इलाहाबाद हाईकोट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ओमेक्स बिल्डहोम को 25 करोड़ रुपये जमा करने तथा नोएडा में रुकी हुई परियोजनाओं में 50 अतिरिक्त फ्लैट जारी करने का निर्देश दिया
पिछले महीने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ओमेक्स बिल्डहोम लिमिटेड को 25 करोड़ रुपये जमा करने तथा नोएडा में रुकी हुई परियोजनाओं में घर खरीदारों के पक्ष में पहले से जारी 170 फ्लैटों के अतिरिक्त 50 फ्लैट जारी करने का निर्देश दिया था।बिल्डर/डेवलपर ओमेक्स बिल्डहोम लिमिटेड ने ग्रैंड ओमेक्स तथा फॉरेस्ट स्पा नामक आवासीय परियोजनाओं के विकास के लिए न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) से भूमि पट्टे पर ली थी। इन दोनों परियोजनाओं में याचिकाकर्ताओं, घर खरीदारों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, क्योंकि बिल्डर को...
सामाजिक-आर्थिक स्थिति तय करती है नागरिकों का भाग्य: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलात्कार पीड़िताओं के FIR दर्ज कराने में आने वाली कठिनाइयों पर चिंता जताई
1996 के बलात्कार मामले में आरोपी की सजा बरकरार रखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में उन सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की बलात्कार पीड़िताओं की न्याय तक पहुंच में आने वाली कठिनाइयों पर मार्मिक टिप्पणियां कीं, जो उन्हें FIR दर्ज कराने से लेकर मुकदमे तक झेलनी पड़ती हैं।जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस संदीप जैन की खंडपीठ ने कहा,“दुर्भाग्यपूर्ण है कि कभी-कभी सामाजिक और आर्थिक स्थिति नागरिकों की किस्मत तय करती है। 'आर' (पीडब्ल्यू-1) और 'एस' (पीडब्ल्यू-2) जैसी कमजोर स्थिति वाले...
पीलीभीत जिला कार्यालय से बेदखली के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया
27 जून को पार्टी ने एक अर्जेंसी आवेदन दाखिल किया और डिवीजन बेंच को अवगत कराया कि नगर पालिका परिषद उसी दिन एक समिति गठित करने जा रही है, जो अगले दो दिनों में बेदखली की कार्रवाई कर सकती है।नगर पालिका परिषद का पक्ष रखने वाले वकील को मामले में कोई निर्देश प्राप्त नहीं थे, इसलिए जस्टिस जयंती बनर्जी और जस्टिस मदन पाल सिंह की पीठ ने उन्हें 1 जुलाई तक निर्देश प्राप्त करने का समय दिया।मामला अब 1 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।यह घटनाक्रम तब सामने आया, जब सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी की विशेष...
मकान विध्वंश पर हाईकोर्ट सख्त, अफसरों को ढहाया घर फिर से बनाने का आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में बागपत जिले के कलेक्टर उपजिलाधिकारी और तहसीलदार पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने अंतरिम स्थगन आदेश के बावजूद एक महिला का मकान ढहा दिया। कोर्ट ने कहा कि राज्य के कार्यकारी अधिकारी विशेष रूप से पुलिस और सिविल प्रशासन के अधिकारी न्यायिक आदेशों की अवहेलना कर गर्व महसूस करते हैं।जस्टिस जे.जे. मुनीर की एकल पीठ ने टिप्पणी की,"ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य के कार्यकारी अधिकारियों खासकर पुलिस और सिविल प्रशासन में न्यायिक आदेशों की अवहेलना करने में एक तरह का गर्व महसूस...
लिव-इन रिलेशनशिप की अवधारणा मिडिल क्लास मूल्यों के विरुद्ध: इलाहाबाद हाईकोर्ट
विवाह का झूठा वादा करके महिला का यौन शोषण करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में टिप्पणी की कि लिव-इन रिलेशनशिप की अवधारणा “भारतीय मिडिल क्लास सोसाइटी में स्थापित कानून” के विरुद्ध है।जस्टिस सिद्धार्थ की पीठ ने न्यायालयों में पहुंचने वाले ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या पर भी नाराजगी व्यक्त की।पीठ ने कहा:“सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिव-इन-रिलेशनशिप को वैध बनाए जाने के बाद न्यायालय ऐसे मामलों से तंग आ चुका है। ये मामले न्यायालय में इसलिए आ रहे हैं, क्योंकि लिव-इन-रिलेशनशिप...
