मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने राज्य बार काउंसिल द्वारा अलग मान्यता देने से इनकार करने के खिलाफ हाइकोर्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन की याचिका खारिज की
मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने राज्य बार काउंसिल द्वारा अलग मान्यता देने से इनकार करने के खिलाफ हाइकोर्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन की याचिका खारिज की

मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने हाइकोर्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन द्वारा राज्य बार काउंसिल द्वारा अलग बार एसोसिएशन के रूप में मान्यता देने से इनकार करने के खिलाफ दायर याचिका खारिज की।न्यायालय ने फैसला सुनाया कि वकील कल्याण निधि अधिनियम 1982 का उद्देश्य, जो वकीलों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का प्रशासन करता है, मौजूदा मान्यता प्राप्त बार एसोसिएशनों के माध्यम से पूरा किया जा रहा है।जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस अवनींद्र कुमार सिंह की खंडपीठ ने कहा,"यह स्पष्ट है कि वकील कल्याण निधि अधिनियम 1982 का उद्देश्य...

इंदौर लोकसभा चुनाव | मप्र हाईकोर्ट ने कांग्रेस के स्थानापन्न उम्मीदवार, जिसका नामांकन खारिज कर दिया गया था, को स्वीकृत उम्मीदवार मानने की याचिका खारिज की
इंदौर लोकसभा चुनाव | मप्र हाईकोर्ट ने कांग्रेस के 'स्थानापन्न' उम्मीदवार, जिसका नामांकन खारिज कर दिया गया था, को 'स्वीकृत' उम्मीदवार मानने की याचिका खारिज की

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने सिंगल जज बेंच के एक आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है जिसमें कहा गया था कि मौजूदा लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से मैदान में उतारे गए 'स्थानापन्न उम्मीदवार' को 'अनुमोदित उम्मीदवार' द्वारा नाम वापस लिए जाने के कारण 'अनुमोदित उम्मीदवार' नहीं माना जा सकता है। सिंगल जज बेंच ने फैसले में कहा था कि यदि स्थानापन्न उम्मीदवार के फॉर्म पर केवल एक प्रस्तावक द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं, तो 'अनुमोदित उम्मीदवार' के फॉर्म को स्वीकार करने पर,...

शिक्षण संस्थानों में गेस्ट फैकल्टी को अनुबंध के आधार पर रखा जाता है, सेवा के नियमितीकरण को निहित अधिकार के रूप में दावा नहीं कर सकते: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
शिक्षण संस्थानों में गेस्ट फैकल्टी को अनुबंध के आधार पर रखा जाता है, सेवा के नियमितीकरण को निहित अधिकार के रूप में दावा नहीं कर सकते: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

चीफ़ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि जबकि गेस्ट फैकल्टी अपनी सेवाएं जारी रख सकते हैं, वे अपने रोजगार की संविदात्मक प्रकृति और उनके नियमितीकरण को नियंत्रित करने वाले विशिष्ट नियमों या विनियमों की अनुपस्थिति पर जोर देते हुए एक अंतर्निहित अधिकार के रूप में नियमितीकरण की मांग नहीं कर सकते हैं।पूरा मामला: याचिकाकर्ता गेस्ट फैकल्टी के रूप में काम कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने ग्रेड I, ग्रेड II और ग्रेड III में गेस्ट फैकल्टी के रूप में...

पदोन्नति और वरिष्ठता विवाद के मामले औद्योगिक विवाद की परिभाषा में आते हैं, लेबर कोर्ट के पास फैसला करने का अधिकार क्षेत्र है: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
पदोन्नति और वरिष्ठता विवाद के मामले 'औद्योगिक विवाद' की परिभाषा में आते हैं, लेबर कोर्ट के पास फैसला करने का अधिकार क्षेत्र है: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

जस्टिस विवेक अग्रवाल की मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच ने माना कि पदोन्नति और वरिष्ठता से संबंधित विवाद औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 2 (के) के तहत परिभाषित औद्योगिक विवादों के दायरे में आते हैं। इसलिए, आईडी अधिनियम द्वारा स्थापित एक मंच होने के नाते, लेबर कोर्ट के पास ऐसे मामलों पर निर्णय लेने का अधिकार क्षेत्र है।पूरा मामला: यह मामला लेबर कोर्ट, भोपाल द्वारा पारित एक पंचाट से संबंधित था। श्रम न्यायालय ने दो मुद्दे तैयार किए। सबसे पहले, क्या पदोन्नति का मुद्दा औद्योगिक विवाद...

