पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने लोकसभा चुनाव में वास्तविक उम्मीदवार को बदलने का प्रयास करने वाले व्यक्ति को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब सेवा (मेडिकल उपस्थिति) नियम 1940 जिसमें मेडिकल प्रतिपूर्ति का लाभ देने के लिए महिला कर्मचारी के केवल जैविक माता-पिता को शामिल किया गया, न कि उसके ससुराल वालों को पर पुनर्विचार की आवश्यकता है।जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी ने कहा,"महिला कर्मचारी जो अपने ससुराल वालों के साथ उनके वैवाहिक घर में रह रही हैं और ससुराल वाले उक्त महिला कर्मचारी पर निर्भर हैं, उन्हें मेडिकल सुविधा देने से इनकार करना और इसके बजाय उनके जैविक माता-पिता को यह सुविधा देना राज्य द्वारा...
Dowry Prohibition Act | जिला मजिस्ट्रेट की मंजूरी के बिना मामला दर्ज नहीं किया जा सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि दहेज निषेध अधिनियम के तहत जिला मजिस्ट्रेट की पूर्व मंजूरी के बिना मामला दर्ज नहीं किया जा सकता।जस्टिस जसजीत सिंह बेदी ने कहा,"पंजाब राज्य पर लागू दहेज निषेध अधिनियम, 1961 की धारा 8-ए के साथ-साथ माननीय सुप्रीम कोर्ट और इस न्यायालय के विभिन्न निर्णयों का अवलोकन करने से यह स्पष्ट हो जाएगा कि जिला मजिस्ट्रेट की पूर्व मंजूरी के बिना अधिनियम के तहत किए गए किसी भी अपराध के संबंध में किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।"न्यायालय दहेज निषेध...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने तलाक मांगने वाले मृतक बेटे का प्रतिनिधित्व करने के लिए मां की याचिका खारिज की
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि "भागीदारों के बीच विवाह, एक व्यक्तिगत अनुबंध है", हाईकोर्ट तलाक की याचिका में एक मां को अपने मृत बेटे का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की खंडपीठ ने कहा, वैवाहिक साझेदारों के बीच शादी, लेकिन जाहिर तौर पर पति-पत्नी के बीच किया गया एक व्यक्तिगत अनुबंध है। उक्त अनुबंध केवल अनुबंध करने वाले पक्षों के जीवन काल के दौरान जीवित रहता है, जिससे उक्त अनुबंध वैवाहिक संघ के पक्षों में से एक के निधन...
पंजाब एंड हरियाणा में कन्या भ्रूण हत्या बेहद परेशान करने वाली: हाईकोर्ट ने जेंडर निर्धारण रैकेट चलाने के आरोपी डॉक्टर की अग्रिम जमानत खारिज की
यह देखते हुए कि भारत में विशेष रूप से देश के इस हिस्से में कन्या भ्रूण हत्या एक बेहद परेशान करने वाला मुद्दा बना हुआ है, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों में बड़े पैमाने पर अवैध लिंग निर्धारण रैकेट चलाने के आरोपी डॉक्टर को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया।जस्टिस मंजरी नेहरू कौल ने कहा,"यह ध्यान देने की आवश्यकता है कि भारत में विशेष रूप से देश के इस हिस्से में कन्या भ्रूण हत्या बहुत ही परेशान करने वाला मुद्दा बना हुआ है। विशेष रूप से चिंताजनक पहलू अनैतिक मेडिकल डॉक्टरों की संलिप्तता है,...
ट्रायल कोर्ट घोषित अपराधी की उपस्थिति की प्रतीक्षा में मामले को स्थगित नहीं कर सकता, उद्घोषणा का प्रकाशन अनिवार्य: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ट्रायल कोर्ट घोषित अपराधी की उपस्थिति की प्रतीक्षा में मामले को 30 दिनों के लिए स्थगित नहीं कर सकता, सीआरपीसी की धारा 82(2) के अनुसार प्रकाशन अनिवार्य है।सीआरपीसी की धारा 82 में कहा गया है कि यदि किसी न्यायालय को यह विश्वास करने का कारण है कि कोई व्यक्ति जिसके विरुद्ध उसके द्वारा वारंट जारी किया गया है, फरार हो गया है, तो ऐसा न्यायालय लिखित उद्घोषणा प्रकाशित कर सकता है, जिसमें उसे किसी विशिष्ट स्थान पर तथा निर्दिष्ट समय पर उपस्थित होने की आवश्यकता...
