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कल खेल में हम हो ना हो, गर्दिश में तारे रहेंगे...: जस्टिस एमआर शाह ने अपने लास्ट वर्किंग डे पर ये गाना कोट किया
'कल खेल में हम हो ना हो, गर्दिश में तारे रहेंगे..."': जस्टिस एमआर शाह ने अपने लास्ट वर्किंग डे पर ये गाना कोट किया

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एमआर शाह आज रिटार्यड हो रहे हैं। आज उनका लास्ट वर्किंग डे है। जस्टिस शाह के सम्मान में सुप्रीम कोर्ट में CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में एक औपचारिक पीठ का आयोजन किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में एक सिटिंग जज के रूप में अपना अंतिम भाषण देते हुए जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि वह जल्द ही अपनी "नई पारी" शुरू करेंगे।आगे कहा-"मैं रिटायर होने वाला व्यक्ति नहीं हूं। मैं नई पारी शुरू करूंगा। मैं प्रार्थना करता हूं कि सर्वशक्तिमान मुझे मेरी नई पारी के लिए शक्ति प्रदान करें।"जस्टिस...

पीएमएलए एक्ट | केवल विधेय अपराध में चार्जशीट दायर करने से अभियुक्त मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत का हकदार नहीं होगा: सुप्रीम कोर्ट
पीएमएलए एक्ट | केवल विधेय अपराध में चार्जशीट दायर करने से अभियुक्त मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत का हकदार नहीं होगा: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि केवल तथ्य यह है कि विधेय अपराधों के लिए चार्जशीट दायर की गई तो यह धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अपराधों के संबंध में आरोपी को जमानत पर रिहा करने का आधार नहीं है।जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक आरोपी को जमानत देने के तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली प्रवर्तन निदेशालय की अपील को स्वीकार कर लिया। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत एमपी जल निगम के टेंडर कार्यों को देने के...

सुप्रीम कोर्ट ने प्रिटिंग मशीनरी पर रियायत की उस सीमा शुल्क अधिसूचना को वापस लेने को सही ठहराया जिसमें स्वदेशी कोण को आधार बनाया गया था
सुप्रीम कोर्ट ने प्रिटिंग मशीनरी पर रियायत की उस सीमा शुल्क अधिसूचना को वापस लेने को सही ठहराया जिसमें स्वदेशी कोण को आधार बनाया गया था

सुप्रीम कोर्ट ने उस सीमा शुल्क अधिसूचना को वापस लेने को सही ठहराया है, जिसने 'एक चौड़ाई वाली दो प्लेट किस्म' की "रोटरी प्रिंटिंग मशीन" को स्वदेशी कोण, यानी भारत में उपकरण की उपलब्धता के आधार पर सीमा शुल्क रियायत प्रदान की थी। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि इसे कर रियायत वापस लेने के लिए एक अप्रासंगिक कारक के रूप में वर्णित नहीं किया जा सकता है।दिनांक 11.02.2003 की एक संशोधित अधिसूचना के द्वारा, सीमा शुल्क की रियायती दर को 'डबल चौड़ाई वाली चार प्लेट किस्म' की रोटरी प्रिंटिंग मशीनों में...

संविधान की पांचवीं अनुसूची एक गैर-आदिवासी व्यक्ति को  अनुसूचित क्षेत्र में बसने और मतदान करने के अधिकार को नहीं छीनती : सुप्रीम कोर्ट
संविधान की पांचवीं अनुसूची एक गैर-आदिवासी व्यक्ति को अनुसूचित क्षेत्र में बसने और मतदान करने के अधिकार को नहीं छीनती : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ यह तर्क दिया गया था कि भारत के संविधान की पांचवीं अनुसूची के खंड 5(1) के तहत राज्य के राज्यपाल द्वारा जारी अधिसूचना के अभाव में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और परिसीमन अधिनियम, 2002 अनुसूचित क्षेत्र पर लागू नहीं होते हैं ।न्यायालय ने इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि संविधान की पांचवीं अनुसूची एक गैर-आदिवासी व्यक्ति अनुसूचित क्षेत्र में बसने और मतदान करने के अधिकार को छीन लेती है।अदालत ने आदिवासी फॉर सोशल एंड ह्यूमन...

सुप्रीम कोर्ट ने तुच्छ अपील दायर करने पर हुडा प्राधिकरण को फटकार लगाई, एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया
सुप्रीम कोर्ट ने तुच्छ अपील दायर करने पर हुडा प्राधिकरण को फटकार लगाई, एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा प्राधिकरण) को उन मुद्दों पर तुच्छ मुकदमे दायर करने के लिए फटकार लगाई है, जो पहले ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2005 के निर्णयों में तय किए जा चुके हैं। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस राजेश बिंदल की खंडपीठ ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और अन्य बनाम जगदीप सिंह में दायर एक अपील पर फैसला सुनाते हुए विभिन्न स्तरों पर न्यायालयों का समय बर्बाद करने के लिए हुडा प्राधिकरण पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा, हुडा प्राधिकरण के दोषी अधिकारियों,...

