सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों को स्थायी दर्जा देने के मामले में अवमानना मामले में BMC आयुक्त को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा
सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों को स्थायी दर्जा देने के मामले में अवमानना मामले में BMC आयुक्त को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा

अपने कुछ कर्मचारियों को स्थायी दर्जा देने के निर्देशों का पालन न करने पर बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के खिलाफ दायर अवमानना याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नगर निगम आयुक्त को अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने निगम के हलफनामे पर गौर करने के बाद कहा,"...प्रथम दृष्टया हमारा मानना है कि ट्रिब्यूनल के फैसले, जैसा कि बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा पुष्टि की गई और इस न्यायालय द्वारा 7 अप्रैल 2017 के आदेश के तहत संशोधित किया गया,...

याद रखें हम वादियों के लिए मौजूद हैं: सुप्रीम कोर्ट ने 5 महीने तक तलाक का आदेश न जारी करने पर रजिस्ट्री को फटकार लगाई
'याद रखें हम वादियों के लिए मौजूद हैं': सुप्रीम कोर्ट ने 5 महीने तक तलाक का आदेश न जारी करने पर रजिस्ट्री को फटकार लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने (01 मार्च को) तलाक की डिक्री निकालने के अपने विशिष्ट निर्देश का पालन करने में विफल रहने के लिए अपनी रजिस्ट्री पर नाराजगी व्यक्त की। यह बताना उचित होगा कि इस डिक्री के तहत दस से अधिक कार्यवाहियों का निस्तारण आपसी सहमति से किया गया। हालांकि, पांच महीने से अधिक समय तक इस निर्देश का अनुपालन नहीं किया गया।कोर्ट ने कहा,“हमें यहां ध्यान देना चाहिए कि डिक्री हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13 (बी) के तहत तलाक की है और उक्त डिक्री के तहत 10 से अधिक कार्यवाहियों का निपटारा किया गया। इस...

पहले धार्मिक समिति को जांच करने दें: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के महरौली में दरगाह की सुरक्षा याचिका पर कहा
'पहले धार्मिक समिति को जांच करने दें': सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के महरौली में दरगाह की सुरक्षा याचिका पर कहा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (5 मार्च) को दिल्ली के महरौली में कुछ धार्मिक संरचनाओं के अस्तित्व पर अपना फैसला टाल दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं और अधिकारियों को पहले अदालत द्वारा गठित धार्मिक समिति को अपना प्रतिनिधित्व देने का निर्देश दिया।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ महरौली पुरातत्व पार्क के अंदर 13वीं सदी की आशिक अल्लाह दरगाह (1317 ईस्वी) और बाबा फरीद की चिल्लागाह सहित सदियों पुरानी धार्मिक संरचनाओं को विध्वंस से बचाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। यह याचिका...

सुप्रीम कोर्ट ने सैन्य अस्पताल में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के कारण एचआईवी से संक्रमित हुए पूर्व वायु सेना अधिकारी को तत्काल 18 लाख रुपये जारी करने का निर्देश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने सैन्य अस्पताल में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के कारण एचआईवी से संक्रमित हुए पूर्व वायु सेना अधिकारी को तत्काल 18 लाख रुपये जारी करने का निर्देश दिया

पूर्व वायु सेना अधिकारी द्वारा दायर अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अन्य बातों के साथ-साथ मेडिकल लापरवाही के मुआवजे के रूप में अदालत द्वारा आदेशित कुल 1.6 करोड़ रुपये की राशि में से 18 लाख रुपये तत्काल जारी करने का निर्देश दिया। उक्त सैन्य कर्मी सैन्य अस्पताल में एचआईवी से संक्रमित हो गया था।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने कहा,"...इस बीच हम प्रतिवादियों को निर्देश देते हैं कि वे याचिकाकर्ता को तुरंत इस न्यायालय के फैसले के पैरा 89 में निर्धारित 18 लाख रुपये की राशि का...

संदेशखाली हिंसा: कलकत्ता हाईकोर्ट ने ईडी अधिकारियों पर हमले की जांच सीबीआई से कराने को कहा, पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
संदेशखाली हिंसा: कलकत्ता हाईकोर्ट ने ईडी अधिकारियों पर हमले की जांच सीबीआई से कराने को कहा, पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

पश्चिम बंगाल राज्य ने संदेशखाली में ईडी अधिकारियों के खिलाफ हमले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करते हुए मंगलवार (5 मार्च) को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। यह घटनाक्रम हाईकोर्ट के उस आदेश के कुछ घंटों के भीतर आया है, जिसमें मामले को मुख्य आरोपी टीएमसी नेता शाहजहां शेख की हिरासत को आज शाम 4.30 बजे तक सीबीआई को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया था। शीर्ष अदालत के तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करने वाली पश्चिम बंगाल की याचिका...

