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यदि दावेदार ट्रेलर में यात्रा कर रहा है, जिसका बीमा नहीं है तो बीमा कंपनी उत्तरदायी नहीं, भले ही ट्रैक्टर का बीमा हो: सुप्रीम कोर्ट
यदि दावेदार ट्रेलर में यात्रा कर रहा है, जिसका बीमा नहीं है तो बीमा कंपनी उत्तरदायी नहीं, भले ही ट्रैक्टर का बीमा हो: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि दावेदार ट्रैक्टर से जुड़े ट्रेलर में यात्रा कर रहा है, जिसका बीमा नहीं किया गया है तो बीमा कंपनी उत्तरदायी नहीं है।न्यायाधीशों की खंडपीठ ने कहा कि जब कोई ट्रैक्टर और ट्रेलर शामिल होता है तो ट्रैक्टर और ट्रेलर दोनों का बीमा कराना आवश्यक होता है।बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में मुआवजे को 9% प्रति वर्ष की दर से ब्याज के साथ बढ़ाकर 9,99,280/- रुपये कर दिया। लेकिन यह ध्यान में रखते हुए कि दावेदार ट्रैक्टर से जुड़े ट्रेलर में यात्रा कर रहा था, जिसका बीमा नहीं किया गया था,...

सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेशों के माध्यम से शैक्षणिक संस्थानों में एडमिशन की अनुमति देने वाले हाईकोर्ट की निंदा की
सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेशों के माध्यम से शैक्षणिक संस्थानों में एडमिशन की अनुमति देने वाले हाईकोर्ट की निंदा की

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में गुजरात हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका पर विचार करते हुए अंतरिम आदेशों के माध्यम से शैक्षणिक संस्थानों में एडमिशन का निर्देश देने की प्रथा की निंदा की। इस आदेश में राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग को स्वनिर्भर होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज संचालक महामंडल (गुजरात में स्ववित्तपोषित होम्योपैथी कॉलेजों का एक संघ) की रिट याचिका के निपटान तक रिक्त सीटों पर स्टूडेंट को एडमिशन देने का निर्देश दिया गया था।जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस प्रशांत...

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश के हापुड में वकीलों के ऊपर पुलिस के द्वारा की गयी हिंसा की निंदा की
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश के हापुड में वकीलों के ऊपर पुलिस के द्वारा की गयी हिंसा की निंदा की

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने बुधवार (30.08.2023) को पारित एक प्रस्ताव में उत्तर प्रदेश के हापुड में प्रदर्शनकारी वकीलों के साथ पुलिस द्वारा किए गए हिंसक और 'अमानवीय' व्यवहार की कड़ी निंदा की।एससीबीए ने एक प्रस्ताव पारित करते हुए कहा,"..महिला वकीलों को भी क्रूरता से नहीं बख्शा गया। पुलिस की कथित ज्यादती के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे वकीलों पर लाठीचार्ज उनके अधिकारों और कानून के शासन का स्पष्ट उल्लंघन है।"एससीबीए ने हापुड के वकीलों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की और यह सुनिश्चित...

महिला वकीलों को पुरुष सहकर्मियों से लैंगिक व्यवहार का सामना करना पड़ता है: इंदिरा जयसिंह ने सीजेआई से दिशानिर्देश बनाने का अनुरोध किया
'महिला वकीलों को पुरुष सहकर्मियों से लैंगिक व्यवहार का सामना करना पड़ता है': इंदिरा जयसिंह ने सीजेआई से दिशानिर्देश बनाने का अनुरोध किया

सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने बार और लॉ ऑफिसों में महिला वकीलों के साथ होने वाले लैंगिक व्यवहार कर जिक्र किया है। उन्होंने जेंडर स्टीर‌ियोटापिंग पर एक हैंडबुक की मांग की है, जिसमें विशेष रूप से उन तरीकों की चर्चा की मांग की गई है, जिसमें पुरुष सहकर्मियों को अपनी महिला समकक्षों के साथ बातचीत करनी चाहिए। जयसिंह ने अपने पत्र में सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी की ओर से 'हैंडबुक ऑन कॉम्बैटिंग जेंडर स्टीरियोटाइप्स' के प्रकाशन की...

धारा 50 एनडीपीएस | यदि अभियुक्तों को मजिस्ट्रेट/राजपत्रित अधिकारी के समक्ष तलाशी लेने के उनके अधिकार के बारे में सूचित नहीं किया गया तो दोषसिद्धि कायम नहीं रह सकती: सुप्रीम कोर्ट
धारा 50 एनडीपीएस | यदि अभियुक्तों को मजिस्ट्रेट/राजपत्रित अधिकारी के समक्ष तलाशी लेने के उनके अधिकार के बारे में सूचित नहीं किया गया तो दोषसिद्धि कायम नहीं रह सकती: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा कि अगर आरोपियों को मजिस्ट्रेट या राजपत्रित अधिकारी के समक्ष तलाशी के उसके अधिकार के बारे में सूचित नहीं किया गया है तो यह एनडीपीएस एक्ट की धारा 50 के तहत प्रदान की गई सुरक्षा का उल्लंघन है। इस मामले में आरोपियों को ट्रायल कोर्ट ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 की धारा 20(बी)(ii)(सी) के तहत दोषी ठहराया था। उनकी अपीलों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। अभियुक्त ने दस साल के कठोर कारावास की पूरी मूल सजा और जुर्माना अदा न करने पर छह...

