'महिला वकीलों को पुरुष सहकर्मियों से लैंगिक व्यवहार का सामना करना पड़ता है': इंदिरा जयसिंह ने सीजेआई से दिशानिर्देश बनाने का अनुरोध किया

Avanish Pathak

30 Aug 2023 9:07 PM IST

  • महिला वकीलों को पुरुष सहकर्मियों से लैंगिक व्यवहार का सामना करना पड़ता है: इंदिरा जयसिंह ने सीजेआई से दिशानिर्देश बनाने का अनुरोध किया

    सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने बार और लॉ ऑफिसों में महिला वकीलों के साथ होने वाले लैंगिक व्यवहार कर जिक्र किया है।

    उन्होंने जेंडर स्टीर‌ियोटापिंग पर एक हैंडबुक की मांग की है, जिसमें विशेष रूप से उन तरीकों की चर्चा की मांग की गई है, जिसमें पुरुष सहकर्मियों को अपनी महिला समकक्षों के साथ बातचीत करनी चाहिए।

    जयसिंह ने अपने पत्र में सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी की ओर से 'हैंडबुक ऑन कॉम्बैटिंग जेंडर स्टीरियोटाइप्स' के प्रकाशन की सराहना की है, जिसे इस महीने की शुरुआत में जारी किया गया था।

    उल्लेखनीय है कि कलकत्ता हाईकोर्ट की जज मौसमी भट्टाचार्य की अध्यक्षता में एक समिति ने उक्त हैंडबुक तैयार की, जिसमें लैंगिक रूप से रुढ़िवादी शब्दों और वाक्यांशों के बदल में वैकल्पिक शब्दों या वाक्यांशों की सूची जारी की गई है। साथ ही हैंडबुक में लीगल ‌डिस्‍कोर्स में शामिल अनुचित लिंग संबंधी शब्दों की एक शब्दावली को भी शामिल किया गया है।

    जय‌‌सिंह ने अपने पत्र में हैंडबुक की तारीफ करते हुए लिखा है, “यह एक लंबे समय से प्रतीक्षित कदम था...यह न केवल जजों और न्यायिक अधिकारियों को बल्कि उम्मीद है कि बार के सदस्यों को भी संवेदनशील बनाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।"

    सीनियर एडवोकेट ने पत्र में इस बात पर जोर दिया है कि लैंगिक रूढ़िवादिता, एक लंबे समय से चली आ रही चिंता, कानूनी कार्यवाही और बातचीत दोनों में बनी रहती है। उन्होंने अपने का है कि उनके जैसी अनुभवी वकील भी अपने पुरुष सहकर्मियों की ऐसी लैंगिक रूढ़िवादिता और सूक्ष्म-आक्रामकता से अछूती नहीं है।

    पत्र में उन्होंने अपने पुरुष समकक्षों के साथ अदालत में बातचीत में सूक्ष्म लैंगिक पूर्वाग्रहों के उदाहरणों का हवाला दिया है।

    जयसिंह ने पत्र में कहा है कि न केवल उन्हें अदालत में अपनी आवाज न उठाने के लिए कहा गया है, बल्कि उनके पुरुष सहकर्मी अक्सर उन्हें 'मेरी विद्वान मित्र' के बजाय 'वह' के रूप में संदर्भित करते हैं।

    जयसिंह ने पत्र में विशेष रूप से सुप्रीम कोर्ट से विशेष रूप से लैंगिक रूढ़िवादिता संबंधित एक हैंडबुक बनाने का आग्रह किया है। पत्र में उन्होंने जैंडर स्टिरियोटापिंग के खिलाफ कुछ व्याहारिक सुझाव भी दिए हैं।

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