यूपी सरकार के बहराइच मजार विध्वंस के मामले में आश्वासन का उल्लंघन करने के खिलाफ अवमानना याचिका दायर
इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर आरोप लगाया गया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने बहराइच जिले में स्थित दरगाह हजरत सैय्यद मोहम्मद हाशिम शाह (जिसे लक्कड़ शाह मजार के नाम से जाना जाता है) के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने के अपने आश्वासन का उल्लंघन किया।याचिका में आरोप लगाया गया कि राज्य सरकार ने 10 जून, 2025 को न्यायालय के समक्ष स्पष्ट रूप से कहा था कि दरगाह के ध्वस्तीकरण को रोक दिया गया और अगले चार सप्ताह तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन इसके बावजूद 13 जून को दरगाह को...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के 'सरासर दुरुपयोग' के लिए पुलिस अधिकारियों को पेश होने को कहा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक क्रियाकलाप (रोकथाम) अधिनियम, 1986 को व्यक्ति के खिलाफ बार-बार और मनमाने ढंग से लागू करने पर कड़ी आपत्ति जताई, जिसका कथित तौर पर उसे जेल में रखने के लिए इस्तेमाल किया गया था।गैंगस्टर एक्ट को 'कानून का सरासर दुरुपयोग' करार देते हुए जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की पीठ ने संबंधित जिला मजिस्ट्रेट, सीनियर पुलिस अधीक्षक और थाना प्रभारी को उनके 'कदाचार और लापरवाही' के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का...
कोर्ट में वर्दी में पेश हों पुलिसकर्मी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साधारण कपड़ों में पहुंचे इंस्पेक्टर को लगाई फटकार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक पुलिस अधिकारी को कोर्ट की कार्यवाही के दौरान निर्धारित वर्दी के बजाय सामान्य सिविल कपड़ों में पेश होने पर कड़ी आपत्ति जताई।जस्टिस संजय कुमार सिंह की एकल पीठ ने स्पष्ट रूप से कहा कि पुलिस अधिकारियों को न्यायिक कार्यवाही के दौरान अदालत की गरिमा बनाए रखते हुए निर्धारित वर्दी में उपस्थित होना चाहिए।कोर्ट ने टिप्पणी की,"पुलिस अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे न्यायालय के समक्ष निर्धारित वर्दी में उपस्थित हों। किसी पुलिसकर्मी द्वारा कोर्ट में सामान्य नागरिक...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रात 9 बजे दिल्ली थाने बुलाई गई महिला को ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी
पिछले सप्ताह इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीतापुर निवासी एक महिला को ट्रांजिट अग्रिम जमानत प्रदान की, जिसे दिल्ली पुलिस ने एक एफआईआर के सिलसिले में पूछताछ के लिए रात 9:00 बजे मयापुरी थाने (जिला पश्चिम दिल्ली) में उपस्थित होने के लिए समन भेजा था।जस्टिस राजीव सिंह की एकल पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले Priya Indoria v. State of Karnataka, 2023 LiveLaw (SC) 996 के आलोक में और अन्य दस्तावेजों (जैसे भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 35(3) के तहत जारी नोटिस) का अवलोकन करने के बाद सुशीला यादव को राहत...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की महिला की पसंद से विवाह पर परिवार की आपत्ति की निंदा
महिला द्वारा अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह करने के निर्णय पर परिवार की आपत्ति की कड़ी निंदा करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक 27 वर्षीय महिला को सुरक्षा प्रदान की, जिसे अपहरण का डर है, क्योंकि वह अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह करना चाहती है।जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस प्रवीण कुमार गिरी की खंडपीठ ने ऐसी आपत्तियों को घृणित करार देते हुए यह स्पष्ट किया कि किसी भी व्यक्ति को अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह करने का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्राप्त है।न्यायालय ने कहा,“यह...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के लापता व्यक्ति के मामले में डीजीपी से हलफनामा मांगा
