मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने विचाराधीन कैदियों, दोषियों को जमानत आवेदन, अपील और संशोधन दाखिल करने में दी जाने वाली कानूनी सहायता पर रिपोर्ट मांगी
हत्या के एक दोषी की सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रीवा से जवाब मांगा कि दोषी को तत्काल कानूनी सहायता क्यों नहीं प्रदान की गई। बता दें कि उक्त दोषी ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल करने में 850 दिनों की देरी के लिए माफी मांगी थी।ऐसा करते हुए न्यायालय ने पाया कि यह "राज्य में कानूनी सहायता के कामकाज का प्रतिबिंब" है और आगे राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को राज्य में जेलों के अधीक्षकों से विचाराधीन कैदियों/दोषियों को प्रदान की जाने वाली कानूनी सहायता के...
विशेष प्राधिकरण के बिना वकील द्वारा दायर पंचायत चुनाव याचिका अमान्य मानी जाएगी: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य पंचायत (चुनाव याचिका भ्रष्ट आचरण एवं सदस्यता के लिए अयोग्यता) नियमों के तहत यदि कोई वकील बिना विशेष प्राधिकरण के चुनाव याचिका प्रस्तुत करता है तो वह वैध प्रतिनिधित्व नहीं माना जाएगा।जस्टिस विजय कुमार शुक्ला और जस्टिस प्रणय वर्मा की खंडपीठ ने कहा,"नियम 3 के उपनियम (1) की भाषा स्पष्ट है कि चुनाव याचिका उस व्यक्ति द्वारा या उस व्यक्ति द्वारा लिखित रूप से अधिकृत व्यक्ति द्वारा कार्यालय समय में संबंधित अधिकारी को प्रस्तुत की जानी चाहिए।...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने फैसला लिखे बिना आरोपियों को बरी करने के लिए सिविल जज की बर्खास्तगी को बरकरार रखा
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आपराधिक मुकदमों में आरोपियों को बिना फैसला लिखे बरी करने पर एक सिविल जज की बर्खास्तगी को बरकरार रखा है। न्यायालय ने कहा कि आरोप 'गंभीर कदाचार' के हैं और इन्हें माफ नहीं किया जा सकता है।चीफ़ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने कहा, "जब हम रिकॉर्ड को देखते हैं, तो यह पाया जाता है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ सभी पांच आरोप साबित हुए थे। आरोप गंभीर कदाचार के हैं कि उन्होंने निर्णय लिखे बिना आपराधिक परीक्षणों में अभियुक्तों को बरी कर दिया, जो स्पष्ट रूप से गंभीर...
'यह सुनिश्चित करता है कि मेधावी छात्रों को प्रवेश मिले': MP हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री की लोक कल्याण शिक्षा प्रोत्साहन योजना की वैधता बरकरार रखी
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री जनकल्याण शिक्षा प्रोत्साहन योजना की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है, जो मध्य प्रदेश के निवासी मेधावी छात्रों को मध्य प्रदेश के सरकारी या निजी संस्थानों में प्रवेश लेने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। टीएमए पाई फाउंडेशन बनाम कर्नाटक राज्य (2002) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, “उपर्युक्त दृष्टिकोण से जांच करने पर यह निष्कर्ष निकलता है कि इन योजनाओं के दोहरे...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने धारदार हथियारों के निर्माण और बिक्री के लिए लाइसेंस प्रक्रिया की मांग करने वाली याचिका खारिज की
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने धारदार हथियारों के निर्माण और बिक्री के लिए लाइसेंस प्रक्रिया तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग वाली याचिका खारिज की।न्यायालय ने कहा कि धारदार हथियारों के निर्माण के लिए नीति बनाने के लिए सरकार को बाध्य करने के लिए न्यायालय का उपयोग नहीं किया जा सकता, जिसका उपयोग केवल बेईमान व्यक्ति ही कर सकते हैं।जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने कहा,"उचित विचार करने पर यह न्यायालय यह समझने में पूरी तरह असमर्थ है कि याचिकाकर्ता धारदार हथियारों के निर्माण और बिक्री...
