मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अपील दाखिल करने में राज्य सरकार के सुस्त रवैये पर फटकार लगाई, 400 दिनों की देरी माफ करने से इनकार
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अपील दाखिल करने में राज्य सरकार के 'सुस्त रवैये' पर फटकार लगाई, 400 दिनों की देरी माफ करने से इनकार

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की वह अपील खारिज कर दी जिसमें 400 से अधिक दिनों की देरी को माफ (condone) करने की मांग की गई थी। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार अपने अधिकारियों के सुस्त और गैर-जिम्मेदार रवैये के प्रति बिल्कुल भी गंभीर नहीं है और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही।जस्टिस जी.एस. अहलूवालिया और जस्टिस पुष्पेंद्र यादव की खंडपीठ ने कहा — “वर्तमान देरी माफी आवेदन में भी राज्य सरकार की ओर से ऐसा कोई संकेत नहीं है जिससे लगे कि वे अपने अधिकारियों के सुस्त और लापरवाह रवैये के प्रति गंभीर...

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने प्रत्यारोपित 253 पेड़ों की जीपीएस-टैग वाली तस्वीरें मांगी, कहा- तस्वीरें दिखाती हैं कि पेड़ पूरी तरह काटे गए, लगाए नहीं गए
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने प्रत्यारोपित 253 पेड़ों की जीपीएस-टैग वाली तस्वीरें मांगी, कहा- तस्वीरें दिखाती हैं कि पेड़ 'पूरी तरह काटे गए, लगाए नहीं गए

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कथित रूप से 'प्रत्यारोपित किए गए 253 पेड़ों की जीपीएस लोकेशन के साथ तस्वीरें पेश करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है। न्यायालय ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद मौजूदा तस्वीरों से पता चलता है कि इनमें से किसी भी पेड़ को प्रत्यारोपित नहीं किया गया है,बल्कि उन्हें पूरी तरह से काट दिया गया है।चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने यह आदेश तब पारित किया जब वह एक समाचार रिपोर्ट पर लिए गए स्वत: संज्ञान के मामले की सुनवाई कर रही थी। इस...

वकीलों के सामूहिक बहिष्कार पर मद्रास हाईकोर्ट का कड़ा रुख: कहा- बार एसोसिएशन ट्रेड यूनियन नहीं, किसी के प्रतिनिधित्व पर रोक असंवैधानिक
वकीलों के सामूहिक बहिष्कार पर मद्रास हाईकोर्ट का कड़ा रुख: कहा- बार एसोसिएशन ट्रेड यूनियन नहीं, किसी के प्रतिनिधित्व पर रोक असंवैधानिक

मद्रास हाईकोर्ट ने बार एसोसिएशनों द्वारा सामूहिक बहिष्कार और किसी पक्ष को कानूनी प्रतिनिधित्व से वंचित करने की प्रथा पर सख्त टिप्पणी की। जस्टिस बी. पुगालेंधी ने स्पष्ट किया कि कोई भी बार एसोसिएशन या वकीलों का समूह यह तय नहीं कर सकता कि अदालत में किसे बचाया या पेश किया जाए। अदालत ने कहा कि किसी व्यक्ति को न्यायालय में प्रतिनिधित्व का अधिकार कोई विशेष अनुग्रह नहीं बल्कि यह संविधान द्वारा प्रदत्त एक मौलिक गारंटी है और इस अधिकार में हस्तक्षेप कानून के शासन की जड़ पर प्रहार है।जस्टिस पुगालेंधी ने...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बिना मुद्दे तय किए और साक्ष्य दर्ज किए मुस्लिम दंपत्ति के बीच तलाक की घोषणा करने पर फैमिली कोर्ट की आलोचना की
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बिना मुद्दे तय किए और साक्ष्य दर्ज किए मुस्लिम दंपत्ति के बीच तलाक की घोषणा करने पर फैमिली कोर्ट की आलोचना की

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के उस आदेश पर आश्चर्य और हैरानी व्यक्त की, जिसमें बिना मुद्दे तय किए और साक्ष्य दर्ज किए मुस्लिम महिला को उसके पति से तलाक की घोषणा कर दी गई।जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने कहा;"हम इस बात से आश्चर्यचकित और स्तब्ध हैं कि फैमिली कोर्ट ने सीपीसी के आदेश VII नियम 11 के तहत मामले को कैसे लिया। प्रतिवादी/वादी (पति) को राहत दी, जो मुद्दे तय करने और साक्ष्य दर्ज करने के बाद ही दी जानी चाहिए थी। तलाक की घोषणा प्राप्त करके मुकदमा दायर...