जनता की शिकायतों को प्राप्त करने और उनका समाधान करने के अपने कर्तव्य से बचने के लिए राज्य के पुलिस अधिकारियों की कड़ी आलोचना करने वाले एक कड़े आदेश पारित करने के लगभग एक सप्ताह बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आईपीएस राजीव कृष्ण को वाराणसी के लापता 21 वर्षीय व्यक्ति के मामले के संबंध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस हरवीर सिंह की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि सुनवाई की तारीख 12 जून तक मामले में कोई प्रगति न होना घृणित' है, जबकि लापता...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टुंडला से BJP MLA की जीत को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले की टुंडला विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी विधायक (BJP MLA) प्रेमपाल सिंह धनगर की चुनावी जीत को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ ने यह याचिका इस आधार पर खारिज कर दी कि चुनाव याचिका दाखिल करते समय आवश्यक तथ्यों का खुलासा नहीं किया गया।मामले का सारयाचिकाकर्ता का कहना था कि टुंडला विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है, जबकि प्रतिवादी नंबर 1 (प्रेमपाल सिंह धनगर) गडेरिया/पाल/बघेल जाति से...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने NEET-UG 2025 के परिणाम घोषित करने पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज की
इलाहाबाद हाईकोर्ट की अवकाश पीठ ने उस जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया, जिसमें NEET-UG 2025 के घोषित होने वाले परिणामों पर रोक लगाने और पेपर के भौतिकी भाग को रद्द करने तथा इसे फिर से आयोजित करने का आदेश देने की मांग की गई थी।जस्टिस सौरभ लवानिया और जस्टिस सैयद कमर हसन रिजवी की खंडपीठ ने दीनबंधु समग्र स्वास्थ्य एवं शिक्षा शोध संस्थान द्वारा दायर जनहित याचिका खारिज की।एडवोकेट मोती लाल यादव और आरती रावत के माध्यम से दायर जनहित याचिका में NEET-UG 2025 परीक्षा (4 मई, 2025 को आयोजित) के भौतिकी खंड...
NDPS एक्ट मामलों में अग्रिम जमानत याचिका विचारणीय; धारा 482 BNSS 'सीआरपीसी (यूपी संशोधन) अधिनियम 2018' पर प्रभावी: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 के लागू होने के साथ ही उत्तर प्रदेश राज्य में NDPS एक्ट के मामलों में अग्रिम जमानत याचिका अब स्वीकार्य होगी, क्योंकि राज्य के CrPC संशोधन के तहत पिछले प्रतिबंध को BNSS द्वारा प्रभावी रूप से निरस्त कर दिया गया है। जस्टिस मनीष माथुर की पीठ ने फैसला सुनाया कि BNSS के अधिनियमित होने के साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता (यूपी संशोधन) अधिनियम, 2018 द्वारा लगाया गया प्रतिबंध, विशेष रूप से धारा 438 (6), जो...
'सपने में भी नहीं सोचाा था कि सम्मान हो ठेस पहुंचाऊंगी': इलाहाबाद हाईकोर्ट को कानूनी प्रावधान की 'याद दिलाने' पर आलोचना के बाद डीएम ने मांगी माफ़ी
बिजनौर में जिला मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात आईएएस अधिकारी जसजीत कौर ने हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट से 'बिना शर्त' माफ़ी मांगी। दरअसल हाईकोर्ट ने उनकी ओर से दायर एक हलफ़नामे पर कड़ी आपत्ति जताई थी, जिसे कानून के बारे में हाईकोर्ट की समझ का "अपमान करने का प्रयास" माना गया था। यह मुद्दा तब उठा जब डीएम ने अपने हलफ़नामे में यूपी-राजस्व संहिता नियम, 2016 के तहत एक प्रावधान का उल्लेख किया, जिसे न्यायालय ने कानूनी प्रावधान को अनावश्यक और अनुचित रूप से याद दिलाने के रूप में व्याख्या की।मुख्यतः जस्टिस...
