पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पतंग उड़ाने के लिए 'चीनी डोर' के इस्तेमाल के खिलाफ जनहित याचिका बंद की
यह देखते हुए कि पंजाब सरकार के अधिकारियों ने प्रतिबंधित चीनी डोर के इस्तेमाल से होने वाली मौतों की सूचना देने वालों के लिए दंड और अवार्ड सहित पहले ही कदम उठाए हैं, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इस खतरे पर लगाम लगाने के लिए दायर दूसरी जनहित याचिका का निपटारा कर दिया।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमित गोयल की खंडपीठ ने कहा,"यह स्पष्ट है कि संबंधित अधिकारियों ने चीनी डोर के इस्तेमाल से होने वाली चोट या मौत की घटना की सूचना देने वाले शिकायतकर्ता के लिए दंड निर्धारित करने के साथ-साथ 25,000/- रुपये...
महज ग्रेजुएट होने के कारण पत्नी को भरण-पोषण से वंचित नहीं किया जा सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि पत्नी को केवल इसलिए भरण-पोषण से वंचित नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह ग्रेजुएट है और कमाने में सक्षम है। खासकर तब जब वह लाभकारी नौकरी में न हो।जस्टिस जसगुरप्रीत सिंह पुरी ने कहा,"केवल इस तथ्य से कि प्रतिवादी/पत्नी ग्रेजुएट है, इसका यह अर्थ नहीं है कि उसे भरण-पोषण के अधिकार से वंचित किया जा सकता है, जो उसे वैधानिक प्रावधान के माध्यम से प्रदान किया गया है, जब तक कि CrPC की धारा 125 के तहत उल्लिखित आधारों के तहत भरण-पोषण मांगने के अधिकार को कम नहीं किया जा सकता या...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सामुदायिक मध्यस्थता-खाप पंचायत को मध्यस्थता अधिनियम के तहत लागू करने पर केंद्र और राज्य सरकारों से मांगा जवाब
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को मध्यस्थता अधिनियम, 2023 के तहत सामुदायिक मध्यस्थता को लागू न करने के संबंध में स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका (PIL) पर पंजाब हरियाणा और यूटी चंडीगढ़ से जवाब मांगा।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमीत गोयल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 5 अगस्त तक के लिए स्थगित करते हुए कहा,"मध्यस्थता अधिनियम 2023 का अध्याय 10, जो सामुदायिक मध्यस्थता से संबंधित है...अब तक प्रभाव में नहीं लाया गया। रजिस्ट्री को निर्देशित किया जाता है कि वह भारत सरकार, पंजाब, हरियाणा और...
टिकट नंबर गलत होना अप्रासंगिक: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने रेल हादसे में मृत यात्री के परिजनों को 8 लाख मुआवज़ा देने का आदेश दिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक रेल हादसे में मृत यात्री गौरव कुमार के परिजनों को ₹4 लाख मुआवजा व 7.5% वार्षिक ब्याज की दर से भुगतान करने का निर्देश दिया। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि यदि कुल राशि 8 लाख से कम होती है तो 8 लाख मुआवजे के रूप में दिया जाए, जो भी अधिक हो।जस्टिस पंकज जैन ने अपने फैसले में कहा,"जब यह प्रमाणित हो गया कि मृतक गौरव कुमार उस दिन वैध मासिक सीजनल टिकट (MST) धारक था, भले ही याचिका में उसका अंतिम अंक गलत लिखा गया हो तो ट्रिब्यूनल द्वारा उसे 'बोना फाइड' यात्री न मानना गलत था।...
