Krishna Janmabhoomi-Shahi Eidgah Dispute| मस्जिद की जगह का पता लगाने के लिए राजस्व सर्वेक्षक की नियुक्ति की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका
Shahadat
18 Jan 2024 11:21 AM IST
मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष लंबित मुकदमे में महत्वपूर्ण घटनाक्रम में अब शाही मस्जिद ईदगाह के सटीक स्थान का पता लगाने के लिए राजस्व सर्वेक्षक की नियुक्ति के लिए आवेदन दायर किया गया।
जस्टिस मयंक कुमार जैन की पीठ ने आवेदन को रिकॉर्ड पर लेते हुए 17 जनवरी को प्रतिवादियों (यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड सहित) को इस पर अपनी आपत्तियां दर्ज करने की स्वतंत्रता दी।
मामले की सुनवाई अब 30 जनवरी को तय की गई।
गौरतलब है कि यह आवेदन सुप्रीम कोर्ट द्वारा कृष्ण जन्मभूमि मामले में मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए आयुक्त नियुक्त करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के कार्यान्वयन पर रोक लगाने के एक दिन बाद दायर किया गया।
सीपीसी के आदेश 26 नियम 9 और 10 के तहत दायर आवेदन देवता (भगवान श्री कृष्ण विराजमान) और 7 अन्य लोगों द्वारा वकील हरि शंकर जैन, विष्णु शंकर जैन और प्रभाष पांडे के माध्यम से दायर किया गया। इसमें रिपोर्ट मांगी गई कि क्या शाही मस्जिद ईदगाह 13.37 एकड़ ज़मीन के उस इलाका के अंतर्गत आती है, जो विवाद के केंद्र में है।
आवेदन में आगे कहा गया कि पक्षकारों के बीच यह मामला है कि क्या शाही मस्जिद ईदगाह कटरा केशव देव की 13.37 एकड़ जमीन के भीतर आती है, जिसे राजा पटनी मल ने खरीदा था या वह उक्त क्षेत्र के बाहर है। इसलिए यह प्रार्थना की गई है।
कोर्ट से कहा कि यह पता लगाने के लिए कि कटरा केशव देव की 13.37 एकड़ भूमि के भीतर विवादित ढांचा मौजूद है या नहीं, कोर्ट संबंधित भूमि का सर्वेक्षण करने का निर्देश दे सकता है।
संदर्भ के लिए विचाराधीन आवेदन हाईकोर्ट में लंबित मूल मुकदमे में दायर किया गया, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ यह घोषणा करने की मांग की गई कि विवादित भूमि (वह क्षेत्र जहां शाही ईदगाह मस्जिद स्थित है) देवता भगवान श्री कृष्ण विराजमान में निहित है, इसलिए प्रतिवादियों (यूपी सुन्नी यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड सहित) को मस्जिद हटाने का निर्देश दिया जाए।
मुकदमे में यह भी दावा किया गया है कि मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण सम्राट औरंगजेब के आदेश के तहत कृष्ण जन्मभूमि के निकट हिंदू मंदिर को ध्वस्त करने के बाद किया गया था, जिसके बारे में माना जाता है कि यह वही स्थान है, जहां भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था।
बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए एकल न्यायाधीश ने मामले में कोर्ट की सहायता के लिए सीनियर एडवोकेट मनीष गोयल को एमिक्स क्यूरी नियुक्त किया।