हत्या के मामले में 1,000 रुपये का जुर्माना बेहद मामूली: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखी, मुआवजा बढ़ाकर 50 हजार किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 24 साल पुराने हत्या के मामले में सात आरोपियों की दोषसिद्धि बरकरार रखी और उनमें से प्रत्येक पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाया गया 1000 रुपये का जुर्माना बेहद मामूली है।मृतक की हत्या भूमि विवाद से संबंधित पुरानी रंजिश के कारण की गई थी। मृतक का शव खून से लथपथ घायल अवस्था में पड़ा मिला था। खंडपीठ ने इसे मृत्युदंड देने के लिए दुर्लभतम मामलों में से दुर्लभतम मानने से इनकार कर दिया।जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा ने...
सीमा पार अवैध रेत खनन का पता लगाने के लिए क्या सेना को सर्वेक्षण करने के लिए नियुक्त किया जा सकता है? पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या सेना सीमा पर अवैध रेत खनन का पता लगाने के लिए हवाई या भूमि सर्वेक्षण कर सकती है।यह घटनाक्रम पंजाब में सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध खनन और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को उठाने वाली याचिकाओं के समूह की सुनवाई के दौरान हुआ।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने कहा,"भारत संघ की ओर से उपस्थित एडवोकेट को निर्देश प्राप्त करने और हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है कि "क्या रेत का अवैध खनन चल रहा है या नहीं, इसका पता...
सिख समुदाय को बदनाम करने की नौटंकी: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कंगना रनौत की 'Emergency' फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष जनहित याचिका (PIL) दायर की गई। उक्त याचिका में कंगना रनौत की 'Emergency' फिल्म के सार्वजनिक रिलीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई।सोशल एक्टिविस्ट होने का दावा करने वाले दो बपतिस्मा प्राप्त सिखों द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया कि ट्रेलर में गलत ऐतिहासिक तथ्य दिखाए गए हैं। यह स्पष्ट है कि फिल्म सिख समुदाय के प्रति नफरत और हिंदुओं और सिखों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देती है।याचिका में कहा गया कि उक्त Emergency मूवी के ट्रेलर को देखने से ही यह तथ्य उजागर हो...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कई मामलों में DNA प्रोफाइलिंग के परिणाम प्राप्त करने में ढिलाई का स्वतः संज्ञान लिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कई मामलों में DNA प्रोफाइलिंग के परिणाम प्राप्त करने में जांच एजेंसी द्वारा दिखाई गई सुस्त ढिलाई का स्वतः संज्ञान लिया।जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने पूछा,"क्या पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर पर्याप्त संख्या में फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) स्थापित की गई हैं और उनमें पर्याप्त स्टाफ़ हैं, जिससे वे केस लोड को संभाल सकें?"न्यायालय ने निम्नलिखित प्रश्न भी तैयार किए:1. क्या यात्रा में लगने वाले श्रमदिवसों को बचाने के लिए वीडियो...
पुलिस थानों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए अलग से शौचालय या लॉकअप उपलब्ध नहीं: पंजाब पुलिस ने हाईकोर्ट में बताया
पंजाब पुलिस ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया कि जिला पुलिस थानों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए अलग से लॉकअप या अलग से शौचालय उपलब्ध नहीं है।पंजाब के सहायक पुलिस महानिरीक्षक द्वारा प्रस्तुत हलफनामे में कहा गया कि फील्ड यूनिट द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह पता चलता है कि जिला पुलिस थानों में अलग से लॉकअप का कोई प्रावधान नहीं है। जिला पुलिस थानों में ट्रांसजेंडर के लिए अलग से शौचालय उपलब्ध नहीं है।यह घटनाक्रम तब सामने आया जब पेशे से वकील सनप्रीत सिंह ने हाईकोर्ट का रुख...