2008 जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट: सुप्रीम कोर्ट 17 मई को चार अभियुक्तों को बरी करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा
2008 जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट: सुप्रीम कोर्ट 17 मई को चार अभियुक्तों को बरी करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 2008 के जयपुर सीरियल बम धमाकों के कुछ पीड़ितों द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका पर विचार किया, जिसमें राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें इस मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा मौत की सजा पाए चार लोगों को बरी कर दिया गया था।जस्टिस एएस ओका और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने याचिका दायर करने की अनुमति मांगने वाले पीड़ितों द्वारा दायर आवेदन को स्वीकार कर लिया और राज्य द्वारा दायर की गई विशेष अनुमति याचिका के साथ विचार करने के लिए इसे अगले सप्ताह पोस्ट कर...

क्या वैध अपेक्षा के सिद्धांत के आधार पर कर छूट का दावा किया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने खं‌डित फैसला सुनाया
क्या वैध अपेक्षा के सिद्धांत के आधार पर कर छूट का दावा किया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने खं‌डित फैसला सुनाया

सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ, जिसमें जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी शामिल हैं, ने वैध अपेक्षा के सिद्धांत की प्रयोज्यता से संबंधित मुद्दे पर खंडित फैसला सुनाया है, जहां अपीलकर्ता-निर्माता को दी गई कर अवकाश/बिक्री कर छूट को पश्चिम बंगाल बिक्री कर अधिनियम, 1994 में किए गए संशोधनों के अनुसार रोक दिया गया था।पश्चिम बंगाल वित्त अधिनियम, 2001 द्वारा किए गए संशोधनों के अनुसरण में, 1994 के अधिनियम की धारा 2(17) को 01 अगस्त 2001 से प्रभावी रूप से संशोधित किया गया था, और "चाय का सम्मिश्रण" शब्द धारा...

पीओएसएच अधिनियम को लागू करने में गंभीर चूक: सुप्रीम कोर्ट ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संरक्षण के कानून के कड़ाई से पालन के लिए दिशानिर्देश जारी किए
पीओएसएच अधिनियम को लागू करने में "गंभीर चूक": सुप्रीम कोर्ट ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संरक्षण के कानून के कड़ाई से पालन के लिए दिशानिर्देश जारी किए

सुप्रीम कोर्ट ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 [पीओएसएच अधिनियम] के लागू होने एक दशक बाद भी इसे लागू करने में "गंभीर चूक" कहते हुए चिंता व्यक्त की है।इस संबंध में, न्यायालय ने एक राष्ट्रीय दैनिक की हालिया रिपोर्ट पर ध्यान दिया, जिसमें कहा गया था कि देश के 30 राष्ट्रीय खेल संघों में से 16 ने आज तक आंतरिक शिकायत समिति का गठन नहीं किया है और जहां आईसीसी है, वहां सदस्यों की निर्धारित संख्या नहीं है या अनिवार्य बाहरी सदस्य की कमी है।जस्टिस एएस बोपन्ना और...

सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेशन: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामलों में वकीलों द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका केवल पेशी की गिनती से अधिक आंकी जानी चाहिए
सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेशन: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामलों में वकीलों द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका केवल पेशी की गिनती से अधिक आंकी जानी चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने 2017 के फैसले (इंदिरा जयसिंह बनाम सुप्रीम कोर्ट) में निर्धारित सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेशन को विनियमित करने वाले दिशानिर्देशों में संशोधन की मांग करने वाली याचिकाओं में अपना फैसला सुनाते हुए विविध श्रेणी को दिए गए वेटेज को नि: स्वार्थ कार्य, रिपोर्टेड और अनरिपोर्टेड जजमेंट और डोमेन विशेषज्ञता सहित 10 अंक बढ़ा दिया।जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस अरविंद कुमार की खंडपीठ ने प्रकाशन को दिए गए वेटेज को 15 से घटाकर 5 अंक करने के बाद विविध...

