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महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट में दल-बदल विरोधी कानून के क्या हैं मायने?
महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट में दल-बदल विरोधी कानून के क्या हैं मायने?

महाराष्ट्र की राजनीति में हाल ही में हुए हंगामे ने एक बार फिर संविधान की 10वीं अनुसूची यानी दलबदल विरोधी कानून के मुद्दे को ज्वलंत कर दिया है। जन प्रतिनिधियों द्वारा पक्ष/पार्टी बदलने की आदत राजनीतिक और सामाजिक रूप से काफी खराब है और लोकतंत्र में अस्वीकार्य है जहां एक प्रतिनिधि को जनादेश और जिस राजनीतिक दल का वह प्रतिनिधित्व कर रहा है उसमें विश्वास और निश्चित रूप से उसकी छवि पर चुना जाता है।रिज़ॉर्ट गवर्नमेंट का यह निरंतर चलन जहां विधानसभा के सदस्यों को बंदियों की तरह ले जाकर कहीं दुर्गम स्थान...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी मामले में कानून के शासन के मूल्यों को बरकरार रखा

लखीमपुर मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा मोनू उर्फ ​​टेनी जूनियर की जमानत रद्द करने के लिए भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के हालिया फैसला, जो पहले इलाहाबाद के उच्च न्यायालय द्वारा दी गई थी, न केवल खुद मिश्रा, राज्य सरकार और राज्य पुलिस के लिए एक झटका है, बल्कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लिए भी है । इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जमानत पर सुनवाई के तरीके पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से कुछ बेहद तीखी टिप्पणियां की गईं। निर्णय/आदेश के अनुच्छेद 41 में किए गए चार बिंदु स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि मुख्य...

साइबर प्रौद्योगिकी, अन्वेषण एवं मानवाधिकार का नवीनतम दृष्टांत - न्यायपालिका की नज़र से
साइबर प्रौद्योगिकी, अन्वेषण एवं मानवाधिकार का नवीनतम दृष्टांत - न्यायपालिका की नज़र से

हिमांशु दीक्षित, फाइनल ईयर लॉ स्टूडेंट, एनएलआईयू, भोपालतकनीकीकरण ने राजकीय सत्ता में अनेक परिवर्तन स्थापित कर दिए है, फिर वो चाहे नागरिक अधिकारों के विरोध में हो या फिर संपूर्ण समाज के हित में हो। अतः यह एक स्वीकारणीय तथ्य है कि तकनीकीकरण का मानव-स्वतंत्रता पर सदैव कोई न कोई प्रभाव निश्चित ही पड़ता है। साइबर अपराध का दिन-प्रतिदिन उजागर होना और इन पर अंकुश रखने वाली संस्थाओं का स्वयं में ही अवैधानिक तरीके से अधिकारों का दुरुपयोग करना यह दर्शाता है कि दोनों ही रूप में सामान्य नागरिक के ही मौलिक...