मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मामले के तथ्यों के आधारा पर पति की सहमति के बिना पत्नी के गर्भपात कराने को क्रूरता कहा जा सकता है: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मामले के तथ्यों के आधारा पर पति की सहमति के बिना पत्नी के गर्भपात कराने को क्रूरता कहा जा सकता है: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने हिंदू विवाह अधिनियम के तहत एक जोड़े के विवाह को भंग करने के पारिवारिक न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा। कोर्ट ने निर्णय में कहा कि "मामले के तथ्यों" के आधार पर, अगर कोई पत्नी अपने पति की सहमति के बिना गर्भावस्था को समाप्त करने का विकल्प चुनती है, तो उसे "क्रूरता" कहा जा सकता है। ज‌स्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने कहा, "निचली अदालत ने यह निष्कर्ष दर्ज किया है कि पति की सहमति के बिना गर्भावस्था को समाप्त करना भी क्रूरता के दायरे में...

श्रम न्यायालय की ओर से बिरला कॉर्पोरेशन को बदली कर्मचारी को 15 दिन का काम/पीएम देने के लिए कहना अवैध है, क्योंकि उसने 240 दिनों तक काम नहीं किया था: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
श्रम न्यायालय की ओर से बिरला कॉर्पोरेशन को "बदली कर्मचारी" को 15 दिन का काम/पीएम देने के लिए कहना अवैध है, क्योंकि उसने 240 दिनों तक काम नहीं किया था: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

"बदली कामगार" के रोजगार अधिकारों से संबंधित एक मामले में, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में श्रम न्यायालय द्वारा पारित एक निर्णय को "भौतिक रूप से अवैध" करार देते हुए रद्द कर दिया और कहा कि ऐसे कर्मचारी को तब तक नियमित रोजगार का दावा करने का कोई अधिकार नहीं है जब तक कि उन्होंने एक कैलेंडर वर्ष में 240 दिन पूरे नहीं कर लिए हों। ज‌स्टिस जीएस अहलूवालिया की एकल न्यायाधीश पीठ याचिकाकर्ता बिरला कॉर्पोरेशन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें श्रम न्यायालय के 23 अगस्त, 2018 के निर्णय को चुनौती दी गई...

एमपी हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूल कोटे में MBBS सीट के लिए उम्मीदवार की याचिका देर से दाखिल करने पर खारिज की
एमपी हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूल कोटे में MBBS सीट के लिए उम्मीदवार की याचिका देर से दाखिल करने पर खारिज की

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (इंदौर पीठ) ने हाल ही में एक मेडिकल उम्मीदवार द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें वर्तमान शैक्षणिक सत्र में 5% सरकारी स्कूल कोटा के तहत MBBS पाठ्यक्रम में सीट आवंटित करने की मांग की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि उसके NEET-UG 2023 स्कोर ने उसे आगामी शैक्षणिक सत्र में सीट का हकदार बनाया है। जस्टिस विवेक रुसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता उम्मीदवार ने NEET-UG परीक्षा 2023 में भाग लिया और ओबीसी श्रेणी में 720...

Writ Of Habeas Corpus Will Not Lie When Adoptive Mother Seeks Child
समझौते में शामिल न होने वाला राज्य धारा 16 के तहत आवेदन नहीं कर सकता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस राजेंद्र कुमार वाणी की खंडपीठ ने माना कि भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और निजी कंपनी के बीच किया गया मध्यस्थता समझौता किसी भी कानूनी क्षमता में राज्य सरकार को शामिल या फंसाता नहीं है।खंडपीठ ने माना कि ऐसा समझौता विशेष रूप से केंद्र सरकार के मंत्रालय और संबंधित कंपनी के बीच होता है, जिससे राज्य सरकार की कोई भूमिका या भागीदारी समाप्त हो जाती है। परिणामस्वरूप, खंडपीठ ने माना कि राज्य सरकार को मध्यस्थता समझौते या संबंधित...

