SC के ताज़ा फैसले
अभियोजन द्वारा प्रथम दृष्टया मामला स्थापित न किए जाने तक साक्ष्य अधिनियम की धारा 106 लागू नहीं की जा सकती: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 106 के आवेदन से संबंधित सिद्धांतों को स्पष्ट किया है।साक्ष्य अधिनियम की धारा 106 सामान्य नियम (साक्ष्य अधिनियम की धारा 101) का अपवाद है कि सबूत का बोझ उस व्यक्ति पर है, जो किसी तथ्य के अस्तित्व पर जोर दे रहा है। साक्ष्य अधिनियम की धारा 106 के अनुसार, यदि कोई तथ्य किसी व्यक्ति की विशेष जानकारी में है तो उस तथ्य को साबित करने का भार उसी पर होता है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ...
आईपीसी की धारा 498ए को पति के खिलाफ यंत्रवत् लागू नहीं किया जा सकता, पति-पत्नी के बीच रोज-रोज के झगड़े "क्रूरता" की श्रेणी में नहीं आ सकते: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने पति और ससुराल वालों के खिलाफ पत्नियों द्वारा दायर शिकायतों पर दर्ज एफआईआर में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 498 ए के तहत दंडनीय घरेलू क्रूरता के अपराध को "यांत्रिक रूप से" लागू करने के खिलाफ पुलिस को आगाह किया।अदालत ने कहा,"उन सभी मामलों में जहां पत्नी उत्पीड़न या दुर्व्यवहार की शिकायत करती है, आईपीसी की धारा 498ए को यांत्रिक रूप से लागू नहीं किया जा सकता। प्रत्येक वैवाहिक आचरण, जो दूसरे के लिए झुंझलाहट का कारण बन सकता है, क्रूरता की श्रेणी में नहीं आ सकता है। केवल मामूली...
JJ Act | मामले के निपटारे के बाद भी किसी भी स्तर पर किशोर उम्र की याचिका लगाई जा सकती है: सुप्रीम कोर्ट
यह देखते हुए कि आरोपी के किशोर होने की दलील किसी भी अदालत के समक्ष किसी भी स्तर पर उठाई जा सकती है, यहां तक कि मामले के अंतिम निपटान के बाद भी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उचित जांच किए बिना किशोर होने की ऐसी याचिका खारिज नहीं की जा सकती।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने कानून के अनुसार अपीलकर्ता/अभियुक्त की किशोरता की याचिका पर विचार न करने के हाईकोर्ट के दृष्टिकोण से असहमत होते हुए कहा कि "प्रावधानों के अनुसार उचित जांच" JJ Act, 2000 या JJ Act, 2015 को लागू नहीं किया गया, जिससे...
BREAKING| सुप्रीम कोर्ट ने 2024-25 के लिए SCBA प्रेसिडेंट पोस्ट महिलाओं के लिए आरक्षित की, SCBA पदों में न्यूनतम 1/3 महिला आरक्षण का निर्देश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (2 मई) को आगामी चुनावों (2024-2025) सहित सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के पदों में "अब से" न्यूनतम 1/3 महिला आरक्षण लागू करने का निर्देश दिया।न्यायालय ने आगे निर्देश दिया कि 2024-25 के आगामी चुनावों में SCBA के प्रेसिडेंट का पद महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित रहेगा।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने आदेश दिया,"2024-25 के आगामी चुनावों में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन प्रेसिडेंट का पद महिलाओं के लिए आरक्षित है।"खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि यह आरक्षण पात्र...
S.205 CrPC | अदालत आरोपी को जमानत देने से पहले व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे सकती है: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (1 मई) को कहा कि जमानत देने से पहले भी आरोपी को अदालत के समक्ष अपनी व्यक्तिगत उपस्थिति दिखाने से छूट दी जा सकती है।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने कहा,“(हाईकोर्ट की) टिप्पणी कि जमानत प्राप्त करने से पहले व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट देने का कोई प्रावधान नहीं है, सही नहीं है, क्योंकि संहिता (दंड प्रक्रिया संहिता) के तहत व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट देने की शक्ति नहीं होनी चाहिए। आरोपी को जमानत दिए जाने के बाद ही इसे प्रतिबंधात्मक तरीके से लागू किया...
जघन्य अपराध के आरोपी के फरार होने या सबूत नष्ट करने की संभावना न होने तक गैर-जमानती वारंट न जारी किया जाए: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने 1 मई को दिए फैसले में नियमित रूप से गैर-जमानती वारंट जारी करने के प्रति आगाह किया। कोर्ट ने कहा कि गैर-जमानती वारंट तब तक जारी नहीं किए जाएंगे, जब तक कि आरोपी पर किसी जघन्य अपराध का आरोप न लगाया गया हो और कानून की प्रक्रिया से बचने या सबूतों से छेड़छाड़/नष्ट करने की संभावना न हो।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा,“हालांकि गैर-जमानती वारंट जारी करने के लिए दिशानिर्देशों का कोई व्यापक सेट नहीं है, इस अदालत ने कई मौकों पर देखा है कि गैर-जमानती वारंट तब तक जारी...