शैक्षणिक संस्थान अस्थायी कर्मचारियों को बर्खास्त करने से पहले औपचारिक अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के लिए बाध्य नहीं हैं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
शैक्षणिक संस्थान अस्थायी कर्मचारियों को बर्खास्त करने से पहले औपचारिक अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के लिए बाध्य नहीं हैं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस अनिल वर्मा की सिंगल जज बेंच ने माना कि असंतोषजनक प्रदर्शन और प्रबंधन में विश्वास की कमी के कारण वर्कलेडी की सेवाओं की समाप्ति उचित थी, श्रम न्यायालय के बहाली और बैक-वेज के पुरस्कार को रद्द कर दिया।पीठ ने कहा कि वर्कलेडी एक स्थायी कर्मचारी नहीं थी, इसलिए, उसकी बर्खास्तगी से पहले औपचारिक अनुशासनात्मक कार्यवाही की आवश्यकता नहीं थी। इसके अलावा, प्रबंधन एक शैक्षिक संस्थान था जो एक औद्योगिक प्रतिष्ठान से अलग है। इसलिए, वर्कलेडी की कार्य शर्तें मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय...

पुरुष द्वारा पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बलात्कार नहीं, महिला की सहमति का अभाव महत्वहीन: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
पुरुष द्वारा पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बलात्कार नहीं, महिला की सहमति का अभाव महत्वहीन: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

यह देखते हुए कि 'वैवाहिक बलात्कार' को भारत में अपराध के रूप में मान्यता नहीं दी गई, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि पत्नी के साथ किसी पुरुष द्वारा अप्राकृतिक यौन संबंध सहित कोई भी यौन संबंध पत्नी की सहमति के कारण बलात्कार नहीं माना जाएगा। ऐसे मामलों में महत्वहीन हो जाता है।जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की पीठ ने कहा कि यदि पत्नी वैध विवाह के दौरान अपने पति के साथ रह रही है तो किसी पुरुष द्वारा अपनी ही पत्नी, जो पंद्रह वर्ष से कम उम्र की न हो, उसके साथ कोई भी संभोग या यौन कृत्य बलात्कार नहीं...

[Majithia Wage Board Recommendations] कर्मचारियों की वेतन से संतुष्टि पूर्ण नहीं, इससे उन्हें उच्च वेतन का दावा करने से नहीं रोका जा सकता: मध्य प्रदेश हाइकोर्ट
[Majithia Wage Board Recommendations] कर्मचारियों की वेतन से संतुष्टि पूर्ण नहीं, इससे उन्हें उच्च वेतन का दावा करने से नहीं रोका जा सकता: मध्य प्रदेश हाइकोर्ट

दैनिक भास्कर द्वारा श्रम न्यायालय (होशंगाबाद) द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने वाली याचिका में मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने स्पष्ट किया कि कर्मचारी द्वारा यह घोषणा कि वह मजीठिया वेतन बोर्ड अनुशंसाओं की धारा 20(j) के तहत वेतन से संतुष्ट है, इसको पूर्ण नहीं माना जा सकता। न्यायालय ने कहा कि कम वेतन पाने वाले कर्मचारी को मजीठिया बोर्ड अनुशंसाओं में निहित मानकों के अनुसार अधिक वेतन का दावा करने से नहीं रोका जाएगा।उप श्रम आयुक्त की अनुशंसा पर राज्य सरकार द्वारा समाचार पत्र कर्मचारी द्वारा वेतनमान वृद्धि के...

सिंहस्थ टेरर अलार्म: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने खुद को मुस्लिम बताने और छात्रावास में विस्फोटक रखने के दोषी व्यक्ति को राहत देने से इनकार किया
सिंहस्थ टेरर अलार्म: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने खुद को मुस्लिम बताने और छात्रावास में विस्फोटक रखने के दोषी व्यक्ति को राहत देने से इनकार किया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 2016 में उज्जैन ‌में एक हॉस्टल के कमरे में विस्फोटक रखने के दोषी सुशील मिश्रा की सजा को निलंबित करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने तर्क दिया कि दोषी की संलिप्तता स्थापित करने के लिए परीक्षण पहचान परेड पर्याप्त थी। अदालत के कहा, चूंकि अपीलकर्ता ने छात्रावास में कमरा फर्जी मुस्लिम पहचान पत्र का उपयोग करके लिया था। ताकि सिंहस्थ मेले में मुस्लिम संगठन की भागीदारी दिखाकर उज्‍जैन में सांप्रदायिक अशांति पैदा की जा सके। जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की सिंगल जज बेंच ने कहा कि...