आपसी विश्वास सुनहरा धागा: एमपी हाईकोर्ट ने झूठे आरोपों को क्रूरता मानते हुए पति को दी तलाक की अनुमति
आपसी विश्वास सुनहरा धागा: एमपी हाईकोर्ट ने झूठे आरोपों को क्रूरता मानते हुए पति को दी तलाक की अनुमति

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने वैवाहिक संबंध में आपसी विश्वास (Mutual Trust) को सुनहरा धागा (Golden Thread) बताते हुए टिप्पणी की कि जब एक जीवनसाथी दूसरे पर बेबुनियाद और मानहानिकारक आरोप लगाता है तो यह विश्वास टूट जाता है। कोर्ट ने पत्नी द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों को क्रूरता मानते हुए और लंबे समय तक परित्याग (Desertion) के आधार पर पति को तलाक की मंजूरी दी।कोर्ट ने कहा,"वैवाहिक संबंध में आपसी विश्वास वह सुनहरा धागा है, जो विवाहित जोड़ों के जीवन में स्नेह और प्रशंसा बुनता है। जब एक पक्ष दूसरे पर बेबुनियाद...

हक़ फ़िल्म की रिलीज़ के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची शाहबानो की बेटी, कहा- निर्माता ने मां की पहचान के उपयोग की अनुमति नहीं ली
'हक़' फ़िल्म की रिलीज़ के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची शाहबानो की बेटी, कहा- निर्माता ने मां की पहचान के उपयोग की अनुमति नहीं ली

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सोमवार (3 नवंबर) को शाहबानो बेगम की बेटी ने फिल्म 'हक़' (Haq) की रिलीज़ को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। इस फिल्म में यामी गौतम धर और इमरान हाशमी मुख्य भूमिकाओं में हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि फिल्म में उनकी मां शाहबानो बेगम की पहचान और निजी जीवन का उपयोग बिना अनुमति के किया गया है।यह फिल्म 7 नवंबर को रिलीज़ होने वाली है और बताया जा रहा है कि यह सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले "मोहम्मद अहमद खान बनाम शाहबानो बेगम (1985)" से प्रेरित है, जिसमें अदालत ने CrPC की धारा...

छात्रा से पुराने संबंध के आधार पर यौन उत्पीड़न केस रद्द, एमपी हाईकोर्ट ने प्रोफेसर को बहाल किया
छात्रा से पुराने संबंध के आधार पर यौन उत्पीड़न केस रद्द, एमपी हाईकोर्ट ने प्रोफेसर को बहाल किया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर की बर्खास्तगी को रद्द कर दिया है, जिन पर एक महिला छात्रा का यौन शोषण करने का आरोप था। कोर्ट ने पाया कि प्रोफेसर और छात्रा के बीच संबंध वर्ष 2013 से चल रहे थे, जबकि छात्रा ने विश्वविद्यालय में प्रवेश 2021 में लिया था।कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के आरोपों को खारिज करते हुए प्रोफेसर की तत्काल बहाली के आदेश दिए, हालांकि यह भी कहा कि प्रश्नपत्र लीक से जुड़ी जांच पूरी होने तक वह निलंबित रहेंगे। जस्टिस विवेक जैन की पीठ ने...

OBC युवक से पैर धुलाने वाले वीडियो पर मीडिया को भेजे नोटिस की रिपोर्ट पेश की जाए: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
OBC युवक से पैर धुलाने वाले वीडियो पर मीडिया को भेजे नोटिस की रिपोर्ट पेश की जाए: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शुक्रवार (31 अक्टूबर) को अपनी रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह यह स्पष्ट करे कि जिन अखबारों, यूट्यूब चैनलों और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक वीडियो और खबरें प्रकाशित हुई थीं — जिसमें कथित तौर पर एक पिछड़ा वर्ग (OBC) युवक को किसी व्यक्ति के पैर धोने के लिए मजबूर किया गया था — क्या उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं या नहीं।जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस अवनींद्र कुमार सिंह की खंडपीठ ने आदेश दिया: “ऑफिस यह स्पष्ट रिपोर्ट दे कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अखबारों को नोटिस दिए...