Doctors Strike: अस्पताल की विशेष चिंताओं को दूर करने के लिए उच्च स्तरीय हितधारक बैठक आयोजित करें: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा
Doctors Strike: अस्पताल की विशेष चिंताओं को दूर करने के लिए उच्च स्तरीय हितधारक बैठक आयोजित करें: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह राज्य में जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा उठाए गए मुद्दों को हल करने के लिए उच्च स्तरीय हितधारक बैठक आयोजित करे, जो इस महीने की शुरुआत में कोलकाता में एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के संबंध में एसोसिएशन द्वारा घोषित प्रस्तावित हड़ताल से संबंधित याचिका में है।एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने 27 अगस्त के अपने आदेश में राज्य के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा याचिका पर दायर जवाब पर ध्यान दिया। न्यायालय ने कहा...

पूरी तरह से क्रॉस एग्जामिनेशन किए गए गवाह को अदालत के समक्ष दी गई पूर्व गवाही से मुकरने के लिए वापस नहीं बुलाया जा सकता: एमपी हाईकोर्ट
पूरी तरह से क्रॉस एग्जामिनेशन किए गए गवाह को अदालत के समक्ष दी गई पूर्व गवाही से मुकरने के लिए वापस नहीं बुलाया जा सकता: एमपी हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि ट्रायल कोर्ट द्वारा पूरी तरह से क्रॉस एग्जामिनेशन किए गए गवाह को केवल इस आधार पर वापस नहीं बुलाया जा सकता कि ऐसा गवाह बाद में अपने बयान से मुकर गया।जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल की पीठ ने कहा,"किसी भी अभियोजन पक्ष के गवाह को केवल इसलिए जांच/क्रॉस एक्जामिनेशन के लिए नहीं बुलाया जा सकता, क्योंकि उसने ट्रायल कोर्ट के समक्ष दिए गए अपने बयान के विपरीत हलफनामा दायर किया।"इस मामले में अभियोक्ता ने अपनी FIR और CrPc की धारा 161 और 164 के तहत दर्ज बयान में अभियोजन...

नामांकन फॉर्म में मामूली अंतर या बकाया राशि का खुलासा न करना ऐसा दोष नहीं, जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित हो: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
नामांकन फॉर्म में मामूली अंतर या बकाया राशि का खुलासा न करना ऐसा दोष नहीं, जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित हो: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश की चुरहट सीट से कांग्रेस विधायक अजय अर्जुन सिंह के निर्वाचन के खिलाफ दायर दो याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने फैसले में कहा कि नामांकन फॉर्म में मामूली अंतर या बकाया राशि का खुलासा न करना चुनाव परिणाम को प्रभावित करने वाला "महत्वपूर्ण दोष" नहीं कहा जा सकता। जस्टिस विशाल मिश्रा की एकल पीठ ने देखा कि चुनाव याचिकाओं में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधानों का पालन न करने का आरोप लगाया गया है। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि यद्यपि यह इंगित करने का प्रयास किया गया...

आंतरिक नोट उचित आलोचना हैं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट पर टिप्पणी के लिए राजस्व अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही खारिज की
"आंतरिक नोट उचित आलोचना हैं": मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट पर टिप्पणी के लिए राजस्व अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही खारिज की

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर स्थ‌ित पीठ ने निचली अपीलीय अदालत की ओर से पारित निर्णय पर कथित रूप से प्रतिकूल टिप्पणी करने के लिए राजस्व अधिकारियों के खिलाफ शुरू की गई अवमानना ​​कार्यवाही को खारिज कर दिया। यह मामला इस बात पर केंद्रित था कि अपीलीय अदालत के आदेश के संबंध में तहसीलदार और उप-विभागीय अधिकारी (एसडीओ) की ओर से की गई टिप्पणी अदालत की अवमानना ​​है या नहीं। न्यायालय ने निष्कर्ष निकाला कि टिप्पणियां नौकरशाही उद्देश्यों के लिए आंतरिक टिप्पणियां थीं और अवमानना ​​नहीं थीं।जस्टिस विवेक जैन की...

