ताज़ा खबरे
कपिला हिंगोरानी बनाम बिहार राज्य: मानवाधिकार न्यायशास्त्र में एक ऐतिहासिक मामला
परिचय9 मई, 2003 को भारत के सुप्रीम कोर्ट ने कपिला हिंगोरानी बनाम बिहार राज्य के मामले में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इस मामले में बिहार में सरकारी स्वामित्व वाले उद्यमों के कर्मचारियों की गंभीर दुर्दशा को संबोधित किया गया था, जिन्हें लगभग एक दशक से वेतन नहीं मिला था, जिसके कारण वे भुखमरी और आत्महत्या से मर रहे थे। यह मामला अपने मानवीय दृष्टिकोण और अपने नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने की राज्य की जिम्मेदारी की पुष्टि के लिए उल्लेखनीय है। कपिला हिंगोरानी बनाम बिहार राज्य में सुप्रीम कोर्ट...
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत प्रवेश और निरीक्षण की शक्तियाँ
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत व्यक्तियों को परिसर में प्रवेश करने और निरीक्षण करने, विश्लेषण के लिए नमूने लेने और पर्यावरण नियमों के अनुपालन को लागू करने के लिए व्यापक अधिकार प्रदान करता है। धारा 10 प्रवेश और निरीक्षण की शक्तियों को रेखांकित करती है, जिसमें उद्योग सहयोग की आवश्यकता और तलाशी और जब्ती करने के लिए कानूनी ढांचे पर जोर दिया गया है। धारा 11 नमूने लेने और कानूनी कार्यवाही में उनकी स्वीकार्यता सुनिश्चित करने की प्रक्रियाओं का विवरण देती है। अंत में, धारा 15...
जब किसी की संपत्ति से निकाले गए खनिजों का परिवहन नहीं किया जाता है तो अनुमति की आवश्यकता नहीं होती, केवल अधिकारियों को सूचित करना और रॉयल्टी का भुगतान करना ही दायित्व: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने घोषणा की कि किसी व्यक्ति को अपनी संपत्ति पर खनिज निकालने के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है, जब खनिज को संपत्ति के परिसर से बाहर नहीं ले जाया जाता है। न्यायालय ने कहा कि उसे केवल संबंधित अधिकारियों को सूचित करने और निर्माण के लिए ग्रेनाइट का उपयोग करने के लिए उन्हें रॉयल्टी शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता है। जस्टिस सी जयचंद्रन ने कहा, "यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि यदि खनिज का कोई परिवहन आवश्यक नहीं है, तो याचिकाकर्ता का एकमात्र दायित्व नियम 106 में निर्धारित सक्षम...
धारा 92 साक्ष्य अधिनियम | बिक्री विलेख में प्लॉट नंबर के गलत विवरण के दावों के बीच दस्तावेज़ की सामग्री को साबित करने के लिए मौखिक साक्ष्य स्वीकार्य: पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट ने माना कि यदि किसी विक्रय पत्र में प्लॉट संख्या के गलत विवरण के बारे में दावा किया जाता है तो भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 92 के तहत किसी दस्तावेज की विषय-वस्तु को साबित करने के लिए मौखिक साक्ष्य स्वीकार्य हो सकता है। जस्टिस अरुण कुमार झा मुंसिफ न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ता के मामले पर विचार कर रहे थे, जिसने याचिकाकर्ता/वादी को विक्रय पत्र में निहित सीमा के बिंदु पर प्रतिवादी से जिरह करने की अनुमति नहीं दी थी।हाईकोर्ट ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 91 और 92 के...
तेलंगाना हाईकोर्ट ने खूंखार जर्मन शेफर्ड कुत्ते को हिरासत में लेने पर अंतरिम रोक लगाई
तेलंगाना हाईकोर्ट ने पशु चिकित्सा अनुभाग के उप निदेशक को SHO द्वारा जारी निर्देशों पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया, जिसमें 2 वर्षीय जर्मन शेफर्ड ज़ोरो को खूंखार होने के कारण हिरासत में लेने के लिए कहा गया था।न्यायालय ने कहा :"प्रतिवादी नंबर 3, पुलिस उपनिरीक्षक, पुंजागुट्टा पुलिस स्टेशन हैदराबाद के दिनांक 19.06.2024 के पत्र के अनुसार सभी आगे की कार्यवाही पर अंतरिम रोक रहेगी। बशर्ते कि याचिकाकर्ता के पालतू कुत्ते 'ज़ोरो' के साथ हर समय याचिकाकर्ता या उसके परिवार के सदस्य मौजूद रहें।"कुत्ते के...
