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सुप्रीम कोर्ट ने उन वाणिज्यिक मामलों में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप की निंदा की , जहां वैकल्पिक समाधान मौजूद हैं
सुप्रीम कोर्ट ने उन वाणिज्यिक मामलों में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप की निंदा की , जहां वैकल्पिक समाधान मौजूद हैं

सुप्रीम कोर्ट ने वाणिज्यिक मामलों में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप की निंदा की है, विशेष रूप से वित्तीय संपत्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण और सुरक्षा हित अधिनियम, 2002 ("सरफेसी अधिनियम, 2002") से संबंधित मामलों में ।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एम एम सुंदरेश की पीठ ने मैसर्स साउथ इंडियन बैंक लिमिटेड और अन्य बनाम वी नवीन मैथ्यू फिलिप और अन्य में दायर एक अपील का फैसला करते हुए बैंक को अपने प्रस्ताव पर विचार करने के लिए हाईकोर्ट जाने वाले उधारकर्ताओं पर अपनी नाराज़गी व्यक्त की। पीठ ने कहा,...

सरकारी कर्मचारी हमेशा सरकार के अधीन रहते हैं : फैक्ट्री एक्ट के तहत दोहरे ओवरटाइम भत्ते का दावा नहीं कर सकते : सुप्रीम कोर्ट
सरकारी कर्मचारी हमेशा सरकार के अधीन रहते हैं : फैक्ट्री एक्ट के तहत दोहरे ओवरटाइम भत्ते का दावा नहीं कर सकते : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि सरकारी कर्मचारी कारखाना अधिनियम के अनुसार दोहरे ओवरटाइम भत्ते का दावा नहीं कर सकते हैं, यदि सेवा नियम इसके लिए प्रदान नहीं करते हैं।जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ ने इस मुद्दे पर फैसला करते हुए यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया कि क्या सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (मुद्रा नोटों की ढलाई के लिए जिम्मेदार वित्त मंत्रालय के तहत एक कंपनी) में पर्यवेक्षकों के रूप में काम करने वाले कर्मचारी कारखाना अधिनियम 1948 के अध्याय VI के अनुसार ...

शहरी क्षेत्रों में अधिक लोग इस बारे में मुखर हैं, इसका मतलब यह नहीं कि सेम सेक्स मैरिजशहरी-अभिजात्य अवधारणा  है, सरकार ने डेटा नहीं दिखाया है: सुप्रीम कोर्ट
शहरी क्षेत्रों में अधिक लोग इस बारे में मुखर हैं, इसका मतलब यह नहीं कि सेम सेक्स मैरिज"शहरी-अभिजात्य" अवधारणा है, सरकार ने डेटा नहीं दिखाया है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को टिप्पणी की कि केंद्र सरकार समलैंगिकता और समान-सेक्स विवाह के विचार को "शहरी अभिजात्य" अवधारणा के रूप में डब नहीं कर सकती, विशेष रूप से इस दावे का समर्थन करने के लिए किसी भी डेटा की अनुपस्थिति में, ऐसा नहीं कहा जा सकता। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने मौखिक रूप से कहा, " शहरी लोग अपनी अभिव्यक्तियों को अधिक व्यक्त करने वाले हो सकते हैं क्योंकि शहरी क्षेत्रों में लोग इस बारे में अधिक मुखर हैं।"सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस रवींद्र भट, जस्टिस हेमा कोहली...

विवाह समानता | सुप्रीम कोर्ट के समक्ष नई पहेली, किस पार्टनर की उम्र 21 होगी, किसकी 18?
विवाह समानता | सुप्रीम कोर्ट के समक्ष नई पहेली, किस पार्टनर की उम्र 21 होगी, किसकी 18?

सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दिलाने के लिए दायर याचिकाओं पर बुधवार को भी सुनवाई जारी रखी।आज पीठ के समक्ष यह मुद्दा उठा कि समलैंगिक विवाह में दोनों पार्टनरों में से किस पार्टनर की उम्र 18 साल होगी और किसकी उम्र 21 साल होगी, जैसा कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत प्रावधान है। उल्लेखनीय है कि पांच जजों की संवैधा‌निक पीठ में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, ज‌स्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस रवींद्र भट, जस्टिस हेमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल...