वकील जो पहले से मामले में नहीं था, वह पुनर्विचार याचिका दायर करके मामले में फिर से बहस नहीं कर सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि एक वकील, जो इस मामले में पहले दाखिल या बहस करने वाला वकील भी नहीं था, मामले में फिर से बहस करने के लिए मामले की समीक्षा दायर नहीं कर सकता है।अदालत ने 20,000 रुपये की अनुकरणीय लागत के साथ समीक्षा आवेदन को खारिज कर दिया और कहा कि समीक्षा दायर करने का कोई कारण नहीं था और समीक्षा याचिका दायर करके मामले में फिर से बहस नहीं की जा सकती है। जस्टिस अलका सरीन ने कहा कि वकील ने समीक्षा आवेदन की विचारणीयता पर बहस नहीं की, और न तो दाखिल करने वाले वकील और...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत स्तर पर आरटीआई एक्ट के कार्यान्वयन पर हरियाणा सरकार से जवाब मांगा, ग्रामीणों के उत्पीड़न का मुद्दा उठाया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव और ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक और विशेष सचिव को ग्राम पंचायत स्तर पर आरटीआई अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने का निर्देश दिया है, जिसमें अनुदान/निधि प्राप्ति और उसके उपयोग के बारे में प्रासंगिक जानकारी अपलोड करना शामिल है। कोर्ट ने प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए राज्य लोक सूचना अधिकारी (एसपीआईओ) की नियुक्ति के बारे में भी जानकारी मांगी है।जस्टिस महावीर सिंह सिंधु ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ग्रामीणों...
न्यायालय धारा 125 CrPc या धारा 144 BNSS के तहत एकपक्षीय अंतरिम भरण-पोषण दे सकता है, जब पुष्ट तथ्य दिखाए जाएं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि न्यायालय धारा 125 CrPc या भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 की धारा 144 के तहत एकपक्षीय अंतरिम भरण-पोषण दे सकता है।जस्टिस सुमीत गोयल ने स्पष्ट किया,"न्यायालय को न्यायिक विवेक और न्याय के सुस्थापित मानदंडों के अनुसार एकपक्षीय अंतरिम भरण-पोषण/अंतरिम भरण-पोषण देने की याचिका पर विचार करना चाहिए। इस तरह की शक्ति के प्रयोग के लिए कोई सार्वभौमिक संपूर्ण दिशा-निर्देश निर्धारित नहीं किए जा सकते। न्यायालय द्वारा किसी दिए गए मामले के तथ्यों/परिस्थितियों...
मृत्यु का कारण बनने के लिए पर्याप्त चोट: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गैर-इरादतन हत्या के आरोप को हत्या के दोष में बदल आजीवन कारावास की सजा सुनाई
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गैर-इरादतन हत्या के दोष को हत्या में बदल दिया, यह देखते हुए कि मृतक के शरीर पर लगी चोटें सामान्य प्रकृति में मृत्यु का कारण बनने के लिए पर्याप्त थीं।दोषी पर मृतक की गर्दन पर कांच की टूटी बोतल से वार करके उसकी हत्या करने का आरोप था।जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि मृतक के शरीर की जांच करने वाले डॉक्टर ने गवाही दी थी कि टूटी बोतल से चोट लगने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता और मौत का कारण गर्दन और श्वासनली की प्रमुख वाहिकाओं में...
SSP को NDPS मामलों में जांच की निगरानी करने का निर्देश दें, 6 महीने बीत जाने के बाद भी गिरफ्तार न किए गए आरोपियों की संख्या पर हलफनामा पेश करें: हाईकोर्ट ने पंजाब DGP को निर्देश दिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) को निर्देश दिया कि वे पंजाब के सभी SSP को विभिन्न पुलिस थानों में NDPS Act के प्रावधानों के तहत दर्ज मामलों की जांच की प्रगति की निगरानी करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करें।जस्टिस एन.एस. शेखावत ने DGP पंजाब को निर्देश दिया कि वे पंजाब राज्य के सभी पुलिस थानों में NDPS Act के प्रावधानों के तहत दर्ज सभी मामलों का हलफनामा दाखिल करें, जहां छह महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। साथ ही उन्हें यह भी...