नियुक्तियों में जाति-आधारित वरीयता केवल तभी दी जा सकती है, जब न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता पूरी हो: एमपी हाईकोर्ट ने ASHA Worker की बर्खास्तगी खारिज की
नियुक्तियों में जाति-आधारित वरीयता केवल तभी दी जा सकती है, जब न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता पूरी हो: एमपी हाईकोर्ट ने ASHA Worker की बर्खास्तगी खारिज की

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में अपनी जबलपुर बेंच में मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (ASHA Worker) की बर्खास्तगी खारिज की। वर्कर को अनुसूचित जनजाति (ST) के उम्मीदवारों को उन क्षेत्रों में वरीयता देने वाली राज्य नीति के कारण बर्खास्त किया गया था, जहां उनकी आबादी 50% से अधिक है। अदालत ने माना कि इस मामले में उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता के कारण इस नीति का आवेदन गलत था।जस्टिस विवेक जैन की एकल पीठ ने बर्खास्तगी को अनुचित माना और कहा कि आशा कार्यकर्ता के लिए न्यूनतम शैक्षणिक...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
केवल कभी-कभार होने वाला दुर्व्यवहार या उत्पीड़न आत्महत्या के लिए उकसाने के बराबर नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ग्वालियर ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 के तहत लगाए गए आरोप खारिज करते हुए कहा कि केवल कभी-कभार होने वाला उत्पीड़न या दुर्व्यवहार आत्महत्या के लिए उकसाने के बराबर नहीं है।जस्टिस संजीव एस. कलगांवकर की एकल पीठ ने कहा कि उकसाने का अपराध बनने के लिए उकसाने या उकसाने का स्पष्ट और जानबूझकर किया गया कार्य होना चाहिए।अदालत ने गंगुला मोहन रेड्डी बनाम आंध्र प्रदेश राज्य, अमलेंदु पाल @ झंटू बनाम पश्चिम बंगाल राज्य, हुकुम सिंह यादव बनाम मध्य प्रदेश राज्य सहित सुप्रीम कोर्ट के...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बिना अनुमोदन के चल रहे स्कूलों में गुरुजी शिक्षकों की बहाली से इनकार किया, हालांकि सेवा के समय के लिए मानदेय का भुगतान करने का निर्देश दिया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बिना अनुमोदन के चल रहे स्कूलों में "गुरुजी" शिक्षकों की बहाली से इनकार किया, हालांकि सेवा के समय के लिए मानदेय का भुगतान करने का निर्देश दिया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति के बिना चल रहे स्कूलों में "गुरुजी" की नियुक्ति को 'अवैध' माना। यह आदेश मध्य प्रदेश शिक्षा गारंटी योजना के तहत नियुक्त कई शिक्षकों द्वारा दायर रिट याचिका पर आया है, जिसमें सिंगरौली के कलेक्टर द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें नियुक्तियों की वैधता पर सवाल उठाया गया था और उन्हें सेवा में बने रहने से मना कर दिया गया था।कलेक्टर ने अपने आदेश में पाया कि हालांकि स्कूल बिना किसी पूर्व स्वीकृति के चल रहे थे, लेकिन याचिकाकर्ताओं...

क्या AI का उपयोग अपराध स्थल की वीडियोग्राफी का विश्लेषण करने, साइन लैग्वेज की व्याख्या के लिए किया जा सकता है? एमपी हाईकोर्ट ने पूछा
क्या AI का उपयोग अपराध स्थल की वीडियोग्राफी का विश्लेषण करने, साइन लैग्वेज की व्याख्या के लिए किया जा सकता है? एमपी हाईकोर्ट ने पूछा

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में पूछा कि क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इनेबल्ड एप्लीकेशन्स का उपयोग विकलांग पीड़ितों/शिकायतकर्ताओं, जो एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस से संपर्क करते हैं, की साइन लेंग्‍वेज की व्याख्या करने के लिए किया जा सकता है। ग्वालियर स्थिति जस्टिस आनंद पाठक की पीठ ने यह भी सोचा कि क्या अपराध स्थल का वीडियोग्राफी डेटा, जिसे अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के प्रावधानों के अनुसार अनिवार्य रूप से रिकॉर्ड किया जाता है, का एआई ऐप के उपयोग से बेहतर विश्लेषण किया जा सकता...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 2017 के शुल्क विनियमन नियमों का उल्लंघन करते हुए कथित रूप से अत्यधिक फीस वसूले जाने के आदेश वाले प्राइवेट स्कूलों को अंतरिम राहत प्रदान की
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 2017 के शुल्क विनियमन नियमों का उल्लंघन करते हुए कथित रूप से अत्यधिक फीस वसूले जाने के आदेश वाले प्राइवेट स्कूलों को अंतरिम राहत प्रदान की

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर ने हाल ही में एक निर्णय में शैक्षणिक वर्ष 2017-18 से प्राइवेट स्कूलों द्वारा एकत्रित स्कूल फीस की वापसी के आदेश पर अंतरिम रोक लगाई।यह मामला सेंट एलॉयसियस सीनियर सेकेंडरी स्कूल की अपील से संबंधित है, जिसमें जिला अधिकारियों के उन आदेशों को चुनौती दी गई। इसमें उन्हें मध्य प्रदेश प्राइवेट स्कूलों (फीस तथा संबंध विषयों का विनियमन) अधिनियम, 2017 (अधिनियम) के तहत अनुमेय सीमा से अधिक वसूले गए फीस को वापस करने का निर्देश दिया गया।जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ ने...

