इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 'न्याय के हित' में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित 15 मुकदमों को समेकित किया

Shahadat

12 Jan 2024 12:18 PM IST

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न्याय के हित में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित 15 मुकदमों को समेकित किया

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़े 15 मुकदमों को एक साथ करने का निर्देश दिया। यह आदेश सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश IV-ए के तहत हिंदू वादी द्वारा दायर आवेदन पर 'न्याय के हित में' पारित किया गया।

    इन सभी मुकदमों में एक आम प्रार्थना शामिल है, जिसमें 13.37 एकड़ के परिसर से शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई, जो मथुरा में कटरा केशव देव मंदिर के साथ है। अतिरिक्त प्रार्थनाओं में शाही ईदगाह परिसर पर कब्ज़ा करने और वहां स्थित वर्तमान संरचना को ध्वस्त करने की मांग शामिल है।

    कोर्ट ने कहा,

    "इन मुकदमों में कार्यवाही शुरू की जा सकती है और सामान्य साक्ष्य के आधार पर मुकदमों का फैसला एक साथ किया जा सकता है। न्यायालय का समय बचाने, पक्षकारों पर होने वाले खर्च को बचाने और विरोधाभासी निर्णयों से बचने के लिए यह समीचीन प्रतीत होता है।

    जस्टिस मयंक जैन की पीठ ने अपने आदेश में कहा,

    ''मुकदमों को एक-दूसरे के साथ समेकित करना न्याय का हित है।''

    यह आदेश तब पारित किया गया, जब हिंदू वादी की ओर से पेश हुए वकील विष्णु शंकर जैन ने तर्क दिया कि 25 सितंबर, 2020 को सिविल जज (सीनियर डिवीजन), मथुरा के समक्ष मूल मुकदमा दायर किए जाने के बाद, “समान प्रकृति के कुछ अन्य मुकदमों के संबंध में” कटरा, केशव देव की 13.37 एकड़ जमीन और विवादित ढांचे को हटाने के लिए याचिका दायर की गई है।”

    मुकदमों को समेकित करने का आदेश पारित करने से पहले न्यायालय ने सुन्नी वक्फ बोर्ड, ईदगाह मस्जिद समिति और अन्य प्रतिवादियों के रुख को भी ध्यान में रखा, जिन्होंने कहा कि उन्हें मुकदमों के एकीकरण पर कोई आपत्ति नहीं है।

    इसके अलावा, ईदगाह मस्जिद के निरीक्षण के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति की मांग करने वाली याचिका को अनुमति देने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के दिसंबर, 2023 के आदेश के संबंध में वकील जैन ने प्रस्तुत किया कि 6 आयोग की संरचना और तौर-तरीके अभी भी न्यायालय द्वारा निर्धारित नहीं किए गए।

    उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट के पिछले महीने के आदेश के अनुसार, उन्होंने आवेदन किया कि आयोग का नेतृत्व रिटायर्ड हाईकोर्ट जज और दो वकील कर सकते हैं। यह भी प्रार्थना की गई कि वादी की ओर से कुछ वकीलों को भी आयोग की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी जाए।

    हालांकि उन्होंने आयोग की संरचना और तौर-तरीकों पर तत्काल सुनवाई की मांग की, लेकिन अदालत ने प्रतिवादियों के वकीलों की अनुपस्थिति को देखते हुए सुनवाई 17 जनवरी तक के लिए टाल दी।

    केस टाइटल- भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव खेवट नंबर 255 और 7 अन्य बनाम यू.पी. सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और 3 अन्य

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