पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
5 वर्ष से कम आयु के हिंदू बच्चे की संरक्षकता तय करने का अधिकार क्षेत्र उस जगह पर जहां बच्चा वास्तव में रहता है, न कि जहां मां रहती है: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि नाबालिग, विशेष रूप से 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे की संरक्षकता की मांग करने वाला आवेदन उस जिले में होगा जहां बच्चा वास्तव में और शारीरिक रूप से रहता है।जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि केवल इसलिए कि हिंदू अल्पसंख्यक एवं संरक्षकता अधिनियम, 1956 की धारा 6(ए) के अनुसार पांच वर्ष की आयु पूरी नहीं करने वाले नाबालिग की कस्टडी सामान्य रूप से मां के पास होगी, इसका मतलब यह नहीं है कि बच्चा हमेशा मां के पास ही रहेगा।भाषा है आमतौर...
नाबालिगों से जुड़े बलात्कार के कुछ मामलों में धारा 482 BNSS के तहत अग्रिम जमानत पर रोक पूर्ण नहीं है: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने माना है कि नाबालिगों से जुड़े बलात्कार के कुछ मामलों में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 482 के तहत अग्रिम जमानत याचिका देने पर रोक पूर्ण नहीं है।धारा 482 बीएनएसएस भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएस) की धारा 65 और धारा 70(2) के तहत दर्ज व्यक्ति को जमानत देने पर रोक लगाती है। धारा 65 बीएनएस 12 वर्ष से कम आयु की किशोरियों के बलात्कार से संबंधित है। धारा 70(2) बीएनएस नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कार को दंडित करती है।जस्टिस सुमीत गोयल ने कहा, "आईपीसी की...
Faridabad Complex (Regulation & Development) Act को राष्ट्रपति की मंजूरी की आवश्यकता, जो उसे नहीं मिली: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि फरीदाबाद कॉम्प्लेक्स (विनियमन एवं विकास) अधिनियम (Faridabad Complex (Regulation & Development) Act) को राज्य विधानमंडल में विधेयक पेश करने से पहले राष्ट्रपति की पूर्व मंजूरी नहीं मिली, जैसा कि अनुच्छेद 304 (बी) प्रावधान के तहत आवश्यक है।अनुच्छेद 304 (बी) प्रावधान के अनुसार, राज्य उस राज्य के साथ या उसके भीतर व्यापार, वाणिज्य या समागम की स्वतंत्रता पर उचित प्रतिबंध लगा सकते हैं, जैसा कि जनहित में आवश्यक हो सकता है, बशर्ते कि, "खंड (बी) के प्रयोजनों...
पंजाब के गांव में ग्राम पंचायत द्वारा प्रवासियों को बहिष्कृत करने की खबर झूठी, गठित समिति सुनिश्चित करे कि ऐसी कोई घटना न हो: हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि "ग्राम पंचायत द्वारा पारित प्रस्ताव के माध्यम से प्रवासियों को बहिष्कृत करने के संबंध में खबर झूठी है," हालांकि गठित समिति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी कोई घटना न हो।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल ने कहा,"खरड़ के उपमंडल मजिस्ट्रेट द्वारा गठित पांच सदस्यों की समिति को न केवल प्रवासियों की सुरक्षा, सम्मान, जीवन और स्वतंत्रता के पहलू पर विचार करना चाहिए, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रवासी उस स्थान के निवासियों के समाज में...
'Emergency' फिल्म के प्रमाणन के लिए आवेदन लंबित, सुनिश्चित करेंगे कि कोई आपत्तिजनक सामग्री प्रमाणित न हो: हाईकोर्ट से CBFC ने कहा
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने आज पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया कि 'EMERGENCY' फिल्म के प्रमाणन के लिए एक आवेदन प्राप्त हुआ है, लेकिन विचार लंबित है और अभी तक फिल्म को कोई प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है।CBFC को सेंसर बोर्ड के रूप में भी जाना जाता है, भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय में एक वैधानिक फिल्म-प्रमाणन निकाय है। यूनियन और सेंसर बोर्ड की ओर से पेश एएसजी सत्य पाल जैन ने चीफ़ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ को सूचित किया कि बोर्ड...