विदेशी शराब नियमों के तहत रजिस्ट्रेशन से इनकार करने के लिए आबकारी आयुक्त के लिए केवल आपत्ति कोई आधार नहीं: एमपी हाईकोर्ट
विदेशी शराब नियमों के तहत रजिस्ट्रेशन से इनकार करने के लिए आबकारी आयुक्त के लिए केवल आपत्ति कोई आधार नहीं: एमपी हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में माउंट एवरेस्ट ब्रुअरीज लिमिटेड द्वारा दायर रिट याचिका खारिज की। उक्त याचिका में मध्य प्रदेश के आबकारी आयुक्त द्वारा वास्को 60000 एक्स्ट्रा स्ट्रॉन्ग बीयर लेबल के रजिस्ट्रेशन को चुनौती दी गई थी।याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि प्रतिवादी नंबर 3 वास्को ब्रुअरीज का विवादित लेबल उसके अपने पंजीकृत लेबल माउंट 6000 सुपर स्ट्रॉन्ग बीयर से भ्रामक समानता रखता है।जस्टिस प्रणय वर्मा ने कहा कि यद्यपि मध्य प्रदेश विदेशी मदिरा नियम 1996 के नियम 9(4) में यह प्रावधान है कि यदि ऐसे...

प्रारंभिक अधिसूचना में उल्लिखित भूमि का अधिग्रहण न करना भूमि स्वामी के किसी मौलिक या वैधानिक अधिकार का उल्लंघन नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
प्रारंभिक अधिसूचना में उल्लिखित भूमि का अधिग्रहण न करना भूमि स्वामी के किसी मौलिक या वैधानिक अधिकार का उल्लंघन नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भूमि स्वामी द्वारा दायर रिट याचिका खारिज की, जिसमें कोयला धारक क्षेत्र (अधिग्रहण एवं विकास) अधिनियम 1957 के तहत शुरू की गई अधिग्रहण कार्यवाही में अपनी भूमि को शामिल करने की मांग की गई थी।याचिका मुख्य रूप से इस आधार पर थी कि उसकी भूमि को अधिग्रहण से बाहर रखने से उसके संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन होगा और उसकी संपत्ति बेकार हो जाएगी।जस्टिस जी.एस. अहलूवालिया की पीठ ने याचिका में कोई योग्यता नहीं पाई। उन्होंने कहा कि भूमि का बहिष्कार वैध कानूनी और तकनीकी आधारों पर आधारित था,...

आरोपी को सुने बिना जमानत रद्द करना नैसर्गिक न्याय सिद्धांतों, मौलिक अधिकारों का उल्लंघन: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
आरोपी को सुने बिना जमानत रद्द करना नैसर्गिक न्याय सिद्धांतों, मौलिक अधिकारों का उल्लंघन: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

जबलपुर में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जमानत आदेशों में एक स्वचालित रद्दीकरण खंड की वैधता को संबोधित किया है। यह मामला आवेदक की उस याचिका के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसमें पहले के आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी, जिसने उसकी जमानत की शर्तों को संशोधित करने के उसके अनुरोध को खारिज कर दिया था।अदालत के समक्ष सवाल यह था कि क्या आरोपी को सुनवाई का अवसर दिए बिना स्वतः जमानत रद्द करने की शर्त भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है। न्यायालय ने अपने पिछले आदेश दिनांक...