UAPA मामले में जीएन साईबाबा को बरी करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची महाराष्ट्र सरकार
UAPA मामले में जीएन साईबाबा को बरी करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची महाराष्ट्र सरकार

जीएन साईबाबा को बरी किए जाने के कुछ ही घंटों बाद महाराष्ट्र राज्य ने मंगलवार (5 मार्च) को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ के हालिया फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर और मानवाधिकार कार्यकर्ता को बड़ी राहत देते हुए हाईकोर्ट ने कथित माओवादी-संबंध मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA Act) के तहत उनकी और पांच अन्य की सजा रद्द कर दी।जस्टिस विनय जोशी और जस्टिस वाल्मिकी एसए मेनेजेस की बेंच ने यह फैसला सुनाया।बाद में इस खंडपीठ ने...

लिखित बयान में वाद का पैरा-वार उत्तर होना चाहिए; जब तक विशेष रूप से इनकार न किया जाए, आरोप स्वीकार किए जाने योग्य माने जाएंगे: सुप्रीम कोर्ट
लिखित बयान में वाद का पैरा-वार उत्तर होना चाहिए; जब तक विशेष रूप से इनकार न किया जाए, आरोप स्वीकार किए जाने योग्य माने जाएंगे: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (4 मार्च) को कहा कि वादी द्वारा किए गए दावे के खिलाफ पैरावाइज जवाब देने में प्रतिवादी की विफलता को वादी में लगाए गए आरोपों को प्रतिवादी के खिलाफ स्वीकार किया जाएगा।जस्टिस सी.टी. रविकुमार एवं जस्टिस राजेश बिंदल की खंडपीठ ने कहा,“आदेश VIII नियम 3 और 5 सीपीसी स्पष्ट रूप से वादी में दलीलों की विशिष्ट स्वीकृति और खंडन का प्रावधान करता है। सामान्य या टाल-मटोल से इनकार को पर्याप्त नहीं माना जाता। सीपीसी के आदेश VIII नियम 5 के प्रावधान में यह प्रावधान है कि भले ही स्वीकृत तथ्यों...

BREAKING| सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामला रद्द किया
BREAKING| सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामला रद्द किया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (5 मार्च) को कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और उनके सहयोगी द्वारा 2018 मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आपराधिक कार्यवाही को चुनौती देने वाली अपील की अनुमति दी।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने कांग्रेस नेता और उनके सहयोगी अंजनेय हनुमंतैया द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उन्हें जारी किए गए समन को बरकरार रखने वाले 2019 कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका को अनुमति दे दी।हाईकोर्ट की एकल-न्यायाधीश पीठ द्वारा उद्धृत प्राथमिक...

अनधिकृत अधिकारी द्वारा मांस का नमूना एकत्र किए जाने पर कर्नाटक गोहत्या रोकथाम अधिनियम के तहत कोई मामला नहीं: सुप्रीम कोर्ट
अनधिकृत अधिकारी द्वारा मांस का नमूना एकत्र किए जाने पर कर्नाटक गोहत्या रोकथाम अधिनियम के तहत कोई मामला नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा कि कर्नाटक गोहत्या रोकथाम और मवेशी संरक्षण अधिनियम, 1964 के तहत कोई मामला टिकाऊ नहीं है, जब मांस का नमूना ऐसे अधिकारी द्वारा जब्त किया गया, जो ऐसा करने के लिए अधिकृत नहीं है।जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा, जिसने कर्नाटक गोवध रोकथाम और मवेशी संरक्षण अधिनियम के तहत एफआईआर इस आधार पर रद्द कर दी गई कि नमूना अनधिकृत अधिकारी द्वारा जब्त किया गया।अदालत मामला रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाले...

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी राज्य से कैदियों के डेटा पर NIC के ई-मॉड्यूल में अपलोड किए गए विवरण की जानकारी मांगी
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी राज्य से कैदियों के डेटा पर NIC के ई-मॉड्यूल में अपलोड किए गए विवरण की जानकारी मांगी

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) द्वारा बनाए गए ई-मॉड्यूल पर अपलोड किए गए विवरण के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया।इस ई-मॉड्यूल में प्रत्येक राज्य को दोषी की स्थिति, उसके द्वारा बिताए गए वर्षों की संख्या और ऐसे अन्य विवरण सहित आवश्यक जानकारी अपलोड करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, सभी राज्यों को इस ई-मॉड्यूल को अपनाना आवश्यक है।जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने वर्ष 2021 में यूपी राज्य...