अनुच्छेद 370 | सुप्रीम कोर्ट ने  मामले का मूल बताया : क्या केंद्र अनुच्छेद 367 के माध्यम से अनुच्छेद 370 को निरस्त कर सकता था ? [ दिन -12]
अनुच्छेद 370 | सुप्रीम कोर्ट ने " मामले का मूल" बताया : क्या केंद्र अनुच्छेद 367 के माध्यम से अनुच्छेद 370 को निरस्त कर सकता था ? [ दिन -12]

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से संबंधित कार्यवाही में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ द्वारा कई दिलचस्प सवाल उठाए गए। कार्यवाही में, पीठ ने इस बारे में मौखिक टिप्पणियां भी कीं कि इसे "मामले का मूल" कहा गया है, यानी, क्या केंद्र सरकार जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करने के लिए अनुच्छेद 370 में संशोधन करने के लिए अनुच्छेद 367 का उपयोग कर सकती है।क्या केंद्र सरकार अनुच्छेद 370 में संशोधन के लिए...

बीएड बनाम डीएड धारक: सुप्रीम कोर्ट ने बीएड उम्मीदवारों को छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षक की भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी
बीएड बनाम डीएड धारक: सुप्रीम कोर्ट ने बीएड उम्मीदवारों को छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षक की भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के बीएड डिग्री धारकों को अस्‍थायी राहत प्रदान की है। शीर्ष अदालत ने हाल ही में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें बीएड उम्मीदवारों को सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया से बाहर रखा गया था। इस प्रकार बीएड उम्‍मीदवारों को सहायक भर्ती परीक्षा में शामिल होने की अनुमति होगी। हाईकोर्ट ने देवेश शर्मा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया 2023 लाइव लॉ (एससी) 633 में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा करते हुए आदेश पारित किया था, जिसमें कहा गया कि बीएड उम्मीदवार...

सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र हाईकोर्ट को आईटी नियम संशोधन 2023 के मद्देनज़र ऑनलाइन रमी पर नए सिरे से विचार करने का निर्देश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र हाईकोर्ट को आईटी नियम संशोधन 2023 के मद्देनज़र ऑनलाइन रमी पर नए सिरे से विचार करने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट को केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2023 के आलोक में ऑनलाइन रमी से संबंधित मुद्दों पर नए सिरे से विचार करने का निर्देश दिया।आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने अपने आदेश दिनांक 31.03.2023 में राज्य सरकार को ऑनलाइन रमी खेलने के तरीके की जांच करने के लिए एक समिति बनाने का निर्देश दिया था ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि यह कौशल का खेल है या अवसर का खेल है। हाईकोर्ट ने विचार के लिए...

जेल सुधार मामला: सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट-कमेटी के सुझावों पर केंद्र और राज्य सरकारों से जवाब मांगा
जेल सुधार मामला: सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट-कमेटी के सुझावों पर केंद्र और राज्य सरकारों से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जेल सुधारों पर सुप्रीम कोर्ट समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों से जवाब मांगा।कोर्ट ने कहा कि सुनवाई की अगली तारीख पर हिरासत में बंद महिलाओं और बच्चों, ट्रांसजेंडर कैदियों और मौत की सजा पाए दोषियों के मुद्दों पर उसकी मदद की जानी चाहिए। न्यायालय ने यह भी कहा कि जेलों में कैदियों को मेडिकल सुविधाओं की उपलब्धता, व्यावसायिक प्रशिक्षण, आईटी की उपलब्धता और मुलाकात के अधिकार में सहायता के लिए जेल...

सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेज में इंग्लिश लेक्चरर को बहाल करने के लिए अनुच्छेद 142 की शक्तियों का इस्तेमाल किया
सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेज में इंग्लिश लेक्चरर को बहाल करने के लिए अनुच्छेद 142 की शक्तियों का इस्तेमाल किया

सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई करते हुए अपीलकर्ता को अंग्रेजी लेक्चरर के पद पर बहाल करने के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी अंतर्निहित शक्तियों का इस्तेमाल किया।सुप्रीम कोर्ट ने कहा,"इसलिए पर्याप्त न्याय करने के लिए यह उपयुक्त मामला है, जहां हमें पूर्णकालिक आधार पर उनकी नियुक्ति जारी रखने के लिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का उपयोग करना चाहिए।"जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस संजय करोल बेंच में शामिल थे।मामले...