भारतीय दंड संहिता की धारा 302 को यांत्रिक रूप से जोड़ना 'अस्थायी': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बताया कि दहेज हत्या के मामलों में ट्रायल कोर्ट कब हत्या का आरोप जोड़ सकते हैं
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य के ट्रायल कोर्ट के जजों द्वारा दहेज हत्या और दहेज से संबंधित अमानवीय व्यवहार से जुड़े मामलों में बिना किसी सहायक सामग्री के आईपीसी की धारा 302 (हत्या) को नियमित और यांत्रिक रूप से जोड़ने पर आपत्ति जताई। जस्टिस राहुल चतुर्वेदी और जस्टिस मोहम्मद अजहर हुसैन इदरीसी की पीठ ने कहा कि दहेज हत्या और दहेज से संबंधित अमानवीय व्यवहार से जुड़े मामलों में हत्या का आरोप (आईपीसी की धारा 302) यांत्रिक रूप से जोड़ने से स्थिति "अधिक गंभीर और गंभीर" हो रही है। न्यायालय ने...
चंडीगढ़ जिला आयोग ने 145 Café & Bar Bandra को बिल पर सेवा शुल्क काटने के लिए उत्तरदायी ठहराया
जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग-द्वितीय, यूटी चंडीगढ़ के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह सिद्धू और बीएम शर्मा (सदस्य) की खंडपीठ ने 145 Café & Bar Bandra को सेवाओं में कमी और बिल राशि पर 101.70 रुपये का 10% सेवा शुल्क वसूलने के लिए अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए उत्तरदायी ठहराया। पीठ ने रेस्तरां को राशि वापस करने और शिकायतकर्ता को 5,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया।पूरा मामला: शिकायतकर्ता ने 145 Café & Bar Bandra द्वारा संचालित एक रेस्तरां का दौरा किया और कई पेय पदार्थों का सेवन किया। बिल...
निर्धारित समय के भीतर इकाइयों का कब्जा देने में विफलता, दक्षिण पश्चिम दिल्ली आयोग ने मेट्रो मैक्स इंफ्रास्ट्रक्चर को उत्तरदायी ठहराया
जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग-VII, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के अध्यक्ष सुरेश कुमार गुप्ता, हर्षाली कौर (सदस्य) और रमेश चंद यादव (सदस्य) की खंडपीठ ने मेट्रो मैक्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को भुगतान पूर्व बुकिंग राशि के बावजूद शिकायतकर्ता को संपत्तियों का कब्जा देने में विफलता के लिए सेवाओं में कमी के लिए उत्तरदायी ठहराया।पूरा मामला: शिकायतकर्ता मेट्रो मैक्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के विभिन्न विज्ञापनों से प्रभावित होकर जयपुर में "लोटस वैली" टाउनशिप में दो दुकानों को बुक किया, साथ ही कुल 4,02,777/-...
हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दोषी मानने का कोई कारण नहीं: झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत आदेश में कहा
झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कथित भूमि घोटाले के मामले में जमानत दी। यह फैसला 13 जून को सोरेन की जमानत याचिका के संबंध में आदेश सुरक्षित रखने के न्यायालय के फैसले के बाद आया।जस्टिस रोंगन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया। सोरेन का प्रतिनिधित्व करते हुए सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा ने दावा किया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित और निराधार हैं।सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने भी सोरेन की जमानत के लिए दलील दी और कहा कि ईडी ने...
एफसीआरए पंजीकरण रद्द करने से पहले सुनवाई का उचित अवसर केवल कारण बताओ नोटिस जारी करने तक सीमित नहीं है, इसमें व्यक्तिगत सुनवाई भी शामिल है: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पारित एक आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें वन्यजीव अध्ययन केंद्र नामक ट्रस्ट को विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के तहत जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र को रद्द कर दिया गया था। इस आदेश को इस आधार पर रद्द कर दिया गया था कि आदेश पारित करने से पहले ट्रस्ट को व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया था। जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया। ट्रस्ट के मुख्य पदाधिकारी उपन्यासकार डॉ. के शिवराम कारंत के पोते उल्लास...
