इलाहाबाद हाईकोट
'नीतिगत मामला': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एससी-एसटी/ओबीसी के लिए बनी योजनाओं का लाभ बीपीएल कार्ड धारकों को देने की जनहित याचिका का निपटारा किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह एक जनहित याचिका का निपटारा किया, जिसमें अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अल्पसंख्यकों के लिए विशेष रूप से बनाई गई योजनाओं का लाभ अन्य सभी समुदायों/जातियों के गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) कार्डधारकों को देने की मांग की गई थी। जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने नीतिगत मामलों में न्यायिक समीक्षा की सीमाओं पर जोर देते हुए निष्कर्ष निकाला कि ऐसे निर्णय सरकार की विधायी और कार्यकारी शाखाओं के दायरे में आते...
प्रयागराज से उड़ानों की घटती संख्या के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका
प्रयागराज से उड़ानों की घटती संख्या पर न्यायालय के हस्तक्षेप की मांग करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि हाईकोर्ट बंद की गई उड़ानों को फिर से शुरू करने और 2025 में महाकुंभ के मद्देनजर अधिक उड़ानें शुरू करने के लिए अधिकारियों को परमादेश जारी करे।वकील विनीत पांडे ने जनहित याचिका दायर करते हुए कहा कि प्रयागराज हवाई अड्डे की क्षमता में वृद्धि होने के बावजूद, शहर से चलने वाली उड़ानों की संख्या में कमी आई है, क्योंकि कुछ उड़ानें निलंबित/बंद कर दी...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट मामले में दोषसिद्धि के खिलाफ सांसद अफजाल अंसारी की अपील पर फैसला सुरक्षित रखा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को सांसद (MP) अफजाल अंसारी द्वारा दायर अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रखा। वह गैंगस्टर एक्ट मामले में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दे रहे हैं, जिसमें गाजीपुर एमपी/एमएलए कोर्ट ने उन्हें 4 साल जेल की सजा सुनाई थी। यह दोषसिद्धि 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या से जुड़ी है।जस्टिस संजय कुमार सिंह की पीठ ने अंसारी की अपील और राज्य सरकार और राय के बेटे पीयूष कुमार राय द्वारा अंसारी की सजा बढ़ाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा।इस अपील का...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहमति से रोमांटिक रिलेशन में शामिल किशोरों के खिलाफ POCSO Act के दुरुपयोग पर चिंता जताई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम, 2012 (POCSO Act) के दुरुपयोग पर चिंता जताई, विशेष रूप से किशोरों के बीच सहमति से रोमांटिक संबंधों में।जस्टिस कृष्ण पहल की पीठ ने कहा कि ऐसे मामलों से निपटने के दौरान, शोषण के वास्तविक मामलों और सहमति से संबंधों वाले मामलों के बीच अंतर करने में चुनौती होती है। यह सुनिश्चित करने के लिए "सूक्ष्म दृष्टिकोण" और "सावधानीपूर्वक न्यायिक विचार" की आवश्यकता होती है कि न्याय उचित रूप से दिया जाए।न्यायालय ने आगे उन मुख्य कारकों को...
बच्चे का अपने माता-पिता को जानने और उनसे मिलने का स्वाभाविक अधिकार: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि बच्चे को ट्रायल कोर्ट में कस्टडी के मामले के लंबित रहने के दौरान अपने माता-पिता, जिसमें पिता भी शामिल है, उनको जानने और उनसे मिलने का अधिकार है।मां ने फैमिली कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें पिता को हर महीने के एक रविवार को सार्वजनिक स्थान पर तीन घंटे के लिए अपने बेटे से मिलने की अनुमति दी गई थी। मां ने अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश के अधिकार क्षेत्र की कमी के आधार पर आदेश को चुनौती दी।जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस दोनादी रमेश की खंडपीठ...
