सरकारी वकीलों में कानूनी कौशल और सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख फैसलों की जानकारी का अभाव: इलाहाबाद हाइकोर्ट ने प्रधान सचिव से मांगा निजी हलफनामा

Amir Ahmad

10 Jan 2024 6:33 AM GMT

  • सरकारी वकीलों में कानूनी कौशल और सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख फैसलों की जानकारी का अभाव: इलाहाबाद हाइकोर्ट ने प्रधान सचिव से मांगा निजी हलफनामा

    इलाहाबाद हाइकोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य के प्रधान सचिव (कानून) से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा। प्रधान सचिव से जवाब मांगा गया कि राज्य के लिए सरकारी वकील के पद पर नियुक्ति कैसे की गई।

    यह एक ही दिन में दूसरा ऐसा आदेश है, जिसमें हाइकोर्ट ने सरकारी वकीलों से कम कानूनी सहायता के बारे में चिंता व्यक्त की। अन्य मामले में न्यायालय ने प्रधान सचिव और एडवोकेट जनरल से राय मांगी कि वे इस मुद्दे को कैसे एड्रेस करना चाहते हैं।

    जस्टिस अब्दुल मोइन ने कहा,

    “प्रमुख सचिव (कानून) अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करेंगे, जिसमें यह दर्शाया जाएगा कि ऐसे सरकारी वकील कैसे नियुक्त किए गए, जिनके पास कानूनी कौशल या प्रासंगिक मामले कानूनों का ज्ञान भी नहीं है, जो उठाए जा रहे मामलों पर असर डालेंगे और अदालत को सूचित करेंगे। माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय-समय पर पारित किए गए निर्णयों के बारे में और जिनका इस न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध होने वाले मामलों पर सीधा असर पड़ा है। इस विकट स्थिति को कैसे एड्रेस किया जाना है।”

    उचित मूल्य की दुकान का लाइसेंस रद्द करने और उसके बाद अपील खारिज होने को चुनौती देते हुए रिट याचिका दायर की गई। रिट याचिका 10 फरवरी, 2023 को दायर की गई। तत्कालीन सरकारी वकील ने 14 फरवरी, 2023 को निर्देश के लिए समय मांगा, क्योंकि अदालत के सामने मौजूद सरकारी वकील कानूनी बिंदु पर अदालत की सहायता नहीं कर सके।

    इसलिए अदालत ने इस प्रकार कहा,

    “लगभग एक वर्ष बीत जाने के बावजूद, सरकारी वकील अदालत को सूचित करने या इस बिंदु पर कानूनी सहायता देने में विफल रहे हैं कि राम कुमार के मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर बाद के आवंटियों को क्या पक्षकार के रूप में शामिल किया जाए।”

    न्यायालय द्वारा उसी दिन पारित पहले के आदेश पर विचार करते हुए न्यायालय ने उत्तर प्रदेश राज्य के प्रमुख सचिव (कानून) से दो सप्ताह के भीतर व्यक्तिगत हलफनामा मांगा। कोर्ट ने कहा कि व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने में विफलता के मामले में अदालत प्रमुख सचिव (कानून) को अदालत के समक्ष बुला सकती है।

    केस टाइटल- दिलीप कुमार दुबे बनाम अपर. आयुक्त, प्रशासन द्वितीय देवीपाटन मंडल, गोंडा और 2 अन्य ।

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