मोरनी हिल्स में 40 वर्षों तक आरक्षित वन को अधिसूचित न करने पर हाईकोर्ट ने की हरियाणा सरकार की कड़ी आलोचना
चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमित गोयल की खंडपीठ ने इस मामले में कोई कार्रवाई न करने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की, जबकि यह प्रक्रिया 18 दिसंबर, 1987 की अधिसूचना के माध्यम से चार दशक पहले शुरू की गई थी।खंडपीठ ने कहा,"अधिनियम 1927 की धारा 4 के तहत अधिसूचना जारी करने के बाद राज्य सरकार द्वारा की गई टालमटोल यानी 18.12.1987 की अधिसूचना, प्रशासनिक सुस्ती का एक दुखद उदाहरण प्रस्तुत करती है। वैधानिक घोषणा से उत्पन्न किसी भी प्रत्यक्ष, ठोस कार्रवाई के बिना लगभग चार दशक बीत जाने देना, इसे हल्के ढंग...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रतियोगी परीक्षाओं के उत्तरों को चुनौती देने वाली आधारहीन याचिकाओं के खिलाफ दी चेतावनी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रतियोगी परीक्षाओं के उत्तरों या मूल्यांकन विधियों को चुनौती देने वाली योग्यताहीन याचिकाएं दायर करने के खिलाफ कड़ी चेतावनी जारी की।यह घटनाक्रम हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा जूनियर इंजीनियर (सिविल) के पद के लिए जारी उत्तर कुंजी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान हुआ।जस्टिस विनोद एस. भारद्वाज ने कहा कि याचिकाकर्ता ने सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI Act) के तहत प्राप्त प्रतिक्रियाओं पर भरोसा करके और स्कॉलर्स के रिसर्च पेपर की सामग्री का गलत इस्तेमाल करके...
ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध की मांग खारिज, P&H हाईकोर्ट ने कहा-हरियाणा सार्वजनिक जुआ रोकथाम अधिनियम के तहत उपाय मौजूद
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार (20 जून) को एक जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें सभी ऑनलाइन ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, मोबाइल एप्लीकेशन, वेबसाइट और डिजिटल माध्यमों को विज्ञापन देने और/या सट्टेबाजी और दांव लगाने की गतिविधियों को बढ़ावा देने से रोकने की मांग की गई थी। याचिका में इन गतिविधियों को सार्वजनिक जुआ अधिनियम का उल्लंघन बताया गया था।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमित गोयल ने कहा,"चूंकि याचिका में व्यक्त शिकायतों के निवारण के लिए पर्याप्त वैधानिक ढांचे मौजूद हैं,...
गिरफ्तारी से पहले कारण बताना जरूरी है या नहीं? पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा– सुप्रीम कोर्ट के फैसले का करेंगे इंतजार
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि जब सुप्रीम कोर्ट ने खुद गिरफ्तारी के आधार की आपूर्ति को अनिवार्य करने वाले फैसले के व्यावहारिक कार्यान्वयन के बारे में संदेह व्यक्त किया है, तो इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना उचित होगा।चीफ़ जस्टिस शील नागू ने कहा, "अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य (2014) 8 SCC 273 में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संदेह किया गया है, क्योंकि मिहिर राजेश शाह बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जीवन की व्यावहारिकताओं के लिए...
राज्यों की ओर से तैयार SOP की अनदेखी के कारण भागे हुए जोड़ों की सुरक्षा के लिए अदालत में याचिकाओं की बाढ़ आ गई: P&H हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है कि काजल मामले में राज्य सरकारों द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) की अनदेखी के कारण हाईकोर्ट में भगोड़े दम्पतियों द्वारा संरक्षण याचिकाओं की बाढ़ आ गई है। जस्टिस रोहित कपूर ने कहा कि काजल बनाम हरियाणा राज्य एवं अन्य के मामले में पंजाब, हरियाणा एवं केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ द्वारा अधिसूचित मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का व्यापक प्रचार-प्रसार नहीं किया गया है ओर इसकी अनदेखी के कारण न्यायालय में मुकदमेबाजी की बाढ़ आ गई है, "उक्त एसओपी के...
पति की मृत्यु के बाद नामित दूसरी पत्नी अनुकंपा नियुक्ति की हकदार: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि पति द्वारा नामिती के रूप में नियुक्त की गई दूसरी पत्नी भी सरकार द्वारा अनुकंपा नियुक्ति की हकदार होगी, भले ही पहली पत्नी का कानूनी रूप से तलाक न हुआ हो। वर्तमान मामले में संबंधित विभाग के विधि अधिकारी ने कहा था कि मृतक कर्मचारी की पहली शादी पंचायत द्वारा भंग कर दी गई थी, जिसकी कोई कानूनी वैधता नहीं थी, इसलिए दूसरी शादी वैध नहीं होगी। इस राय को ध्यान में रखते हुए दूसरी पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति देने से मना कर दिया गया।जस्टिस दीपिंदर सिंह नलवा ने...