EVM से छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाली Congress नेता की याचिका खारिज
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कांग्रेस (Congress) नेता प्रकाश मंगीलाल शर्मा द्वारा भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता एवं भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक भगवंदास साहबनानी के चुनाव को चुनौती देते हुए दायर की गई याचिका खारिज की। याचिका में EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) से छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था।जस्टिस विशाल धागत ने अपने आदेश में कहा,“चुनावी याचिका जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951' की धारा 81 के तहत धारा 100(1) और 101 में दिए गए आधारों पर ही दाखिल की जा सकती है। धारा 83 के तहत भ्रष्ट आचरण...
MP हाईकोर्ट ने डेटा चोरी और वित्तीय घोटालों को रोकने के लिए लॉन्च से पहले मोबाइल ऐप की जांच करने की जनहित याचिका पर केंद्र, Google और अन्य को नोटिस जारी किया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लॉन्च होने से पहले मोबाइल ऐप की जांच करने के लिए एक नियामक एजेंसी स्थापित करने के निर्देश देने के लिए एक जनहित याचिका पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और प्रौद्योगिकी दिग्गजों-गूगल इंडिया, एप्पल इंडिया, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन इंडिया, श्याओमी टेक्नोलॉजी इंडिया से जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने 23 अप्रैल के अपने आदेश में कहा, "नोटिस जारी किया गया। श्री ईशान सोनी प्रतिवादी संख्या 1...
हाईकोर्ट ने हत्या के मामले में साक्ष्य दबाने के लिए भोपाल के DIG पर 5 लाख का जुर्माना लगाया, ट्रायल कोर्ट के दृष्टिकोण की आलोचना की
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ ने भोपाल के वर्तमान उप महानिरीक्षक को दतिया जिले में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात रहते हुए हत्या के मामले में जानबूझकर साक्ष्य दबाने के लिए 5 लाख रुपये का जुर्माना भरने का निर्देश दिया।ऐसा करते हुए न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक को अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने का भी निर्देश दिया।जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की एकल पीठ ने कहा,“यह वास्तव में चौंकाने वाली स्थिति है, जहां पुलिस ने उनसे अपेक्षित न्यूनतम स्तर के कर्तव्यों का पालन नहीं किया।”न्यायालय हत्या...
'पहले आओ पहले पाओ' नीति स्वाभाविक रूप से दोषपूर्ण है, सार्वजनिक रोजगार के मामलों में इसका सहारा नहीं लिया जा सकता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने दोहराया कि पहले आओ पहले पाओ की नीति 'स्वाभाविक रूप से दोषपूर्ण' है और राज्य को सार्वजनिक रोजगार के मामलों में इसे लागू नहीं करना चाहिए। न्यायालय ने जल शक्ति मंत्रालय और जल संसाधन विभाग को भविष्य में उक्त नीति का सहारा न लेने का निर्देश दिया।जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने कहा, “…प्रतिवादियों द्वारा पहले आओ पहले पाओ के सिद्धांत पर अपनाई गई नीति स्वाभाविक रूप से त्रुटिपूर्ण थी, और यह सिद्धांत किसी भी सार्वजनिक रोजगार के मामले में भी लागू होगा और हालांकि, इस...
हाईकोर्ट ने जमानत पर बाहर आकर बार-बार मादक पदार्थ की तस्करी करने के आरोपी को 6 महीने हिरासत में रखने का आदेश बरकरार रखा
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 21 वर्षीय एक युवक को छह महीने तक हिरासत में रखने के आदेश को बरकरार रखा है। वह कथित तौर पर जमानत पर रिहा होने के बाद भी मादक पदार्थों की लगातार अवैध तस्करी में शामिल था। न्यायालय ने कहा कि यह आदेश वांछनीय है और समाज के हित में है।जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस गजेंद्र सिंह की खंडपीठ ने कहा,“याचिकाकर्ता, जिसकी आयु लगभग 21 वर्ष है, NDPS Act के प्रावधानों के तहत तीन मामलों और मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम के तहत एक मामले में शामिल पाया गया है। जमानत पर रिहा होने के बाद, वह लगातार...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने विधानसभा की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग करने वाली याचिका पर राज्य को नोटिस जारी किया
मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करने के निर्देश देने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने राज्य को नोटिस जारी किया और चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा।जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस गजेंद्र सिंह की खंडपीठ ने कहा,"7 कार्य दिवसों के भीतर पीएफ के भुगतान पर प्रतिवादियों को नोटिस जारी करें। नोटिस 4 सप्ताह के भीतर वापस किया जाना चाहिए।"राज्य के शासन में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रतिवादियों/राज्य को मध्य प्रदेश विधानसभा की...