अगर सभी ज़रूरी समारोह नहीं किए गए तो हिंदू विवाह अमान्य, रजिस्ट्रेशन से ऐसा विवाह वैध नहीं होगा: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने हाल के फैसले में हिंदू विवाह अधिनियम 1955 (Hindu Marriage Act) के तहत हिंदू विवाह की कानूनी आवश्यकताओं और पवित्रता को स्पष्ट किया।न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि हिंदू विवाह को वैध बनाने के लिए इसे उचित संस्कारों और समारोहों के साथ किया जाना चाहिए, जैसे कि सप्तपदी (पवित्र अग्नि के चारों ओर सात कदम) शामिल होने पर और विवादों के मामले में इन समारोहों का प्रमाण आवश्यक है।जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने कहा:"जहां हिंदू विवाह लागू संस्कारों या सप्तपदी...
BREAKING | सुप्रीम कोर्ट ने 100% EVM-VVPAT सत्यापन की मांग वाली याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (26 अप्रैल) को वोटर वेरिफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) रिकॉर्ड के साथ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) डेटा के 100% क्रॉस-सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया। हालांकि, मामले 18 अप्रैल को आदेशों के लिए आरक्षित थे, लेकिन उन्हें 24 अप्रैल को फिर से सूचीबद्ध किया गया, क्योंकि पीठ चुनाव आयोग से कुछ तकनीकी स्पष्टीकरण चाहती थी। दिए गए जवाबों को ध्यान में रखते हुए आदेश सुनाया गया।दोनों जजों...
हाईकोर्ट को आमतौर पर जाति के दावों पर जांच समिति के निष्कर्षों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, जब तक कि निष्कर्ष विकृत न हों: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने आज (04 अप्रैल को) अपने द्वारा सुनाए गए महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि ऐसे मामलों में जहां जांच समिति ने जाति के दावे की वैधता का फैसला किया, अदालतों को तब तक हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए, जब तक कि समिति का निर्णय किसी विकृति से ग्रस्त न हो।अदालत ने आगे कहा,“यह अच्छी तरह से स्थापित है कि हाईकोर्ट के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट को भी अपीलीय निकाय की तरह तथ्यात्मक मुद्दों की गहन जांच से खुद को दूर रखना चाहिए, जब तक कि संबंधित प्राधिकारी द्वारा किए गए निष्कर्ष प्रत्यक्ष तौर पर विकृत न हों या...
Breaking: सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो मामले में 11 आरोपियों की सजा माफी का आदेश रद्द किया
सुप्रीम कोर्ट ने बहुप्रतीक्षित फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (8 जनवरी) को गुजरात में 2002 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान बिलकिस बानो सहित कई हत्याओं और सामूहिक बलात्कार के लिए आजीवन कारावास की सजा पाए 11 दोषियों की सजा में छूट रद्द कर दी। इन दोषियों को अगस्त 2022 में स्वतंत्रता दिवस पर रिहा कर दिया गया, जिससे व्यापक विवाद खड़ा हो गया और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष संवैधानिक चुनौतियां पैदा हुईं।जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की खंडपीठ ने अगस्त में शुरू हुई 11 दिनों की लंबी सुनवाई के...
"आप कानून के तहत सभी शक्तियों का आह्वान करने के लिए स्वतंत्र हैं" : सुप्रीम कोर्ट ने ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने की अर्जी पर केंद्र को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली पुलिस से कहा कि यह तय करके लिए वही 'पहला प्राधिकरण है कि प्रदर्शनकारी किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश दिया जा सकता है या नहीं। दिल्ली पुलिस द्वारा गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन करने के लिए प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के खिलाफ निषेधाज्ञा की मांग के लिए दायर एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा ये अवलोकन किया गया।दिल्ली में प्रवेश का सवाल कानून और व्यवस्था की स्थिति है जिसे पुलिस...
'त्योहारों से महत्वपूर्ण है जीवन की सुरक्षा': सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में पटाखों की बिक्री पर रोक के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश की पुष्टि की
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में दिवाली, छठ पूजा, काली पूजा, आदि त्योहारों पर पटाखों बेचने और फोड़ने पर प्रतिबंध संबंधित कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश की पुष्टि की। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और इंदिरा बनर्जी की अवकाश पीठ ने 5 नवंबर को पारित हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर विशेष अनुमति अवकाश याचिका को खारिज कर दिया।सोमवार को हुई संक्षिप्त सुनवाई में, जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि त्योहार मनाने से ज्यादा महत्वपूर्ण COVID-19 से जिंदगी बचाना है। उन्होंने याचिकाकर्ता गौतम रॉय के वकील सीनियर एडवोकेट...