वादी वास्तविक नहीं, बल्कि दवा प्रैक्टिस करने वाले फर्जी डॉक्टर के आरोपों की जांच के निर्देश जनहित में जारी: कलकत्ता हाईकोर्ट
वादी वास्तविक नहीं, बल्कि दवा प्रैक्टिस करने वाले 'फर्जी डॉक्टर' के आरोपों की जांच के निर्देश जनहित में जारी: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पश्चिम बंगाल में एक फर्जी डॉक्टर की ओर से मेडिकल प्रैक्टिस करने पर लगाए गए आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि हालांकि यह सामने आया है कि याचिकाकर्ता के पास प्रामाणिकता की कमी है, लेकिन अदालत ने यह निर्देश जनहित में जारी किया है और यह कायम रहेगा।यह देखते हुए कि वादी ने याचिका में यह खुलासा नहीं किया कि वह कथित फर्जी डॉक्टर (प्रतिवादी) का भाई था और पहले ही उसके खिलाफ एक दीवानी मुकदमे में हार चुका था, चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस...

अनुच्छेद 370 | लोकतंत्र की बहाली महत्वपूर्ण: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा कब बहाल किया जाएगा [12वां दिन]
अनुच्छेद 370 | 'लोकतंत्र की बहाली महत्वपूर्ण': सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा कब बहाल किया जाएगा [12वां दिन]

सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ ने अनुच्छेद 370 मामले में बारहवें दिन सुनवाई जारी रखी। आज एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए एक समय सीमा या रोडमैप प्रदान करने को कहा।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एसके कौल, संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और ज‌स्टिस सूर्यकांत की पीठ जम्मू-कश्मीर को एक राज्य से केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के मुद्दे पर सक्रिय रूप से विचार-विमर्श कर रही है, 2019 में अनुच्छेद 370 के तहत जिसका दर्जा...

खुदा पर विश्वास करने वाले टिप्पणी - सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई स्थगित की, प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया
'खुदा पर विश्वास करने वाले' टिप्पणी - सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई स्थगित की, प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की विवादास्पद टिप्पणी 'खुदा में विश्वास रखने वाले अगर बीजेपी को वोट देते हैं तो 'खुदा' उन्हें माफ नहीं करेगा’ से उत्पन्न एक आपराधिक मामले में आरोपमुक्त करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी और उन्हें राज्य के काउंटर एफिडेविट पर प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ इलाहाबाद हाईकोर्ट के जनवरी 2023 के आदेश के खिलाफ मुख्यमंत्री...

पर्यावरणीय नुकसान की भरपाई नहीं होगी : सुप्रीम कोर्ट ने आनुवंशिक रूप से संशोधित सरसों पर केंद्र की अर्जी पर सुनवाई टाली
"पर्यावरणीय नुकसान की भरपाई नहीं होगी" : सुप्रीम कोर्ट ने आनुवंशिक रूप से संशोधित सरसों पर केंद्र की अर्जी पर सुनवाई टाली

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) सरसों की रिलीज पर यथास्थिति बनाए रखने का वादा करते हुए पिछले साल नवंबर में अदालत में दी गई मौखिक टिप्पणी को वापस लेने की केंद्र की याचिका पर सुनवाई को टाल दिया।यह वादा जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दिया गया था जो अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। केंद्र सरकार की हालिया अर्जी पर 26 सितंबर को सुनवाई होगी ।पिछले हफ्ते, केंद्र सरकार ने जीएम सरसों की रिलीज के लिए कोई भी त्वरित कदम उठाने के खिलाफ अपने वादे से मुक्त होने की...

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम | धारा 14 के तहत अधिकारों का दावा करने के लिए महिला का संपत्ति पर कब्जा आवश्यक: सुप्रीम कोर्ट
हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम | धारा 14 के तहत अधिकारों का दावा करने के लिए महिला का संपत्ति पर कब्जा आवश्यक: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि एक हिंदू महिला को हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 की धारा 14 के तहत अधिकारों का दावा करने के लिए, संपत्ति पर उसका कब्जा होना चाहिए। धारा 14 में कहा गया है कि एक हिंदू महिला की संपत्ति उसकी पूर्ण संपत्ति होगी। धारा 14(1) में कहा गया है, ''किसी महिला हिंदू के पास मौजूद कोई भी संपत्ति, चाहे वह इस अधिनियम के शुरू होने से पहले या बाद में अर्जित की गई हो, वह उसके पूर्ण मालिक के रूप में रखी जाएगी, न कि सीमित मालिक के रूप में।''वर्तमान मामला केरल में दायर एक मुकदमे से उत्पन्न...

