राज�थान हाईकोट
आरोपित के निष्पक्ष मुक़दमे के अधिकार को पुलिस की निजता पर प्राथमिकता: राजस्थान हाईकोर्ट ने अधिकारी के मोबाइल लोकेशन रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का आदेश दिया
राजस्थान हाईकोर्ट ने मादक पदार्थ नियंत्रण कानून के एक मामले में आरोपी द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को देखते हुए महत्वपूर्ण आदेश पारित किया। आरोपी का कहना था कि जिस पुलिस अधिकारी ने उसके ख़िलाफ़ बरामदगी दिखाई वह घटना से पहले ही स्थल पर मौजूद था और उसी ने उसके पास से बरामद दिखाए गए पदार्थ को वहां रखा। इसी पृष्ठभूमि में न्यायालय ने उक्त अधिकारी के मोबाइल टावर लोकेशन का रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया।जस्टिस अनुप कुमार ढांड ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा कि यद्यपि इस प्रकार का निर्देश पुलिस...
पूर्व में की गई निंदा कर्मचारी की पदोन्नति पर विचार करने से नहीं रोक सकती: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि किसी कर्मचारी पर लगाए गए दंड के बावजूद, विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) पदोन्नति के लिए कर्मचारी की उपयुक्तता पर निर्णय ले सकती है और केवल लगाए गए दंड के आधार पर पदोन्नति पर विचार करने से इनकार नहीं किया जा सकता।जस्टिस फरजंद अली की पीठ एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें याचिकाकर्ता (लेक्चरर) को वर्ष 2022-23 के लिए डीपीसी द्वारा केवल वर्ष 2019 में उसकी पूर्व में की गई निंदा के आधार पर पदोन्नति से वंचित करने को चुनौती दी गई, जिसमें उसे इस आधार पर पदोन्नति के लिए अयोग्य...
क्या गंभीर आर्थिक अपराध के मामलों में गिरफ्तारी वारंट जमानती वारंट में बदला जा सकता है? राजस्थान हाईकोर्ट ने मामला बड़ी पीठ को भेजा
राजस्थान हाईकोर्ट ने इस प्रश्न को बड़ी पीठ को भेज दिया कि क्या PMLA (धन शोधन निवारण अधिनियम), Custom, CGST (केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर) के प्रावधानों के तहत गंभीर आर्थिक अपराधों के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता(IPC)/भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत दंडनीय जघन्य अपराधों में गिरफ्तारी वारंट को जमानती वारंट में बदला जा सकता है।जस्टिस अनूप कुमार ढांड ने कहा,"नकली चालानों में दिखाई गई कथित आपूर्ति के आधार पर नकली ITC देने के इरादे से नकली/अस्तित्वहीन फर्मों का निर्माण करना और इस तरह विभिन्न लाभार्थियों...
3018 प्लॉट लॉटरी योजना में भ्रष्टाचार और सॉफ्टवेयर हेरफेर के आरोपों पर राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब
राजस्थान हाईकोर्ट ने भीलवाड़ा शहरी सुधार न्यास (UIT) की 3018 आवासीय प्लॉट आवंटन योजना में गंभीर अनियमितताओं, सॉफ़्टवेयर हेरफेर और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर दायर जनहित याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस योजना में लगभग 17.6 करोड़ रुपये की आवेदन राशि जमा होने के बावजूद संपूर्ण आवंटन प्रक्रिया मनमानी, अपारदर्शी और नियम-विरुद्ध तरीके से संचालित की गई, जिससे संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन हुआ।याचिका में आरोप लगाया गया कि शुरुआत में आवेदन केवल...
40 साल तक फरार आरोपी को न पकड़ पाने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने फटकार लगाई, भगोड़ों की तलाश के लिए विशेष सेल बनाने का आदेश
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य में अपराध के मामलों में फरार चल रहे आरोपियों और घोषित अपराधियों को पकड़ने में पुलिस की लापरवाही पर सख्त रुख अपनाते हुए गृह विभाग के प्रधान सचिव और पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि ऐसे भगोड़ों का पता लगाने और उन्हें ट्रायल का सामना करवाने के लिए एक विशेष सेल का गठन किया जाए, ताकि पीड़ितों को समय पर न्याय मिल सके।जस्टिस अनूप कुमार ढांड की सिंगल बेंच ऐसे मामले पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें FIR वर्ष 1983 में दर्ज हुई थी और 1987 में आरोपी के जमानती बांड जब्त कर लिए गए। इसके...