रितु छाबरिया  फैसले पर भरोसा किए बिना स्वतंत्र रूप से डिफ़ॉल्ट जमानत आवेदनों पर विचार कर सकती हैं अदालतें : सुप्रीम कोर्ट
'रितु छाबरिया ' फैसले पर भरोसा किए बिना स्वतंत्र रूप से डिफ़ॉल्ट जमानत आवेदनों पर विचार कर सकती हैं अदालतें : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि उसका अंतरिम आदेश जिसमें यह निर्देश दिया गया था कि रितु छाबरिया बनाम भारत संघ और अन्य के आधार पर किसी भी अदालत के समक्ष दायर डिफ़ॉल्ट जमानत की मांग करने वाले किसी भी आवेदन की सुनवाई को टालना चाहिए, किसी भी ट्रायल कोर्ट या हाईकोर्ट को रितु छाबरिया के फैसले पर भरोसा किए बिना और स्वतंत्र रूप से डिफ़ॉल्ट जमानत देने के लिए आवेदनों पर विचार करने से नहीं रोका जाएगा।रितु छाबड़िया मामले में, सुप्रीम कोर्ट की दो-न्यायाधीशों की पीठ ने माना था कि अधूरी जांच के...

सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेशन: सुप्रीम कोर्ट ने प्रकाशन के लिए निर्धारित अंकों को घटाया; टीचिंग असाइनमेंट्स और गेस्ट लेक्चर्स को शामिल करने के लिए अपने दायरे का विस्तार किया
सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेशन: सुप्रीम कोर्ट ने प्रकाशन के लिए निर्धारित अंकों को घटाया; टीचिंग असाइनमेंट्स और गेस्ट लेक्चर्स को शामिल करने के लिए अपने दायरे का विस्तार किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने 2017 के फैसले (इंदिरा जयसिंह बनाम सुप्रीम कोर्ट) में निर्धारित सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेशन को विनियमित करने वाले दिशानिर्देशों में संशोधन की मांग करने वाली दलीलों में अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि यह वेटेज को कम करेगा। मौजूदा दिशानिर्देशों में प्रकाशन के लिए दिया गया। यह देखते हुए कि 2017 के फैसले में प्रकाशन के लिए 15 अंक का आवंटन अधिक है, इसे घटाकर 5 अंक कर दिया गया।सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि अंक आवंटित करने में लेखन की गुणवत्ता एक महत्वपूर्ण कारक...

सीनियर डेजिग्नेशन के लिए 45 वर्ष की कोई सख्त आयु सीमा नहीं, लेकिन केवल असाधारण वकीलों को इस आयु सीमा से कम नॉमिनेट किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
सीनियर डेजिग्नेशन के लिए 45 वर्ष की कोई सख्त आयु सीमा नहीं, लेकिन केवल असाधारण वकीलों को इस आयु सीमा से कम नॉमिनेट किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वह केवल 45 वर्ष से अधिक आयु के वीकलों को सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेशन से सम्मानित करने के पक्ष में नहीं है। उक्त आयु से कम के उम्मीदवारों पर विचार किया जाना चाहिए यदि वे निर्दिष्ट की जाने वाली अतिरिक्त क्षमता प्रदर्शित करते हैं।जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने कहा,"जबकि हम केवल 45 वर्ष से अधिक आयु के एडवोकेट के लिए आवेदनों को प्रतिबंधित नहीं करना चाहेंगे, केवल असाधारण वकीलों को इस आयु से कम नामित किया...

केंद्र के खिलाफ फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची दिल्ली सरकार; सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद सचिव का तबादला मंजूर नहीं
केंद्र के खिलाफ फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची दिल्ली सरकार; सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद सचिव का तबादला मंजूर नहीं

दिल्ली सरकार ने फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और शिकायत की है कि संविधान पीठ द्वारा एक दिन पहले सेवाओं को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार की शक्तियों (सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि को छोड़कर) को बरकरार रखने के बावजूद केंद्र सरकार एक सचिव का ट्रांसफर करने के अपने फैसले को मंजूरी नहीं दे रही है।सीनियर एडवोकेट डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार की ओर से पेश एडवोकेट शादान फरासत की सहायता से शुक्रवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ के...

अर्हता परीक्षा के नतीजों में ‌हो रहे विलंब के कारण विदेशी कानून डिग्री धारकों का प्रैक्टिस का अधिकार प्रभावित हो रहा: सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने बीसीआई को पत्र लिखा
अर्हता परीक्षा के नतीजों में ‌हो रहे विलंब के कारण विदेशी कानून डिग्री धारकों का प्रैक्टिस का अधिकार प्रभावित हो रहा: सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने बीसीआई को पत्र लिखा

सनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें विदेशी कानून डिग्री धारकों के लिए आयोजित की गई 18वीं योग्यता परीक्षा के परिणाम घोषित करने में देरी पर चिंता व्यक्त की गई है, जो उनके लिए भारत में कानून का अभ्यास शुरू करने के लिए एक शर्त है।इस देरी से लगभग 75 विधि स्नातक प्रभावित हैं। जयसिंह ने बीसीआई से से इन विदेशी कानून स्नातकों को अस्थायी रूप से ऐसी शर्तों के साथ अधिवक्ताओं के रूप में नामांकित करने पर विचार करने का आग्रह किया है, जो उन्हें उचित लगे।अपने पत्र...