पीसीएस-जे 2022 | UPPSC ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष 50 अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा मेरिट सूची तैयार करने में 'त्रुटि' स्वीकार की
इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने 50 पीसीएस-जे (प्रांतीय सिविल सेवा-न्यायिक) 2022 अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा की मेरिट सूची तैयार करने में त्रुटि स्वीकार की है। उक्त दलील के मद्देनजर हाईकोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के चेयरमैन से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा, जिसमें उन 50 अभ्यर्थियों की कॉपियों में अंकों में किए जाने वाले बदलाव के बारे में बताया जाए, जिनकी कॉपियों को आपस में बदल दिया गया था और उन पर अंक लगा दिए गए थे।यह घटनाक्रम एक...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुजुर्ग दंपति की मदद की; बेटे और बहू ने उन्हें कमरे में बंद कर रखा था, शौचालय और भोजन तक पहुंच भी सीमित थी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज एक बुजुर्ग दंपति की मदद की, जिन्हें कथित तौर पर उनके बेटे और बहू ने एक कमरे में बंद कर रखा था। दंपति की शौचालय और भोजन जैसी बुनियादी आवश्यकताओं तक 'सीमित या कोई' पहुंच नहीं थी। जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस डोनाडी रमेश की पीठ ने प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस आयुक्त और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की एक समिति गठित की और दंपति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनके आवास का दौरा करने का निर्देश दिया।कोर्ट ने कहा,“समिति यह सुनिश्चित करेगी कि याचिकाकर्ताओं को उनकी संपत्ति...
'इसी तरह की याचिका 2020 में खारिज कर दी गई थी': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट का नाम बदलकर 'यूपी हाईकोर्ट' करने की जनहित याचिका पर सुनवाई स्थगित की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार (तीन जुलाई, 2024) को एक जनहित याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी, जिसमें हाईकोर्ट का नाम बदलकर "उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट" करने की मांग की गई थी। यह सुनवाई आधिकारिक दस्तावेजों में इस आधार पर स्थगित कर दी गई कि याचिकाकर्ता के एडवोकेट द्वारा स्वयं समान राहत की मांग करते हुए दायर की गई जनहित याचिका को 2020 में खारिज कर दिया गया था। जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अशोक पांडे से स्पष्ट रूप से पूछा कि उन्होंने उनके नाम से दायर जनहित...
हाथरस भगदड़ मामला | CBI जांच की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका
हाथरस भगदड़ की घटना की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की मांग करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है। हाथरस जिले के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलराई गांव में भोले बाबा उर्फ नारायण साकर हरि नामक एक स्वयंभू बाबा द्वारा आयोजित इस दुखद घटना में 120 से अधिक लोगों की जान चली गई और 25 से अधिक लोग घायल हो गए।एडवोकेट गौरव द्विवेदी द्वारा दायर जनहित याचिका में दावा किया गया कि जिला अधिकारी अपने "लापरवाह" कृत्य के लिए "पूरी तरह से जिम्मेदार" हैं, जिसके कारण भगदड़ हुई...
Gyanvapi Dispute | 'वुजुखाना' क्षेत्र के ASI सर्वेक्षण की मांग वाली याचिका पर आज सुनवाई करेगा इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट बुधवार को वाराणसी जिला न्यायाधीश के आदेश (दिनांक 21 अक्टूबर, 2023) को चुनौती देने वाली सिविल रिवीजन याचिका पर सुनवाई करेगा। उक्त याचिका में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वजुखाना क्षेत्र ('शिव लिंग' को छोड़कर) का सर्वेक्षण करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया गया।जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ मामले की सुनवाई करेगी। इस साल जनवरी में वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद समिति को नोटिस जारी किया गया था।जबकि...
बढ़ती जागरूकता के कारण SC/ST समुदाय द्वारा दर्ज किए गए आपराधिक मामलों में 'तेजी' वृद्धि हुई: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के सदस्यों द्वारा दर्ज किए गए आपराधिक मामलों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी।जस्टिस चंद्र कुमार राय की पीठ ने कहा कि यह वृद्धि SC/ST समुदाय के बीच अपने अधिकारों, शक्तियों और कर्तव्यों के बारे में बढ़ती जागरूकता के कारण हो सकती है, जो कि दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में भी इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के प्रसार से सुगम हुई है।पीठ ने टिप्पणी की,"हम अपनी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में हैं, एक परिपक्व लोकतंत्र जहां ग्रामीण...