कानून का गतिशील है समाजिक यथार्थों के अनुरूप बदलना आवश्यक: विवाह के बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म मामला किया ख़ारिज
राजस्थान हाईकोर्ट ने यह महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए दुष्कर्म के मामले को ख़ारिज कर दिया कि किसी भी सभ्य समाज का कानून स्थिर नहीं हो सकता और उसे समय–समय पर बदलती सामाजिक परिस्थितियों और आवश्यकताओं के अनुरूप ढलना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि कानून का उद्देश्य केवल स्वीकार्य सामाजिक मानकों को निर्धारित करना ही नहीं, बल्कि यह भी तय करना है कि समाज को कब अपने हित में बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए।जस्टिस अनूप कुमार ढांड की सिंगल बेंच उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोपी ने अपने खिलाफ दर्ज...
बर्खास्तगी केवल लंबित आपराधिक मामले के आधार पर हुई हो तो कर्मचारी को बरी होने के बाद बहाल किया जाना चाहिए: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि यदि किसी कर्मचारी की बर्खास्तगी का मूल आधार उसके विरुद्ध लंबित आपराधिक मामला है। उस आपराधिक मामले के परिणामस्वरूप सक्षम आपराधिक न्यायालय द्वारा कर्मचारी को बरी कर दिया जाता है तो ऐसी बर्खास्तगी का आधार समाप्त हो जाता है और नियोक्ता को कर्मचारी को बहाल करना होगा।जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस अनुरूप सिंघी की खंडपीठ ने श्रम न्यायालय और सिंगल जज की पीठ के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें उस कर्मचारी के पक्ष में फैसला सुनाया गया था, जिसे एक लंबित आपराधिक मामले के...
क्रिमिनल ट्रायल के दौरान बिना अनुमति विदेश जाने पर भी पासपोर्ट नवीनीकरण से इनकार नहीं किया जा सकता: राजस्थान हाईकोर्ट
आपराधिक मामले के लम्बित रहने पर भी दस वर्ष के लिए पासपोर्ट जारी करने के आदेश देते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि न्यायालय की बिना अनुमति के आरोपी के विदेश जाने पर विचारण न्यायालय जमानत के संबंध में समुचित आदेश पारित कर सकता है, लेकिन पासपोर्ट नवीनीकरण से इनकार नहीं कर सकता।डीडवाना निवासी रहीस खान की ओर से एडवोकेट रजाक खान हैदर ने आपराधिक विविध याचिका दायर कर हाईकोर्ट में कहा कि उसके खिलाफ वर्ष 2019 में मारपीट के आरोप में आपराधिक प्रकरण संस्थित हुआ था, जिसका विचारण अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट,...
APAR न रखने की विभागीय चूक पर कर्मचारी को सज़ा नहीं दी जा सकती: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने महत्त्वपूर्ण फैसले में साफ किया कि कर्मचारी की वार्षिक गोपनीय आख्या (ACR/APAR) संरक्षित न रख पाने की गलती यदि स्वयं विभाग की हो तो उसके आधार पर संशोधित आश्वस्त करियर प्रगति योजना (MACP) का लाभ नहीं रोका जा सकता। अदालत ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) का आदेश बरकरार रखा, जिसमें कर्मचारी के पक्ष में निर्णय दिया गया।जस्टिस विनीत कुमार माथुर और जस्टिस बिपिन गुप्ता की खंडपीठ ने कहा कि APAR को संधारित करना पूर्णतः नियोक्ता का दायित्व है और कर्मचारी का इस पर कोई नियंत्रण नहीं...
जेल सुपरिंटेंडेंट स्वास्थ्य विभाग से प्रतिनियुक्ति पर आए मेडिकल अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू नहीं कर सकते: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने माना कि केंद्रीय कारागार के सुपरिंटेंडेंट, एक अलग प्रशासनिक विभाग होने के नाते मेडिकल एवं स्वास्थ्य विभाग से प्रतिनियुक्त चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का कोई अधिकार या क्षमता नहीं रखते हैं।जस्टिस फरजंद अली की पीठ ने याचिकाकर्ता के स्थानांतरण आदेशों को रद्द करते हुए ये टिप्पणियां कीं, जिनमें राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 ("नियम") के तहत जेल अधीक्षक को उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का निर्देश भी शामिल...