ब्याज दर NBFC नीति का मामला, लोन प्राप्तकर्ता राशि चुकाने के बाद ब्याज दर पर आपत्ति नहीं कर सकता: सुप्रीम कोर्ट
ब्याज दर NBFC नीति का मामला, लोन प्राप्तकर्ता राशि चुकाने के बाद ब्याज दर पर आपत्ति नहीं कर सकता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (4 मार्च) को कहा कि एक बार जब कोई व्यक्ति सहमत ब्याज दर पर लोन ले लेता है तो निर्धारित ब्याज दर के साथ लोन राशि का भुगतान करने के बाद वह ब्याज की वापसी का दावा नहीं कर सकता है। आरोप है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) द्वारा आरबीआई द्वारा तय की गई ब्याज दर से अधिक ब्याज दर ली जाती है।जस्टिस ए.एस. बोपन्ना और जस्टिस एम.एम. सुंदरेश की खंडपीठ ने कहा कि लोन देने और वसूली पर ब्याज दर तय करना नीति का मामला है। इसलिए NBFC को लोन देने और धन की वसूली पर ब्याज दर तय करने का...

रिश्वत का अपराध उस कार्य के वास्तविक निष्पादन पर निर्भर नहीं, जिसके लिए रिश्वत ली गई, रिश्वत स्वीकार करना ही काफी: सुप्रीम कोर्ट
रिश्वत का अपराध उस कार्य के वास्तविक निष्पादन पर निर्भर नहीं, जिसके लिए रिश्वत ली गई, रिश्वत स्वीकार करना ही काफी: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिश्वतखोरी का अपराध उसी क्षण पूरा हो जाता है जब अवैध परितोषण स्वीकार कर लिया जाता है और यह उस वादे के वास्तविक प्रदर्शन पर निर्भर नहीं होता है जिसके लिए रिश्वत मांगी गई थी। सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की संविधान पीठ ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में यह टिप्पणी करते हुए कहा कि विधायिका में वोट देने या भाषण देने के लिए रिश्वत लेने वाले विधायक संविधान के अनुच्छेद 105 या 194 के तहत विधायी विशेषाधिकार का दावा नहीं कर सकते हैं।भारत के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली 7-जजों की पीठ पीवी...

क्या पुरुष और महिला अफसरों के लिए प्रक्रिया समान है? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सेना में पीसी के लिए सूचीबद्ध करने पर स्पष्टीकरण मांगा
क्या पुरुष और महिला अफसरों के लिए प्रक्रिया समान है? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सेना में पीसी के लिए सूचीबद्ध करने पर स्पष्टीकरण मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (4 मार्च) को संघ को महिला समकक्षों की तुलना में पुरुष सैन्य अधिकारियों के बैच के पैनल में शामिल होने की प्रक्रिया और उठाए गए कदमों को स्पष्ट करते हुए एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। यह निर्देश स्थायी कमीशन देने के लिए महिला अधिकारियों को पैनल में शामिल करने के न्यायालय के पहले के निर्देशों के कथित उल्लंघन के लिए महिला सैन्य अधिकारियों द्वारा दायर अवमानना ​​याचिका के आलोक में आया है।आवेदकों का प्रतिनिधित्व करने वाले सीनियर एडवोकेट हुज़ेफ़ा अहमदी ने भारतीय सेना में...

राज्यसभा की भूमिका मूल संरचना का एक हिस्सा, राज्यसभा चुनाव अनुच्छेद 194 के तहत विधायिका विशेषाधिकार से संरक्षित : सुप्रीम कोर्ट
राज्यसभा की भूमिका मूल संरचना का एक हिस्सा, राज्यसभा चुनाव अनुच्छेद 194 के तहत विधायिका विशेषाधिकार से संरक्षित : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (4 मार्च) को अपने 2006 के कुलदीप नैयर फैसले को स्पष्ट करते हुए घोषणा की कि राज्यसभा चुनाव संविधान के अनुच्छेद 194(2) के दायरे में हैं।यह देखते हुए कि संसद के ऊपरी सदन की भूमिका संविधान की मूल संरचना का एक हिस्सा है, यह माना गया कि अनुच्छेद 105(2) और 194(2) के तहत संसदीय विशेषाधिकार केवल सदन के पटल पर विधायी गतिविधियों तक सीमित नहीं हो सकते लेकिन सदन के सत्र में न होने पर भी विधायी निकाय में निर्वाचित सदस्यों की अन्य शक्तियों और जिम्मेदारियों को भी बढ़ाया गया है।यह...