बहराइच मजार विध्वंस मामला: यूपी सरकार के 4 हफ्ते तक कोई सख्त कार्रवाई न करने के आश्वासन पर हाईकोर्ट ने यथास्थिति का आदेश दिया
उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया कि उसने बहराइच में लक्कड़ शाह और 3 अन्य मजारों में विध्वंस अभियान को रोक दिया है, और आश्वासन दिया कि अगले 4 सप्ताह तक कोई दंडात्मक उपाय नहीं किया जाएगा।संदर्भ के लिए, हजरत सैयद हाशिम शाह उर्फ लक्कड़ शाह मजार सहित चार मजार, जहां 16 वीं शताब्दी से उर्स मनाया जाता है, कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मुर्तिहा रेंज जंगल में स्थित है, को वन विभाग द्वारा ध्वस्त किया जा रहा था, जिसने इस क्षेत्र को संरक्षित माना और संरचनाओं को...
लखनऊ फैमिली कोर्ट भवन गिराने के विरोध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई: हाईकोर्ट ने केंद्र और हाईकोर्ट से मांगा जवाब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ में फैमिली कोर्ट की मुख्य इमारत को गिराने के लिए नीलामी को चुनौती देने वाली जनहित याचिका के जवाब में हाईकोर्ट प्रशासन के साथ-साथ केंद्र सरकार से संक्षिप्त जवाब मांगा है।सामाजिक कार्यकर्ता गौतम भारती द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि फैमिली कोर्ट बिल्डिंग, जिसे "चंडी वाली बारादरी" के नाम से भी जाना जाता है, ऐतिहासिक महत्व की एक पुरानी विरासत संरचना है, जो अवध/लखनऊ की समृद्ध सांस्कृतिक और पुरातात्विक विरासत के जीवंत उदाहरण के रूप में कार्य करती है। याचिका में...
पुलिस अपनी बड़ी छवि दिखाती है, लेकिन अपहरण के मामलों में उदासीनता दिखाई: इलाहाबाद हाईकोर्ट
पिछले हफ्ते पारित एक कड़े शब्दों वाले आदेश में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस अधिकारी अक्सर अपने लिए जीवन से बड़ी छवि बनाते हैं, लेकिन वे सार्वजनिक शिकायतों को प्राप्त करने और संबोधित करने से खुद को ढाल लेते हैं।जस्टिस जे जे मुनीर और जस्टिस अनिल कुमार एक्स की खंडपीठ ने कहा कि पुलिस आमतौर पर अपहरण/अपहरण के मामलों में उदासीनता दिखाती है क्योंकि अधिकारियों पर कोई व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय नहीं की जाती है। खंडपीठ ने कहा कि जवाबदेही की कमी के कारण अक्सर उनकी निष्क्रियता के कारण अपहरण दुखद रूप से...
पक्षकारों के बीच न्याय करने के लिए प्रारंभिक डिक्री में संशोधन करने का अधिकार ट्रायल कोर्ट को: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि पक्षकारों के बीच न्याय करने के लिए प्रारंभिक डिक्री में संशोधन करने का अधिकार ट्रायल कोर्ट को है।बलिराम आत्माराम केलापुरे बनाम इंदिराबाई और एस. सतनाम सिंह एवं अन्य बनाम सुरेंदर कौर एवं अन्य में सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का हवाला देते हुए जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने कहा,“CPC की धारा 97 का प्रावधान या माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा उक्त प्रावधान की व्याख्या पक्षकारों के बीच न्याय करने के लिए आवश्यक होने पर प्रारंभिक डिक्री में संशोधन करने की ट्रायल कोर्ट की शक्ति को...
एक बार अभ्यर्थियों को नियमित पदों पर समाहित कर लिया जाए तो प्रारंभिक नियुक्तियों में अनियमितता को ठीक मान लिया जाएगाः इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि एक बार अपीलकर्ता-कर्मचारियों को नियमित पदों पर रिक्तियों के विरुद्ध समाहित कर लिया जाए तो उनकी प्रारंभिक नियुक्ति के समय जो भी अनियमितता रही होगी उसे ठीक मान लिया जाएगा।अस्वीकृत पदों पर नियुक्तियों के कारण कर्मचारियों की बाद में बर्खास्तगी के मामले में जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस डॉ. योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने कहा कि अपीलकर्ताओं की कोई गलती नहीं थी, भले ही उनकी प्रारंभिक नियुक्तियों में अनियमितता थी।अपीलकर्ता-याचिकाकर्ताओं को क्रमशः 1987 और 1989 में...




















