूनागढ़ पुलिस द्वारा सार्वजनिक पिटाई और हिरासत में हिंसा करने की16 जून की घटना की प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी द्वारा जांच की मांग करते हुए गुजरात हाईकोर्ट के समक्ष एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है । . लोक अधिकार मंच और अल्पसंख्यक समन्वय समिति द्वारा एडवोकेट आनंद जे. याग्निक के माध्यम से दायर जनहित याचिका में घटना के लिए जिम्मेदार पुलिस कर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ और संदिग्धों/अभियुक्तों की चल...

झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को झूठे हत्या और बलात्कार के आरोप में 4 महीने जेल में बिताने वाले व्यक्ति को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया
झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को झूठे हत्या और बलात्कार के आरोप में 4 महीने जेल में बिताने वाले व्यक्ति को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया

झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को उस व्यक्ति को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया, जिसने 2014 में हत्या और बलात्कार के झूठे मामले में चार महीने जेल में बिताए थे। हालांकि, बाद में पीड़िता को जीवित पाया गया।याचिकाकर्ता अजीत कुमार को भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) की धारा 376 (डी), 302, 201 और 34 के तहत हत्या और बलात्कार के झूठे मामले में 2021 में फरवरी से जुलाई तक चार महीने के लिए हिरासत में लिया गया था। मामले में महिला के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी और फिर उसके शव को जला देने का...

मानसिक रूप से बीमार कैदियों के लिए पर्याप्त संख्या में अल्पकालिक, दीर्घकालिक आवास सुनिश्चित करें: हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा
मानसिक रूप से बीमार कैदियों के लिए पर्याप्त संख्या में अल्पकालिक, दीर्घकालिक आवास सुनिश्चित करें: हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि ऐसे मानसिक रूप से बीमार कैदियों के लिए पर्याप्त संख्या में अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रवास गृह उपलब्ध हों, जिन्हें नियमित अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है और जिनके पास सुरक्षित वातावरण में रहने के लिए वापस जाने के लिए घर नहीं हैं। जस्टिस मुक्ता गुप्ता और जस्टिस पूनम ए बाम्बा की खंडपीठ ने देखा कि अपने सभी नागरिकों के जीवन की देखभाल करना राज्य का परम कर्तव्य है। पीठ ने कहा, “आशा है कि चरणजीत सिंह...

शिकायतकर्ता विवाहित थी फिर भी उसने दूसरे विवाहित पुरुष के साथ यौन संबंध बनाए : केरल हाईकोर्ट ने बलात्कार की एफआईआर रद्द की
शिकायतकर्ता विवाहित थी फिर भी उसने दूसरे विवाहित पुरुष के साथ यौन संबंध बनाए : केरल हाईकोर्ट ने बलात्कार की एफआईआर रद्द की

केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को एक विवाहित व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी, जिस पर एक विवाहित महिला से बलात्कार करने का आरोप था। जस्टिस के. बाबू ने कहा कि वर्तमान मामले में शिकायतकर्ता बच्चों वाली एक विवाहित महिला है और जानती थी कि याचिकाकर्ता आरोपी भी शादीशुदा है। कोर्ट ने कहा कि इसके बावजूद उसने कई मौकों पर याचिकाकर्ता के साथ यौन संबंध बनाए।कोर्ट ने कहा,"यह निष्कर्ष निकालना मुश्किल है कि शिकायतकर्ता ने तथ्यों की किसी गलत धारणा के तहत याचिकाकर्ता के साथ यौन संबंध के लिए सहमति नहीं दी...

हत्या का प्रयास नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट ने शिकायतकर्ता के अंडकोष को दबाने के दोषी व्यक्ति की सजा कम की
हत्या का प्रयास नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट ने शिकायतकर्ता के अंडकोष को दबाने के दोषी व्यक्ति की सजा कम की

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में हत्या के प्रयास के आरोप में एक आरोपी को दी गई सजा को संशोधित किया और उसे झगड़े के दौरान शिकायतकर्ता के अंडकोष को दबाने के लिए आईपीसी की धारा 325 के तहत गंभीर चोट के लिए सजा को कम कर दिया।जस्टिस के नटराजन की एकल न्यायाधीश पीठ ने दोषी परमेश्वरप्पा द्वारा दायर अपील को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया, जिसे आईपीसी की धारा 307 के तहत दंडनीय अपराध के लिए सात साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। हाईकोर्ट ने दोषी की सजा संशोधित करते हुए उसे आईपीसी की धारा 325 के तहत तीन साल की कैद...

पति के परिवार के सदस्यों को परेशान करने के लिए आईपीसी की धारा 498ए का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया जा रहा है: गुजरात हाईकोर्ट ने 86 वर्षीय महिला के खिलाफ एफआईआर रद्द की
पति के परिवार के सदस्यों को परेशान करने के लिए आईपीसी की धारा 498ए का 'बड़े पैमाने पर दुरुपयोग' किया जा रहा है: गुजरात हाईकोर्ट ने 86 वर्षीय महिला के खिलाफ एफआईआर रद्द की

गुजरात हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि पति के परिवार के सदस्यों को परेशान करने के लिए शिकायतकर्ताओं द्वारा आईपीसी की धारा 498ए का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया जा रहा है, एक वृद्ध महिला के खिलाफ एफआईआर को रद्द कर दिया है। ज‌स्टिस संदीप एन. भट्ट ने कहा कि एफआईआर से 86 वर्षीय बुजुर्ग को अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा और आगे की कार्यवाही जारी रखने की अनुमति दी गई तो कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होगा।पीठ ने कहा, अदालत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपराधिक अभियोजन का इस्तेमाल उत्पीड़न के साधन के...