गैर-वाणिज्यिक मात्रा, कोई न्यूनतम सजा निर्धारित नहीं: एमपी हाईकोर्ट ने 2 साल से अधिक समय से जेल में बंद NDPS आरोपी को रिहा किया
गैर-वाणिज्यिक मात्रा, कोई न्यूनतम सजा निर्धारित नहीं: एमपी हाईकोर्ट ने 2 साल से अधिक समय से जेल में बंद NDPS आरोपी को रिहा किया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट इंदौर ने आरोपी को रिहा किया, जिस पर 2016 में 6 किलोग्राम गांजा रखने का मामला दर्ज किया गया और उसे तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी।अदालत ने पाया कि आरोपी ने 2 साल से अधिक कारावास की सजा काटी है। निचली अदालत द्वारा लगाए गए जुर्माने की राशि को बढ़ाते हुए उसे हिरासत से रिहा किया।जस्टिस प्रेम नारायण सिंह की पीठ ने अपीलकर्ता द्वारा दायर अपील आंशिक रूप से स्वीकार की, जिसे मूल रूप से इंदौर में विशेष न्यायाधीश (NDPS Act) द्वारा तीन साल के कठोर कारावास और 10,000 के जुर्माने...

क्रूरता के कारण 18 साल से अलग रह रही पत्नी: एमपी हाईकोर्ट ने पति की गुमशुदगी शिकायत 10 हजार रुपए जुर्माने के साथ खारिज की
क्रूरता के कारण 18 साल से अलग रह रही पत्नी: एमपी हाईकोर्ट ने पति की गुमशुदगी शिकायत 10 हजार रुपए जुर्माने के साथ खारिज की

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया, जो अपनी लापता पत्नी और बच्चों का पता लगाने के लिए निर्देश मांग रहा था उसकी पत्नी कथित तौर पर 2006 से लापता हैं।जस्टिस विशाल धगत ने पाया कि याचिकाकर्ता को पूरी तरह से पता था कि उसकी पत्नी ने उसके अपमानजनक व्यवहार के कारण उसे छोड़ दिया था।उन्होने टिप्पणी की,"याचिकाकर्ता की पत्नी ने इस अदालत को बताया कि उसका पति उसे और उसके बेटों को बेरहमी से पीटता था, इसलिए उसने वर्ष 2006 में उसका घर छोड़ दिया। याचिकाकर्ता उक्त तथ्यों...

सामाजिक वानिकी के लिए निर्धारित भूमि पर किसी भी निर्माण या उत्खनन गतिविधि की अनुमति नहीं दी जा सकती: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
सामाजिक वानिकी के लिए निर्धारित भूमि पर किसी भी निर्माण या उत्खनन गतिविधि की अनुमति नहीं दी जा सकती: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सामाजिक वानिकी के लिए कथित रूप से निर्धारित भूमि पर पत्थर काटने वाले संयंत्र के संचालन के लिए दिया गया अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) रद्द करने को चुनौती देने वाली रिट याचिका खारिज की।जस्टिस आनंद पाठक की पीठ ने घाटीगांव के उप-विभागीय अधिकारी (SDO) वन का NOC रद्द करने का फैसला बरकरार रखा। इस बात पर जोर दिया कि विचाराधीन भूमि को वृक्षारोपण उद्देश्यों के लिए वन भूमि के रूप में नामित किया गया था।मामला ग्वालियर जिले के घाटीगांव तहसील के मोहना में 0.209 हेक्टेयर भूमि के भूखंड के...

योजनाबद्ध तरीके से जंगली जानवरों का शिकार करना प्रकृति और जंगलों के लिए खतरा: एमपी हाईकोर्ट ने बाघिन के शिकार के लिए आरोपी लोगों को जमानत देने से इनकार किया
योजनाबद्ध तरीके से जंगली जानवरों का शिकार करना प्रकृति और जंगलों के लिए खतरा: एमपी हाईकोर्ट ने बाघिन के शिकार के लिए आरोपी लोगों को जमानत देने से इनकार किया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बिजली के तार लगाकर मादा बाघ का शिकार करने के आरोपी व्यक्तियों द्वारा दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायालय ने इस कृत्य को प्रकृति और वनों के लिए गंभीर खतरा बताया है। राज्य टाइगर स्ट्राइक फोर्स, जबलपुर द्वारा वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 (संशोधन) 2022 की धारा 9, 39, 44, 48(ए), 49(बी), 51, 52 और 57 के तहत उन पर आरोप लगाए गए थे।अपने फैसले में जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल ने इस बात पर जोर दिया कि बाघ जैसे अनुसूची-I के जंगली जानवर का शिकार करना मामूली अपराध नहीं माना...