Supreme Court
'सरकार और राजनीति को इससे बाहर रखा जाए' : सुप्रीम कोर्ट ने मनरेगा श्रमिकों की लंबित मज़दूरी पर केंद्र से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारत संघ को 2021 की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने की आवश्यकता जताई है , जिसमें कहा गया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 (मनरेगा) के तहत श्रमिकों की लंबित मज़दूरी अधिकांश राज्यों के धन में नकारात्मक शेष के साथ जमा हो रही है।न्यायालय ने एएसजी के एम नटराज के कार्यालयों को आवेदन की एक प्रति उपलब्ध कराने की मांग की, जिसमें यह दर्ज किया गया था कि वह निर्देश मांग सकते हैं और जवाब दर्ज कर सकते हैं।जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस अहसानुद्दीन...

सुप्रीम कोर्ट ने जीएन साईंबाबा को बरी करने का बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश रद्द किया, हाईकोर्ट से मामले पर दूसरी बेंच द्वारा विचार कराने के लिए कहा
सुप्रीम कोर्ट ने जीएन साईंबाबा को बरी करने का बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश रद्द किया, हाईकोर्ट से मामले पर दूसरी बेंच द्वारा विचार कराने के लिए कहा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर और एक्टिविस्ट जीएन साईंबाबा के साथ-साथ अन्य लोगों को उनके कथित माओवादी लिंक पर बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया और इस मामले को हाईकोर्ट में वापस भेज दिया, जिससे अलग बेंच द्वारा नए सिरे से विचार किया जा सके।सुप्रीम कोर्ट ने कहा,"पक्षों के बीच आम सहमति के मद्देनजर और मामले के गुण-दोष में प्रवेश किए बिना संबंधित पक्षों के वकील की सहमति से हम बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा पारित किए गए सामान्य निर्णय और आदेश को रद्द करते हैं। उक्त अपीलों...

Same Sex Marriage
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सराकर ने कहा, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सुने बिना समलैंगिक विवाह के मुद्दे पर फैसला नहीं हो सकता

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने नया हलफनामा दायर कर सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं में पक्षकार बनाने का आग्रह किया है।केंद्र का कहना है कि भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में समवर्ती सूची में "विवाह" शामिल है। इस प्रकार, याचिकाओं के न्यायनिर्णयन के लिए सभी राज्यों के साथ परामर्श आवश्यक है।समवर्ती सूची की प्रविष्टि 5 में विवाह और तलाक शामिल हैं; शिशुओं और नाबालिगों; दत्तक ग्रहण; वसीयत, निर्वसीयतता और उत्तराधिकार; संयुक्त...

गुजरात सेल्स टैक्स एक्ट, 1969 की धारा 45 के तहत लगने वाला जुर्माना वैधानिक और अनिवार्य है; आयुक्त/एओ के पास अन्य पेनल्टी या ब्याज लगाने का कोई विवेक नहीं है: सुप्रीम कोर्ट
गुजरात सेल्स टैक्स एक्ट, 1969 की धारा 45 के तहत लगने वाला जुर्माना वैधानिक और अनिवार्य है; आयुक्त/एओ के पास अन्य पेनल्टी या ब्याज लगाने का कोई विवेक नहीं है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि गुजरात सेल्स टैक्स एक्ट, 1969 की धारा 45(6) और 47(4ए) के तहत लगाए जाने वाले दंड और ब्याज क्रमशः वैधानिक और अनिवार्य प्रकृति के हैं और आयुक्त/आकलनकर्ता में अधिकारी द्वारा निर्धारित के अलावा अन्य पेनल्टी और ब्याज लगाना का कोई विवेक निहित नहीं है।जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की खंडपीठ ने कहा कि जिस क्षण यह पाया जाता है कि डीलर को एक्ट की धारा 45 (5) में उल्लिखित परिसीमा तक कर का भुगतान करने में विफल माना जाता है तो एक्ट की धारा 45 (6) के तहत जुर्माना...

सुप्रीम कोर्ट ने केवल सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीटें बढ़ाने के केंद्र के 2018 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने केवल सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीटें बढ़ाने के केंद्र के 2018 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को शैक्षणिक वर्ष 2018-2019 के लिए रेगुलर कोर्स (ब्रॉड स्पेशियलिटी) में पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) सीटों में एक बार वृद्धि करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी, जो केवल सरकारी मेडिकल कॉलेजों में संशोधित शिक्षक अनुपात के तहत है, न कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में।जस्टिस बीआर बावई और जस्टिस विक्रमनाथ की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा,"ऐसी बात [केंद्र का फैसला] पहली बार आ रहा है! जब भी मामले मेरे सामने (हाईकोर्ट में) सूचीबद्ध किए गए थे, वे प्राइवेट मेडिकल...