आकस्मिक तरीके से दायर विशेष अनुमति याचिका बर्दाश्त नहीं कर सकते: सुप्रीम कोर्ट ने AoR पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया
'आकस्मिक तरीके से दायर विशेष अनुमति याचिका बर्दाश्त नहीं कर सकते': सुप्रीम कोर्ट ने AoR पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया

सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (AoR) पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने यह जुर्माना तब लगाया, जब एक आपराधिक अपील आकस्मिक तरीके से दायर की गई। साथ ही अपील में शामिल दो आधार गलत और भ्रामक थे।कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि इस तरह की लागत का भुगतान सुप्रीम कोर्ट मिडिल इनकम ग्रुप लीगल एड सोसाइटी को व्यक्तिगत रूप से किया जाना चाहिए।जस्टिस अभय एस. ओक और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की खंडपीठ अग्रिम जमानत की मांग वाली आपराधिक अपील पर विचार कर रही थी। वर्तमान अपीलकर्ता पर खतरनाक हथियारों या...

क्या वाहन की बिक्री पर मोटर बीमा पॉलिसी का ट्रांसफर केवल तीसरे पक्ष के जोखिमों पर लागू माना जाता है? सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बेंच को रेफर किया
क्या वाहन की बिक्री पर मोटर बीमा पॉलिसी का ट्रांसफर केवल तीसरे पक्ष के जोखिमों पर लागू माना जाता है? सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बेंच को रेफर किया

सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले दो निर्णयों के बीच विसंगति पाए जाने के बाद मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (MV Act) के तहत वाहन स्वामित्व के हस्तांतरण पर बीमा पॉलिसी के डीम्ड ट्रांसफर के मुद्दे को बड़ी पीठ के पास भेज दिया।सुप्रीम कोर्ट ने कंप्लीट इंसुलेशन प्राइवेट लिमिटेड बनाम न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और सुरेंद्र कुमार भिलावे बनाम द न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में अपने पहले के फैसलों के बीच विसंगति देखने के बाद उपरोक्त मुद्दे को एक बड़ी पीठ के पास भेज दिया।जबकि कंप्लीट इंसुलेशन के फैसले...

सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल झील की सुरक्षा के NGT के आदेश के खिलाफ मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम की अपील खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल झील की सुरक्षा के NGT के आदेश के खिलाफ मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम की अपील खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (4 मार्च) को मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर आश्चर्य व्यक्त किया। उक्त आदेश का उद्देश्य राज्य में झीलों को बचाना है।जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने कहा,"आक्षेपित आदेश के अनुसार, राज्य में विभिन्न झीलों को बचाने के लिए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण द्वारा प्रयास किया गया... हम यह समझने में विफल हैं कि राज्य का पर्यटन विकास निगम झीलों की सुरक्षा के लिए NGT द्वारा जारी निर्देश से...

CBSE और राज्य बोर्डों द्वारा मान्यता प्राप्त ओपन स्कूल के स्टूडेंट NEET एग्जाम के पात्र: सुप्रीम कोर्ट
CBSE और राज्य बोर्डों द्वारा मान्यता प्राप्त ओपन स्कूल के स्टूडेंट NEET एग्जाम के पात्र: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और राज्य शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त सभी ओपन स्कूल अब राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (NMC) द्वारा मान्यता प्राप्त होंगे।परिणामस्वरूप, ओपन स्कूल से 10+2 उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवार ऐसी परीक्षा में बैठने के पात्र होंगे। उल्लेखनीय है कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया रेगुलेशन ऑन ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन, 1997 के विनियमन 4(2)(ए) के प्रावधान ने ऐसे उम्मीदवारों को परीक्षा में बैठने से रोक दिया...

सुप्रीम कोर्ट ने शानन जलविद्युत परियोजना पर नियंत्रण को लेकर पंजाब के मुकदमे पर हिमाचल प्रदेश को समन जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने शानन जलविद्युत परियोजना पर नियंत्रण को लेकर पंजाब के मुकदमे पर हिमाचल प्रदेश को समन जारी किया

दिनांक 01.03.2024 विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पारित शानन पावर हाउस हाइडल प्रोजेक्ट के कब्जे और नियंत्रण में हस्तक्षेप को रोकने के लिए पंजाब राज्य द्वारा दायर मूल मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को समन जारी किया। साथ ही पक्षकारों को आदेश के संदर्भ में यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा।जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया, जो संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत पंजाब के मुकदमे की सुनवाई कर रही थी। उक्त मामले में आरोप लगाया गया कि हिमाचल प्रदेश...