भर्ती मानदंड का आकलन करने के लिए NCTE विनियमन का अंग्रेजी संस्करण, हिंदी संस्करण पर प्रभावी होगा: एमपी हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा है कि विसंगति के मामले में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (मान्यता मानदंड और प्रक्रिया) विनियमन (एनसीटीई) का अंग्रेजी पाठ हिंदी संस्करण पर हावी रहेगा, क्योंकि विनियमन केंद्र द्वारा बनाया गया है, इसलिए इसका अंग्रेजी संस्करण लागू होगा। न्यायालय ने यह बात राज्य शिक्षा विभाग को एक महिला को मिडिल स्कूल टीचर/माध्यमिक शिक्षक के रूप में नियुक्त करने का निर्देश देते हुए कही, जिसे पहले इस आधार पर अस्वीकार कर दिया गया था कि वह 50% अंकों के साथ बी.एड. डिग्री के मानदंडों को पूरा...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने वरिष्ठतम प्रोफेसर को प्रभार नहीं देने पर सरकारी कॉलेज प्राचार्य की नियुक्ति पर रोक लगाई
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकारी गर्ल्स कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में एक जूनियर प्रोफेसर की नियुक्ति पर इस आधार पर रोक लगा दी है कि प्रिंसिपल का प्रभार सबसे वरिष्ठ प्रोफेसर को देने के लिए परिपत्र के अनुसार प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। अदालत कॉलेज में कार्यरत सबसे वरिष्ठ प्रोफेसर बताए गए एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने प्रतिवादी की प्रिंसिपल के रूप में नियुक्ति को चुनौती दी थी।जस्टिस विशाल मिश्रा की एकल पीठ ने कहा, "यह प्रतिवादियों को दिखाना है कि उन्हें याचिकाकर्ता से पहले...
भारत में वैवाहिक बलात्कार को मान्यता नहीं: हाईकोर्ट ने अप्राकृतिक यौन संबंध के आरोप में बरी करने का फैसला बरकरार रखा
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने अप्राकृतिक यौन संबंध के आरोप में एक व्यक्ति को बरी करने के आदेश को बरकरार रखा।नवजीत सिंह जौहर बनाम भारत संघ विधि मंत्रालय में सुप्रीम कोर्ट के फैसले और उमंग सिंघार बनाम मध्य प्रदेश राज्य में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की एकल पीठ ने कहा कि आज तक भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत वैवाहिक बलात्कार को मान्यता नहीं दी गई है।याचिकाकर्ता-पत्नी ने आरोप लगाया कि उसके साथ क्रूरता की गई दहेज की मांग की गई और अप्राकृतिक यौन...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अपनी सीट छोड़कर गृह राज्य लौटने वाले मेडिकल स्टूडेंट के मूल दस्तावेज लौटाने का आदेश दिया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सागर स्थित सरकारी बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज को मणिपुर के एक छात्र के मूल दस्तावेज अनापत्ति प्रमाण पत्र सहित लौटाने का निर्देश दिया है। छात्र ने कहा है कि वह अपने तीन वर्षीय पाठ्यक्रम को दूसरे वर्ष में छोड़कर अपने गृह राज्य लौटना चाहता है। छात्र ने हाईकोर्ट का रुख किया था, क्योंकि कॉलेज ने मध्य प्रदेश चिकित्सा शिक्षा प्रवेश नियम 2018 के प्रावधान का हवाला देते हुए उसे सीट छोड़ने के लिए 30 लाख रुपये जमा करने को कहा था। याचिका में नियमों के प्रावधान को संविधान के अनुच्छेद 14 और...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने फर्टिलिटी क्लिनिक को सील करने के आदेश को खारिज किया, कहा- यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन और 'अव्यवस्थित तरीके' से पारित किया गया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य प्राधिकारियों द्वारा एक फर्टीलिटी क्लिनिक को सील करने और उसका पंजीकरण रद्द करने के आदेश को इस आधार पर रद्द कर दिया कि प्राधिकारियों ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन किए बिना 'अव्यवस्थित तरीके' से आदेश जारी किया। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने अपने आदेश में कहा, "... जहां तक याचिकाकर्ता के परिसर को सील करने का सवाल है, जिसे 14.8.2024 को भी सील किया गया था, यह भी उसी त्रुटि के कारण दोषपूर्ण है, यानी याचिकाकर्ता को कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी, और...