पति ने शादी से किया इनकार, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कथित पत्नी के प्रति भरण-पोषण दायित्व निर्धारित करने के लिए बालिग बच्चे के पितृत्व परीक्षण की अनुमति दी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने धारा 125 सीआरपीसी के तहत एक महिला के भरण-पोषण के दावे के संबंध में उसके वयस्क बेटे के पितृत्व का निर्धारण करने के लिए उसके डीएनए परीक्षण की अनुमति दी है, जो न्यायालय को यह निर्धारित करने में सहायता करेगा कि "क्या विवाह की प्रकृति का कोई अंतरंग संबंध" विवादी पति और पत्नी के बीच मौजूद था। जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने कहा,"यह न्यायालय इस विचार पर है कि जहां नाजायज या अनैतिक करार दिया जाना चिंता का विषय नहीं है, वहां न्यायालयों के लिए सत्य तक पहुंचने और पूर्ण न्याय...
UAPA के तहत आरोपी को अंतरिम जमानत देने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत आरोपी व्यक्ति को अंतरिम जमानत देने से इनकार किया। कोर्ट ने उक्त यह देखते हुए दिया कि दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) या विशेष प्रावधान के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस कुलदीप तिवारी ने कहा,"CrPC या विशेष कानून (सुप्रा) में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत इस न्यायालय को कोई अंतरिम जमानत देने का अधिकार प्राप्त हो। इसके विपरीत सीआरपीसी में मौजूद प्रावधान जो संबंधित विशेष कानून पर लागू होते...
पंजाब पुलिस द्वारा घोषित अपराधी 'अगम्य' आरोपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालती कार्यवाही देखते हुए पकड़ा गया: हाईकोर्ट ने संपत्ति का ब्यौरा पेश करने का निर्देश दिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रसिद्ध रियल एस्टेट डेवलपर जरनैल सिंह बाजवा को निर्देश दिया कि वे अपनी सभी संपत्तियों का ब्यौरा पेश करें, जिन्हें 2022 में घोषित अपराधी घोषित किया गया, क्योंकि उन्हें अचानक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने मामले की कार्यवाही की निगरानी करते हुए पकड़ा गया।कोर्ट ने पंजाब के DGP को भी तलब किया, जिन्होंने आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं में धोखाधड़ी और अनियमितताओं सहित विभिन्न आरोपों पर उनके खिलाफ दर्ज 50 से अधिक एफआईआर की जांच में पंजाब पुलिस के उदासीन रवैये के लिए...
शिकायतकर्ता-आरोपी के अधिकारों पर गंभीर रूप से प्रतिकूल प्रभाव, हाईकोर्ट ने पुलिस अधीक्षक के पास 7 साल से लंबित निरस्तीकरण रिपोर्ट पर चिंता जताई
यह देखते हुए कि यह शिकायतकर्ता और आरोपी दोनों के अधिकारों पर गंभीर रूप से प्रतिकूल प्रभाव डालता है, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा में संबंधित पुलिस अधीक्षकों के समक्ष वर्षों से विचाराधीन निरस्तीकरण रिपोर्ट के मुद्दे पर चिंता जताई।आरोपी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने के लिए कोई सामग्री नहीं मिलती है तो जांच के बाद पुलिस द्वारा निरस्तीकरण रिपोर्ट दाखिल की जाती है।जस्टिस एन.एस. शेखावत ने कहा,“इस कोर्ट ने पाया कि हरियाणा राज्य में कई मामलों में निरस्तीकरण रिपोर्ट कई वर्षों तक जिले के संबंधित...
आवंटी को रिफंड के बदले डेवलपर की ओर से पेश वैकल्पिक प्लॉट स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
यह देखते हुए कि "एक की इच्छा दूसरे पर थोपी नहीं जा सकती", पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने लोक अदालत की ओ से पारित उस निर्णय को रद्द कर दिया, जिसमें एक डेवलपर, जो कब्जा देने में विफल रहा था, उसे जमा की गई राशि वापस करने के बजाय वैकल्पिक भूखंड उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था। आवंटी ने 2012 में प्रारंभिक राशि जमा करके एक आवासीय भूखंड बुक किया था, लेकिन उसे कभी वितरित नहीं किया गया।जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने कहा, "मेरा विचार है कि आवंटी द्वारा विवेकाधिकार/पसंद का प्रयोग डेवलपर द्वारा किए गए...