कानूनी पेशा अब पारिवारिक पेशा नहीं रहा, प्रोफेशन में नए आने वाले लोगों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट  डेजिग्नेशन में विविधता को प्रोत्साहित किया
कानूनी पेशा अब पारिवारिक पेशा नहीं रहा, प्रोफेशन में नए आने वाले लोगों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ': सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेशन में विविधता को प्रोत्साहित किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने 2017 के फैसले (इंदिरा जयसिंह बनाम सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया) में निर्धारित सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेशन को विनियमित करने वाले दिशानिर्देशों में संशोधन की मांग करने वाली याचिकाओं में अपना फैसला सुनाते हुए एडवोकेट डेजिग्नेशन की प्रक्रिया में विविधताओं के पहलुओं के महत्व पर जोर दिया।बेंच ने कहा,"कानूनी पेशे को अब पारिवारिक पेशा नहीं माना जाता है। इसके बजाय, देश के सभी हिस्सों से और अलग-अलग पृष्ठभूमि वाले नए लोग आए हैं। ऐसे नए आने वाले लोगों को प्रोत्साहित किया...

कभी नहीं कहा कि उधार लेने वालों के खातों को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने से पहले उन्हें व्यक्तिगत रूप से सुना जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
कभी नहीं कहा कि उधार लेने वालों के खातों को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने से पहले उन्हें व्यक्तिगत रूप से सुना जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि उसकी ओर से दिए गए ‌आदेश कि उधार लेने वालों के खातों को आरबीआई मास्टर सर्कूलर के संदर्भ में धोखाधड़ी के रूप मे वर्गीकृत करने से पहले बैंकों को उन उधार लेने वालों को सुन लेना चाहिए, का अर्थ यह नहीं ‌था कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से सुना जाना चा‌हिए।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा, सुनवाई के अवसर का मतलब व्यक्तिगत सुनवाई नहीं है।पीठ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें स्पष्टीकरण...

पश्चिम बंगाल को द केरला स्टोरी फिल्म पर प्रतिबंध क्यों लगाना चाहिए, अगर यह देश के अन्य हिस्सों में चल रही है? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा
पश्चिम बंगाल को 'द केरला स्टोरी' फिल्म पर प्रतिबंध क्यों लगाना चाहिए, अगर यह देश के अन्य हिस्सों में चल रही है? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा

सुप्रीम कोर्ट ने विवादित फिल्म 'द केरला स्टोरी' पर प्रतिबंध लगाने के पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले के खिलाफ फिल्म के निर्माताओं की ओर से दायर याचिका पर शुक्रवार को पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु को नोटिस जारी किया। निर्माताओं ने आरोप लगाया कि फिल्म तमिलनाडु में 'शैडो' बैन का सामना कर रही थी और दक्षिणी राज्य में फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए सुरक्षा की मांग की। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने मामले को अगले बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया।फिल्म सनशाइन प्रोडक्शंस के निर्माता की ओर...

जब पूरे देश में फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ दिखाई जा रही है तो पश्चिम बंगाल में बैन क्यों? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा
जब पूरे देश में फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ दिखाई जा रही है तो पश्चिम बंगाल में बैन क्यों? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा

5 मई को फिल्म द करेला स्टोरी रिलीज हुई थी। रिलीज के तीन दिन बाद यानी 8 मई को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस फिल्म राज्य में बैन कर दिया था। कहा था कि घृणा और हिंसा की किसी भी घटना से बचने और राज्य में शांति बनाए रखने के लिए फिल्म के प्रदर्शन पर बैन लगाया गया है। इसके खिलाफ फिल्म निर्माताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच मामले पर...

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस अहमदी की श्रद्धांजलि भाषण में खुलासा किया कि कैसे पूर्व सीजेआई ने उन्हें न्यायपालिका स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित किया
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस अहमदी की श्रद्धांजलि भाषण में खुलासा किया कि कैसे पूर्व सीजेआई ने उन्हें न्यायपालिका स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित किया

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) ने महत्वपूर्ण निर्णयों का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में लाए गए परिवर्तनों को रेखांकित करने से लेकर गुरुवार (11 मई) को भारत के पूर्व चीफ जस्टिस अजीज मुशब्बर अहमदी को श्रद्धांजलि देते हुए संबोधन दिया, जिनका 2 मार्च, 2023 को निधन हो गया।सीजेआई चंद्रचूड़ 11 मई को पूर्व सीजेआई अहमदी को सम्मानित करने के लिए आयोजित फुल कोर्ट रेफरेंस में बोल रहे थे।सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूर्व सीजेआई को "बेहतरीन विवेकवान में से एक और कानूनी बिरादरी का सच्चा दोस्त" करार देते हुए जस्टिस अहमदी...