बिना टिकट व्यक्तियों को ट्रेन में चढ़ने से रोकने में रेलवे की विफलता सहभागी लापरवाही: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
बिना टिकट व्यक्तियों को ट्रेन में चढ़ने से रोकने में रेलवे की विफलता सहभागी लापरवाही: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने माना कि बिना टिकट और अनधिकृत व्यक्तियों को ट्रेन में चढ़ने से रोकने में रेलवे की विफलता सहभागी लापरवाही है, इसलिए रेलवे को भीड़भाड़ के कारण मरने वाले वास्तविक यात्री के आश्रितों को मुआवजा देने का दायित्व है।जस्टिस हिमांशु जोशी की पीठ ने कहा;रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 123(सी) और 124ए के तहत रेलवे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आकस्मिक मृत्यु सहित किसी भी अप्रिय घटना के लिए क्षतिपूर्ति करने के लिए बाध्य है, जहां लापरवाही या वैधानिक कर्तव्य का उल्लंघन सिद्ध होता है।...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने GST कार्यवाही में बाधा डालने पर तंबाकू कंपनी पर ₹2 लाख का जुर्माना लगाया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने GST कार्यवाही में बाधा डालने पर तंबाकू कंपनी पर ₹2 लाख का जुर्माना लगाया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इंदौर स्थित तंबाकू कंपनी पर GST अधिकारियों द्वारा उसके खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही में बाधा डालने का प्रयास करने पर ₹2 लाख का जुर्माना लगाया।इंदौर में पान मसाला और तंबाकू उद्योग में बड़े पैमाने पर कर चोरी की जांच के बाद मई, 2020 में यह कंपनी जीएसटी खुफिया महानिदेशक की जांच के घेरे में आई थी।जांच ​​में कथित तौर पर याचिकाकर्ता एलोरा टोबैको कंपनी लिमिटेड से जुड़े ₹200 करोड़ से अधिक के कर चोरी के रैकेट का खुलासा हुआ।याचिका में सर्वेक्षण रजिस्टर, तंबाकू स्टॉक रजिस्टर, कच्चे माल...

पत्नी द्वारा शराब की लत के झूठे आरोप लगाने के बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पति को तलाक की मंज़ूरी दी
पत्नी द्वारा शराब की लत के झूठे आरोप लगाने के बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पति को तलाक की मंज़ूरी दी

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने यह देखते हुए एक व्यक्ति को क्रूरता के आधार पर तलाक की मंज़ूरी दी कि पत्नी ने उस पर शराब की लत के झूठे आरोप लगाए।ऐसा करते हुए कोर्ट ने मंडला के फैमिली कोर्ट का फैसला और डिक्री रद्द कर दिया, जिसमें पति की तलाक की याचिका को परित्याग और क्रूरता के आधार पर खारिज कर दिया गया।जस्टिस विशाल धगत और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने कहा,"हम इस अपील को इस आधार पर स्वीकार करते हैं कि नशे की लत का झूठा आरोप लगाकर क्रूरता की गई। साथ रहने को फिर से शुरू न करने के दृढ़ संकल्प के बावजूद...

पत्रकार की शिकायत के बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकारी अधिकारी के खिलाफ जालसाजी की FIR रद्द करने से किया इनकार
पत्रकार की शिकायत के बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकारी अधिकारी के खिलाफ जालसाजी की FIR रद्द करने से किया इनकार

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकारी अधिकारी की याचिका खारिज की, जिसने अपने और अपने ड्राइवर के खिलाफ जालसाजी का आरोप लगाते हुए दर्ज FIR रद्द करने की मांग की थी। यह याचिका पत्रकार द्वारा दायर की गई शिकायत के बाद दायर की गई, जिसमें कहा गया कि उनके नाम से फर्जी शिकायतें परिवहन मंत्री और परिवहन आयुक्त को भेजी गईं।जस्टिस मिलिंद रमेश फड़के की पीठ ने कहा,"FIR और उससे जुड़ी सामग्री की सावधानीपूर्वक जांच करने पर यह न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरोपों को उनके मूल स्वरूप में देखने पर प्रथम दृष्टया...