'पिता का प्यार माँ के प्यार से बेहतर नहीं हो सकता': पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पिता को 2 वर्षीय बच्चे की कस्टडी माँ को सौंपने का निर्देश दिया
यह देखते हुए कि "पिता का प्यार किसी भी तरह से माँ के प्यार से बेहतर नहीं हो सकता", पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 2 वर्षीय बेटे की कस्टडी उसकी माँ को सौंपने का निर्देश दिया, जिसे कथित तौर पर उसके पिता ने उसकी माँ के घर से कस्टडी में लिया था।जस्टिस गुरबीर सिंह ने कहा,"माँ का प्यार त्याग और समर्पण की परिभाषा है। ढाई वर्ष की आयु में बच्चे और माँ के बीच का बंधन पिता के बंधन से भी अधिक होता है। यद्यपि पिता की भावनाएं अपने बच्चे के प्रति हमेशा प्रबल होती हैं, लेकिन वे इस कोमल आयु में माँ की भावनाओं से...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने लोकसभा चुनाव में वास्तविक उम्मीदवार को बदलने का प्रयास करने वाले व्यक्ति को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब सेवा (मेडिकल उपस्थिति) नियम 1940 जिसमें मेडिकल प्रतिपूर्ति का लाभ देने के लिए महिला कर्मचारी के केवल जैविक माता-पिता को शामिल किया गया, न कि उसके ससुराल वालों को पर पुनर्विचार की आवश्यकता है।जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी ने कहा,"महिला कर्मचारी जो अपने ससुराल वालों के साथ उनके वैवाहिक घर में रह रही हैं और ससुराल वाले उक्त महिला कर्मचारी पर निर्भर हैं, उन्हें मेडिकल सुविधा देने से इनकार करना और इसके बजाय उनके जैविक माता-पिता को यह सुविधा देना राज्य द्वारा...
Dowry Prohibition Act | जिला मजिस्ट्रेट की मंजूरी के बिना मामला दर्ज नहीं किया जा सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि दहेज निषेध अधिनियम के तहत जिला मजिस्ट्रेट की पूर्व मंजूरी के बिना मामला दर्ज नहीं किया जा सकता।जस्टिस जसजीत सिंह बेदी ने कहा,"पंजाब राज्य पर लागू दहेज निषेध अधिनियम, 1961 की धारा 8-ए के साथ-साथ माननीय सुप्रीम कोर्ट और इस न्यायालय के विभिन्न निर्णयों का अवलोकन करने से यह स्पष्ट हो जाएगा कि जिला मजिस्ट्रेट की पूर्व मंजूरी के बिना अधिनियम के तहत किए गए किसी भी अपराध के संबंध में किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।"न्यायालय दहेज निषेध...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने तलाक मांगने वाले मृतक बेटे का प्रतिनिधित्व करने के लिए मां की याचिका खारिज की
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि "भागीदारों के बीच विवाह, एक व्यक्तिगत अनुबंध है", हाईकोर्ट तलाक की याचिका में एक मां को अपने मृत बेटे का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की खंडपीठ ने कहा, वैवाहिक साझेदारों के बीच शादी, लेकिन जाहिर तौर पर पति-पत्नी के बीच किया गया एक व्यक्तिगत अनुबंध है। उक्त अनुबंध केवल अनुबंध करने वाले पक्षों के जीवन काल के दौरान जीवित रहता है, जिससे उक्त अनुबंध वैवाहिक संघ के पक्षों में से एक के निधन...
पंजाब एंड हरियाणा में कन्या भ्रूण हत्या बेहद परेशान करने वाली: हाईकोर्ट ने जेंडर निर्धारण रैकेट चलाने के आरोपी डॉक्टर की अग्रिम जमानत खारिज की
यह देखते हुए कि भारत में विशेष रूप से देश के इस हिस्से में कन्या भ्रूण हत्या एक बेहद परेशान करने वाला मुद्दा बना हुआ है, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों में बड़े पैमाने पर अवैध लिंग निर्धारण रैकेट चलाने के आरोपी डॉक्टर को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया।जस्टिस मंजरी नेहरू कौल ने कहा,"यह ध्यान देने की आवश्यकता है कि भारत में विशेष रूप से देश के इस हिस्से में कन्या भ्रूण हत्या बहुत ही परेशान करने वाला मुद्दा बना हुआ है। विशेष रूप से चिंताजनक पहलू अनैतिक मेडिकल डॉक्टरों की संलिप्तता है,...
