पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कृपाण धारण करने के लिए समान दिशानिर्देश बनाने की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा

Amir Ahmad

8 Aug 2025 11:33 AM IST

  • पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कृपाण धारण करने के लिए समान दिशानिर्देश बनाने की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कृपाण धारण करने के लिए समान दिशानिर्देश बनाने की मांग वाली जनहित याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों से जवाब मांगा।

    बता दें कृपाण एक छोटी तलवार या चाकू होता है, जिसके किनारे घुमावदार होते हैं और जिसे सिख खालसा के पाँच विशिष्ट चिन्हों में से एक माना जाता है।

    चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ बेरी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) और एक महिला एडवोकेट द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस जनहित याचिका में संविधान में निहित सिख धर्म में अपनी आस्था के प्रतीक के रूप में 'कृपाण' धारण करने के सिखों के मौलिक अधिकार को बनाए रखने के लिए समान नियामक दिशानिर्देश तैयार करने और प्रसारित करने की मांग की गई थी।

    याचिकाकर्ताओं में से एक एडवोकेट अरमानजोत कौर ने याचिका में दावा किया कि उन्हें हाल ही में आयोजित राजस्थान न्यायिक सेवा प्रतियोगी परीक्षा में बैठने से रोका गया। याचिका के अनुसार वह परीक्षा देने के लिए जोधपुर गई थीं लेकिन 23 जून, 2024 को प्रवेश द्वार पर तैनात न्यायिक अधिकारी ने उनके बार-बार समझाने के बावजूद उन्हें परीक्षा हॉल में प्रवेश से वंचित कर दिया।

    उन्होंने अधिकारी को समझाया कि उन्होंने जो छोटी कृपाण धारण की हुई थी, वह बपतिस्मा प्राप्त सिखों के लिए एक आवश्यक ककार है। इसका उपयोग भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षित है। फिर भी उनके अनुरोधों की अनदेखी की गई और उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।

    याचिका में आगे कहा गया कि राजस्थान हाईकोर्ट के प्रशासनिक अधिकारी (न्यायिक) जैसे एक सीनियर एडवोकेट अधिकारी से संपर्क करने और लिखित शिकायत दर्ज कराने के बाद भी कोई सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई। नतीजतन वह परीक्षा में बैठने में असमर्थ रही जबकि वह इसके लिए पूरी तरह से योग्य थी।

    केस टाइटल: लखवीर सिंह व अन्य के माध्यम से श्रीमोनई गुरुद्वारा प्रबंधक समिति बनाम भारत संघ व अन्य

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