एसिड की खुली बिक्री पर प्रतिबंध की मांग वाली याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया

Shahadat

10 Jan 2024 12:52 PM IST

  • एसिड की खुली बिक्री पर प्रतिबंध की मांग वाली याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य भर में एसिड की खुली बिक्री को रोकने के लिए राज्य अधिकारियों द्वारा लागू किए गए उपायों को निर्दिष्ट करते हुए हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त, अदालत ने पिछले पांच वर्षों में राज्य पुलिस द्वारा दर्ज किए गए एसिड हमले के मामलों का विवरण मांगा।

    एक्टिंग चीफ जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश में एसिड की खुली बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाले 6 लॉ स्टूडेंट द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए विवरण मांगा।

    हाईकोर्ट के समक्ष स्टूडेंट ने प्रस्तुत किया कि अपनी इंटर्नशिप के दौरान, उन्होंने यह पता लगाने के लिए सर्वेक्षण किया कि एसिड हमलों को रोकने के लिए लक्ष्मी बनाम भारत संघ और अन्य (2014) मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाए गए दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है या नहीं। उन्होंने पाया कि वे काउंटर पर दुकानदारों से एसिड खरीदने में सक्षम है।

    उल्लेखनीय है कि लक्ष्मी मामले (सुप्रा) में सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय के सचिव और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव को राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ इस मामले को उठाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सुनिश्चित करें कि काउंटर पर एसिड की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए उचित अधिसूचना जारी की जाए।

    जनहित याचिका में आगे कहा गया कि दुकानदार उस व्यक्ति का पता बताने वाला कोई लॉग रजिस्टर नहीं रखते पाए गए, जिसे एसिड बेचा गया। उन्होंने याचिकाकर्ताओं को एसिड की बोतलें बेचते समय उनकी आईडी भी नहीं मांगी।

    जनहित याचिका में दिए गए कथनों पर ध्यान देते हुए न्यायालय ने एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल को अधिकारी का हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया, जो उप/विशेष सचिव से नीचे का न हो, जिसमें उठाए गए कदमों के संबंध में पूरी तस्वीर दी गई हो। राज्य द्वारा एसिड हमलों को रोकने के लिए और क्या लक्ष्मी (सुप्रा) में बनाए गए दिशानिर्देशों का अनुपालन किया जा रहा है।"

    इसके साथ ही मामले की सुनवाई अब 23 जनवरी को तय की गई।

    केस टाइटल- नव्या केसरवानी और 5 अन्य बनाम यूपी राज्य और 3 अन्य [सार्वजनिक हित याचिका (पीआईएल) नंबर- 3031/2023]

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