पंजाब पुलिस नियम | भ्रष्टाचार के मामलों में पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए डीएम की सहमति अनिवार्य नहीं: हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि पंजाब पुलिस नियमावली (Punjab Police Rules - PPR) के तहत भ्रष्टाचार के मामलों में पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट (DM) की सहमति आवश्यक नहीं है।जस्टिस जगमोहन बंसल ने नियम 16.40 का हवाला देते हुए कहा,“प्राधिकरणों को प्रत्येक मामले की परिस्थितियों के अनुसार न्यायिक अभियोजन या विभागीय कार्रवाई प्रारंभ करनी होती है। नियम 16.40 के तहत जिला मजिस्ट्रेट की सहमति लेने की कोई आवश्यकता नहीं है। अतः प्रतिवादी द्वारा विभागीय...
NEET-PG : हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ यूटी द्वारा यूटी कोटा को ऑल इंडिया कोटा में पुनः आवंटित करने के फैसले को मंजूरी दी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने वह याचिका खारिज की, जिसमें चंडीगढ़ केंद्रशासित प्रदेश (UT) द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स (PG Medical Courses) में Union Territory Pool quota के अंतर्गत आरक्षित सीटों को All India Quota (AIQ) में पुनः आवंटित (reallocate) किए जाने के फैसले को चुनौती दी गई थी।कोर्ट ने इस निर्णय को बरकरार रखते हुए कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, चंडीगढ़ (GMCH) में एमडी/एमएस एडमिशन के लिए निवास आधारित आरक्षण से जुड़ा विवाद पहले ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा 'श्रे गोयल बनाम यूनियन ऑफ...
पैरोल अवधि को केवल कुल सजा से घटाया जाना चाहिए, वास्तविक जेल अवधि से नहीं: हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार का फॉर्मूले अमान्य घोषित किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने समय से पहले रिहाई के मामले में सजा अवधि की गणना करने के लिए पंजाब सरकार द्वारा जारी फॉर्मूले को अमान्य घोषित करते हुए कहा कि पैरोल अवधि को केवल कुल सजा से घटाया जाना चाहिए, न कि जेल में बिताए गए वास्तविक समय से।जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने कहा,"यह निर्देश दिया जाता है कि पैरोल अवधि को केवल कुल सजा से घटाया जाना चाहिए, न कि वास्तविक सजा से। वास्तविक सजा का मतलब केवल कैदी द्वारा जेल परिसर में बिताया गया वास्तविक समय होगा।"न्यायालय दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था,...
शादी का झांसा देकर बलात्कार के आरोपी को पीड़िता से शादी के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दी अंतरिम जमानत
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को एक व्यक्ति को शादी का झूठा वादा करके बलात्कार करने के आरोपी को अंतरिम जमानत दे दी, ताकि वह कथित पीड़िता से शादी करने में सक्षम हो सके।उस व्यक्ति पर BNS की धारा 69 के तहत आरोप लगाया गया था, जो प्रावधान नए आपराधिक कानून द्वारा पेश किया गया था। BNS की धारा 69 के अनुसार, जो कोई धोखे से या किसी महिला से शादी करने की प्रतिज्ञा करके, उसे पूरा करने के इरादे के बिना, और उसके साथ संभोग करता है, तो ऐसा यौन संभोग, जो बलात्कार का अपराध नहीं है, वह दोनों में से किसी...
जासूसी के आरोप में पाकिस्तान में पकड़े गए व्यक्ति के बेटे को नौकरी देने की कोई नीति नहीं: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक जासूस के बेटे की याचिका को खारिज कर दिया कि उसके पिता के निधन के बाद उसे उच्च पद का पद देने की मांग की गई थी।याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके पास B.Sc (मेडिकल) की डिग्री थी और उसे अपने पिता की मृत्यु के बाद कांस्टेबल के पद की पेशकश की गई थी। हालांकि, रैंक से असंतुष्ट होने के कारण, उन्होंने पंजाब सरकार को एक ज्ञापन दिया, जिसे खारिज कर दिया गया था। जस्टिस जगमोहन बंसल ने कहा, "राज्य सरकार की स्पष्ट या निहित नीति के अभाव में यह न्यायालय अधिकारियों को उच्च रैंक के लिए...
