इलाहाबाद हाइकोर्ट ने लंबित मामलों के सामूहिक निपटाने पर राजस्व सचिव से जवाब मांगा
Amir Ahmad
18 Jan 2024 1:10 PM IST
इलाहाबाद हाइकोर्ट ने राजस्व अधिकारियों द्वारा अभियोजन की कमी के कारण मामलों के सामूहिक निपटान पर उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व सचिव से जवाब मांगा था।
एक्टिंग चीफ जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने कहा,
"हम बकाया राशि में कमी के लिए किए गए राज्य सरकार के प्रयास की सराहना करते। लेकिन जिस तरीके से उक्त उद्देश्य को प्राप्त किया जा रहा है, हम उसे स्वीकार नहीं करते।"
यूपी राज्य ने 5 अक्टूबर, 2023 को अधिसूचना जारी कर सभी राजस्व अधिकारियों को लंबित मामले को समय पर और शीघ्र तरीके से निपटाने का निर्देश दिया। वहीं याचिकाकर्ता तहसील सिकंदरपुर बार एसोसिएशन ने तर्क दिया कि सरकार की मंशा कानून के अनुसार शीघ्र निस्तारण की थी।
यह तर्क दिया गया कि 1000 से अधिक मामले डिफ़ॉल्ट रूप से खारिज कर दिए गए और कोई नया मामला दर्ज नहीं किया जा रहा, जिससे लंबित मामलों पर अंकुश लगाया जा सके।
आगे यह तर्क दिया गया कि इस तरह के निपटान से कार्यवाही की बहुलता हो रही है, क्योंकि डिफ़ॉल्ट रूप से खारिज किए गए मामलों में बहाली आवेदन दायर किए जा रहे हैं।
तदनुसार, न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व सचिव को इस मुद्दे की जांच करने और इस तरीके से मामलों को सामूहिक रूप से खारिज करने से बचने के लिए उपचारात्मक उपायों के बारे में न्यायालय को सूचित करने का निर्देश दिया।
मामले को 29 जनवरी, 2024 को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया।
केस टाइटल- तहसील सिकंदरपुर बार एसोसिएशन बनाम यूपी राज्य और 4 अन्य।
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