राजस्थान हाईकोर्ट ने दिवंगत कांस्टेबल की विधवा को अनुग्रह राशि न देने पर राज्य सरकार को फटकार लगाई, 20 लाख रुपये देने का निर्देश
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक सख्त टिप्पणी में कहा कि सेवा के दौरान मृत्यु होने पर कर्मचारी के परिवार को अनुग्रह राशि से वंचित करना केवल तकनीकी आधार पर असंवेदनशील और अति-तकनीकी रवैया है, जो कल्याणकारी शासन के उद्देश्य के विपरीत है।जस्टिस फरजंद अली की एकल पीठ ने राज्य सरकार का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें एक अशिक्षित विधवा की अनुग्रह राशि की मांग केवल आवेदन में देरी के आधार पर खारिज कर दी गई, जबकि संबंधित विभाग ने स्वयं प्रशासनिक देरी स्वीकार की थी।मामले के अनुसार याचिकाकर्ता के पति राजस्थान पुलिस में...
निजी भूमि पर धर्मशाला होने मात्र से संपत्ति दान या धर्मार्थ नहीं मानी जा सकती: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय में कहा कि केवल निजी भूमि पर धर्मशाला का निर्माण हो जाने मात्र से यह नहीं माना जा सकता कि वह संपत्ति धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए समर्पित कर दी गई या उसे हमेशा उसी प्रयोजन के लिए उपयोग में लाना आवश्यक है।जस्टिस रेखा बोराना की एकल पीठ ने यह टिप्पणी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान की, जिसमें एक ट्रस्ट के विधिक उत्तराधिकारियों ने देवस्थान विभाग के आयुक्त के आदेश को चुनौती दी थी। उक्त आदेश में उनकी पैतृक संपत्ति को सार्वजनिक ट्रस्ट की संपत्ति घोषित कर दिया गया...
विवाहित संतान को पिता की संपत्ति पर अधिकार नहीं, बिना अनुमति रहने का हक नहीं : राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि कोई भी वयस्क और विवाहित संतान अपने पिता की स्व-अर्जित संपत्ति में उसकी अनुमति के बिना रहने का अधिकार नहीं रखती।अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि पिता ऐसी अनुमति वापस ले लेता है तो पुत्र या पुत्री को संपत्ति खाली करनी होगी, क्योंकि इस स्थिति में उनका कब्जा केवल प्रेम और स्नेहवश दिया गया, न कि किसी कानूनी अधिकार के तहत।जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह टिप्पणी करते हुए पिता के खिलाफ मुकदमा दायर करने वाले पुत्र पर एक लाख रुपये का दंड लगाया।अदालत ने कहा कि...
राजस्थान हाईकोर्ट ने 2021 SI अभ्यर्थियों को 2025 भर्ती में शामिल करने व आयु सीमा में छूट देने पर विचार करने का आदेश दिया
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह वर्ष 2021 की सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में शामिल हुए और वर्ष 2025 की नई भर्ती प्रक्रिया में पुनः आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को 4 वर्ष की आयु सीमा में छूट देने पर विचार करे, जबकि विज्ञापन में केवल 3 वर्ष की छूट का प्रावधान किया गया था।जस्टिस अशोक कुमार जैन की पीठ ने कहा कि यह मामला युवाओं की वैध अपेक्षा (legitimate expectation) से जुड़ा है और ऐसे उम्मीदवारों को केवल अधिकतम आयु सीमा पार करने के कारण अयोग्य नहीं ठहराया जाना चाहिए, जब देरी...
विवाहेतर संबंध अपराध नहीं, जोसेफ शाइन फैसला पूर्व प्रभाव से लागू: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक अहम निर्णय में कहा कि विवाहेतर संबंध (Adultery) को अपराध की श्रेणी से बाहर करने वाला सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला जोसेफ शाइन बनाम भारत संघ केवल भविष्य के मामलों पर ही नहीं बल्कि पहले से लंबित सभी मामलों पर भी लागू होगा। अदालत ने स्पष्ट किया कि जब भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 497 को असंवैधानिक घोषित कर दिया गया तो वह प्रारंभ से ही (void ab initio) अमान्य हो गई और उस पर आधारित कोई भी अभियोजन अब जारी नहीं रह सकता।जस्टिस आनंद शर्मा की सिंगल ने कहा,“सुप्रीम कोर्ट द्वारा...
