सुप्रीम कोर्ट ने शानन जलविद्युत परियोजना पर नियंत्रण को लेकर पंजाब के मुकदमे पर हिमाचल प्रदेश को समन जारी किया
Shahadat
5 March 2024 8:50 AM IST
दिनांक 01.03.2024 विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पारित शानन पावर हाउस हाइडल प्रोजेक्ट के कब्जे और नियंत्रण में हस्तक्षेप को रोकने के लिए पंजाब राज्य द्वारा दायर मूल मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को समन जारी किया। साथ ही पक्षकारों को आदेश के संदर्भ में यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा।
जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया, जो संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत पंजाब के मुकदमे की सुनवाई कर रही थी। उक्त मामले में आरोप लगाया गया कि हिमाचल प्रदेश सरकार दुर्भावनापूर्ण तरीके से उसे मुकदमे की संपत्ति (यानी परियोजना) से बेदखल करने की कोशिश कर रही है।
उल्लेखनीय है कि विचाराधीन परियोजना हिमाचल प्रदेश में स्थित है और इसका वार्षिक कारोबार लगभग 200 करोड़ रुपये है। इसकी स्थापना 1925 में तत्कालीन मंडी रियासत में हुई थी, लेकिन इसे पंजाब सरकार को पट्टे पर दे दिया गया। 1966 में जब पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश राज्यों का पुनर्गठन हुआ तो परियोजना पंजाब को आवंटित की गई। राज्य के पक्ष में 99 साल का पट्टा 2 मार्च, 2024 को समाप्त हो गया।
हिमाचल प्रदेश के इस दावे की पृष्ठभूमि में कि वह इस परियोजना पर कब्ज़ा कर लेगा, वर्तमान मुकदमा पंजाब द्वारा दायर किया गया। इसमें कहा गया कि इसे सिंचाई और बिजली मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 1 मई, 1967 को जारी अधिसूचना के माध्यम से आवंटित किया गया। राज्य ने दावा किया कि 1932 में इसकी स्थापना के बाद से परियोजना का कब्जा, नियंत्रण और प्रबंधन उसके पास है। अंतरिम राहत के रूप में उसने हिमाचल प्रदेश के खिलाफ अस्थायी अंतरिम निषेधाज्ञा के लिए प्रार्थना की, जिससे यथास्थिति बनाए रखी जा सके।
एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह, एडिशनल एडवोकेट जनरल शादान फरासत और एओआर सिद्धांत शर्मा पंजाब राज्य की ओर से पेश हुए।
केस टाइटल: पंजाब राज्य बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य और अन्य, ORGNL.SUIT नंबर 2/2024