ट्रायल कोर्ट घोषित अपराधी की उपस्थिति की प्रतीक्षा में मामले को स्थगित नहीं कर सकता, उद्घोषणा का प्रकाशन अनिवार्य: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ट्रायल कोर्ट घोषित अपराधी की उपस्थिति की प्रतीक्षा में मामले को 30 दिनों के लिए स्थगित नहीं कर सकता, सीआरपीसी की धारा 82(2) के अनुसार प्रकाशन अनिवार्य है।सीआरपीसी की धारा 82 में कहा गया है कि यदि किसी न्यायालय को यह विश्वास करने का कारण है कि कोई व्यक्ति जिसके विरुद्ध उसके द्वारा वारंट जारी किया गया है, फरार हो गया है, तो ऐसा न्यायालय लिखित उद्घोषणा प्रकाशित कर सकता है, जिसमें उसे किसी विशिष्ट स्थान पर तथा निर्दिष्ट समय पर उपस्थित होने की आवश्यकता...
हत्या के मामले में 1,000 रुपये का जुर्माना बेहद मामूली: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखी, मुआवजा बढ़ाकर 50 हजार किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 24 साल पुराने हत्या के मामले में सात आरोपियों की दोषसिद्धि बरकरार रखी और उनमें से प्रत्येक पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाया गया 1000 रुपये का जुर्माना बेहद मामूली है।मृतक की हत्या भूमि विवाद से संबंधित पुरानी रंजिश के कारण की गई थी। मृतक का शव खून से लथपथ घायल अवस्था में पड़ा मिला था। खंडपीठ ने इसे मृत्युदंड देने के लिए दुर्लभतम मामलों में से दुर्लभतम मानने से इनकार कर दिया।जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा ने...
सीमा पार अवैध रेत खनन का पता लगाने के लिए क्या सेना को सर्वेक्षण करने के लिए नियुक्त किया जा सकता है? पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या सेना सीमा पर अवैध रेत खनन का पता लगाने के लिए हवाई या भूमि सर्वेक्षण कर सकती है।यह घटनाक्रम पंजाब में सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध खनन और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को उठाने वाली याचिकाओं के समूह की सुनवाई के दौरान हुआ।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने कहा,"भारत संघ की ओर से उपस्थित एडवोकेट को निर्देश प्राप्त करने और हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है कि "क्या रेत का अवैध खनन चल रहा है या नहीं, इसका पता...
सिख समुदाय को बदनाम करने की नौटंकी: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कंगना रनौत की 'Emergency' फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष जनहित याचिका (PIL) दायर की गई। उक्त याचिका में कंगना रनौत की 'Emergency' फिल्म के सार्वजनिक रिलीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई।सोशल एक्टिविस्ट होने का दावा करने वाले दो बपतिस्मा प्राप्त सिखों द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया कि ट्रेलर में गलत ऐतिहासिक तथ्य दिखाए गए हैं। यह स्पष्ट है कि फिल्म सिख समुदाय के प्रति नफरत और हिंदुओं और सिखों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देती है।याचिका में कहा गया कि उक्त Emergency मूवी के ट्रेलर को देखने से ही यह तथ्य उजागर हो...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कई मामलों में DNA प्रोफाइलिंग के परिणाम प्राप्त करने में ढिलाई का स्वतः संज्ञान लिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कई मामलों में DNA प्रोफाइलिंग के परिणाम प्राप्त करने में जांच एजेंसी द्वारा दिखाई गई सुस्त ढिलाई का स्वतः संज्ञान लिया।जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने पूछा,"क्या पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर पर्याप्त संख्या में फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) स्थापित की गई हैं और उनमें पर्याप्त स्टाफ़ हैं, जिससे वे केस लोड को संभाल सकें?"न्यायालय ने निम्नलिखित प्रश्न भी तैयार किए:1. क्या यात्रा में लगने वाले श्रमदिवसों को बचाने के लिए वीडियो...



