Bhojshala Temple-Kamal Maula Mosque Dispute | ASI ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट सौंपने के लिए 8 और सप्ताह का समय मांगा
Bhojshala Temple-Kamal Maula Mosque Dispute | ASI ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट सौंपने के लिए 8 और सप्ताह का समय मांगा

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के समक्ष आवेदन दायर कर भोजशाला मंदिर-कमल मौला मस्जिद सर्वेक्षण पर अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 8 और सप्ताह का समय मांगा। हाईकोर्ट ने 11 मार्च को एएसआई को 6 सप्ताह में सर्वे रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।अपने आवेदन में ASI ने प्रस्तुत किया कि जटिल और परिधीय क्षेत्र का विस्तृत सर्वेक्षण प्रगति पर है, जिसमें वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है और ASI टीम पूरे स्मारक का विस्तृत दस्तावेजीकरण कर रही है।हालांकि, एप्लिकेशन में कहा गया...

पटवारी गांव वालों के लिए हीरो हो सकता है लेकिन वह भगवान नहीं, मप्र हाईकोर्ट ने फर्जी रिपोर्ट बनाने वाले पटवारी के खिलाफ एफआईआर का आदेश दिया
पटवारी 'गांव वालों के लिए हीरो हो सकता है' लेकिन वह 'भगवान नहीं', मप्र हाईकोर्ट ने फर्जी रिपोर्ट बनाने वाले पटवारी के खिलाफ एफआईआर का आदेश दिया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कुछ व्यक्तियों के पक्ष में भूमि के उत्परिवर्तन के विवाद में कथित रूप से फर्जी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सतना जिले में एक पटवारी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। उस पर पूर्व मुख्यमंत्री गोविंद नारायण सिंह के बेटों को रामपुर बाघेलान गांव में जमीन के एक टुकड़े पर स्वामित्व स्थापित करने में सक्षम बनाने के लिए फर्जी रिपोर्ट पेश करने का आरोप है। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने सतना जिले के कलेक्टर को संबंधित पटवारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने और अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू...

संविदा भर्ती घोटाला| शिक्षकों की पूरी नियुक्ति प्रक्रिया फर्जी, एफआईआर दर्ज करने से पहले सुनवाई के अवसर की जरूरत नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
संविदा भर्ती घोटाला| शिक्षकों की पूरी नियुक्ति प्रक्रिया फर्जी, एफआईआर दर्ज करने से पहले सुनवाई के अवसर की जरूरत नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने रामपुर नैकिन के संविदा शाला शिक्षक ग्रेड-III भर्ती घोटाले के संदर्भ में कहा कि रिकॉर्ड से यह स्पष्ट है कि राज्य अधिकारियों ने उचित प्रक्रिया की अवहेलना करके नियुक्ति प्रक्रिया को अंजाम दिया है। कोर्ट ने मध्य प्रदेश पंचायत शिक्षा कर्मी (भर्ती एवं सेवा शर्त) नियम, 1997 में लागू प्रावधानों का पालन नहीं करने पर भी राज्य सरकार को फटकार लगाई।चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि एक बार अवैध रूप से नियुक्तियां देने में संबंधित अधिकारियों की...

कथित फर्जी सांप्रदायिक वीडियो पोस्ट करने के लिए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ शिकायत पर कार्रवाई की जाए: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
कथित फर्जी सांप्रदायिक वीडियो पोस्ट करने के लिए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ शिकायत पर कार्रवाई की जाए: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने हाल ही में कांग्रेस प्रवक्ता अमीनुल खान सूरी द्वारा बीजेपी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ की गई शिकायत पर तिलकनगर पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उक्त शिकायत विजयवर्गीय द्वारा कथित तौर पर अप्रैल 2022 में रामनवमी जुलूस के दौरान खरगोन में हुए सांप्रदायिक दंगों को भड़काने के लिए एक्स (पहले ट्विटर) पर झूठा वीडियो साझा करने से संबंधित है।जस्टिस प्रणय वर्मा की सिंगल जज बेंच ने पुलिस को निर्देश दिया कि 90 दिनों की अवधि के भीतर सूरी की...