पब्लिक स्पॉट से अपहरण, मारपीट और धमकी देकर खुद को दोषी ठहराने वाले शब्दों के साथ झूठा वीडियो बनाना जघन्य अपराध: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
पक्षकारों के बीच समझौते के बाद FIR रद्द करने से इनकार करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक स्थान (पब्लिक प्लेस) से अपहरण, पिस्तौल के बट से हमला करना और धमकी देकर खुद को दोषी ठहराने वाले झूठा वीडियो बनाना जघन्य अपराध के दायरे में आएगा।जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने अपने आदेश में कहा,"सार्वजनिक स्थान से अपहरण करना और फिर पिस्तौल के बट से हमला करना और उसके बाद शिकायतकर्ता द्वारा खुद को दोषी ठहराने वाले कुछ बयानों वाला झूठा वीडियो तैयार करना ऐसा अपराध नहीं कहा जा सकता, जो जघन्य न हो...
सिर्फ़ इसलिए कि कोई पुरुष महिला को जानता है, उसे बलात्कार करने का लाइसेंस नहीं मिल जाता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने FIR रद्द करने से किया इनकार
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पुरुष के ख़िलाफ़ बलात्कार की FIR रद्द करने की अर्ज़ी खारिज करते हुए कहा कि सिर्फ़ इसलिए कि कोई पुरुष महिला को जानता है, उसे बलात्कार करने का लाइसेंस नहीं मिल जाता।जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की एकल पीठ ने कहा,"पीड़िता ने अपनी FIR में स्पष्ट रूप से कहा कि आवेदक पिछले 3 वर्षों से उसे जानता था। इसलिए आवेदक द्वारा जिन तस्वीरों पर भरोसा किया गया, वे पीड़िता के इस तर्क की पुष्टि करती हैं कि आवेदक उसे जानता है। सिर्फ़ इसलिए कि कोई पुरुष महिला को जानता है, उसे बलात्कार करने का...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने गैर मान्यता प्राप्त नर्सिंग कॉलेजों के स्टूडेंट्स की 2022-23 सत्र की परीक्षा में शामिल होने की याचिका खारिज की
नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में अनियमितताओं का दावा करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उन कॉलेजों के स्टूडेंट्स की ओर से दायर हस्तक्षेप आवेदन खारिज कर दिया है, जिन्हें कोई मान्यता नहीं दी गई और उनकी मान्यता खारिज कर दी गई।जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा,"मौजूदा परिस्थितियों में कॉलेजों और स्टूडेंट्स के हितों पर विचार करने के लिए प्राधिकरण की कार्रवाई को चुनौती देने के लिए प्रत्येक दिन महत्वपूर्ण है, क्योंकि...
एमपी हाईकोर्ट ने MPHJS (भर्ती और सेवा की शर्तें) नियम, 1994 के नियम 5(1) (सी) का प्रावधान रद्द किया; 2016, 2017 की सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की नियुक्तियां भी रद्द
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह (चार अप्रैल, 2025) मध्य प्रदेश उच्च न्यायिक सेवा (एचजेएस) (भर्ती और सेवा की शर्तें) नियम 1994 के नियम 5(1) (सी) के प्रावधान को रद्द कर दिया। साथ ही इसके अनुसरण में 2016 और 2017 में सिविल जज (वरिष्ठ डिवीजन) की नियुक्तियों को रद्द कर दिया। कोर्ट ने निर्णय में माना कि आक्षेपित प्रावधान कानून की नज़रों में टिकाऊ नहीं है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने छिंदवाड़ा की एडवोकेट सपना झुनझुनाला की याचिका पर यह फैसला दिया।यााचिका में 2016 के...