कम मात्रा में लेकिन ज़्यादा असर वाला गांजा मिलने पर जमानत नहीं मिलेगी: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने 18.5 किलो हाइड्रोपोनिक वीड (Hydroponic Weed) के साथ पकड़े गए 27 वर्षीय आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। यह मादक पदार्थ कथित तौर पर 18 करोड़ रुपये मूल्य का था। अदालत ने कहा कि भले ही जब्त की गई मात्रा वाणिज्यिक सीमा (commercial quantity) से कम हो, लेकिन ड्रग की अत्यधिक शक्ति (potency), उसका विशेष आयात तरीका (sophisticated import method) और उसकी भारी कीमत को देखते हुए आरोपी को राहत नहीं दी जा सकती।जस्टिस अनिल कुमार उपमन की एकल पीठ ने कहा कि मामले के तथ्यों से यह स्पष्ट है...
UAPA मामलों में 90 दिन से अधिक की हिरासत बढ़ाने का अधिकार सिर्फ स्पेशल या सेशंस कोर्ट को, मजिस्ट्रेट को नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश देते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) द्वारा UAPA आरोपी की न्यायिक हिरासत को अतिरिक्त 90 दिन बढ़ाने के आदेश को अवैध, अधिकार क्षेत्र से बाहर और विकृत मानते हुए रद्द कर दिया।अदालत ने कहा कि इस तरह की हिरासत बढ़ाने का अधिकार केवल स्पेशल कोर्ट या उसकी अनुपस्थिति में सेशंस कोर्ट के पास है। मजिस्ट्रेट कोर्ट ऐसा आदेश पारित नहीं कर सकता।जस्टिस सुदेश बंसल की एकल पीठ ने स्पष्ट किया कि UAPA के तहत दर्ज अपराध NIA Act 2008 की अनुसूची में शामिल अपराध हैं। ऐसे मामलों...
भर्ती प्रक्रिया बंद होने के लंबे समय बाद अप्रकाशित योग्यता का सहारा नहीं लिया जा सकता, भले ही रिक्तियां बची हों : राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने सिंगल बेंच का आदेश निरस्त करते हुए स्पष्ट किया कि कोई भी अभ्यर्थी ऐसी योग्यता के आधार पर नियुक्ति नहीं मांग सकता, जो उसने भर्ती प्रक्रिया के दौरान कभी प्रस्तुत ही नहीं की हो और जिसे वह कई वर्षों बाद केवल एक याचिका में उजागर करे।जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस बिपिन गुप्ता की खंडपीठ ने यह भी कहा कि केवल इस आधार पर कि रिक्तियां बची हुई हैं, अभ्यर्थी को उन दस्तावेज़ों पर विचार करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता, जिन्हें लम्बे समय बाद प्रस्तुत किया गया हो।मामला एक अपील का...
राजस्थान हाईकोर्ट की फटकार: दुकानों की नीलामी में बाधा डालने वाले किरायेदारों पर 50,000 जुर्माना, कहा- कपटपूर्ण आचरण अस्वीकार्य
राजस्थान हाईकोर्ट ने दुकानों की नीलामी प्रक्रिया को बाधित करने और महत्त्वपूर्ण तथ्यों को छिपाकर अदालत को गुमराह करने के प्रयास के लिए दो किरायेदारों पर कुल 50,000 की लागत लगाते हुए कड़ी फटकार लगाई।जस्टिस संजीत पुरोहित की एकल पीठ ने कहा कि जब याचिकाकर्ताओं ने स्वयं पहली नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा लिया और बोली राशि जमा न करके प्रक्रिया को असफल कर दिया तो वे बाद की नीलामी को चुनौती देने का अधिकार नहीं रखते।अदालत ने टिप्पणी की कि याचिकाकर्ताओं के आचरण से ग्राम पंचायत को गंभीर आर्थिक नुकसान हुआ और...
गंभीर चोट/हत्या के प्रयास के मामलों में सिर्फ डॉक्टर की राय पर्याप्त नहीं, रेडियोलॉजिस्ट की गवाही अनिवार्य: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक अहम निर्णय में कहा कि गंभीर चोट (Section 326 IPC) और हत्या के प्रयास (Section 307 IPC) जैसे मामलों में केवल मेडिकल ज्यूरिस्ट की गवाही के आधार पर चोट की प्रकृति निर्धारित नहीं की जा सकती। अदालत ने स्पष्ट किया कि जिस रेडियोलॉजिस्ट के एक्स-रे रिपोर्ट पर मेडिकल ज्यूरिस्ट की राय आधारित है, उसका न्यायालय में परीक्षण आवश्यक है और एक्स-रे भी रिकॉर्ड पर प्रस्तुत किया जाना चाहिए।जस्टिस संदीप शाह की पीठ ने कहा कि जब गंभीर धाराओं में चोट की प्रकृति निर्धारित करनी हो, तब एक्स-रे तैयार...

