केवल अपराधी के ठिकाने की जानकारी 'शरण देना' नहीं मानी जा सकती, जब तक यह साबित न हो कि आरोपी ने उसे गिरफ्तारी से बचाने में मदद की: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि केवल अपराधी के ठिकाने की जानकारी होना अपराधी को शरण देना (धारा 212 आईपीसी) के अपराध को आकर्षित करने के लिए पर्याप्त नहीं है, जब तक यह साबित न हो कि आरोपी ने उसे गिरफ्तारी से बचाने के लिए कोई सहायता दी।यह टिप्पणी अदालत ने FIR रद्द करते हुए की, जिसमें आईपीसी की धारा 212 (अपराधी को शरण देना) और धारा 216 (ऐसे अपराधी को शरण देना जो हिरासत से फरार हो गया हो या जिसकी गिरफ्तारी का आदेश दिया गया हो) के तहत मामला दर्ज किया गया था।आरोप है कि एक पिता ने अपने बेटे को...
हाईकोर्ट ने पंजाब की उस याचिका को खारिज किया, जिसमें हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के केंद्र के फैसले का पालन करने का निर्देश देने वाले आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार द्वारा 06 मई को पारित आदेश को वापस लेने के लिए दायर आवेदन को खारिज कर दिया, जिसके तहत हरियाणा को भाखड़ा बांध का पानी छोड़ने का रास्ता साफ कर दिया गया था। न्यायालय ने पंजाब सरकार को 02 मई को केंद्र सरकार के गृह सचिव द्वारा आयोजित बैठक के निर्णय का पालन करने का निर्देश दिया। केंद्र सरकार के अनुसार, 2 मई को नई दिल्ली में केंद्र के गृह सचिव ने बैठक बुलाई और हरियाणा की आकस्मिक जरूरतों को पूरा करने के लिए 8 दिनों में हरियाणा को अतिरिक्त 4500 क्यूसेक पानी...
'बिना किसी बंधन' वाले रिश्ते की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने विवाह के बहाने बलात्कार के आरोपी को दी जमानत
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने विवाह के झूठे वादे के बहाने बलात्कार करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत दी, क्योंकि पीड़िता और आरोपी के बीच लंबे समय से सौहार्दपूर्ण संबंध थे और इस रिश्ते के "बिना किसी बंधन" वाले होने की संभावना से पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता।आरोपी और पीड़िता के बीच बातचीत की प्रतिलिपि को पढ़ते हुए जस्टिस विनोद एस. भारद्वाज ने कहा,"पीड़िता और याचिकाकर्ता के बीच लंबे समय से सौहार्दपूर्ण संबंध थे। इस रिश्ते के बिना किसी प्रतिबद्धता और बिना किसी बंधन के होने की संभावना से पूरी तरह...
भ्रष्टाचार मामलों में अग्रिम जमानत केवल तभी दी जा सकती है जब FIR राजनीतिक प्रतिशोध या प्रथम दृष्टया झूठे फंसाने के आधार पर दर्ज की गई हो: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार के मामलों में अग्रिम जमानत केवल असाधारण परिस्थितियों में ही दी जा सकती है। इसके लिए अदालत को प्रथम दृष्टया यह संतुष्ट होना आवश्यक है कि शिकायत झूठे फंसाने, राजनीतिक प्रतिशोध, या स्पष्ट रूप से निराधार आरोपों पर आधारित है।जस्टिस मंजीरी नेहरू कौल ने कहा,"यह कानून अच्छी तरह से स्थापित है और माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 'देविंदर कुमार बंसल बनाम पंजाब राज्य' मामले में पुनः पुष्टि की गई कि भ्रष्टाचार अधिनियम के अंतर्गत आने वाले अपराधों में अग्रिम...
SC/ST के उम्मीदवारों को पदोन्नति में आरक्षण देने से पहले क्रीमी लेयर को बाहर रखा जाए: हरियाणा सरकार से हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की सेवाओं में समूह 'ए' और 'बी' पदों पर पदोन्नति में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को आरक्षण देने के हरियाणा सरकार का निर्देश बरकरार रखते हुए "क्रीमी लेयर" को बाहर रखने का निर्देश दिया।जस्टिस जगमोहन बंसल ने कहा,"इस न्यायालय को लगता है कि प्रतिवादी ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 16(4ए) के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून का विधिवत अनुपालन किया। इसलिए दिनांक 07.10.2023 (अनुलग्नक पी-2) के आरोपित निर्देश वैध हैं। इसके द्वारा उन्हें बरकरार रखा जाता...