व्यभिचार में लिप्त होने का अर्थ है लगातार और बार-बार व्यभिचार करना, इकलौता उदाहरण पत्नी को भरण-पोषण से वंचित नहीं करता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
'व्यभिचार में लिप्त होने' का अर्थ है 'लगातार और बार-बार व्यभिचार करना', इकलौता उदाहरण पत्नी को भरण-पोषण से वंचित नहीं करता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने माना कि व्यभिचार का इकलौता उदाहरण किसी पत्नी को अपने पति से गुजारा भत्ता प्राप्त करने से वंचित नहीं कर सकता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सीआरपीसी की धारा 125(4) की कठोरता को आकर्षित करने के लिए, पत्नी को 'लगातार और बार-बार व्यभिचार के कृत्यों' के जरिए 'व्यभिचार में लिप्त होना' चाहिए। इंदौर स्थित पीठ ने कहा,“...'व्यभिचार में ‌लिप्त होने' का अर्थ व्यभिचार का निरंतर और बार-बार किए जाने वाला कृत्य है…। विद्वान ट्रायल कोर्ट ने पूरे सबूतों पर विचार किया है... पूरे सबूतों पर...

पत्नी का आधुनिक जीवन जीना, जो पति की नजर में अनैतिक है, भरण-पोषण से इनकार करने का पर्याप्त आधार नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
पत्नी का आधुनिक जीवन जीना, जो पति की नजर में अनैतिक है, भरण-पोषण से इनकार करने का पर्याप्त आधार नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल में जोर देकर कहा कि पत्नी का आधुनिक जीवन, जिसे पति अनैतिक मानता हो, उसे भरण-पोषण से इनकार करने का आधार नहीं हो सकता है, जब तक कि यह नहीं दिखाया गया है कि पत्नी बिना पर्याप्त कारण के अपने पति से अलग रह रही है।जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की सिंगल जज बेंच ने ने कहा कि जब तक आधुनिक जीवन जी रही पत्नी कोई अपराध नहीं कर रही है या किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं हो रही है, तब तक पति-पत्नी के बीच केवल मतभेद भरण-पोषण के मामले को प्रभावित नहीं करते हैं।नागरथिनम बनाम राज्य,...

पत्नी द्वारा अपने माता-पिता की आर्थिक मदद करने पर पति का आपत्ति करना क्रूरता के समान: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
पत्नी द्वारा अपने माता-पिता की आर्थिक मदद करने पर पति का आपत्ति करना क्रूरता के समान: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश ‌हाईकोर्ट ने कहा कि अगर पति अपने माता-पिता को आर्थिक रूप से समर्थन देने की पत्नी के कृत्य पर आपत्ति जताता है, तो यह क्रूरता होगी। जस्टिस रोहित आर्य और जस्टिस संजीव एस कलगांवकर की पीठ ने यह भी कहा कि पत्नी के नियोक्ताओं से शिकायत करना कि उन्होंने उसकी (पति की) अनुमति के बिना उसे नौकरी पर कैसे रखा, पत्नी के साथ "गुलाम" के रूप में व्यवहार करना, उससे उसकी पहचान का अधिकार छीनना है। इस प्रकार क्रूरता बनती है।ये टिप्पणियां खंडपीठ ने परिवार न्यायालय अधिनियम की धारा 19 के तहत पति द्वारा दायर...