वैवाहिक समानता का मामला | LGBTQIA+ कम्युनिटी के खिलाफ कलंक को खत्म करने के लिए शादी के अधिकार की घोषणा जरूरी, सुप्रीम कोर्ट में मुकुल रोहतगी की दलील
वैवाहिक समानता का मामला | 'LGBTQIA+ कम्युनिटी के खिलाफ कलंक को खत्म करने के लिए शादी के अधिकार की घोषणा जरूरी', सुप्रीम कोर्ट में मुकुल रोहतगी की दलील

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष उठाई गई प्राथमिक याचिकाएं विवाह से संबंधित मामले में दलील देते हुए भारत में सेम-सेक्स विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग करने वाली याचिकाओं के बैच में सुनवाई के पहले दिन कहा गया कि यह समाज में समलैंगिक व्यक्तियों को बेहतर तरीके से आत्मसात करने में मदद करने का एक तरीका है। साथ ही इससे उनके खिलाफ कलंक को समाप्त हो जाएगा।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस रवींद्र भट, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने...

यदि पांच या अधिक व्यक्तियों को विशेष रूप से एफआईआर में नामज़द किया गया है जो अलग-अलग ट्रायल का सामना कर रहे हैं तो भी आईपीसी की धारा 149 लागू होगी : सुप्रीम कोर्ट
यदि पांच या अधिक व्यक्तियों को विशेष रूप से एफआईआर में नामज़द किया गया है जो अलग-अलग ट्रायल का सामना कर रहे हैं तो भी आईपीसी की धारा 149 लागू होगी : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में देखा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 149 (गैरकानूनी रूप से जमावड़ा) लागू होगी, भले ही विशेष रूप से नामज़द पांच या अधिक व्यक्ति अलग-अलग मुकदमे का सामना कर रहे हों। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की खंडपीठ ने कहा, "मामले के मद्देनजर जब पांच व्यक्तियों को विशेष रूप से एफआईआर में नामज़द किया गया है और पांच व्यक्ति मुकदमे का सामना कर रहे हैं तो आईपीसी की धारा 149 को आकर्षित किया जा सकता है।"खंडपीठ राजस्थान हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी जिसमें...

समलैंगिक  विवाह : वैवाहिक समानता पर पर्सनल लॉ में जाना आवश्यक नहीं : सुप्रीम कोर्ट
समलैंगिक विवाह : वैवाहिक समानता पर पर्सनल लॉ में जाना आवश्यक नहीं : सुप्रीम कोर्ट

भारत में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग करने वाली याचिकाओं से संबंधित चल रही कानूनी कार्यवाही ने पूरे देश को प्रत्याशा की स्थिति में छोड़ दिया है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस रवींद्र भट, जस्टिस हेमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की संविधान पीठ के समक्ष मंगलवार को सुनवाई का पहला दिन था। इस दिन में कानूनों की समानता, LGBTQIA++ समुदाय के सदस्यों की निजता और गरिमा, और विवाह समानता के समवर्ती अधिकारों सहित अन्य तर्क दिए गए। हालाँकि, जो प्रासंगिक है वह तर्कों...

यूएपीए | आरोप प्रथम दृष्टया सत्य हैं, यह मानने का कोई उचित आधार नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने 4.5 साल की हिरासत के बाद दो कथित माओवादियों को जमानत दी
यूएपीए | 'आरोप प्रथम दृष्टया सत्य हैं, यह मानने का कोई उचित आधार नहीं': सुप्रीम कोर्ट ने 4.5 साल की हिरासत के बाद दो कथित माओवादियों को जमानत दी

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तेलुगु देशम पार्टी के दो नेताओं की 2018 की हत्या के मामले में भाकपा (माओवादी) से कथित रूप से जुड़े दो आरोपियों को इस आधार पर जमानत दे दी कि वे चार साल से अधिक समय से हिरासत में थे और आरोपों को अब तक फ्रेम नहीं किया गया था।अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड में रखी गई सामग्री यह मानने के लिए उचित आधार नहीं बताती है कि अपीलकर्ताओं के खिलाफ यूएपीए के तहत अपराध के आरोप प्रथम दृष्टया सही हैं और इसलिए यूएपीए की धारा 43डी(5) के अनुसार जमानत देने पर रोक आकर्षित नहीं होती है।जस्टिस अभय...