तेलंगाना हाईकोर्ट ने बिजली खरीद में अनियमितताओं की जांच के खिलाफ पूर्व सीएम के. चंद्रशेखर राव की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा
तेलंगाना हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव द्वारा दायर याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य से बिजली खरीद के दौरान हुई कथित अनियमितताओं की जांच के लिए राज्य द्वारा नियुक्त एक सदस्यीय समिति को चुनौती दी गई।चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस अनिल कुमार जुकांति की खंडपीठ के समक्ष मामले को आदेश के लिए सूचीबद्ध किया गया था।याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट डॉ. आदित्य सोंधी ने तर्क दिया कि गठित एक सदस्यीय आयोग जांच आयोग अधिनियम, 1952 के प्रावधानों के विपरीत है।उन्होंने...
सबूत नहीं होने या झूठी रिपोर्ट होने पर पुलिस क्या कर सकती है
दंड प्रक्रिया संहिता (अब नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में बदल दिया गया है) के अंतर्गत पुलिस द्वारा किसी भी अपराध के होने की इत्तिला मिलने पर सर्वप्रथम संहिता की धारा 154 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की जाती है। ऐसी एफआईआर के पश्चात पुलिस द्वारा अनुसंधान किया जाता है। यदि अनुसंधान में पुलिस को पर्याप्त सबूत नहीं मिलते हैं या पुलिस यह पाती है कि कोई अपराध घटित नहीं हुआ तब पुलिस द्वारा क्लोजर रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाती है।क्लोजर रिपोर्ट का उल्लेख दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 169 में किया गया है।इस धारा के...
सरकारी मामलों में एक भाषा के इस्तेमाल का कोई सार्वभौमिक फॉर्मूला नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकारी पत्राचार में कन्नड़ के अनिवार्य इस्तेमाल की मांग वाली याचिका खारिज की
कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें सरकार को सभी स्तरों पर सरकारी पत्राचार कन्नड़ भाषा में करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। चीफ जस्टिस एनवी अंजारिया और जस्टिस केवी अरविंदा की खंडपीठ ने कहा, "कन्नड़ भाषा, जो राज्य की स्थानीय भाषा है, को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और उसे महत्व दिया जाना चाहिए, लेकिन सरकार और उसके अधिकारियों को कन्नड़ भाषा का उपयोग करने का निर्देश देकर वर्तमान जनहित याचिका पर सुनवाई करना उचित नहीं होगा।"गुरुनाथ वडे नामक...
किसी भी केस में सभी फैक्ट्स मिलकर कोई एक फैक्ट कैसे बनता है
किसी भी केस में एक घटना होती है किंतु वह एक घटना बहुत सारे फैक्ट्स से मिलकर बनती है। हत्या सिर्फ एक ही हत्या ही नहीं है अपितु उसके साथ अनेक घटनाएं घटती है। इसे सुसंगत सिद्धांत कहा जाता है।एविडेन्स एक्ट में रसुसंगत सिद्धांत का अत्यधिक महत्व है। यह सिद्धांत विश्व भर की साक्ष्य विधियों में अलग-अलग नामों से लागू किया गया है। भारत में इस सिद्धांत को साक्ष्य अधिनियम 1872 की धारा 6 के अंतर्गत लागू किया गया है।इंडियन एविडेंस एक्ट की धारा 6 के अनुसार-एक ही संव्यवहार के भाग होने वाले तथ्यों की सुसंगति-'जो...
झारखंड हाईकोर्ट ने अवैध रूप से दुकाने ध्वस्त करने के लिए 5 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया, साथ ही दुकान मालिक की मानसिक पीड़ा के लिए 25 हजार का अतिरिक्त भुगतान करने का आदेश दिया
झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निजी स्वामित्व वाली इमारत को अवैध रूप से ध्वस्त करने के लिए 5 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया, जिसमें पांच दुकानें थीं। इसके अतिरिक्त न्यायालय ने राज्य सरकार को राज्य की मनमानी कार्रवाई के कारण दुकान मालिक को हुई मानसिक पीड़ा और पीड़ा के लिए 25,000 रूपए का भुगतान करने का निर्देश दिया।इस मामले की अध्यक्षता करने वाले जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी ने कहा,"यह स्थापित है कि ऐसी परिस्थिति में दुकानों को ध्वस्त करने में प्राधिकरण की कार्रवाई पूरी तरह से अवैध मनमानी और...