मध्यस्थ के समक्ष प्रभावी समाधान उपलब्ध होने पर रिट सुनवाई योग्य नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्यस्थ के समक्ष प्रभावी समाधान उपलब्ध होने पर रिट सुनवाई योग्य नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर पीठ ने माना कि जब याचिकाकर्ता मध्यस्थ के समक्ष प्रभावी संविदात्मक उपाय का लाभ उठाने में विफल रहे तो रिट पर विचार नहीं किया जाएगा। जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की पीठ ने कहा कि केवल इसलिए कि नामित मध्यस्थ प्रतिवादी निगम का प्रबंध निदेशक है, यह नहीं माना जा सकता है कि वह मध्यस्थ के रूप में अपने कार्यों का निष्पक्ष रूप से निर्वहन नहीं कर पाएगा।कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को अनुबंध के तहत विस्तार का दावा करने का कोई अधिकार नहीं है। मामले में यह देखा गया कि विस्तार...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और राज्य के भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ एमपी/एमएलए कोर्ट द्वारा जारी जमानती वारंट पर रोक लगा दी।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और राज्य के भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ एमपी/एमएलए कोर्ट द्वारा जारी जमानती वारंट पर रोक लगा दी।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले में निजी शपथपत्र नहीं देने के मामले में जमानती वारंट जारी करने के स्पेशल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है।जस्टिस संजय द्विवेदी की सिंगल जज बेंच ने तर्क दिया कि दोनों याचिकाकर्ता लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं और जिन निर्वाचन क्षेत्रों से वे चुनाव लड़ रहे हैं, वे सांसदों/विधायकों के लिए जबलपुर स्पेशल कोर्ट से बहुत दूर हैं। इस परिदृश्य में, कोर्ट ने कहा कि विशेष अदालत...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भोजशाला मंदिर-कमल मौला मस्जिद परिसर के चल रहे ASI सर्वेक्षण में भाग लेने की याचिका खारिज की
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भोजशाला मंदिर-कमल मौला मस्जिद परिसर के चल रहे ASI सर्वेक्षण में भाग लेने की याचिका खारिज की

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने धार जिले के भोजशाला मंदिर-कमल मौला मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा की गई वैज्ञानिक जांच के दौरान शारीरिक रूप से उपस्थित होने के लिए याचिकाकर्ताओं में से एक द्वारा दायर अंतरिम आवेदन को खारिज कर दिया।कोर्ट ने कहा,“बेशक, वर्तमान याचिका में याचिकाकर्ता ने प्रतिवादी नंबर 2/ASI को सर्वेक्षण करने का निर्देश देने की प्रार्थना नहीं की है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह W.P.No 10497/202 में दिनांक 11.03.2024 के आदेश के पारित होने के बाद बाद में लिया गया विचार...

NDPS Act: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट अवैध खेती करने वालों को पकड़ने के लिए फोरेंसिक वनस्पति साइंस और मिट्टी परीक्षण लागू करने की व्यवहार्यता की जांच करेगा
NDPS Act: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट अवैध खेती करने वालों को पकड़ने के लिए फोरेंसिक वनस्पति साइंस और मिट्टी परीक्षण लागू करने की व्यवहार्यता की जांच करेगा

NDPS मामले में कथित तौर पर जब्त की गई अफीम की खेती करने वाले आरोपी द्वारा दायर तीसरी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उन क्षेत्रों की जांच में फोरेंसिक वनस्पति साइंस की व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए शुरुआत की है, जहां तस्करी का संदेह है।जस्टिस आनंद पाठक की एकल-न्यायाधीश पीठ ने पहले कहा कि किसानों को कानून के चंगुल से बचने से रोकने के लिए सिस्टम बनाया जाना चाहिए, क्योंकि साक्ष्य अधिनियम की धारा 27 के तहत निहितार्थ का स्रोत केवल ज्ञापन में सह-अभियुक्तों का झूठा आरोप...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने केस डायरी में हेराफेरी करने और क्लोजर रिपोर्ट खारिज होने के बाद जांच में देरी करने के लिए IO और SHO को फटकार लगाई
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने केस डायरी में हेराफेरी करने और क्लोजर रिपोर्ट खारिज होने के बाद जांच में देरी करने के लिए IO और SHO को फटकार लगाई

मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने बालाघाट जिले के विभिन्न रैंक के पुलिस अधिकारियों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा क्लोजर रिपोर्ट खारिज किए जाने के बाद भी 4 साल से अधिक समय तक मामले की जांच न करने के लिए फटकार लगाई।इसमें कहा गया कि यदि अन्य लोगों की संलिप्तता पाई जाती है तो उन्हें भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(डी) के तहत जांच अधिकारी और तत्कालीन थाना प्रभारी (कोतवाली) के साथ अपराध के लिए आरोपी बनाया जा सकता है।अदालत ने अनुमान लगाया कि पुलिस विनियमन के पैराग्राफ 642 के अनुसार जांच अधिकारी...