धार्मिक समूहों में धर्मांतरण नहीं रोका गया तो एक दिन भारत की बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक हो जाएगी: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज कहा कि यदि धार्मिक सभाओं में धर्मांतरण की वर्तमान प्रवृत्ति को जारी रहने दिया गया तो देश की बहुसंख्यक आबादी अंततः एक दिन खुद को अल्पमत में पा सकती है। इस टिप्पणी के साथ, जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने कहा कि धार्मिक सभाएं, जहां धर्मांतरण हो रहा है और जहां भारत के नागरिकों का धर्म बदला जा रहा है, उन्हें तुरंत रोका जाना चाहिए।न्यायालय ने कहा, "यदि इस प्रक्रिया को जारी रहने दिया गया तो एक दिन इस देश की बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक हो जाएगी और ऐसे धार्मिक सभाओं को तुरंत...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहुल गांधी के लोकसभा चुनाव को चुनौती देने वाली जनहित याचिका खारिज की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के रायबरेली लोकसभा सीट से सांसद के रूप में चुनाव रद्द करने के लिए दायर जनहित याचिका (पीआईएल) को वापस लेने की अनुमति दी।जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने जनहित याचिका को वापस लेते हुए खारिज कर दिया, जबकि याचिकाकर्ता को नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 9(2) के तहत सक्षम प्राधिकारी से संपर्क करने की अनुमति दी, जहां तक कानून में इसकी अनुमति है।खंडपीठ ने यह आदेश इसलिए दिया, क्योंकि याचिकाकर्ता (एस...
घरेलू हिंसा अधिनियम | धारा 12 के तहत अनुमेय संशोधन, धारा 23 के तहत नया आवेदन दायर कर अतिरिक्त राहत मांगी जा सकती है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 12 के तहत अनुमेय संशोधन और अतिरिक्त राहत, घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 23 के तहत एक नए आवेदन के रूप में स्वीकार्य होगी। जस्टिस जयंत बनर्जी ने कहा, "जहां धारा 12 के तहत आवेदन में, बाद के घटनाक्रमों या अन्यथा के मद्देनजर अनुमेय संशोधन किया जाता है और अतिरिक्त अनुमेय राहत मांगी जाती है, धारा 23 के तहत एक नया आवेदन स्वीकार्य होगा।"घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा...
राहुल गांधी की नागरिकता का मामला | हाईकोर्ट बेंच ने वकील से कहा: 'बस! आप हमारे धैर्य की बहुत परीक्षा ले चुके हैं'
इलाहाबाद हाईकोर्ट में नाटकीय घटनाक्रम में कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की नागरिकता से संबंधित जनहित याचिका की कार्यवाही ने अप्रत्याशित मोड़ ले लिया, क्योंकि वकील की लगातार दलीलों पर आपत्ति जताने के बाद बेंच को उठना पड़ा।यह मामला तब और बढ़ गया जब याचिकाकर्ता के वकील ने भविष्य में बहस करने पर जोर दिया। यह तब हुआ जब जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम की खंडपीठ ने मामले पर आगे सुनवाई करने से इनकार किया।याचिकाकर्ता के वकील और याचिकाकर्ता (एस. विग्नेश शिशिर) को करीब 1:30 घंटे तक...