[धारा 55 एनडीपीएस एक्ट] अभियोजन प्रतिबंधित सामग्री की सुरक्षित कस्टडी साबित करने के लिए बाध्य, अनुपालन ना हो तो आरोपी बरी होगा: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट
[धारा 55 एनडीपीएस एक्ट] अभियोजन प्रतिबंधित सामग्री की 'सुरक्षित कस्टडी' साबित करने के लिए बाध्य, अनुपालन ना हो तो आरोपी बरी होगा: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख ‌हाईकोर्ट ने एनडीपीएस एक्ट की धारा 55 के महत्व पर प्रकाश डालते हुए,कहा कि यह प्रावधान प्रतिबंधित सामग्री के साथ छेड़छाड़ के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए विशेष रूप से पेश किया गया है। यह प्रतिबंधित पदार्थ को तुरंत पुलिस स्टेशनों के सुरक्षित भंडारण में स्थानांतरित करने और उसे फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) को समय पर अग्रेषित करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल देता है।यह साबित करने का दाय‌ित्व अभियोजन पक्ष पर है कि इन महत्वपूर्ण कदमों का पालन किया गया था और...

हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक
कर्नाटक हाईकोर्ट ने हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा रद्द की; कोर्ट ने कहा- प्रत्यक्षदर्शी का कथन विरोधाभासी, इसके समर्थन में सहायक सामग्री दी जानी चाहिए

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में हत्या के आरोप में दोषी ठहराए गए और आजीवन कारावास की सजा पाने वाले तीन युवकों को बरी कर दिया। कोर्ट ने माना कि घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के साक्ष्य में भौतिक विरोधाभास थे और अभियोजन पक्ष किसी भी अन्य सामग्री के साथ उनके साक्ष्य की पुष्टि करने में विफल रहा।जस्टिस के सोमशेखर और जस्टिस राजेश राय के की खंडपीठ ने केआर पुष्पेश, पीवी विनय और केआर मूली को बरी कर दिया, जिन्हें नौशीर की हत्या के लिए आजीवन साधारण कारावास की सजा सुनाई गई थी।मामला,अभियोजन पक्ष के अनुसार,...

कैबिनेट से हटाने के लिए राज्यपाल द्वारा कोई विशेष आदेश नहीं दिया गया, कोर्ट कैसे आदेश पारित कर सकता है: मद्रास हाईकोर्ट ने सेंथिल बालाजी को बिना पोर्टफोलियो के मंत्री का दर्जा दिए जाने पर कहा
'कैबिनेट से हटाने के लिए राज्यपाल द्वारा कोई विशेष आदेश नहीं दिया गया, कोर्ट कैसे आदेश पारित कर सकता है': मद्रास हाईकोर्ट ने सेंथिल बालाजी को बिना पोर्टफोलियो के मंत्री का दर्जा दिए जाने पर कहा

मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को सवाल किया कि वह संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत बिना विभाग के मंत्री के रूप में सेंथिल बालाजी के बने रहने के खिलाफ कोई आदेश कैसे पारित कर सकता, जबकि राज्यपाल द्वारा ऐसा कोई विशेष निर्देश नहीं दिया गया।अदालत ने कहा,“हम इस परिदृश्य में केवल अनुच्छेद 226 के तहत पूछ रहे हैं कि जब राज्यपाल द्वारा कोई विशिष्ट आदेश नहीं है तो अदालत आदेश कैसे पारित कर सकती है। राज्यपाल ने उन्हें कैबिनेट में मंत्री के तौर पर शामिल किया है। अब उनका विभाग छीन लिया गया है। लेकिन उन्हें कैबिनेट से...

गिरफ्तारी के 17 साल बाद, बॉम्बे हाईकोर्ट ने औरंगाबाद हथियार बरामदगी मामले में दोषी को जमानत दी, कहा- प्रथम दृष्टया कोई सबूत नहीं है कि उसने बांग्लादेश का दौरा किया या धन प्राप्त किया
गिरफ्तारी के 17 साल बाद, बॉम्बे हाईकोर्ट ने औरंगाबाद हथियार बरामदगी मामले में दोषी को जमानत दी, कहा- प्रथम दृष्टया कोई सबूत नहीं है कि उसने बांग्लादेश का दौरा किया या धन प्राप्त किया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2006 के औरंगाबाद हथियार बरामदगी मामले में दोषी अफ़रोज़ खान की सजा को निलंबित कर दिया है और उसे जमानत दे दी है। अफ़रोज़ खान कथित तौर पर बांग्लादेश गया था और आतंकवादी गतिविधि के लिए धन लाया था।जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस गौरी गोडसे की खंडपीठ ने कहा कि दो सह-आरोपियों द्वारा कबूल किए गए बयान, जो उनकी सजा का आधार थे, प्रथम दृष्टया यह नहीं दिखाते कि उन्होंने वास्तव में बांग्लादेश का दौरा किया था।कोर्ट ने कहा,“उपर्युक्त बयानों में से कोई भी जहां आवेदक का संदर्भ है, प्रथम...