राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य विद्युत वितरण कंपनी और NTPC के संयुक्त उद्यम के खिलाफ जनहित याचिका पर 1.5 लाख का जुर्माना लगाया

Amir Ahmad

24 April 2025 8:10 AM

  • राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य विद्युत वितरण कंपनी और NTPC के संयुक्त उद्यम के खिलाफ जनहित याचिका पर 1.5 लाख का जुर्माना लगाया

    राजस्थान हाईकोर्ट ने बिजली विभाग के एक रिटायर मुख्य अभियंता पर 1,50,000 का जुर्माना लगाते हुए उनकी जनहित याचिका (PIL) खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड और नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (NTPC) के संयुक्त उद्यम (JV) को रद्द करने की मांग की थी।

    न्यायालय ने इस याचिका को स्वार्थ प्रेरित और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया।

    याचिकाकर्ता का तर्क था कि बिजली उत्पादन के क्षेत्र में उनके अनुभव के आधार पर यह संयुक्त उद्यम भविष्य में बिजली की महंगी दरों की ओर ले जाएगा, जो जनहित के खिलाफ है।

    चीफ जस्टिस मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस आनंद शर्मा की खंडपीठ ने देखा कि यह संयुक्त उद्यम छबड़ा थर्मल पावर प्लांट के आसपास कई परियोजनाओं को लागू करने के उद्देश्य से किया गया, जिससे अतिरिक्त उत्पादन इकाइयाँ स्थापित की जा सकें प्रभावशीलता बढ़े और उत्पादन लागत घटे।

    अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता का यह आग्रह कि इस स्तर पर भविष्य की उत्पादन और आपूर्ति दरों के संबंध में न्यायिक हस्तक्षेप किया जाए। केवल इस आधार पर कि वह बिजली विभाग में अभियंता रहे हैं, स्वीकार नहीं किया जा सकता।

    “याचिकाकर्ता ने केवल अपनी कल्पना के आधार पर यह दावा किया है कि इस तरह की व्यवस्था से उत्पादन लागत बढ़ सकती है। दर निर्धारण कई कारकों पर निर्भर करता है जिनकी जांच इस न्यायालय द्वारा नहीं की जा सकती।”

    अदालत ने यह भी कहा कि यह जनहित याचिका कुछ कर्मचारी संघों के हित को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रेरित लगती है, जो इस संयुक्त उद्यम का विरोध कर रहे हैं जैसा कि रिकॉर्ड पर उपलब्ध अभ्यावेदनों से स्पष्ट है।

    इस पृष्ठभूमि में न्यायालय ने कहा कि यह PIL न्यायालय के समय और संसाधनों की बर्बादी है और कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है। इसलिए इसे उदाहरणात्मक जुर्माने के साथ खारिज किया जाना चाहिए।

    तदनुसार, पहले से जमा 50,000 की सुरक्षा राशि के अलावा अदालत ने याचिकाकर्ता पर 1,00,000 अतिरिक्त जुर्माना लगाया और याचिका को खारिज कर दिया।

    केस टाइटल: अजय चतुर्वेदी बनाम राजस्थान राज्य व अन्य

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