'दहेज हत्या के मामलों की सभी संभावित कोणों से जांच करें; यह बताएं कि मामला किस तरह धारा 302, 304-बी या 306 आईपीसी के अंतर्गत आता है': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस को निर्देश दिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि वे जांच अधिकारियों को दहेज हत्या से संबंधित मामलों में "व्यापक जांच" करने और विवाहित महिला की मृत्यु (उसकी शादी के 7 साल के भीतर) की हर संभव कोण से जांच करने का निर्देश दें।जस्टिस राहुल चतुर्वेदी और जस्टिस मोहम्मद अजहर हुसैन इदरीसी की खंडपीठ ने निर्देश दिया,"मामले के जांच अधिकारी को व्यापक जांच करनी चाहिए और जांच के दौरान सामग्री एकत्र करनी चाहिए ताकि धारा 173(2) सीआरपीसी के तहत अपनी रिपोर्ट को उचित ठहराया जा सके कि क्या...
भारतीय दंड संहिता की धारा 302 को यांत्रिक रूप से जोड़ना 'अस्थायी': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बताया कि दहेज हत्या के मामलों में ट्रायल कोर्ट कब हत्या का आरोप जोड़ सकते हैं
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य के ट्रायल कोर्ट के जजों द्वारा दहेज हत्या और दहेज से संबंधित अमानवीय व्यवहार से जुड़े मामलों में बिना किसी सहायक सामग्री के आईपीसी की धारा 302 (हत्या) को नियमित और यांत्रिक रूप से जोड़ने पर आपत्ति जताई। जस्टिस राहुल चतुर्वेदी और जस्टिस मोहम्मद अजहर हुसैन इदरीसी की पीठ ने कहा कि दहेज हत्या और दहेज से संबंधित अमानवीय व्यवहार से जुड़े मामलों में हत्या का आरोप (आईपीसी की धारा 302) यांत्रिक रूप से जोड़ने से स्थिति "अधिक गंभीर और गंभीर" हो रही है। न्यायालय ने...
राहुल गांधी के चुनाव के खिलाफ याचिका: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील के विरुद्ध हाईकोर्ट के 2016 के निर्देश पर रजिस्ट्री से रिपोर्ट मांगी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को अपनी रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह राहुल गांधी के लोकसभा चुनाव को चुनौती देने वाली जनहित याचिका में याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील से संबंधित उच्च न्यायालय के 2016 के निर्णय पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे।जस्टिस आलोक माथुर और जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की वेकेशन बेंच ने अपने आदेश में कहा,"इस न्यायालय ने हिंदू पर्सनल लॉ बोर्ड बनाम भारत संघ और अन्य के मामले में इस न्यायालय की खंडपीठ के निर्णय का अवलोकन किया, जिसमें याचिकाकर्ता (अशोक पांडे) के वकील के...
उत्तर प्रदेश आवास विकास अधिनियम के तहत किए गए अधिग्रहण, जिन्हें एक जनवरी, 2014 तक अंतिम रूप नहीं दिए गया, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 द्वारा शासित होंगे: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना है कि भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 के लागू होने से पहले उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद अधिनियम, 1965 के तहत किए गए अधिग्रहण, जिन्हें 01.01.2014 तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है, भूस्वामियों को मुआवजे के निर्धारण के प्रयोजनों के लिए 2013 के अधिनियम द्वारा शासित होंगे। उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद अधिनियम, 1965 की धारा 55 आवास एवं विकास परिषद अधिनियम, 1965, बोर्ड को भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 के...
राहुल गांधी के लोकसभा चुनाव को रद्द करने के लिए जनहित याचिका: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले के गुण-दोष पर विचार किए बिना सुनवाई स्थगित की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले के गुण-दोष पर विचार किए बिना जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई स्थगित कर दी। उक्त याचिका में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के रायबरेली लोकसभा सीट से सांसद के रूप में चुनाव को इस आधार पर रद्द करने की मांग की गई थी कि वह भारतीय नागरिक नहीं, ब्रिटिश नागरिक हैं। इसलिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं।इस मामले की सुनवाई अब 1 जुलाई को नियमित पीठ करेगी।सुनवाई के दौरान जस्टिस आलोक माथुर और जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की अवकाश पीठ ने लाइव लॉ के रिपोर्टर (एसोसिएट एडिटर स्पर्श उपाध्याय) को...
