बिलकिस बानो केस -केंद्र और गुजरात सरकार ने आजीवन कारावास के 11 दोषियों की माफी की फाइल शेयर करने में अनिच्छा व्यक्त की, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुनर्विचार की मांग कर सकती है
बिलकिस बानो केस -केंद्र और गुजरात सरकार ने आजीवन कारावास के 11 दोषियों की माफी की फाइल शेयर करने में अनिच्छा व्यक्त की, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुनर्विचार की मांग कर सकती है

सुप्रीम कोर्ट को मंगलवार को सूचित किया गया कि केंद्र और गुजरात सरकारें बिलकिस बानो मामले में 11 आजीवन दोषियों को सज़ा में दी गई छूट पर फाइलें तैयार करने के निर्देश देने वाले उसके आदेश पर पुनर्विचार की मांग कर सकते हैं। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ उन याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें 11 दोषियों को समय से पहले रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी, जिन्हें गुजरात में 2002 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान कई हत्याओं और बिलकिस बानो के सामूहिक बलात्कार...

प्रो जीएन साईंबाबा मामला : सभी मुद्दों पर नए सिरे से फैसला करने के लिए हाईकोर्ट को भेजा जाए: साईंबाबा के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा
प्रो जीएन साईंबाबा मामला : सभी मुद्दों पर नए सिरे से फैसला करने के लिए हाईकोर्ट को भेजा जाए': साईंबाबा के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को उस मामले में सुनवाई हुई, जिसमें बॉम्बे हाईकोर्ट के एक आदेश को महाराष्ट्र राज्य ने चुनौती दी, जिसमें हाईकोर्ट ने डीयू के प्रोफेसर जीएन साईंबाबा और पांच अन्य को आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत दोषी ठहराए जाने और आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ अपील की अनुमति दी थी। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष महाराष्ट्र राज्य द्वारा दायर एक याचिका में मंगलवार को एक सुझाव दिया गया। साईंबाबा की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट आर. बसंत ने प्रस्ताव दिया कि क्या मामले को सभी संबंधित मुद्दों पर नए...

आज यह बिलकिस है, कल कोई भी हो सकता है: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, गुजरात सरकार को बिलकिस बानो मामले में दोषियों को रिहा करने के कारण बताने चाहिए
"आज यह बिलकिस है, कल कोई भी हो सकता है": सुप्रीम कोर्ट ने कहा, गुजरात सरकार को बिलकिस बानो मामले में दोषियों को रिहा करने के कारण बताने चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गुजरात सरकार से बिलकिस बानो मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को समय से पहले रिहा करने के फैसले के कारणों के बारे में पूछा। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की खंडपीठ ने कहा कि जब समाज को बड़े पैमाने पर प्रभावित करने वाले ऐसे जघन्य अपराधों में छूट पर विचार किया जाता है तो सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए शक्ति का प्रयोग किया जाना चाहिए।इसमें कहा गया है कि सिर्फ इसलिए कि केंद्र सरकार ने राज्य के फैसले से सहमति जताई है, इसका मतलब यह नहीं है कि...

समलैंगिक विवाह पर सुनवाई | जेंडर की अवधारणा यह नहीं कि आपके जननांग कहां हैं, यह कहीं अधिक जटिल है: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने विवाह समानता मामले में मौखिक रूप से कहा
समलैंगिक विवाह पर सुनवाई | जेंडर की अवधारणा यह नहीं कि आपके जननांग कहां हैं, यह कहीं अधिक जटिल है: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने विवाह समानता मामले में मौखिक रूप से कहा

सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने मंगलवार को समलैंगिक विवाह को कानून मान्यता दिलाने के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई शुरु कर दी। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस रवींद्र भट, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने आज की सुनवाई के दरमियान जेंडर के दायरे और मुद्दे कि क्या जेंडर किसी व्यक्ति के जैविक लिंग से परे भी विस्तारित होता है, पर मौखिक चर्चा की।डॉ एएम सिंघवी के ने पीठ के समक्ष कहा कि अगर अदालत को भारत में विवाह समानता प्रदान करनी है, तो इसे सेम-सेक्स मैरिज...