पुलिस अधिकारी के मोबाइल टावर लोकेशन को सुरक्षित रखना सुरक्षा के लिए खतरा या निजता का उल्लंघन नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि एक पुलिस अधिकारी द्वारा कथित रूप से एक आरोपी को ड्रग्स मामले में झूठा फंसाने के मामले में टावर लोकेशन को सुरक्षित रखने से निजता के अधिकार का उल्लंघन नहीं होता है।जस्टिस संजीव बेरी ने कहा, "याचिकाकर्ता ने कथित बरामदगी के समय और स्थान पर विवाद किया है और अपने बचाव में उस पहलू को स्थापित करने के लिए उसने आवेदन में उल्लिखित मोबाइल फोन के टावर लोकेशन को सुरक्षित रखने की मांग की है... उक्त मोबाइल फोन के टावर लोकेशन को सुरक्षित रखने से किसी भी तरह से उक्त...
तलाक की प्रतीक्षा कर रही महिला MTP Act के तहत प्रेग्नेंसी टर्मिनेट करा सकती है: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
यह देखते हुए कि तलाकशुदा और तलाक की प्रतीक्षा कर रही महिला की स्थिति अलग नहीं है, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने महिला को मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट (MTP Act) के तहत प्रेग्नेंसी टर्मिनेट कराने की अनुमति दी।MTP Act दो रजिस्टर्ड डॉक्टर द्वारा 20 सप्ताह तक की प्रेग्नेंसी टर्मिनेट कराने की अनुमति देता है।हालांकि 20 सप्ताह से 24 सप्ताह से अधिक की अवधि में केवल कुछ श्रेणियों की महिलाओं को ही प्रेग्नेंसी टर्मिनेट कराने की अनुमति है, जिनमें तलाकशुदा या विधवा महिलाएं भी शामिल हैं।न्यायालय ने...
Lawrence Bishnoi Jail Interview Row: SIT द्वारा इंटरव्यू राजस्थान जेल से आयोजित किए जाने के बाद हाईकोर्ट ने राजस्थान एजी को पेश होने का निर्देश दिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने लॉरेंस बिश्नोई के जेल से इंटरव्यू के वीडियो पर लिए गए स्वत: संज्ञान में लिए गए मामले में राजस्थान को प्रतिवादी बनाया। राजस्थान के एडवोकेट जनरल (एजी) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने का निर्देश दिया।यह घटनाक्रम पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) द्वारा यह खुलासा किए जाने के बाद सामने आया कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का पहला इंटरव्यू अपराध और अपराधियों का महिमामंडन करते हुए तब लिया गया था, जब वह पंजाब के खरड़ में अपराध जांच एजेंसी...
"नार्को-आतंकवाद, युवाओं के जीवन को नष्ट करता है": पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ड्रोन के माध्यम से सीमा पार भेजे जा रहे हथियारों, ड्रग्स के मुद्दे को हरी झंडी दिखाई
यह देखते हुए कि यह "नार्को-आतंकवाद" का एक स्पष्ट मामला है, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एनडीपीएस अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत गिरफ्तार एक व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया है, जो कथित तौर पर सीमा पार ड्रोन से ड्रग्स परिवहन में शामिल है।जस्टिस जसजीत सिंह बेदी ने कहा, 'ड्रोन के जरिए हथियार और ड्रग्स सीमा पार से आ रहे हैं। हथियारों का उपयोग आतंकवादियों और संगठित अपराध गिरोहों द्वारा किया जाता है जबकि युवाओं की ओर ड्रग्स को धकेला जा रहा है जिसके कारण युवाओं की एक पूरी पीढ़ी का जीवन नष्ट हो...
नाबालिग लड़की का बार-बार पीछा करना, उसकी अनिच्छा के बावजूद प्यार का इजहार करने की कोशिश करना POCSO अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न है: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि अगर कोई लड़का बार-बार किसी नाबालिग लड़की से बात करने, उससे अपने प्यार का इजहार करने और फिर यह दावा करने के लिए उसका पीछा करता है कि एक दिन वह उसका प्यार स्वीकार कर लेगी, तो यह दर्शाता है कि उसका इरादा अच्छा नहीं था और यह यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न के बराबर होगा।सिंगल जज जस्टिस गोविंद सनप ने अमरावती की एक अदालत के 4 फरवरी, 2021 के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें अपीलकर्ता मिथुराम धुर्वे को पीछा...