क्या जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में परिवर्तित करना संघीय सिद्धांत के अनुरूप है? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा [दिन 11]
क्या जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में परिवर्तित करना संघीय सिद्धांत के अनुरूप है? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा [दिन 11]

सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 याचिकाओं पर संविधान पीठ की कार्यवाही के ग्यारहवें दिन (28 अगस्त) को केंद्र सरकार से पूछा कि क्या जम्मू और कश्मीर राज्य को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में अपग्रेड करने की कार्रवाई वास्तव में संघीय सिद्धांत के अनुरूप है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डॉ. डी.वाई. चंद्रचूड़ इस पीठ की अध्यक्षता कर रहे है। पीठ में जस्टिस एसके कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत भी शामिल हैं।सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कल की सुनवाई में सवाल उठाया था, जब भारत के...

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पावर डिस्कॉम को कामगारों को बकाया वेतन के रूप में 10 लाख रुपये से अधिक का भुगतान करने को कहा, 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पावर डिस्कॉम को कामगारों को बकाया वेतन के रूप में 10 लाख रुपये से अधिक का भुगतान करने को कहा, 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (28 अगस्त) को दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण करने वाला एक राज्य उपक्रम) पर 2 लाख का जुर्माना लगाया, जबकि एक कर्मचारी को बकाया वेतन भुगतान करने के लिए पारित श्रम न्यायालय के फैसले को दी गई चुनौती को खारिज कर दिया। न्यायालय ने निगम को निर्देश दिया कि वह कर्मचारी को 22.12.1995 से 21.09.2006 तक वेतन बकाया के रूप में 10,54,311/- रुपये का भुगतान भुगतान की तारीख तक 11% ब्याज के साथ करे। इसके अलावा, निगम को 2 लाख रुपये का जुमाना लगाने के लिए...

जब तक अत्यंत आवश्यक न हो तब तक सरकारी अधिकारियों के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी पारित नहीं की जानी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
जब तक अत्यंत आवश्यक न हो तब तक सरकारी अधिकारियों के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी पारित नहीं की जानी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक बिल्कुल जरूरी न हो तब तक सरकारी अधिकारियों के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए।जस्टिस अभय एस. ओक और जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने कहा,"अदालत की टिप्पणियां हर समय न्याय, निष्पक्ष और संयम के सिद्धांतों द्वारा शासित होनी चाहिए। साथ ही इस्तेमाल किए गए शब्दों में संयम प्रतिबिंबित होना चाहिए।"इस मामले में शिखा ट्रेडिंग कंपनी ने पंजाब के उत्पाद एवं कराधान विभाग के अधिकारियों द्वारा उसकी दुकान की अवैध सीलिंग के खिलाफ रिट याचिका दायर की। इसकी अनुमति देते हुए...

बिहार जाति सर्वेक्षण - केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दायर वह हलफनामा वापस लिया जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार जनगणना जैसी कोई कार्रवाई नहीं कर सकती
बिहार जाति सर्वेक्षण - केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दायर वह हलफनामा वापस लिया जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार जनगणना जैसी कोई कार्रवाई नहीं कर सकती

केंद्र सरकार ने बिहार जाति सर्वेक्षण मामले में पहले के हलफनामे को वापस लेते हुए एक नया हलफनामा दायर किया है। पहले दाखिल हलफनामे में कहा गया था कि "संविधान के तहत या अन्यथा कोई भी निकाय जनगणना या जनगणना के समान कोई कार्रवाई करने का हकदार नहीं है।" दायर दूसरे हलफनामे में केंद्र ने कहा कि उपरोक्त पैराग्राफ "अनजाने में आ गया" था।"यह प्रस्तुत किया गया है कि केंद्र सरकार ने सोमवार को सुबह एक हलफनामा दायर किया है। उक्त हलफनामे में अनजाने में पैरा 5 आ गया है, इसलिए उक्त हलफनामा वापस लिया जाता है और यह...

अनुच्छेद 370| सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अनुच्छेद 35ए ने नागरिकों के तीन मौलिक अधिकार छीने [ दिन -11 ]
अनुच्छेद 370| सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अनुच्छेद 35ए ने नागरिकों के तीन मौलिक अधिकार छीने [ दिन -11 ]

संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही के 11 वें दिन, सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि अनुच्छेद 35ए जो जम्मू और कश्मीर (जे एंड के) के स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार और विशेषाधिकार प्रदान करता था, का असर ये हुआ कि भारतीय नागरिकों के तीन मौलिक अधिकारों को हटा दिया गया , अर्थात्, अनुच्छेद 16 (1) (राज्य के तहत रोजगार के अवसर की समानता), पूर्ववर्ती अनुच्छेद 19 (1) (एफ) (अचल संपत्ति अर्जित करने का अधिकार, जो अब अनुच्छेद 300 ए के तहत प्रदान किया गया...