वयस्क अविवाहित बेटी, यदि किसी शारीरिक या मानसिक असमानता से पीड़ित नहीं है, तो धारा 125 सीआरपीसी के तहत पिता से भरण-पोषण का दावा नहीं कर सकती : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि वयस्क हो चुकी अविवाहित बेटी, यदि वह किसी शारीरिक या मानसिक असामान्यता/चोट से पीड़ित नहीं है तो धारा 125 सीआरपीसी की कार्यवाही के तहत, अपने पिता से भरण-पोषण का दावा करने की हकदार नहीं है।तीन जजों की बेंच, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस अशोक भूषण ने की, ने कहा कि हिंदू दत्तक एवं भरण-पोषण अधिनियम, 1956 की धारा 20 (3) पर भरोसा करें तो एक अविवाहित हिंदू बेटी अपने पिता से भरण-पोषण का दावा कर सकती है, बशर्ते कि वह यह साबित करे कि वह अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ है, जिस अधिकार के...
सुप्रीम कोर्ट COVID-19 महामारी के बीच रजिस्ट्री अधिकारियों, वकीलों और वादियों के लिए 'मेंटल अवेयरनेस' वर्कशॉप आयोजित करेगा
सर्वोच्च न्यायालय ने एक प्रेस नोट जारी किया है जिसमें संकेत दिया गया है कि कोरोना महामारी के बीच एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें अधिकारियों, रजिस्ट्री अधिकारियों और वकीलों का समग्र कल्याण सुनिश्चित करने और उनमें अपने काम के प्रति जागरूकता पैदा करने के साथ उन्हें काम के दौरान होने वाले तनाव, भय और चिंताओं से निपटने में सक्षण बनाया जा सके। सुप्रीम कोर्ट के जनसंपर्क कार्यालय की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया है,"... एक संवादात्मक कार्यशाला 'MIND MATTERS' का आयोजन निदेशक, मानव...
" हम रेखा कहां खींचे" : सुप्रीम कोर्ट ने कट-ऑफ तारीख के बाद 14 साल की सेवा पूरी करने वाली सेना की महिला अफसरों को स्थायी कमीशन के विस्तार की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 17 फरवरी को दिए फैसले में लागू की गई कट-ऑफ की तारीख के बाद 14 साल की सेवा पूरी करने वाली महिला अधिकारियों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि सेना में महिलाओं को उनकी सेवा की परवाह किए बिना सभी दस धाराओं में स्थायी कमीशन दिया जाना चाहिए। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा की पीठ ने कहा कि स्थायी कमीशन का लाभ उठाने के लिए पात्रता हासिल करने के लिए मार्च 2020 में 14 साल पूरा कर चुकी अधिकारियों के एक बैच के लिए राहत...
जुड़वा बच्चों के साथ गर्भवती महिला की एक भ्रूण का गर्भपात करने की याचिका : सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड में भ्रूण विशेषज्ञ शामिल कर रिपोर्ट देने को कहा
जुड़वा बच्चों के साथ गर्भवती होने वाली महिला को कुछ राहत देते हुए एक भ्रूण को समाप्त करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सर जेजे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के डीन द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड में एक अतिरिक्त सदस्य जोड़ने का निर्देश दिया है, जो अच्छी तरह से योग्य और सक्षम भ्रूण विशेषज्ञ हो और रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है कि क्या एक भ्रूण का गर्भपात दूसरे भ्रूण के जीवन और मां के जीवन को प्रभावित करेगा। न्यायमूर्ति आर बानुमति, न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने 33...
दुर्घटना मुआवजाः सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कर्मचारी की आय का निर्धारण, भत्तों की कटौती के बिना, उसकी एन्टाइटल्मन्ट से हो
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 2010 मंगलौर एयर क्रैश से संबंधित एक व्यक्तिगत मामले में 7,64,29,437 का मुआवजा दिया। त्रिवेणी कोडकनी बनाम एयर इंडिया लिमिटेड व अन्य के फैसले में राष्ट्रीय बीमा कंपनी लिमिटेड बनाम प्रणय सेठी में निर्धारित मुआवजे की गणना से संबंधित सिद्धांतों की चर्चा की गई और लागू किया गया। मामले के तथ्य जीटीएल ओवरसीज के मध्य पूर्वी क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक के रूप में कार्यरत एक प्रवासी की 22 मई, 2010 को एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। एयर इंडिया एक्सप्रेस की वह उड़ान दुबई...
सुप्रीम कोर्ट ने J&K में 4G बहाली का आदेश देने से इनकार किया, विशेष समिति का गठन कर याचिकाकर्ताओं के उठाए मुद्दों की जांच करने को कहा
जम्मू और कश्मीर में 4 जी स्पीड इंटरनेट सेवाओं की बहाली के लिए किसी भी सकारात्मक दिशा-निर्देश को पारित करने से परहेज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों की जांच के लिए एक "विशेष समिति" का गठन करे। ये समिति केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में होनी चाहिए पीठ ने आदेश के भाग को निम्नानुसार पढ़ा: "इस अदालत को राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवाधिकारों के बीच संतुलन को सुनिश्चित करना है। हम यह स्वीकार करते हैं कि UT संकट में...