सुप्रीम कोर्ट ने 1999 के हत्या मामले में दोषी विधायक उदय भान सिंह की अंतरिम जमानत बढ़ाई
सुप्रीम कोर्ट ने 1999 के हत्या मामले में दोषी ठहराए गए बहुजन समाज पार्टी (BSP) नेता और पूर्व विधायक उदय भान सिंह की अंतरिम जमानत बढ़ा दी। कोर्ट ने उनकी अवमानना याचिका पर भी नोटिस जारी किया, जिसमें राज्य के अधिकारियों द्वारा उनकी समयपूर्व रिहाई के आदेश के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगाया गया।जस्टिस एएस ओक और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की वेकेशन बेंच सिंह द्वारा उत्तर प्रदेश के गृह सचिवालय विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कोर्ट के...
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य भर में दस YSRCP पार्टी ऑफिस के खिलाफ जारी किए गए विध्वंस नोटिस पर अस्थायी रूप से रोक लगाई
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य भर में 10 YSRCP पार्टी ऑफिस को जारी किए गए विध्वंस नोटिस पर रोक लगा दी। 24 जून को कडप्पा, गुंटूर, राजेश्वरी नगर, नेल्लोर, राजमहेंद्रवरम, श्रीकाकुलम, विशाखापत्तनम, अनंतपुर और कुरनूल जिलों के नगर निगमों ने अर्ध-निर्मित YSRCP पार्टी कार्यालयों पर विध्वंस नोटिस जारी किए।इसके बाद 26 जून को हाईकोर्ट के समक्ष कई याचिकाएं दायर की गईं, जिसमें मनमाना अवैध और अधिकार क्षेत्र के बिना जारी किए गए नोटिस को रद्द करने की प्रार्थना की गई।उसी दिन न्यायालय ने ऐसी ही याचिका पर सुनवाई...
धारा 311 सीआरपीसी | नए गवाहों की जांच करने, नए दस्तावेज जमा करने की याचिका को न्याय के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए ही अनुमति दी जानी चाहिए: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने कहा कि बाद में दायर की गई याचिका, जिसमें किसी गवाह की फिर से जांच करने किसी नए गवाह की जांच करने या नए दस्तावेज मंगाने की मांग की गई हो उसे न्याय के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए ही अनुमति दी जा सकती है। न्यायालय ने कहा कि इसका इस्तेमाल सबूतों की कमी को पूरा करने, किसी एक पक्ष को लाभ पहुंचाने या फिर से सुनवाई के बहाने के तौर पर नहीं किया जाना चाहिए।जस्टिस ए. बदरुद्दीन ने कहा:"न्यायालय द्वारा धारा 311 सीआरपीसी के तहत शक्ति का उपयोग केवल न्याय के उद्देश्य को पूरा करने के लिए...
BREAKING | मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से मिली जमानत
झारखंड हाईकोर्ट ने 8.36 एकड़ भूमि के अवैध कब्जे से जुड़े कथित धन शोधन मामले में शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमानत दी।झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद 31 जनवरी को सोरेन को गिरफ्तार किया गया था, राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन को उनका उत्तराधिकारी नामित किया गया।उन्होंने पिछले महीने झारखंड हाईकोर्ट में नियमित जमानत के लिए नया आवेदन दायर किया था, जिसमें मामले पर तत्काल सुनवाई का आग्रह किया गया था।यह मामला 2023 में बढ़गाँव क्षेत्र के एक भूमि राजस्व निरीक्षक भानु...
अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह करना मौलिक अधिकार, कोई भी वयस्कों की विवाह संबंधी प्राथमिकताओं में हस्तक्षेप नहीं कर सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि अपनी इच्छा से किसी व्यक्ति से विवाह करने का अधिकार एक मौलिक अधिकार है।यह घटनाक्रम जोड़े की सुरक्षा याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आया, जिन्होंने कहा कि उन्होंने एक-दूसरे से कानूनी रूप से विवाह किया और उन्हें अपने रिश्तेदारों से धमकियों की आशंका है।जस्टिस कुलदीप तिवारी ने कहा,"अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह करना प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है। किसी को भी स्वतंत्र वयस्कों की विवाह संबंधी प्राथमिकताओं में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार या अधिकार नहीं दिया...